बुध का कर्क राशि में गोचर: बात चतुराई की हो या फिर प्यार से बात करने की। व्यापार की हो या फिर तर्क वितर्क की; इन सभी विषय वस्तुओं के कारक ग्रह होते हैं बुध ग्रह। बुध ग्रह वाणी, बुद्धि, नेटवर्किंग, टेलीफोन, दूरसंचार जैसे विषयों के कारक ग्रह माने गए हैं। बुध 22 जून 2025 की रात 09 बजकर 17 मिनट पर अपनी स्वयं की राशि अर्थात मिथुन राशि को छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
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बुध ग्रह इस बार यहां पर लंबे समय तक रुकने वाले हैं। क्योंकि बुध ग्रह इसी राशि अर्थात कर्क राशि में रहते हुए ही 28 जुलाई 2025 से 11 अगस्त 2025 तक यानी कि लगभग 25 दिनों के लिए वक्री भी हो जाएंगे और इस तरह से कर्क राशि में ही बने रहते हुए 30 अगस्त 2025 तक यही इसी राशि अर्थात कर्क राशि में ही विचरण करेंगे। कर्क राशि चंद्रमा की राशि है और चंद्रमा के साथ बुध ग्रह के संबंध अच्छे नहीं माने गए हैं। सामान्य शब्दों में इसे बुध ग्रह के लिए शत्रु राशि कही गई है। तो ऐसे में बुध ग्रह आपके लिए कैसे परिणाम देंगे आइए जानते हैं।
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बुध ग्रह आपकी कुंडली के लिए तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होगा। वैसे तो सामान्य तौर पर चौथे भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है लेकिन शत्रु राशि में होने के कारण बुध ग्रह अच्छाइयों के ग्राफ में मामूली सी कमी कर सकता है। अर्थात सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम ही मिलेंगे लेकिन हो सकता है कि कुछ एक मामलों में अनुकूल परिणामों का ग्राफ थोड़ा सा कम रहे। माता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही साथ ऐसे मौके भी मिलेंगे जब माता के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ किया जा सकेगा। यह स्थिति उन लोगों के लिए विशेष लाभदायक रह सकती है जिनके संबंध माता के साथ खराब चल रहे हैं, तो उनके संबंधों में सुधार देखने को मिल सकता है। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता मिलने की योग बनेंगे। बड़े लोगों से मित्रता होने की भी संभावनाएं मजबूत होंगी।
उपाय: चिड़ियों को दान चुगाना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और यह कर्क राशि में गोचर करते हुए आपके तीसरे भाव में रहने वाले हैं। सामान्य तौर पर बुध ग्रह के गोचर को तीसरे भाव में मिले-जुले परिणाम देने वाला माना गया है। तीसरे भाव में बुध के गोचर को मन में आशंका या डर पैदा करने वाला माना गया है। इस कारण से आप कुछ एक मामलों को लेकर भयभीत या चिंतित रह सकते हैं। भाई बंधुओं से विवाद न होने पाए, इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का जोखिम या रिस्क नहीं लेना है। अर्थात कुछ सावधानियां को अपनाएंगे तो परिणाम अनुकूल मिल सकेंगे। बुध ग्रह का यह गोचर नए मित्रों को बनवाने में आपकी मदद कर सकता है।
उपाय: अस्थमा रोगियों की दवा खरीदने में मदद करना शुभ रहेगा।
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बुध ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह तो होते ही हैं साथ ही साथ यह आपके चतुर्थ भाव के भी स्वामी होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। दूसरे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से लग्न या राशि के स्वामी का धन भाव पर जाना, आर्थिक मामलों में अच्छे परिणाम देने या दिलाने का काम कर सकता है। चतुर्थ भाव के स्वामी का दूसरे भाव में आना अर्थात अपने से लाभ भाव में जाना भी घर गृहस्थी से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाएगा। वैसे दूसरे भाव में बुध के गोचर को वस्त्र और आभूषण की प्राप्ति करवाने वाला माना गया है।
