शुक्र का कुंभ राशि में गोचर 22 जनवरी 2023 को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर होगा, जो कि शुक्र के मित्र ग्रह शनि की राशि है। कुंभ वायु तत्व की राशि है, जिसे राशि चक्र में ग्यारहवें स्थान पर रखा गया है। एस्ट्रोसेज के इस विशेष आर्टिकल में आपको शुक्र के इस राशि परिवर्तन से जुड़ी सभी अहम जानकारियां प्राप्त होंगी। इसमें आप जान सकेंगे कि शुक्र का यह गोचर सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में क्या बदलाव लेकर आने वाला है तथा इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के क्या उपयुक्त उपाय हो सकते हैं। यह भविष्यवाणियां हमारे विद्वान ज्योतिषियों द्वारा की गई हैं, जो कि वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं। तो आइए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं शुक्र का कुंभ राशि में गोचर किस तिथि और किस समय होने वाला है।
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Read in English: Venus Transit In Aquarius (22 Jan 2023)
ज्योतिष में शुक्र ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक है। इसे 'भोर का तारा' भी कहा जाता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र देव मजबूत अवस्था में विराजमान होते हैं, उन्हें जीवन में भौतिक सुख, वैभव और ऐशो आराम मिलता है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र देव के गोचर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। यह जातक के जीवन में धन, समृद्धि, सुख, आनंद, आकर्षण, सुंदरता, युवावस्था, प्रेम संबंध, प्रेम इच्छाओं और प्रेम में संतुष्टि आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही कला, संगीत, कविता, डिजाइनिंग, मनोरंजन, शो, ग्लैमर, फैशन, गहने, कीमती पत्थर, मेकअप, लक्जरी यात्रा, लक्जरी भोजन, लक्जरी वाहन एवं अन्य रचनात्मक कार्यों से जुड़े कार्यक्षेत्रों को दर्शाते हैं।
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिएचंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
आइए अब विस्तार से जानते हैं कि सभी 12 राशियों पर कैसा प्रभाव डालेगा और इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए कौन से उपाय करने होंगे।
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र देव परिवार, वित्त, भाषण के भाव यानी कि दूसरे भाव और जीवनसाथी के भाव सातवें भाव के स्वामी हैं। इस दौरान यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे, जो कि धन लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा का भाव है। सामान्य तौर पर शुक्र देव धन और विलासिता का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। इस दौरान आपकी कई मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और साथ ही यह समय बचत व निवेश करने के लिए भी बेहतर साबित होगा। इसके अलावा आप अपने बातचीत करने के तरीके से लोगों को प्रभावित करेंगे और कुछ प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आएंगे।
शुक्र आपके ग्यारहवें भाव से पांचवें भाव यानी शिक्षा, प्रेम, रोमांस और संतान के भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप रचनात्मक क्षेत्रों जैसे कि डिजाइनिंग आदि की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी। व्यक्तिगत जीवन के दृष्टिकोण से देखा जाए तो, शुक्र की कृपा से प्रेमी जोड़े इस समय का भरपूर आनंद लेंगे और साथ ही अपने रिश्ते को एक कदम आगे ले जाने का विचार कर सकते हैं। पांचवें भाव पर शुक्र की दृष्टि के कारण, उन महिलाओं को खुशखबरी सुनने मिल सकती है जो संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रयास कर रही हैं। इस दौरान विवाहित जातक भी अपने जीवनसाथी के साथ एक बेहतर समय बिताने में सक्षम होंगे।
उपाय: शुक्रवार के दिन चांदी का एक टुकड़ा अपने बटुए में रखें।
शुक्र आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पेशेवर जीवन के दसवें भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान व्यवसायी जातक अपने व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करते नजर आएंगे और उन्हें भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। विशेष रूप से जो लोग मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े हैं या महिलाओं से संबंधित वस्तुओं का व्यापार कर रहे हैं, उनका बिजनेस इस दौरान फलता-फूलता रहेगा। शुक्र आपके लग्न के साथ-साथ छठे भाव के स्वामी भी हैं, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि स्वास्थ्य को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। अपनी सेहत का खास ख्याल रखें। अच्छी जीवनशैली के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और योग करें। शुक्र आपके दसवें भाव से चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में यदि आप कोई नया वाहन खरीदने, घर के नवीनीकरण करने या घर के लिए लग्जरी सामान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा।
उपाय: शुक्र की स्थिति को मजबूत करने के लिए दाहिने हाथ की अनामिका में सोने में जड़ा हुआ अच्छी गुणवत्ता वाला ओपल या हीरा धारण करें। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों से सलाह लेकर ही रत्न धारण करें!
