नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023)
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) में हम आपको नक्षत्रों पर आधारित भविष्यफल के बारे में बताएंगे। इसमें आप जानेंगे कि नक्षत्रों के आधार पर आने वाला नया साल 2023 आपके लिए कितना खास और कितना यादगार रहने वाला है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की बदलती चाल के आधार पर राशिफल की गणना की जाती है। वैदिक ज्योतिष में नक्षत्रों को बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। तो आइए जानते हैं नक्षत्रों की चाल और स्थिति के आधार पर आपका आने वाला समय कैसा रहेगा, लेकिन इससे पहले जानेंगे कि नक्षत्र क्या होते हैं।
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नक्षत्र आसमान में तारों के समूह को कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्रों के बारे में वर्णन किया गया है। नक्षत्र ज्योतिष और विज्ञान के पांच महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। इन नक्षत्रों को 'चंद्र हवेली' के नाम से भी जाना जाता है। नक्षत्र किसी भी इंसान का जीवन बदलने की क्षमता रखते हैं।
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चलिए,अब जानते हैं नक्षत्रों के अनुसार आपका राशिफल क्या कहता है:
अश्विनी नक्षत्र
अश्विनी नक्षत्र का विस्तार मेष राशि में 0 अंश से 13:20 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक अश्व यानी घोड़ा है। अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनी कुमार हैं। अश्विनी कुमार देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं और इसका स्वामी ग्रह केतु है।
अश्विनी लग्न के जातक ऊर्जा से भरे होते हैं। नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार, इस साल सबसे शुभ ग्रह बृहस्पति अश्विनी नक्षत्र में गोचर करेंगे। यह 22 अप्रैल 2023 को मेष राशि में गोचर के साथ-साथ अश्विनी नक्षत्र में भी गोचर करेंगे और 21 जून 2023 तक उसी स्थिति में बने रहेंगे। इसके बाद वक्री गति में 27 नवंबर 2023 को दोबारा उसी नक्षत्र में गोचर करेंगे और साल के अंत तक रहेंगे।
ऐसे में यह साल 2023 जातक के जीवन में एक नया अध्याय लेकर आएगा। आप अपने जीवन के सभी पहलुओं में पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से सुख-समृद्धि की तलाश में रहेंगे। आपकी रुचि धार्मिक गतिविधियों और अध्यात्म की ओर रहेगी। दूसरी तरफ राहु भी 21 फरवरी, 2023 से 30 अक्टूबर, 2023 के दौरान आपके नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस दौरान आपको सतर्क रहना होगा। ऐसी संभावना है कि कुछ गलतफहमियों के चलते सही अवसर मिलने पर आप उसका सदुपयोग नहीं कर पाएंगे। आप अपनी आध्यात्मिक और जरूरी आवश्यकताओं के बीच फंस सकते हैं, जिसके चलते भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।
भरणी नक्षत्र
भरणी नक्षत्र का विस्तार मेष राशि में 13.20 अंश से 26.50 अंश तक रहता है। इस नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह 'हाथी' होता है और यह योनि जैसा दिखता है। इस नक्षत्र के देवता यम हैं, जो मृत्यु के देवता हैं और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023), भरणी नक्षत्र के जातकों का जीवन इस साल प्यार से भरा रहेगा क्योंकि बृहस्पति 21 जून, 2023 से 27 नवंबर, 2023 तक आपके नक्षत्र में गोचर करेंगे। इस महीने के बीच में ही यानी 4 सितंबर 2023 को यह वक्री हो जाएंगे।
ऐसे में यह समय आपके लिए काफी अनुकूल रहेगा। अगर आप परिवार बढ़ाने का विचार बना रहे हैं तो यह वर्ष आपके लिए बेहतर साबित होगा। इस वर्ष आप अपने पारिवारिक जीवन का भरपूर आनंद उठाएंगे, खासकर महिलाएं इस दौरान तरह-तरह के व्यंजन बनाकर परिजनों के साथ हर्ष आनंद से रहेंगी। इसके साथ साल की शुरुआत में राहु भी आपके नक्षत्र में रहेंगे, जिसके चलते आप आध्यात्मिकता की ओर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे और सांसारिक मोह माया से खुद को दूर पाएंगे।
