बौद्ध त्योहार 2026का यह विशेष लेख लेकर आया है जिसके माध्यम से आपको वर्ष 2026 में मनाए जाने वाले बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। हमारा यह आर्टिकल ख़ासतौर पर बौद्ध धर्म के रीति-रिवाज़ों और नियमों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है ताकि आप समय रहते हुए साल 2026 में आने वाले हर अवकाश का अपने परिवारजनों, दोस्तों और करीबियों के साथ मिलकर आनंद ले सकें। तो आइए बिना देर किए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बौद्ध त्योहार 2026 की सहायता से बौद्ध धर्म का कौन सा पर्व किस दिन मनाया जाएगा।
Read in English: Buddhist Holidays 2026
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तिथि |
दिन |
अवकाश |
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03 जनवरी 2026 |
शनिवार |
महायान नव वर्ष |
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15 फरवरी 2026 |
रविवार |
निर्वाण दिवस |
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17 फरवरी 2026, |
मंगलवार |
चीनी नव वर्ष |
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03 मार्च 2026 |
मंगलवार |
माघ पूजा दिवस |
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13 अप्रैल 2026 |
सोमवार |
थेरवाद नव वर्ष |
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01 मई 2026 |
शुक्रवार |
बुद्ध पूर्णिमा |
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31 मई 2026 |
रविवार |
वेसाक - बुद्ध दिवस |
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29 जुलाई 2026 |
बुधवार |
असाला - धर्म दिवस |
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13 अगस्त 2026 |
गुरुवार |
ओबोन |
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08 दिसंबर 2026 |
मंगलवार |
बोधि दिवस |
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बौद्ध धर्म का इतिहास जानने से पहले हम जान लेते हैं बौद्ध धर्म का अर्थ, तो बता दें कि बुद्ध संस्कृत भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ है जागृत व्यक्ति यानी कि "जागा हुआ व्यक्ति’। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, 623 ईसा पूर्व में दक्षिणी नेपाल के तराई मैदानों में स्थित लुम्बिनी के पवित्र क्षेत्र में एक राजपरिवार में भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। गौतम बुद्ध अपनी युवावस्था में शाही जीवन और सभी प्रकार के सुखों को त्याग कर तपस्या करने के लिए निकल गए थे।
गौतम बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे लगभग छह वर्षों तक कठोर तप किया और इसके बाद, उन्हें दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि एक दिन भगवान बुद्ध की मुलाकात एक वृद्ध, एक रोगी और एक मृत व्यक्ति से हुई थी। इसके बाद, यह दिन उनके जीवन में काफ़ी बड़ा बदलाव लेकर आया। गौतम बुद्ध मनुष्य जीवन के इन दुखों को देखकर अत्यंत दुखी और व्याकुल हो गए थे जिसके बाद उन्हें तप करने का निर्णय लिया। बौद्ध धर्म भगवाण बुद्ध के सिद्धांतों का पालन करता है और इस धर्म में आस्था रखने वाले ईश्वर में विश्वास नहीं करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इस नश्वर दुनिया में कोई भी चीज़ स्थायी नहीं होती है।
जैसे कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि बौद्ध त्योहार 2026 की सूची को विशेषज्ञों द्वारा बौद्ध धर्म के तीज-त्योहारों और व्रत को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह कैलेंडर सिर्फ़ बौद्ध धर्म के लोगों के लिए नहीं बनाया गया है, बल्कि हर उस इंसान के लिए भी निर्मित किया गया है जो बौद्ध धर्म में आस्था रखते हैं और इस धर्म के प्रत्येक त्योहार को समान उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं।
बौद्ध त्योहार 2026 का उपयोग मुख्य रूप से भारत, लाओस, कंबोडिया, म्यांमार, थाईलैंड, श्रीलंका, सिंगापुर, वियतनाम और मलेशिया आदि देशों में रहने वाले लोगों द्वारा बौद्ध धर्म के त्योहारों की तिथि जानने के लिए किया जाता है। बता दें कि बौद्ध धर्म का कैलेंडर पूर्ण रूप से चंद्र आधारित होता है और इसका एक महीना सामान्य रूप से 29 या 30 दिनों का होता है।