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके नवम भाव यानी धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य के भाव में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके जीवन के हर क्षेत्र के लिए भाग्यशाली साबित होगी। जो छात्र उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाने के इच्छुक हैं, वे इस दौरान अपनी कोशिश में कामयाब हो सकते हैं। आप में से कुछ लोगों को इस दौरान काम के सिलसिले से या छुट्टियां उद्देश्य से लंबी दूरी या विदेश यात्रा करना का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।
शुक्र का कुंभ राशि में गोचर पिता और गुरुओं के साथ आपके संबंध बेहतर करेगा। आपकी रुचि आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर बढ़ेगी और आप दान-पुण्य के कार्यों में भी शामिल हो सकते हैं। नवम भाव से शुक्र देव की दृष्टि आपके तीसरे भाव पर होगी, जिसके फलस्वरूप आप अपने शौक पूरे करने की कोशिश करते दिखाई देंगे। इसके अलावा इस अवधि में आपके संबंध छोटे भाई-बहनों के साथ भी बेहतर होंगे।
उपाय: शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें कमल के फूल चढ़ाएं।
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके अष्टम भाव यानी दीर्घायु, अचानक होने वाली घटनाओं और गोपनीयता के भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहने और स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि शुक्र का कुंभ राशि में गोचर यूटीआई, किसी प्रकार की एलर्जी और जननांग में संक्रमण आदि का कारण बन सकता है। आपको अपनी माता जी के स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहने की जरूरत होगी क्योंकि उनकी सेहत में गिरावट आने की आशंका है। शुक्र ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इनकी दृष्टि आपके दूसरे भाव यानी बचत के भाव पर पड़ रही है, इसलिए धन लाभ होने के योग बनेंगे। साथ ही आपके बैंक बैलेंस में वृद्धि होगी। इस दौरान आपकी वाणी में मधुरता आएगी, जिससे आप दूसरों को अपने शब्दों से प्रभावित कर सकेंगे। वैवाहिक जीवन की बात करें तो पार्टनर के साथ जॉइंट प्रॉपर्टी में वृद्धि देखने को मिलेगी और ससुराल पक्ष से भी आपके संबंधों में मधुरता आएगी।
उपाय: प्रतिदिन महिषासुर मर्दिनी का पाठ करें।
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव यानी कि विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी के भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में यह समय उन लोगों के लिए अनुकूल साबित होगा जो पार्टनरशिप में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। इस अवधि आपको कई बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। वहीं नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह समय फलदायी रहेगा। प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो जो लोग सिंगल हैं और शादी करने के इच्छुक हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल रहेगा। कार्यस्थल पर, फ्रेंड सर्कल में या आसपास रहने वाले किसी खास व्यक्ति से रोमांटिक मुलाकात होने की संभावना है। वहीं जो लोग पहले से ही शादीशुदा हैं वे इस दौरान अपने पार्टनर के साथ आनंदमय समय का लुत्फ़ उठाएंगे। लग्न पर शुक्र की दृष्टि के कारण आप अपने व्यक्तित्व और रंग-रूप को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे, जो आपको और अधिक आकर्षक और खुशनुमा बनाएगी।
उपाय: अपने शयनकक्ष (बेडरूम) में गुलाबी रंग का क्वार्ट्ज पत्थर रखें।
कन्या शुक्र देव की मित्र राशि मानी जाती है। कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता और चाचा के भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपको सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, कन्या राशि के लोगों के लिए यह समय अनुकूल नहीं है। ऐसे में चिकना, ज्यादा मीठा और शराब का सेवन करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि डायबिटीज, किडनी व लिवर में इन्फेक्शन आदि होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा आपको अपने पिता के स्वास्थ्य पर भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। सलाह दी जाती है कि उनका रूटीन हेल्थ चेकअप करवाते रहें। बारहवें भाव पर शुक्र देव की दृष्टि पड़ रही है, इसलिए आपको स्वास्थ्य या यात्रा के सिलसिले में धन खर्च करना पड़ सकता है। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो आपका पैसा खर्च करना फलदायी सिद्ध होगा।