कृतिका नक्षत्र
कृतिका नक्षत्र का विस्तार मेष व वृषभ राशि में 26.60 अंश (मेष) से 10 अंश (वृषभ) तक रहता है। कृतिका नक्षत्र का प्रतीक चिह्न कुल्हाड़ी या चाकू या ज्वाला है। इस नक्षत्र के देवता अग्नि देव हैं। अग्नि देव हिन्दू धर्म में आग के देवता हैं और इसका स्वामी ग्रह सूर्य है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार कृतिका नक्षत्र वाले जातकों के लिए यह समय उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है। आर्थिक मामलों में आपको सोच-विचार कर खर्च करने की सलाह दी जाती है क्योंकि कई चीजों में आपके खर्च बढ़ सकते हैं, जैसे घर का नवीनीकरण, परिवार के साथ छुट्टी बिताना आदि। संभावना है कि इन चीजों में पैसा बहुत अधिक खर्च हो सकता है। ऐसे में आपको चिकित्सा जैसी आपात स्थितियों, बच्चों की शिक्षा व परिवार की अन्य जरूरतों के लिए पर्याप्त पैसा बचाने पर विचार करने की जरूरत होगी।
कुल मिलाकर आप इस अवधि में खुशी महसूस करेंगे क्योंकि निजी और पारिवारिक जीवन दोनों ही सुखद रहेंगे। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और ज्यादा चिंता या विचार न करें क्योंकि किसी भी तरह का मानसिक तनाव आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है।
रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र का विस्तार वृषभ राशि में 10.1 अंश से 23.2 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'रथ' है और इस नक्षत्र के देवता ब्रह्मा जी हैं। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार यह साल आपके लिए बेहतरीन रहने वाला है।
करियर की दृष्टि से ग्रोथ के लिए नौकरी बदलने फैसला अनुकूल सिद्ध होगा। ऐसे में आपको अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके रखना होगा। इसके अलावा इस दौरान विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं।
लव लाइफ और वैवाहिक जीवन में आप अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताएंगे। इस वर्ष आपकी रोमांटिक लाइफ रोमांस से भरी होगी। शादीशुदा जातक अपने रिश्ते में खुश रहेंगे और इस वर्ष का आनंद लेंगे।
मृगशिरा नक्षत्र
मृगशिरा नक्षत्र का विस्तार वृषभ और मिथुन में 23.3 अंश से 6.40 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न हिरण का सिर है और नक्षत्र देवता सोम (चंद्र/ चंद्रमा) हैं। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल होता है।
यह साल नेटवर्किंग के क्षेत्र में बेहतरीन परिणाम प्रदान करेगा। आप प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आएंगे। हालांकि, आपको आर्थिक मामलों में सतर्क रहने की जरूरत होगी क्योंकि जरा सी लापरवाही से आपको धन हानि हो सकती है।
स्वास्थ्य के मामले में छोटी-मोटी समस्याएं जैसे- पाचन तंत्र से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको सावधानी बरतने व स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी जाती है और कोई भी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
आर्द्रा नक्षत्र
आर्द्रा नक्षत्र का विस्तार मिथुन राशि में 6.41 अंश से 20 अंश तक रहता है। आर्द्रा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह भी 'आंसू की बूंद' है और इसके देवता रुद्र (शिव का एक रूप) हैं। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहु है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार, आपका नक्षत्र स्वामी राहु लगभग इस पूरे वर्ष मेष राशि में स्थित रहेगा, जिसके चलते आपको अपने स्वभाव पर ध्यान देने की जरूरत है। कार्यस्थल पर अपने क्लाइंट या टीम के साथियों के साथ बातचीत के दौरान खुद पर संयम रखें, वरना आपका व्यवहार आपकी छवि खराब कर सकता है।