ऐसी स्थिति में आप अपनी पसंद के कपड़े खरीद सकते हैं या कपड़े कहीं से उपहार के स्वरूप में मिल भी सकते हैं। दूसरे भाव में बुध का गोचर विद्या और वाणी से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम देता है। साथ ही साथ उत्तम भोजन करने के मौके भी देता है। बुध का यह गोचर संबंधियों के साथ संबंधों को और मजबूत करने में मददगार भी बन सकता है। शत्रु राशि में होने के कारण कभी कभार इन मामलों में मामूली सी कमी भी देखने को मिल सकती है लेकिन कुल मिलाकर बुध ग्रह के इस गोचर से आप अनुकूल परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: गणेश चालीसा का नियमित रूप से जप करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा। पहले भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऊपर से बुध ग्रह शत्रु राशि में रहेंगे। अत: इस गोचर की अवधि में आपको सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहने वाली है। आपकी वाणी सभ्य और सौम्य बनी रहे इस बात की कोशिश लगातार जरूरी रहेगी। चुगलखोरों से बचाव भी जरूरी रहेगा। आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क बिल्कुल भी नहीं लेना है। संबंधियों के साथ संबंधों को अनुकूल बनाए रखने की कोशिश करनी है।
यदि किसी कारण से संबंधी बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में स्वयं को शांत रखना या विवादों से स्वयं को दूर रखना ही समझदारी का काम होगा। इस अवधि में हो सकता है कि जिससे आप सम्मान की उम्मीद कर रहे थे, वह आपका सम्मान न करे। तो ऐसी स्थिति में व्यथित या चिंतित भी नहीं होना है, शांत रहना है। जैसे ही इस गोचर से मिलने वाली प्रतिकूलता समाप्त होगी सब कुछ ठीक हो जाएगा। कहने का तात्पर्य है कि इस गोचर से अनुकूलता मिलने की उम्मीद नहीं है, अतः बुध ग्रह से संबंधित मामलों में शांतिपूर्वक निर्वाह करना ही समझदारी का काम होगा।
उपाय: मांस, मदिरा व अंडे इत्यादि से बचाव उपाय की तरह काम करेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। सामान्य तौर पर द्वादश भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऊपर से बुध ग्रह शत्रु राशि में रहेंगे, यही कारण है कि इस गोचर की अवधि में आपको कई मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। विशेषकर आर्थिक मामले में बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता रहेगी। व्यर्थ में पैसे खर्च न होने पाएं, इस बात को लेकर तो जागरूक रहना ही है, साथ ही साथ आर्थिक मामले में कोई फ्रॉड न होने पाए इस बात को लेकर के भी सचेत रहना जरूरी रहेगा।
लाभेश का द्वादश भाव में जाना दूर के स्थान से कुछ लाभ करवा सकता है लेकिन किसी के झांसे में आने से बचना जरूरी रहेगा। इसके अलावा विवाहित होने की स्थिति में जीवनसाथी या जीवन संगिनी को कोई तकलीफ न होने पाए इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी रहेगा। अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य का ख्याल रखना जरूरी रहेगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो शिक्षा के प्रति और गंभीरता से काम करने की आवश्यकता रहेगी। इस समय अवधि में शत्रुओं को लेकर लापरवाह बिल्कुल भी नहीं होना है।
उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आपके कर्म स्थान अर्थात दशम भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और कर्क राशि में गोचर करने की अवधि में यह आपके लाभ भाव में रहने वाले हैं। स्वाभाविक है कि लग्न या राशि के स्वामी का लाभ भाव में जाना एक अच्छी स्थिति है। इसके अलावा कर्म स्थान के स्वामी का लाभ भाव में जाना भी कार्यक्षेत्र और सामाजिक प्रतिष्ठा से संबंधित मामलों में अनुकूल परिणाम देने वाली स्थिति कही जाएगी।