उपाय: नेत्रहीन संस्थाओं को दान करें। ऐसा करने से शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपको अनुकूल परिणाम प्रदान कर सकता है।
शुक्र आपके लग्न और अष्टम भाव के स्वामी हैं, जो पांचवें भाव यानी शिक्षा, प्रेम संबंध एवं संतान के भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में वे छात्र जो डिजाइनिंग, कला, रचनात्मकता, कविता, मनोरंजन, अभिनय आदि के क्षेत्र में हैं, उनके रचनात्मक विचारों में वृद्धि होगी और वे इस गोचर के दौरान फलते-फूलते दिखाई देंगे। इस दौरान संतान सुख की भी प्राप्ति हो सकती है, जिससे आपके संबंधों में और मधुरता आएगी। जो लोग रिलेशनशिप में हैं, वे आनंदमय पलों का भरपूर लुत्फ उठाएंगे और रिश्ते में मजबूती आएगी।
शुक्र पांचवें भाव से ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप आप लोगों से मिलने-जुलने और कार्यक्रमों में ज्यादा समय व्यतीत करेंगे। अगर आप आर्टिस्ट और मंच कलाकार हैं तो आपको इस दौरान कई अवसर प्राप्त होंगे और आप प्रशंसा के पात्र भी बनेंगे। इस गोचर के दौरान तुला राशि के लोगों को आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी और धन संबंधी इच्छाएं पूरी होंगी। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए बेहतर साबित होगा।
उपाय: शुक्रवार के दिन क्रीम या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं, जो कि चौथे भाव यानी माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन, संपत्ति के भाव में गोचर करेंगे। आपके लिए शुक्र का यह गोचर विलासिता की वस्तुओं में वृद्धि लेकर आएगा। संभव है कि आप अपने घर के लिए कोई लग्जरी वाहन या कोई अन्य लग्जरी सामान की खरीदारी करेंगे। इसके कारण आपका पारिवारिक माहौल खुशनुमा रहेगा। माता जी के साथ आपका रिश्ता प्यार और स्नेह से भरा रहेगा, लेकिन आपको उनकी सेहत को लेकर सावधान रहने की जरूरत होगी।
सातवें भाव के स्वामी चौथे भाव में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि आपका पार्टनर घर के नवीनीकरण या साज सज्जा के लिए अधिक मेहनत करता दिखाई दे और काफ़ी धन भी ख़र्च करे। चौथे भाव से शुक्र आपके पेशेवर जीवन के दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि यह आपके सातवें भाव के स्वामी हैं, जो बिजनेस पार्टनरशिप का भाव होता है। ऐसे में आप अपने बिजनेस पार्टनर के साथ व्यापार को और मजबूत बनाने के लिए कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना सकते हैं। अगर आप एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री या लग्जरी सर्विस से जुड़े हैं तो इस दौरान आपको शुक्र देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
उपाय: शुक्रवार के दिन अपने घर में सफेद फूल लगाएं और उनकी देखभाल करें।
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहन, शौक, लघु यात्रा और संवाद के भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में आप अपने शौक को पूरा करने के लिए पैसे खर्च करेंगे और अपनी स्किल्स को अपग्रेड का प्रयास करेंगे। जो लोग लेखन के क्षेत्र में जैसे कहानी या उपन्यास लेखक, कवि, पत्रकार, लेखक या ब्लॉगर हैं, उनकी राइटिंग स्किल में रचनात्मकता बढ़ेगी। तीसरा भाव छोटे भाई-बहनों का भाव होता है तो ऐसे में उनके साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। शुक्र तीसरे भाव से आपके नवम भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप आपको अपने पिता और गुरुजनों का सहयोग मिलेगा। इस गोचर काल के दौरान आपका झुकाव धार्मिक गतिविधियों की ओर अधिक रहेगा और आप दान-पुण्य के कार्यों में शामिल हो सकते हैं। साथ ही लंबी दूरी की यात्रा और तीर्थ यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन शुक्र मंत्र का जाप या ध्यान करें।