लव लाइफ का भी समय कुछ ऐसा ही रहेगा। संभावना है कि आप अपने प्रेमी को नजरअंदाज कर सकते हैं व भावनात्मक चोट पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी मामले में बहस करने या दबाव बनाने की बजाय बातचीत से मुद्दे हल करें और उस स्थिति को समझने का प्रयास करें, जिससे आपका पार्टनर गुजर रहा है। साल के आखिरी तीन महीने यानी अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर माह आपके लिए राहत भरे रहेंगे।
पुनर्वसु नक्षत्र
27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु नक्षत्र का विस्तार मिथुन और कर्क दोनों राशि में 20.1 अंश (मिथुन) से 3.20 अंश (कर्क) तक रहता है। इसका प्रतीक 'तीरों का तरकश' है। यह नक्षत्र देवी अदिति के अधीन है, जो देवताओं की माता कहलाती हैं। पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी ग्रह बृहस्पति है।
इस वर्ष आपको औसत रूप से फलदायी परिणाम मिलेंगे। आपके नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति मेष राशि में गोचर के साथ एक नया गोचर चक्र शुरू करेंगे। ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि आप अपने जीवन में एक नए अध्याय से परिचित होंगे और कई चीजों की समाप्ति भी होगी।
इस पूरी प्रक्रिया में नई भूमिका और जिम्मेदारी से आपको दबाव महसूस हो सकता है। लेकिन, आध्यात्मिक विकास के लिए साल 2023 अच्छा रहेगा। हालांकि प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ में औसत बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र का विस्तार समग्र रूप से कर्क राशि में 3.21 अंश से 16.40 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिन्ह "गाय का दूध देने वाला थन" या 'एक चक्र' है। पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है।
पुष्य नक्षत्र के जातकों को इस वर्ष धन लाभ होगा। आपको पैतृक संपत्ति या किसी जमीन, घर या फिर गाड़ी की बिक्री से धन लाभ हो सकता है। इस वर्ष आपके आर्थिक जीवन में धीमी और स्थिर रूप से बढ़ोतरी होगी।
लव लाइफ की बात करें तो आपको अपने रिश्ते में प्यार को जीवित रखने के लिए अत्यधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी। आपका रवैया आपके ब्रेकअप का कारण भी बन सकता है। ऐसे में आपको अपने रिश्ते के प्रति ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
अश्लेषा नक्षत्र
आकाश मंडल में अश्लेषा नक्षत्र का विस्तार कर्क राशि में 16.41 अंश से 30 अंश तक रहता है। यह नक्षत्र कुंडलित सांप की तरह दिखता है। नक्षत्र देवता नाग/सर्प हैं। इस नक्षत्र का स्वामी बुध ग्रह है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार, इस वर्ष आप अपनी नौकरी में जिन समस्याओं और दबाव का सामना कर रहे थे, वे समाप्त होने की संभावना है। साथ ही इस नक्षत्र के जातकों को विदेश या कहीं दूर स्थानों पर अच्छे करियर के अवसर मिल सकते है। वित्तीय लेनदेन में अप्रैल महीने के बाद लाभ मिलने संभावना है।
प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो आपको कई तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आप अपने साथी के साथ खुलकर बात नहीं करते और इसी बात की आपके साथी को शिकायत है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अपने पार्टनर से ज्यादा से ज्यादा बातचीत करने का प्रयास करें। कुल मिलाकर यह वर्ष आपके लिए ज्यादा कठिन नहीं है।
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मघा नक्षत्र
मघा नक्षत्र का विस्तार सिंह राशि में 0 अंश से 13.20 अंश तक रहता है इसका प्रतीक 'शाही सिंहासन' है और नक्षत्र देवता पितर हैं। मघा नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है।
यह वर्ष जीवन के हर क्षेत्र में आपके लिए बेहतरीन रहने वाला है। आप पहले जिस भी समस्या का सामना कर रहे थे, उन समस्याओं के समाप्त होने की संभावना है। आप उन्नति और विकास की ओर अग्रसर होंगे।