बुध ग्रह के इस गोचर के चलते आपकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सकती है। व्यापार व्यवसाय में आपको अच्छा लाभ हो सकता है। स्वास्थ्य भी सामान्य तौर पर अनुकूल रहने वाला है। जमीन जायदाद अर्थात प्रॉपर्टी से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। भाई बांधों के साथ आपके संबंध अनुकूल रह सकते हैं। कामों में सफलता दिलाने का काम भी बुध ग्रह का यह गोचर कर सकता है। संतान आदि से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी।
उपाय: गणपति अथर्वशीर्ष का नियमित रूप से पाठ करना शुभ रहेगा।
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बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव के स्वामी ग्रह तो होते ही है साथ ही साथ यह आपके द्वादश भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और कर्क राशि में गोचर करने की अवधि में यह आपके कर्म स्थान पर रहने वाले हैं। भाग्य भाव के स्वामी का कर्म स्थान में गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल माना गया है। भले ही बुध ग्रह शत्रु राशि में रहेंगे लेकिन कर्म स्थान पर जाने का फायदा आपको पहुंचाएंगे। यही कारण है कि बुध ग्रह के इस गोचर के चलते आपको पद लाभ हो सकता है, पद की प्राप्ति हो सकती है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकते हैं। यदि आप व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो इस गोचर की अवधि में व्यापार व्यवसाय से अच्छा लाभ मिल सकता है।
सामाजिक प्रतिष्ठा मिलने के योग भी मजबूत होंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य भी सामान्य तौर पर अनुकूल बने रहने की स्थितियां प्रतीत हो रही है। फिर भी द्वादश भाव के स्वामी का कर्म स्थान पर आना आर्थिक मामलों में रिस्क लेने से बचने का संकेत कर रहा है। हालांकि विदेश आदि से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं। विशेषकर ऐसे लोग जिनका कार्य क्षेत्र विदेश से संबंधित है, उन्हें फायदे भी मिल सकते हैं। कुल मिलाकर इस गोचर से आप अनुकूल परिणाम की अच्छी उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके भाग्य भाव में होगा। सामान्य तौर पर भाग्य भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। ऊपर से शत्रु राशि में होने के कारण बुध ग्रह इस महीने आपको अनुकूलता देने में असमर्थ रह सकते हैं। यही कारण है कि आपकी मेहनत के परिणाम आपकी इच्छा के विरुद्ध भी हो सकते हैं। अर्थात अपने जिस कमाई की उम्मीद की थी वह कमाई तुलनात्मक रूप से कम रह सकती है। हालांकि मेहनत आपको तब भी करते रहना है। अर्थात मेहनत में कमी नहीं करनी है, परिणाम भले तुरंत न मिलें लेकिन आने वाले समय में वह आपको मिल जाएंगे।
यद्यपि अप्रत्याशित रूप से भी कुछ अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन भाग्य के भरोसे बैठना बिल्कुल भी ठीक नहीं रहेगा। अर्थात यह गोचर आपको सपोर्ट करता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इसलिए कर्म करते रहिए फल भले ही तुरंत न मिले लेकिन देर सबेर उसके परिणाम मिल जाते हैं, क्योंकि कोई भी कर्म निष्फल नहीं जाता है। सामाजिक मान प्रतिष्ठा का भी ख्याल रखना इस समय अवधि में जरूरी रहेगा। आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है। इन सावधानियों को अपनाने की स्थिति में आप नकारात्मकता से बच सकेंगे।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
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बुध ग्रह आपकी कुंडली में सप्तम तथा दशम भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होगा। भले ही बुध ग्रह शत्रु राशि में है लेकिन आठवें भाव में बुध ग्रह के गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः भले ही कामों में मेहनत अधिक लगे लेकिन कामों के सफल होने की अच्छी संभावनाएं प्रतीत हो रही है। सप्तमेश के अष्टम भाव में जाने के कारण जीवनसाथी या जीवन संगिनी के स्वास्थ्य में कुछ कमजोरी देखने को मिल सकती है लेकिन चिंता जैसी कोई बात नहीं रहेगी। मामूली सी स्वास्थ्य पीड़ा के बाद रिकवरी भी अच्छी रहेगी। अर्थात चिंता जैसा चिंता करने जैसा कुछ नहीं रहेगा। कामों में सफलता, विजय की प्राप्ति और सामाजिक मान प्रतिष्ठा मिलने के कारण आप सामान्य तौर पर स्वयं को उत्साहित महसूस करते रहेंगे।
