मंगल ग्रह का 12 भावों में फल लाल किताब के अनुसार
लाल किताब में मंगल को नेक (शुभ) ग्रह के साथ-साथ बुरा ग्रह भी बताया गया है। वैदिक ज्योतिष के समान लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमान जी से है। कुंडली के 12 खानों में मंगल का प्रभाव शुभ और अशुभ दोनो ही रूप में पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के 12 खाने मनुष्य के जन्म से लेकर मरण तक की घटनाओं का बोध कराते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह का प्रभाव कुंडली के 12 भाव पर किस प्रकार से पड़ता है:
लाल किताब में मंगल ग्रह का महत्व
लाल किताब के अनुसार मंगल एक ऐसा ग्रह है जो अपने नाम के अनुरूप मंगलकारी भी है और नाश करने वाला भी है। हालाँकि मंगल ग्रह को लेकर, लोगों की धारणाएँ ज्यादातर नकारात्मक ही रहती है। लाल किताब में सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रह को मंगल का मित्र और बुध ग्रह को शत्रु बताया गया है। वैदिक ज्योतिष में जहाँ मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक का स्वामी है। वहीं लाल किताब में इसे पहले और आठवें खाने का मालिक कहा गया है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मंगल का गोचर क़रीब डेढ़ माह का होता है। मंगल ग्रह (मंगल की उपस्थिति पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें खाने में होने पर) कुंडली में मंगल दोष बनता है, जिससे जातकों के वैवाहिक जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ आती हैं।
लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह के कारकत्व
लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा, पराक्रम, शौर्य आदि का कारक होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल अच्छा होता है तो जातक के उपरोक्त चीज़ों में वृद्धि होती है। साथ ही मंगल ग्रह नाभि, रक्त, लाल रंग, बंधु, फौजी, वैध, हक़ीम, डॉक्टर, मनुष्य के ऊपर वाला होंठ का प्रतिनिधित्व करता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल कमज़ोर हो तो इसके प्रभाव से रक्त से संबंधित रोग, नासूर, भगंदर जैसी बीमारियाँ होती हैं।
लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह का संबंध
लाल किताब के अनुसार, यदि मंगल ग्रह का संबंध सेना, पुलिस, प्रॉपर्टी डीलिंग, इलेक्ट्रॉनिक संबंधी, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, स्पोर्ट्स आदि कार्य-क्षेत्रों से है। जबकि उत्पाद में यह मसूर दाल,, ज़मीन, अचल संपत्ति, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आदि को दर्शाता है। जबकि मेमना, बंदर, भेड़, शेर, भेड़िया, सूअर, कुत्ता, चमगादड़ एवं सभी लाल पक्षियों का संबंध मंगल ग्रह से है। इसके अलावा रोगों में मंगल ग्रह का संबंध विषजनित, रक्त संबंधी रोग, कुष्ठ, ख़ुजली, रक्तचाप, अल्सर, ट्यूमर, कैंसर, फोड़े-फुंसी आदि से होता है। मंगल ग्रह के शुभ फल पाने के लिए अनंत मूल को धारण किया जाता है। इसके अलावा जातक तीन मुखी रुद्राक्ष या मूंगा रत्न भी धारण कर सकता है।
लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह का प्रभाव
यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह बलवान होता है तो जातक को इसके बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। मंगल ग्रह अपने मित्र ग्रहों के साथ बली होता है। जबकि इसके विपरीत यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति कमज़ोर होती है अथवा वह पीड़ित हो तो जातक के लिए यह अच्छा नहीं माना जाता है। मंगल अपने शत्रु ग्रहों के साथ कमज़ोर होता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि व्यक्ति के जीवन में मंगल का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से पड़ता है। आइए जानते हैं मंगल के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव क्या हैं:
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सकारात्मक प्रभाव - मंगल के शुभ प्रभाव से व्यक्ति निडर होता है। वह निडरता वह ऊर्जावान रहता है। इससे जातक उत्पादक क्षमता में वृद्धि होती है। विपरीत परिस्थितियों में भी जातक चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करता है और उन्हें मात भी देता है। बली मंगल का प्रभाव केवल व्यक्ति के ही ऊपर नहीं पड़ता है, बल्कि इसका प्रभाव व्यक्ति के पारिवारिक जीवन पर पड़ता दिखाई देता है। बली मंगल के कारण व्यक्ति के भाई-बहन अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति करते हैं।
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नकारात्मक प्रभाव - यदि मंगल ग्रह कुंडली में कमज़ोर अथवा पीड़ित हो तो यह जातक के लिए समस्या पैदा करता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को किसी दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। पीड़ित मंगल के कारण जातक के पारिवारिक जीवन में भी समस्याएं आती हैं। जातक को शत्रुओं से पराजय, ज़मीन संबंधी विवाद, क़र्ज़ आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
लाल किताब के अनुसार मंगल ग्रह शांति के उपाय
ज्योतिष में लाल किताब के उपाय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। अतः लाल किताब में मंगल ग्रह की शांति के टोटके जातकों के लिए बहुत ही लाभकारी और सरल होते हैं। अतः इन्हें कोई भी व्यक्ति आसानी से स्वयं कर सकता है। मंगल ग्रह से संबंधित लाल किताब के उपाय करने से जातकों को मंगल ग्रह के सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। मंगल ग्रह से संबंधित लाल किताब के उपाय निम्नलिखित हैंः
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बड़ वृक्ष की जड़ में मीठा दूध-पानी डालकर उसकी गीली मिट्टी नाभि पर लगाएँ
- घर में ठोस चाँदी रखें
- घर आयी बहन को मीठा देकर घर से विदा करें
- धार्मिक स्थल पर गुड़, चने की दाल आदि का दान करें
- दूसरों को मीठा खिलाएँ और संभव हो तो स्वयं भी मीठा खाएँ
लाल किताब के उपाय ज्योतिष विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित हैं। अतः ज्योतिष में इस पुस्तक को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उम्मीद है कि मंगल ग्रह से संबंधित लाल किताब में दी गई यह जानकारी आपके कार्य को सिद्ध करने में सफल होगी।