व्यावसायिक जीवन में आपको अपनी मेहनत का फल मिलेगा। काम के सिलसिले से आपके विदेश जाने के योग बन सकते हैं। पारिवारिक जीवन नियंत्रण में रहेगा। घर में शांति का माहौल होगा और आपको अपने पार्टनर का सहयोग भी मिलेगा।
स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको किसी भी तरह की लत से दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके साथ ही आपको अपने गुस्से पर कंट्रोल रखने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि स्वास्थ्य के लिहाज से आपका गुस्सा आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस दौरान आपको खुद को फिट रखने के लिए मेडिटेशन करने की जरूरत होगी।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
पूर्वा फाल्गुनी का विस्तार सिंह राशि में 13.21 अंश से 26.40 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिन्ह 'सोफा' या ' पलंग का प्रथम सिरा' है। यह नक्षत्र देवी भग के अधीन है, जो सौभाग्य और आनंद की देवी हैं। इसका स्वामी ग्रह शुक्र है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023), यह वर्ष 2023 आपके लिए सौभाग्य लेकर आएगा। इस वर्ष फ्रेशर्स को नई नौकरी पाने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपने करियर की शुरुआत कर सकेंगे।
जो जातक अभी तक सिंगल थे, उनके जीवन में अक्टूबर तक किसी खास का प्रवेश हो सकता है। इसके अलावा जब आपका नक्षत्र स्वामी शुक्र आपके पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में गोचर करेगा, तब आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का विस्तार 26.41 अंश (सिंह) से 10.00 अंश (कन्या राशि) तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'पलंग के पिछले पैर' की तरह दिखाई देता है। नक्षत्र देवता 'आर्यमान' हैं, जो जानवरों रक्षक हैं। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है।
यह वर्ष आपके लिए थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है। इस वर्ष के दौरान आपको अपने लिए कुछ कठिन फैसले लेने पड़ सकते हैं। आपके वाणी में कठोरता के भाव रहेंगे, जिससे दूसरों को परेशानी हो सकती है। इसके चलते आपके जीवन के कई पहलुओं में अचानक समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि उम्मीद न खोएं और भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा प्रार्थना करें। वहीं साल का दूसरा भाग कई बड़े निर्णय लेने व किसी भी चीज में बदलाव करने के लिए अनुकूल रहेगा।
हस्त नक्षत्र
नक्षत्रों के क्रम में हस्त नक्षत्र का विस्तार कन्या राशि में 10 अंश से 23.20 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक 'हाथ की खुली हुई हथेली' है और नक्षत्र देवता सूर्य हैं। हस्त नक्षत्र का स्वामी ग्रह चंद्रमा है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023), आशंका है कि यह वर्ष आपके लिए कुछ खास नहीं रहने वाला है। आपको किसी भी विषय में निर्णय लेने से पहले सोच-विचार करने की जरूरत होगी। ऐसे में किसी भी तरह का रिस्क लेने से बचें। आपकी वाणी ही आपकी सभी समस्याओं की कुंजी है, इसलिए खुद को शांत रखें।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपको सलाह दी जाती है कि अपनी सेहत के प्रति सचेत रहें। नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराएं और बाहर का खाना व ज़्यादा तेल-मसाले वाली चीजों का सेवन करने से बचें। इस वर्ष कई तरह के उतार-चढ़ावों के बीच आपको सलाह दी जाती है कि अपनी सोच सकारात्मक रखें।
चित्रा नक्षत्र
चित्रा नक्षत्र का विस्तार 23.20 अंश (कन्या) से 6.40 अंश (तुला राशि) तक रहता है। इसका प्रतीक 'मोती या मणि' है और नक्षत्र देवता 'त्वाष्ट्र' या 'विश्वकर्मा' जी हैं, जो सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी के वंशज हैं। चित्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार, इस वर्ष आपको तीन सालों की मेहनत का फल प्राप्त होगा। हालांकि छोटी-मोटी चुनौतियां आएंगी, लेकिन कार्यक्षेत्र में आपको इस साल पदोन्नति मिलने की प्रबल संभावना है। यह पदोन्नति आपको और भी ज्यादा मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगी।