ज्योतिष के अनुसार, मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र एक योगकारक ग्रह है। यह आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी भी हैं जो दूसरे भाव यानी धन, परिवार, बचत और वाणी के भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपका बैंक बैलेंस बढ़ने के अच्छे योग बनेंगे। शुक्र दसवें भाव के स्वामी हैं तो ऐसे में कार्यक्षेत्र में वेतन वृद्धि और पदोन्नति होने की प्रबल संभावना भी बनेगी। साथ ही आप अपनी बातचीत में बहुत मधुर और मृदुभाषी होंगे। अपने बोलने के तरीके से दूसरों को आकर्षित करेंगे। ऐसे में यदि आप संचार से जुड़े क्षेत्र में हैं तो पेशेवर जीवन की बेहतरी के लिए इस अवधि का अच्छा उपयोग कर सकते हैं। शुक्र का कुंभ राशि में गोचर काल के दौरान आप अपने परिवार के प्रति एक गहरा लगाव महसूस करेंगे और उनके साथ बेहतरीन समय बिताने के लिए शानदार जगहों पर डिनर डेट और फ़ैमिली डिनर पर जाकर स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेना चाहेंगे। अष्टम भाव पर शुक्र देव की दृष्टि होने के चलते, आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर धन का निवेश कर सकते हैं। साथ ही इस दौरान आपके संबंध अपने ससुराल वालों के साथ मधुर होंगे।
उपाय: प्रतिदिन 108 बार 'ॐ शुं शुक्राय नम:' का जाप करें। ऐसा करने से शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके ऊपर विशेष कृपा बरसाएगा।
कुंभ राशि के जातकों के लिए भी शुक्र योगकारक ग्रह हैं और यह चौथे एवं नवम भाव के स्वामी हैं, जो कि लग्न यानी पहले भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर काल के दौरान, आपको बेहतरीन परिणाम प्राप्त होंगे। आप अपने जीवन का भरपूर आनंद लेंगे। लग्न भाव में शुक्र की मौजूदगी के परिणामस्वरूप, आप खुद को सजाने-संवारने पर ज़्यादा ध्यान देंगे और सेहत का भी ख़्याल रखेंगे। यह सब आपके व्यक्तित्व को सुंदर और आकर्षक बनाएगा।
इस गोचर के दौरान लोग आपके व्यक्तित्व पर मोहित हो सकते हैं। इसके अलावा इस अवधि आपको अपने माता-पिता का प्यार और सहयोग प्राप्त होगा। अगर आप उनसे कहीं दूर रहते हैं तो छुट्टियों पर समय बिताने के लिए आप उनसे मिलने जा सकते हैं। सातवें भाव पर शुक्र की दृष्टि, प्रेम और वैवाहिक जीवन को के लिए अनुकूल सिद्ध होगी। जो लोग शादीशुदा हैं, वे बेहतरीन समय का आनंद लेंगे।
उपाय: हर दिन अलग-अलग तरह के परफ्यूम इस्तेमाल करें। विशेषकर चंदन की सुगंध आपको शुभ फल देगी।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मीन शुक्र देव की उच्च राशि है। मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और अष्टम भाव के स्वामी हैं और यह बारहवें भाव यानी विदेशी भूमि और व्यय के भाव में गोचर करेंगे। शुभ ग्रह होने के बावजूद भी शुक्र देव को देव गुरु बृहस्पति का शत्रु माना गया है इसलिए यह गुरु लग्न वालों के जीवन में समस्याएं पैदा कर सकते हैं, लेकिन इनके प्रभाव ग्रहों की स्थिति और जातकों की दशा पर निर्भर करते हैं। आपके लिए शुक्र का कुंभ राशि में गोचर कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है इसलिए आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। साथ ही इस दौरान आपके ख़र्चों में भी वृद्धि हो सकती है।
द्वादश भाव हानि का भाव होता है, इसलिए हो सकता है कि इस दौरान आप अच्छी लाइफस्टाइल के लिए पैसा फूंकें। अतः आपको सलाह दी जाती है कि अपने पैसे को विलासिता और मनोरंजन पर न बर्बाद करें। आपको एक बजट बनाकर चलने आवश्यकता है ताकि आप फिजूलखर्ची से बच सकें और जरूरत के समय आपके पास पर्याप्त मात्रा में धन हो। बारहवें भाव से अष्टम भाव के स्वामी शुक्र देव आपके छठे भाव को देख रहे हैं, जिसके कारण आपको सलाह दी जाती है कि खुद के चरित्र को मजबूत बनाए रखें अन्यथा आप किसी कानूनी विवाद में फंस सकते हैं।
उपाय: शुक्रवार के दिन किसी भी मंदिर में जाकर सफेद मिठाई का दान करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!