शिव चालीसा सनातन हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार
शिव चालीसा का पाठ सनातन हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करना बेहद प्रभावकारी माना गया है। भगवान् शिव को इस संसार के संहारक के रूप में पूजा जाता है। तीन देवों की शक्ति से अवतररित होने वाले शिव को महादेव कहकर भी संबोधित किया जाता है। शिव की उपासना करने वाले भक्तों को कभी भी मृत्यु का भय नहीं सताता है। आमतौर पर शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त उनके सिद्ध मन्त्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं। जहाँ तक चालीसा पाठ का सवाल है तो, चालीसा का पाठ मुख्य रूप से ईश्वर की प्रार्थना को सरल शब्दों में करना होता है। आज हम इस लेख के जरिये आपको शिव चालीसा के महत्व और उससे मिलने वाले लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।

कैसे हुई शिव चालीसा की उत्पत्ति
शिव चालीसा की उत्पत्ति कैसे हुई इस बात को जानने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि पहले इस बारे में जान लिया जाय कि शिव की उत्पत्ति कैसे हुई। हमारे वेदों में ऐसा कहा गया है कि जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तय है। वेदों में विशेष रूप से देवताओं और परमात्मा को अजन्मा माना गया है। कहने का अर्थ है कि वो जो ना तो पैदा हुआ है और ना ही जिसका आगे कभी जन्म होगा। शिवपुराण के अनुसार शिव जी अजन्में हैं अर्थात वो जन्म और मृत्यु के बंधन से आजाद हैं। अन्य धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिव जी को इस संसार की रचना करने वाले ब्रह्मा ने ही उत्पन्न किया था। जहाँ तक शिव चालीसा के उत्पत्ति की बात है तो इसके रचनाकार ने इसमें भगवान् शिव की अपार महिमा का जिक्र किया है। परम पूज्य, परम् शक्तिशाली भगवान् शिव की महिमा अपरमपार है जिसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है। हालाँकि शिव चालीसा के रचनाकार ने शिव की अपार महिमा का काफी हद तक इस चालीसा में गुणगान किया है जिसका पाठ कर भक्त जन शिव जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
शिव चालीसा के पाठ से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं
हिन्दू धर्म में ऐसा माना गया है कि शिव चालीसा का पाठ करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यहाँ हम आपको शिव चालीसा के पाठ से होने वाले कुछ महत्वपूर्ण लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं। आईये जानते हैं शिव चालीसा का पाठ करने से आपको क्या लाभ मिल सकते हैं।
- शिव चालीसा का नियमित पाठ करने से भगवान् शिव के साथ ही साथ गणेश जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
- प्रतिदिन यदि शिव चालीसा का पाठ किया जाय तो इससे मृत्यु का डर नहीं सताता है अन्य प्रकार के नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
- शिव चालीसा में शिव जी के सबसे प्रभावशाली मन्त्र “ॐ नमः शिवाय” का व्याख्यान भी किया गया है। इसलिए भी शिव चलीसा के पाठ से काफी लाभ मिलता है।
- नियमित रूप से शिव चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- जीवन में आने वाले तमाम मुसीबतों से मुक्ति के लिए भी इस चालीसा का पाठ काफी प्रभावशाली माना जाता है।
- किसी प्रकार के रोग से मुक्ति के लिए भी शिव चालीसा का पाठ करना लाभदायक साबित हो सकता है।
- शिव चालीसा का पाठ कर आप संतान सुख का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
- वैवाहिक जीवन में मधुरता बनाये रखने के लिए शिव चालीसा का पाठ करना काफी प्रभावशाली साबित हो सकता है।
- सावन में खासतौर से पूरे माह शिव चालीसा का पाठ करने से आपको शिव जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
विशेष लाभ प्राप्ति के लिए शिव चालीसा की इन पक्तियों का पाठ करना महत्वपूर्ण माना जाता है
जय गणेश गिरीजा सुवन' मंगल मूल सुजान, कहते अयोध्या दास तुम' देउ अभय वरदान।
लाभ : शिव चालीसा में अंकित इन पंक्तियों का जाप करने से मन के सभी भयों से मुक्ति मिलती है। इन पंक्तियों को यदि नियमित रूप से हर दिन शिव जी के समक्ष करीबन 26 बार जाप किया जाय तो इससे व्यक्ति को अपने मन के दुःख और भय से निजात मिलती है।
देवन जबहिं जाय पुकारा, तबहिं दुख प्रभु आप निवारा।