साल के दूसरे भाग में केतु भी मौजूद है। ऐसे में संभावना है कि आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करेंगे। आपको सलाह दी जाती है कि आप खुद को समान रूप से प्राथमिकता दें। स्वास्थ्य के प्रति बराबर ध्यान दें।
स्वाति नक्षत्र
27 नक्षत्रों में से स्वाति नक्षत्र का विस्तार तुला राशि में 6.40 अंश से 20.00 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'मूंगा या प्रवाल है' और इसके देवता पवन देव हैं। स्वाति नक्षत्र का स्वामी राहु ग्रह है।
साल के पहले भाग में केतु आपके नक्षत्र में स्थित रहेगा। जिसके चलते आपको खुद में खुशी और उत्साह की कमी महसूस हो सकती है। इसके अलावा नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर स्थानांतरण मिल सकता है, जिसकी वजह से आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है।
जो जातक शादी करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि साल के अंत में विवाह के बारे में विचार करें क्योंकि बाकी समय विवाह के लिए योग्य नहीं है।
विशाखा नक्षत्र
विशाखा नक्षत्र का विस्तार तुला और वृश्चिक राशि में 20 अंश (तुला) से 3.20 अंश (वृश्चिक) तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'सजाया हुआ तोरण, कुम्हार का पहिया' है और नक्षत्र देवता इन्द्राग्नि हैं, जो देवताओं के राजा इंद्र की पत्नी हैं। विशाखा नक्षत्र का स्वामी ग्रह बृहस्पति है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार, स्वास्थ्य की दृष्टि से यह साल आपके लिए अनुकूल रहेगा। साथ ही अगर लंबे समय से कोई बीमारी परेशान कर रही है तो उससे भी छुटकारा मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं।
करियर के क्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। मार्च के बाद आपके विचारों में सकारात्मकता आएगी, जिससे सफलता के नए द्वार खुलेंगे। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। आपको सहकर्मियों से सहयोग प्राप्त होगा, लेकिन उतना नहीं, जितना आप उम्मीद कर रहे हैं। ऐसे में किसी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
आर्थिक जीवन में आपको उम्मीद से ज्यादा अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। साल के मध्य में अच्छी खबर आपको प्रसन्न कर सकती है। साथ ही आपके घर में किसी शुभ कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है।
अनुराधा नक्षत्र
अनुराधा नक्षत्र का विस्तार वृश्चिक राशि में 3.20 अंश से 16.40 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक 'कमल का फूल' है। नक्षत्र देवता मित्र है, जो मित्रता और सहयोग के देवता हैं। अनुराधा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है।
इस वर्ष आपको निवेश के बारे में सोच-समझकर फैसला लेना होगा। आपके द्वारा उठाया गया एक भी गलत कदम आपके निवेश और कमाए हुए धन को हानि पहुंचा सकता है। साथ ही भावनात्मक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में इस वर्ष आर्थिक मामले में थोड़ा सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत होगी।
शिक्षा के दृष्टिकोण से यह वर्ष आपके लिए अच्छा है। उच्च शिक्षा के छात्र नई ऊंचाइयों को छुएंगे। एथलेटिक्स या अन्य गतिविधियों में शामिल होने वाले छात्रों के लिए भी यह साल अनुकूल रहेगा।
ज्येष्ठा नक्षत्र
ज्येष्ठा नक्षत्र का विस्तार पूर्ण रूप से वृश्चिक राशि में 16.40 अंश से 30 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'कुंडल या छाता' है और नक्षत्र देवता इंद्र देव हैं, जो देवताओं के राजा हैं। ज्येष्ठा नक्षत्र का स्वामित्व बुध ग्रह को प्राप्त है।