उपाय: उपाय के रूप में शिवजी का शहद से अभिषेक करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी ग्रह होते हैं। इसके अलावा यह आपके भाग्य भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और बुध का कर्क राशि में गोचर आपके सप्तम भाव में विचरण करेंगे। सप्तम भाव में होगा, जो कि अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। ऊपर से बुध ग्रह शत्रु की राशि में रहेंगे। इतना ही नहीं छठे भाव के स्वामी का सप्तम भाव में जाना भी अनुकूल स्थिति नहीं है। हालांकि भाग्य स्थान के स्वामी का सप्तम भाव में आना एक दृष्टिकोण से अच्छा है। कहने का मतलब यह है कि इस गोचर से आप औसत या औसत से कुछ कमजोर परिणामों की ही उम्मीद रख सकते हैं।
अत: इस अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा। जीवनसाथी या जीवन संगिनी के साथ संबंध कमजोर न होने पाएं, इस बात का ख्याल रखना है। साथ ही साथ एक दूसरे के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना जरूरी रहेगा। शासन प्रशासन से जुड़े हुए किसी भी व्यक्ति से उलझना ठीक नहीं रहेगा। संभव हो तो यात्राओं से बचें। साथ ही साथ व्यापार व्यवसाय को लेकर किसी भी प्रकार का रिस्क बिल्कुल नहीं लेना है।
उपाय: किसी भी मामले में रिस्क लेने से बचना उपाय की तरह काम करेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और कर्क राशि में गोचर करने की अवधि में यह आपके छठे भाव में रहेंगे। छठे भाव में बुध ग्रह के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसी स्थिति में बुध का यह गोचर आपको आर्थिक लाभ दिलवाने का काम कर सकता है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना जाएगा।
प्रतिस्पर्धात्मक कामों में आप बेहतर करते हुए देखे जाएंगे। आप अपने शत्रुओं से बेहतर स्थिति में रहेंगे। बुध ग्रह का यह गोचर मान सम्मान दिलाने में भी आपके लिए मददगार हो सकता है। यदि आप लेखक हैं या किसी तरह का कलात्मक कार्य करते हैं तो बुध ग्रह के इस गोचर के चलते आपको और भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: किसी तीर्थ स्थान के जल से शिवजी का अभिषेक करना शुभ रहेगा।
बुध ग्रह आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ सातवें भाव के भी स्वामी ग्रह होते हैं और कर्क राशि में गोचर करते हुए यह आपके पंचम भाव में रहने वाले हैं। पंचम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना जाता। ऊपर से बुध ग्रह चंद्रमा की राशि अर्थात शत्रु राशि में रहेंगे। फलस्वरूप आप किसी बात को लेकर चिंतित या परेशान रह सकते हैं। मन अशांत रह सकता है।
यदि आप किसी संतान के पिता है या किसी संतान की माता हैं, तो संतान को लेकर कुछ चिंताएं या परेशानी रह सकती है। योजनाओं में असफलता दिलाने का काम भी बुध ग्रह का यह गोचर कर सकता है। अतः इस अवधि में फुलप्रूफ योजनाएं बनाना बहुत जरूरी रहेगा। यदि किसी योजना में किसी तरह का कोई डाउट है तो बेहतर होगा कि उस योजना पर अमल न करना फायदेमंद रहेगा। आर्थिक मामलों में भी सावधानी पूर्वक निर्वाह जरूरी रहेगा।
उपाय: गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
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1. 2025 में बुध का कर्क राशि में गोचर कब होगा?
बुध का कर्क राशि में गोचर 22 जून 2025 को होने जा रहे हैं।
2. बुध किसके कारक हैं?
बुध ग्रह वाणी, संचार, तर्क, त्वचा, और कारोबार का कारक है।
3. कर्क राशि का स्वामी कौन है?
कर्क राशि के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।