सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023)

लेखक: आचार्य मृगांक | Updated Wed, 28 Dec 2022 09:11 AM IST

सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) के बारे में पूरी जानकारी देने के लिए एस्ट्रोसेज का यह एक विशेष आर्टिकल हमने आपके लिए तैयार किया है जिसमें आपको वर्ष 2023 के दौरान होने वाले सभी सूर्य ग्रहण के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इसमें आपको बताया जाएगा कि सूर्यग्रहण किस दिन, किस तिथि, किस दिनांक को कितने बजे से कितने बजे तक और किस तरीके का सूर्य ग्रहण होगा यानी कि सूर्य ग्रहण किस प्रकार का होगा। इसके साथ ही हम यह भी आपको बताएंगे कि नए साल में लगने वाले सभी सूर्य ग्रहण देश और दुनिया में कहां-कहां पर देखे जा सकेंगे और विशेष रूप में क्या यह भारतवर्ष में देखे जा पाएंगे या नहीं। साथ ही आपको सूर्य ग्रहण से मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। इस आर्टिकल को एस्ट्रोसेज के जाने-माने ज्योतिषी डॉ मृगांक शर्मा ने तैयार किया है। यदि आप सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) से संबंधित समस्त जानकारी एक ही जगह पर प्राप्त करना चाहते हैं तो शुरू से लेकर अंत तक इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें।


2023 में बदलेगी आपकी किस्मत? विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात

सूर्य ग्रहण एक प्रकार की विशेष खबर या घटना को कहा जाता है। यह आकाश मंडल में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की स्थिति के कारण आकार लेते हैं। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और अपनी परिक्रमा पथ पर परिभ्रमण करते हुए अपने अक्ष पर भी घूमती है और चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह होने के कारण पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रकार कई बार कुछ विशेष परिस्थितियां जन्म लेती हैं। हम जानते हैं कि सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा दोनों को प्रकाशित करता है। जब कभी चंद्रमा एक ऐसी स्थिति में आ जाता है कि वह सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित हो जाए यानी कि सूर्य का प्रकाश सीधे पृथ्वी पर कुछ समय के लिए ना आ पाए और चंद्रमा उसके प्रकाश को अवरोधित कर दे। ऐसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है क्योंकि इस परिस्थिति में चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है तो सूर्य ग्रसित होता हुआ महसूस होता है। यह सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा का संरेखण ही सूर्य ग्रहण का कारण बन जाता है।

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सूर्य ग्रहण 2023 - कौतूहल का विषय

सूर्य ग्रहण को हिंदू धर्म में विशेष रूप से मान्यता दी गई है। यह ज्योतिषीय और खगोलीय घटना के आधार के अतिरिक्त धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। जब कभी भी सूर्य ग्रहण की घटना घटित होती है तो यह पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव धारियों पर अपना प्रभाव डालती है और सूर्य ग्रहण के दौरान जो जीव पृथ्वी पर रहते हैं, वे सभी कुछ समय के लिए हैरान भी हो जाते हैं। इस समय खंड में पृथ्वी पर ऐसा समय भी होता है जब प्रकृति एक अलग रूप में ही दिखाई देने लगती है। वैसे तो सूर्य ग्रहण की घटना देखने में बहुत ही सुंदर प्रतीत होती है और दुनिया भर के लोग सूर्य ग्रहण की तस्वीर लेने की कोशिश करते नजर आते हैं। हालांकि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इससे आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है इसलिए कभी भी इसे नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए लेकिन सेफ्टी गियर और फिल्टर आदि का इस्तेमाल करके आप सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) को देख भी सकते हैं और इसका फिल्मांकन भी कर सकते हैं।

बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

यदि धार्मिक रूप से बात की जाए तो सूर्यग्रहण को शुभ घटना नहीं माना गया है क्योंकि यह वह समय होता है जब सूर्य के ऊपर राहु का प्रभाव बढ़ जाता है और सूरज ग्रसित हो जाता है। दिन में भी रात जैसी स्थिति प्रतीत होने लगती है। पक्षी अपने घरों को लौट जाते हैं। वातावरण में अजीब सी शांति आ जाती है और प्रकृति तथा प्रकृति से जुड़े विभिन्न प्रकार के नियम प्रभावित होने लगते हैं। सूर्य व्यक्ति की आत्मा का स्वरूप कहा गया है। यह हमारे जगत की आत्मा, जगत की इच्छा शक्ति, उपलब्धियों, आशाओं, पिता और पिता स्वरूप व्यक्तित्व, राज्य, राजनीति, राजा आदि का कारक होता है। सूर्य ग्रहण जिस राशि और जिस नक्षत्र में होता है, उसमें जन्म लेने वाले जातकों और उन राष्ट्रों के लिए विशेष रूप से प्रभावशाली होता है परन्तु सदैव ही सूर्य ग्रहण का प्रभाव नकारात्मक नहीं होता अपितु कुछ रूपों में यह सकारात्मक भी होता है और कुछ राशियों पर अशुभ प्रभाव देने के बाद कुछ राशियों पर सूर्य ग्रहण का शुभ प्रभाव भी पड़ता है और उन राशियों में जन्म लेने वाले जातक भी अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) - जानिए ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं

सूर्य ग्रहण हमारे लिए सदैव ही एक उत्सुकता का विषय है। यह हमारे सामने विभिन्न रूपों में आता है। सूर्य ग्रहण अनेकों प्रकार का हो सकता है जिसमें मुख्य रूप से खग्रास, खंडग्रास और वलयाकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देता है। आइए जानते हैं कि सूर्यग्रहण कुल कितने प्रकार का होता है और सभी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

पूर्ण सूर्य ग्रहण

जब कभी भी सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच ऐसी स्थिति आ जाती है कि चंद्रमा पूर्ण रूप से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक जाने से कुछ समय के लिए रोक लेता है और चंद्रमा की पूर्ण छाया पृथ्वी पर पड़ती है जिससे लगभग अंधेरा सा प्रतीत होता है तो इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है। इसी को खग्रास सूर्यग्रहण भी कहते हैं।

आंशिक सूर्यग्रहण

जब चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है और वह इतनी दूरी पर होता है कि पूर्ण रूप से सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर आने से नहीं रोक पाता और केवल कुछ ही ढक पाता है तो इस अवस्था को आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण भी कहलाता है।

कंकणाकृति सूर्यग्रहण

जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी इतनी होती है कि चंद्रमा सूर्य के बीचो बीच आता हुआ प्रतीत होता है तो ऐसे में सूर्य का एक रिंग यानी कि अंगूठी की तरह दिखाई देना कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहलाता है। इसको वलयाकार सूर्यग्रहण भी कहा जा सकता है। यह स्थिति बहुत कम समय के लिए होती है।

उपरोक्त तीनों के अलावा एक हाइब्रिड सूर्यग्रहण भी होता है जो कि अत्यंत दुर्लभ स्थिति है और लगभग सभी सूर्य ग्रहण में से केवल 5% अवस्था में हाइब्रिड सूर्यग्रहण हो सकता है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में ग्रहण की स्थिति शुरुआत में वलयाकार रूप में दिखती है फिर पूर्ण ग्रहण दिखता है और उसके बाद धीरे-धीरे फिर से वलयाकार स्थिति प्रतीत होती है। ऐसा बहुत कम ही होता है।

वर्ष 2023 में कितने सूर्य ग्रहण लगेंगे

यदि हम सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) की बात करते हैं तो इस वर्ष कुल मिलाकर दो सूर्य ग्रहण घटित होंगे जिनका विवरण नीचे दी गई तालिका से आसानी से समझा जा सकता है:-

पहला सूर्य ग्रहण - कंकणाकृति सूर्यग्रहण
तिथि दिन तथा दिनांक सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय सूर्य ग्रहण समाप्त समय दृश्यता का क्षेत्र
वैशाख मास कृष्ण पक्ष अमावस्या

गुरुवार 20 अप्रैल 2023 प्रातः काल 7:05 बजे दोपहर 12:29 बजे कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण पेसिफिक सागर, तिमोर, न्यूजीलैंड (भारत में दृश्यमान नहीं)

नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया सूर्य ग्रहण का समय भारतीय समय अनुसार है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और ना ही इसका सूतक काल प्रभावी होगा। वर्ष 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 गुरुवार के दिन लगेगा। यह एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में घटित होगा। मेष राशि सूर्य की उच्च राशि है और अश्विनी केतु का नक्षत्र है इसलिए इस ग्रहण का गहन प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि उस दिन शनि ग्रह भी अपनी राशि में रहकर सूर्य देव को पूर्ण तृतीय दृष्टि से देखेंगे।