नक्षत्र राशिफल 2023 (Nakshatra Rashifal 2023) के अनुसार, इस वर्ष आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने की ज़्यादा जरूरत होगी क्योंकि आपको पाचन, पेट में संक्रमण, खांसी और मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। तनाव से छुटकारा पाने के लिए आपको शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने की सलाह दी जाती है।
करियर और पब्लिक इमेज की बात करें तो इस वर्ष आपको काफी बदलाव देखने को मिलेंगे। आपको अपने कार्यस्थल पर कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है, लेकिन खास बात यह रहेगी कि आप अपनी समझदारी से इन सभी चुनौतियों से अच्छे से निपट लेंगे और अपनी अच्छी छवि बरकरार करने में कामयाब होंगे। सुझाव दिया जाता है कि अपने सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखें क्योंकि ये आपके लिए लाभदायक साबित होगा।
मूल नक्षत्र
मूल नक्षत्र का विस्तार धनु राशि में 0 अंश से 13.20 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'जड़ों का बंधा हुआ बंडल' है और नक्षत्र देवता निरति हैं। मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है।
जो जातक शिक्षण, विवाह और करियर जैसे क्षेत्रों में काउंसलिंग और सर्विस से जुड़ा काम कर रहे हैं, उनके लिए यह समय अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको सलाह दी जाती है कि जिम, वॉक व योग आदि करें। इससे आप फिट महसूस करेंगे और स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। स्वस्थ आहार लें और अनहेल्दी स्नैक्स, अधिक वसा और फैट वाले भोजन से दूर रहें।
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पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का विस्तार धनु राशि में 13.20 अंश से 26.40 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक 'हाथी दांत' है और नक्षत्र देवता जल के हिंदू देवता अपस हैं। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर शुक्र ग्रह का शासन है।
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के जातकों के लिए यह वर्ष उम्मीदों से भरा रहेगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए यह वर्ष बेहतरीन परिणाम लेकर आएगा। आपको अपनी मेहनत का फल मिलेगा। इसके साथ ही वेतन में वृद्धि होने की भी संभावना है।
यदि आप अविवाहित हैं तो इस वर्ष विवाह के योग बन सकते हैं। संभावना है कि आपके जीवन में किसी खास व्यक्ति का आगमन हो सकता है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि वह व्यक्ति किसी दूसरे धर्म व पंथ को मानने वाला होगा।
उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का विस्तार धनु और मकर राशि में 26.40 अंश (धनु) से 10 अंश (मकर) तक रहता है। इसका प्रतीक 'हाथी दांत' है और नक्षत्र देवता विश्वेदेव हैं। उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र पर सूर्य का आधिपत्य है।
करियर की दृष्टि से यह वर्ष बेहतरीन रहेगा। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को अच्छी नौकरी मिल सकती है। संभावना है कि अप्रैल माह के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल होगी।
पारिवारिक जीवन के लिहाज से भी यह समय अच्छा रहेगा। अगर आप लंबे समय से परिवार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह अवधि आपके लिए बेहतर साबित होगी। संतान प्राप्ति की इच्छा आपकी पूरी होगी।
श्रवण नक्षत्र
श्रवण नक्षत्र का विस्तार मकर राशि में 10.00 अंश से 23.20 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'कान' है और नक्षत्र देवता भगवान विष्णु हैं, जो संरक्षक और रक्षक हैं। श्रवण नक्षत्र का स्वामी ग्रह चंद्रमा है।
लंबे समय से आप जिस भी परेशानी या दबाव से जूझ रहे थे, उससे इस वर्ष राहत मिलने की संभावना है। आप इस वर्ष अच्छा समय बिता पाएंगे, लेकिन आपको अपनी भाषा और वाणी पर ध्यान देने की जरूरत होगी। कठोर वाणी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