लाभ: किसी भी प्रकार के दुःख के निवारण के लिए यदि शिव चालीसा के इन पंक्तियों का जाप किया जाय तो उससे बेशक लाभ की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि इन पंक्तियों को नियमित रूप से रात को सोते वक़्त करीबन 11 बार जपा जाए तो इससे आपके दुःख दूर हो सकते हैं।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा, जीत के लंक विभीषण दीन्हा।
लाभ: अपने किसी भी काम को पूर्ण करने के लिए कम से कम एक महीने तक रोज शाम को इस पंक्ति का पाठ जरूर करें। ऐसा नियमित रूप से करने से आपको लाभ अवश्य प्राप्त होगा।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर,भाई प्रसन्न दिए इच्छित वर।
लाभ: कुंवारी लड़कियां मनवांछित वर प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन सूर्योदय से पहले शिव जी का ध्यान कर यदि इन पंक्तियों का जाप करें तो इससे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
धन निर्धन को देत सदा ही, जो कोई जांचे सो फल पाही।
लाभ : आर्थिक मजबूती के लिए नियमित रूप से सुबह शाम ग्यारह बार इस पंक्ति का जाप करने से व्यक्ति को धन धान्य की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार से करें शिव चालीसा का पाठ
देवों के देव महादेव का नाम मात्र लेकर व्यक्ति अपने सभी दुखों से मुक्ति पा सकता है। लेकिन शिव चालीसा का पाठ कर शिव जी के गुणगान से विशेष लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। शिव चालीसा का जाप यूँ तो हर व्यक्ति पर प्रभाव करता है लेकिन विशेष लाभ के लिए इसका पाठ यदि निम्न रूप से किया जाय तो इससे शिव जी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
- सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर साफ़ वस्त्र धारण करें।
- अब एक साफ़ आसान बिछाकर पूर्व दिशा की तरफ अपना मुँह करके बैठें।
- अब सबसे पहले शिव जी की मूर्ती के सामने धूप दीप जलाएं।
- पांच सफ़ेद फूल लेकर श्रद्धा भाव के साथ शिव जी आराधना करें।
- चालीसा जाप से पहले एक तांबे के पात्र में जल भरकर रखें।
- शिव जी के सामने गाय के घी का दीया जलाना लाभदायक साबित हो सकता है।
- शिव चालीसा का पाठ हमेशा बोलकर साफ़ शब्दों में करने से लाभ प्राप्त होता है।
- शिव जी को प्रसन्न करने वाले इस चालीसा का पाठ एक बारशुरू करने पर पर कम से कम तीन बार लगातार अवश्य करना चाहिए।
- चालीसा का पाठ ख़त्म करने पर पात्र में रखें जल का सम्पूर्ण घर में छिड़काव करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
शिव चालीसा का पाठ करने के दौरान बरतें ये सावधानी
कहते हैं कि शिव जी अपने भक्तों की भक्ति से जितनी जल्दी प्रसन्न होते हैं उतनी ही जल्दी उन्हें क्रोध भी आता है। इसलिए शिव चालीसा या शिव जी की पूजा के समय ख़ास सावधानी बरतना बेहद आवश्यक माना जाता है।
- शिव चालीसा का पाठ हमेशा ब्रह्म मुहूर्त यानि कि सूर्योदय से पूर्व ही किया जाना चाहिए।
- पाठ करते समय हमेशा पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके ही बैठें।
- शिव चालीसा का जाप शुरू करने से पहले शिव जी के समक्ष घी का दीया जलाना ना भूलें।
- सैदेव तांबें के पात्र में ही जल रखें और प्रसाद के रूप में सफ़ेद मिश्री का प्रयोग करें।
- यदि आप शिवलिंग के समक्ष चालीसा का जाप कर रहे हैं तो विशेष रूप से शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना ना भूलें।
शिव चालीसा इस प्रकार से है :
“श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥”
“जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला।
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥”
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
हम आशा करते हैं कि शिव चालीसा पर आधारित हमारा ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा !
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems

AstroSage on MobileAll Mobile Apps
AstroSage TVSubscribe
- Horoscope 2022
- राशिफल 2022
- Calendar 2022
- Holidays 2022
- Chinese Horoscope 2022
- अंक ज्योतिष 2022
- Grahan 2022
- Love Horoscope 2022
- Finance Horoscope 2022
- Education Horoscope 2022
- Ascendant Horoscope 2022
- Stock Market 2022 Predictions
- Best Wallpaper 2022 Download
- Numerology 2022
- Nakshatra Horoscope 2022
- Tamil Horoscope 2022
- Kannada Horoscope 2022
- Gujarati Horoscope 2022
- Punjabi Rashifal 2022