दूसरा सूर्य ग्रहण - कंकणाकृति सूर्यग्रहण
तिथि दिन तथा दिनांक सूर्य ग्रहण प्रारंभ समय सूर्य ग्रहण समाप्त समय दृश्यता का क्षेत्र
आश्विन मास कृष्ण पक्ष अमावस्या शनिवार / रविवार 14 /15 अक्टूबर 2023 रात्रि काल 8:34 बजे मध्यरात्रि उपरांत 2:25 बजे मैक्सिको, बारबाडोस, अर्जेंटीना, कनाडा, कोलंबिया, क्यूबा, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड, अरूबा, एंटीगुआ, बहामास, बोलिविया, ब्राज़ील, पेरू, पराग्वे, जमैका, हेती, ग्वाटेमाला, गुयाना, निकारागुआ, त्रिनिदाद व टोबैगो, उरूग्वे, वेनेजुएला, अमेरिका, बारबाडोस, कोस्टारिका, कोलंबिया, चिली, बेलिज, डोमिनिका, ग्रीनलैंड, सूरीनाम, (भारत में दृश्यमान नहीं)

नोट: उपरोक्त तालिका में दिया गया सूर्य ग्रहण का समय भारतीय समयानुसार है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य मान नहीं होगा इसलिए भारत में सूर्य ग्रहण का कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं होगा और ना ही इसका सूतक काल प्रभावी होगा।

साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण एक कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा जो कि 14 अक्टूबर 2023 शनिवार के दिन लगेगा। 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा।

सूर्य ग्रहण का सूतक काल

जैसा कि हम जानते हैं सूर्य ग्रहण का सूतक काल वह समय होता है कि जिस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करना नहीं चाहिए क्योंकि यह एक अशुभ समय होता है और जो काम हम करते हैं यदि वह इस समय में किया जाए तो उसकी सफलता की संभावना भी बहुत कम होती है इसलिए इस समय में किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित होता है। सूर्य ग्रहण का सूतक सूर्य ग्रहण के स्पर्श काल से चार प्रहर पूर्व शुरू हो जाता है यानी कि लगभग 12 घंटे पूर्व सूर्य ग्रहण का सूतक लगता है। ऊपर बताए गए दोनों ग्रहण भारतवर्ष में नहीं लगेंगे इसलिए भारत में इनका कोई भी सूतक काल मान्य नहीं होगा क्योंकि जहां पर ग्रहण अपनी आंखों से देखा जा सकता है केवल वहीं पर ग्रहण का प्रभाव और उसका सूतक काल मान्य होता है। जिन स्थानों पर ये सूर्य ग्रहण दिखाई देंगे तो सूर्य ग्रहण की शुरुआत से लगभग 12 घंटे पूर्व वहां सूर्य ग्रहण का सूतक काल लग जाएगा जो कि ग्रहण के मोक्ष काल से यानी कि ग्रहण की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाएगा।

सूर्य ग्रहण 2023 के समय इन बातों का ध्यान रखें

सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) के समय में कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है और यदि आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आप सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभावों से भी बच सकते हैं और इस सूर्य ग्रहण के कुछ विशेष प्रभाव जो आपके लिए शुभ हों, उन्हें प्राप्त भी कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से ऐसे कार्य जिनका आप को ध्यान रखना चाहिए:-

सूर्य ग्रहण 2023 के सूतक काल में क्या नहीं करना है सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) के समय जब सूतक काल शुरू होगा तो कुछ ऐसे कार्य होंगे जो आपको करने नहीं चाहिए यानी कि कुछ ऐसे कार्य होंगे जो सूतक काल में आपको नहीं करने हैं। इनमें से कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं:

सूर्य ग्रहण 2023 के सूतक काल में क्या क्या करना है

कुछ ऐसे विशेष कार्य होते हैं जो आपको सूर्य ग्रहण 2023 (Surya Grahan 2023) के सूतक काल में करने चाहिए। ऐसे विशेष कार्य निम्नलिखित हैं:-

गर्भवती महिलाएं और सूर्य ग्रहण 2023

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर भी विशेष रूप से पड़ सकता है और ना केवल उन पर बल्कि उनकी संतान पर भी उसका प्रभाव दिखाई दे सकता है इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिए और निम्नलिखित कार्यों को करने से बचना चाहिए:-

हम आशा करते हैं कि सूर्य ग्रहण के बारे में दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे और यह आपके बहुत काम की जानकारी साबित होगी।

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