बात करें बौद्ध धर्म के सिद्धांत की तो, बौद्ध धर्म में दुख, निरोध प्राप्ति का मार्ग, चार आर्य सत्य और आर्य अष्टांग मार्ग का वर्णन मिलता है। भगवान बुद्ध का यह मानना था कि जीवन में सत्य की सत्यता को निर्धारित करने के लिए अष्टांगिक मार्ग का पालन करना चाहिए। गौतम बुद्ध के अनुसार, मनुष्य अष्टांगिक मार्ग पर ध्यान केंद्रित करके और जीवन को नैतिक रूप से जीकर निर्वाण की प्राप्ति कर सकता है। अष्टांगिक मार्ग का उपदेश भगवान बुद्ध द्वारा दिया गया था और इन सभी 8 अष्टांगिक मार्ग का अपना-अपना अर्थ और महत्व है जो कि इस प्रकार हैं:
सम्यक दृष्टि: बौद्ध त्योहार 2026 के अनुसार, चार आर्य सत्य को मानना और किसी भी तरह के गलत कार्यों जैसे कि डकैती, चोरी, अपशब्द कहना और किसी व्यक्ति का अपमान करना आदि करने से व्यक्ति को बचना चाहिए। साथ ही, लालच और द्वेष न करना तथा सम्यक दृष्टि रखना, इन्हें मन के सदाचरण माना गया है। इसके अलावा, हर इंसान को दूसरे इंसान के प्रति प्रति हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए। सिर्फ़ इतना ही नहीं, जीवन में आने वाले सुख और दुख को समान भाव से देखना चाहिए।
सम्यक संकल्प: सम्यक संकल्प का अर्थ होता है जीवन के दुखों का अंत करने के लिए व्यक्ति को आर्य मार्ग पर चलने और सदाचरण करने का संकल्प लेना चाहिए।
सम्यक वाणी: सम्यक वाणी के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में दुखों से बचने के लिए मधुर वाणी बोलनी चाहिए और सत्य वचन कहने चाहिए। बौद्ध धर्म मनुष्य को मधुर वाणी बोलने की शिक्षा देता है।
सम्यक कर्मांत: बौद्ध त्योहार 2026 के अनुसार, सम्यक कर्मांतमानव को जरूरतमंदों की सहायताकरना सिखाता है और दूसरों की भलाई करने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही, इंसान को झूठ, हिंसा, डकैती जैसे गलत कार्यों से बचना चाहिए।
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सम्यक आजीविका: यह सिद्धांत व्यक्ति को मेहनत से जीवन यापन करने की शिक्षा देता है। मनुष्य को पांच प्रकार के व्यापार से दूर रहना चाहिए जिसके अंतर्गत जानवरों, शस्त्रों, मांस, मद्य और विष आदि का व्यापार शामिल है क्योंकि इनके व्यापार से धर्म का नाश होता है।
सम्यक व्यायाम: बौद्ध धर्म का यह सिद्धांतव्यक्ति को रोज़ाना ऐसे कार्य करने के लिए प्रेरित करता है जिससे मनुष्य के भीतर के पापी और अनैतिक विचार नष्ट हो जाएं। साथ ही, सकारात्मकता का संचार हो।
सम्यक स्मृति: सम्यक स्मृति के अनुसार, व्यक्ति को अपना हर कार्य विवेक और सावधानीपूर्वक करना चाहिए। किसी के प्रति द्वेष भाव न रखकर मन एकाग्र हो सकता है इसलिए जीवन में सदाचरण पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।
सम्यक समाधि: बौद्ध त्योहार 2026 के अनुसार,अगर मनुष्य निर्वाण प्राप्त करना चाहता है, तो उसे अपने जीवन में ध्यान और चेतना का मार्ग अपनाना चाहिए।
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बौद्ध त्योहार 2026 के अनुसार, महायान नववर्ष का पर्व भगवान बुद्ध को समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है। भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का अनुसरण करने वाले महायान नववर्ष के दिन गौतम बुद्ध की प्रतिमा का गंगाजल से स्नान करते हैं और पूजा करते हैं। साथ ही, मंदिर जाकर भजन-कीर्तन करते हैं। इसके विपरीत, इस अवसर पर कुछ लोग मोमबत्ती जलाकर सुखद जीवन की कामना करते हैं जबकि कुछ लोग ध्यान और आत्मनिरीक्षण भी करते हुए नज़र आते हैं।
बौद्ध धर्म में निर्वाण दिवस को महत्वपूर्ण माना जाता है जिसे परिनिर्वाण दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर भगवान बुद्ध ने अपना शरीर त्याग दिया था इसलिए यह दिन उनकी पुण्यतिथि के रूप में याद किया जाता है। हर साल निर्वाण दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है और इस अवसर पर लोग बौद्ध मंदिरों में जाते हैं। साथ ही, इस दिन गरीब और जरूरतमंदों लोगों को अन्न, वस्त्र और जरूरी वस्तुओं का दान किया जाता है।
बौद्ध त्योहार 2026 में चीनी नव वर्ष को भी स्थान दिया जाता है और इस साल चीनी नववर्ष का आरंभ 17 फरवरी 2026 से होगा। चंद्र और चीनी कैलेंडर के आधार पर चीनी नव वर्ष का स्वागत किया जाता है। इस मौके पर बौद्ध धर्म में विश्वास रखने वाले जातकों द्वारा सुबह-सवेरे उठकर घर की सफाई की जाती हैं और इसके बाद, स्नान के पश्चात वह बौद्ध मंदिर जाकर परिवार के लिए प्रार्थना करते हैं।
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माघ पूजा दिवस बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे अनेक स्थानों पर संघ दिवस या चतुर्भुज सभा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध की उपासना की जाती है और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं के बारे में जाना जाता है। इसके अलावा, भगवान बुद्ध का आशीर्वाद पाने के लिए लोग ध्यान और तपस्या भी करते हैं। माघ पूजा दिवस पर लोग अपने-अपने घर के सामने तेल के दीपक जलाते हैं।
बौद्ध त्योहार 2026 के अनुसार, यह दिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत पवित्र माना गया है जो हर साल अप्रैल माह में आने वाली पूर्णिमा पर मनाया जाता है। साल 2026 में थेरवाद नव वर्ष को 13 अप्रैल 2026 को मनाया जाएगा और इसे लगातार 3 दिनों तक बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है। थेरवाद नववर्ष के अवसर पर कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं।
बौद्ध त्योहार 2026 के अनुसार, बौद्ध धर्म के लिए बुद्ध पूर्णिमा विशेष महत्व रखती है और यह हर साल वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर आती है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की पूर्णिमा पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था और उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी इस दिन ही हुई थी इसलिए यह तिथि बहुत शुभ मानी जाती है। हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग बुद्ध जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
बौद्ध धर्म के लिए वेसाक बुद्ध नववर्ष को विशेष माना जाता है जिसे वैशाख माह के पहले दिन मनाया जाता है। साल 2026 में इस पर्व को 31 मई 2026, रविवार को मनाया जाएगा। वेसाक बुद्ध नववर्ष को भगवान बुद्ध के जन्म के सम्मान में मनाने की परंपरा है। यह त्योहार कुछ स्थानों पर वेसाक या बुद्ध दिवस के नाम से जाना जाता है। सामान्य रूप से, यह पर्व मई के अंत में या जून की शुरुआत में आता है।
बौद्ध धर्म में ओबोन को महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है जो हर साल 13 अगस्त को आता है। इस पर्व को मुख्यतः जापानी बौद्ध समुदाय के लोगों द्वारा लगातार तीन दिनों तक मनाए जाने का विधान है जिसे पूर्वजों की आत्माओं के सम्मान में मनाया जाता है। बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले इस दिन अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर उसकी साफ-सफाई करते हैं। साथ ही, फूल सहित अन्य सामग्री अर्पित करते हैं।
बोधि दिवस को बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार माना जाता है और इसका धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्व है। पंचांग के अनुसार, बोधि दिवस को हर साल 08 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। बोधि दिवस से जुड़ी मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध को बोधगया में 593 ईसा में बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बौद्ध धर्म में विश्वास रखने वाले लोग बोधि दिवस के दिन बौद्ध धर्म का गहराई से अध्ययन करते हैं और ज्ञान प्राप्त करते हैं। साथ ही, भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
1. बौद्ध त्योहार 2026 चंद्र या सौर किस पर आधारित है?
बौद्ध धर्म को समर्पित बौद्ध त्योहार 2026 कैलेंडर चंद्र चक्र पर आधारित होता है।
2. साल 2026 में बोधि दिवस कब है?
बोधि दिवस को हर साल 08 दिसंबर को मनाया जाता है और इस वर्ष भी यह 08 दिसंबर 2026 को मनाया जाएगा।
3. वर्ष 2026 में बुद्ध पूर्णिमा कब है?
साल 2026 में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व 01 मई 2026 को मनाया जाएगा।
4. ओबोन किसे समर्पित होता है?
बौद्ध धर्म में मनाए जाने वाला ओबोन का पर्व पूर्वजों की आत्मा के सम्मान में मनाया जाता है।