यदि आप इस वर्ष नया घर खरीदने या अपने ही घर का नवीनीकरण करने या फिर कोई वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो उसके लिए यह समय काफी अच्छा रहेगा। आपको सलाह दी जाती है कि वृद्धजनों, जरूरतमंदों व दिव्यांगों की मदद करें। इससे आपको शांति व खुशी मिलेगी।
धनिष्ठा नक्षत्र
धनिष्ठा नक्षत्र का विस्तार मकर और कुंभ राशि में 23.20 अंश (मकर) से 6.40 अंश (कुंभ) तक रहता है। इसका प्रतीक 'ड्रम' (डमरू) है और नक्षत्र देवता 'आठ वसु' हैं। धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामित्व मंगल ग्रह को प्राप्त है।
शनि ग्रह साल की शुरुआत से 15 मार्च, 2023 तक आपके नक्षत्र में स्थित रहेगा और फिर 15 अक्टूबर, 2023 से 24 नवंबर, 2023 तक आपके नक्षत्र में दोबारा प्रवेश करेगा। जिसके चलते साल की शुरुआत में आर्थिक लाभ हो सकता है और साथ ही संभावना है कि आप रुके हुए या अटके हुए धन को प्राप्त कर सकेंगे।
इस वर्ष के लिए आपको सलाह दी जाती है कि अपनी माँ का आशीर्वाद प्राप्त करें और उनकी अच्छे से देखभाल करें और श्रमदान करें।
शतभिषा नक्षत्र
शतभिषा नक्षत्र का विस्तार कुंभ राशि में 6.40 अंश से 20.00 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'सर्कल या 100 चिकित्सक, सितारे या फूल' है और नक्षत्र देवता वरुण हैं, जो महासागरों के देवता हैं। शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है।
यह वर्ष आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है। शनि 15 मार्च, 2023 से 15 अक्टूबर, 2023 तक आपके नक्षत्र में गोचर करेंगे और फिर 24 नवंबर, 2023 को दोबारा आपके नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
यदि आप काफी समय से खुद को नजरअंदाज कर रहे थे तो इस अवधि में आपको खुद पर ध्यान देने की जरूरत है। फुल बॉडी चेकअप करवाएं। करियर की दृष्टिकोण से इस वर्ष आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन आशंका है कि परिणाम मेहनत के मुताबिक नहीं मिलेंगे। अगर आप अपने कार्यस्थल पर कुछ बदलाव करने का विचार बना रहे हैं तो इस वर्ष के लिए अपनी योजना को टाल दें।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
नक्षत्र मंडल में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का विस्तार कुंभ और मीन राशि में 20.00 अंश (कुंभ) से 3.20 अंश (मीन) तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'दो चेहरे वाला आदमी या अंतिम संस्कार के खाट (अर्थी) के सामने दो पैर' है और नक्षत्र स्वामी अजएकपाद हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति ग्रह है।
वर्ष 2023 पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के जातकों को मिले-जुले परिणाम देगा। आर्थिक दृष्टिकोण से यह समय अच्छा है। यदि आप पैतृक संपत्ति विवाद या किसी अन्य मामले से जूझ रहे हैं तो यह मामला आपके पक्ष में हल होगा और यह आपके लिए लाभदायक होगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन की बात करें तो नवविवाहित जातक इस साल पारिवारिक जीवन में तनाव महसूस कर सकते हैं। विशेष रूप से अक्टूबर माह के बाद कुछ गलतफहमी पैदा होने की आशंका है। ऐसे में आपको संयम बरतने की जरूरत होगी। सलाह दी जाती है कि हर फैसला समझदारी के साथ लें।
स्वास्थ्य को लेकर आपको सलाह दी जाती है कि समय-समय पर रूटीन चेकअप कराएं। यदि आपने अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज किया तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का विस्तार मीन राशि में 3.20 अंश से 16.40 अंश तक रहता है। इसका चिह्न प्रतीक 'अंतिम संस्कार खाट के पिछले पैर या दो चेहरे वाला आदमी' है और नक्षत्र देवता अहिरबुधन्य हैं, जो कि गहरे पानी में रहने वाले नाग हैं। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है।
यह साल आपके लिए पिछले साल यानी 2022 की तरह की शानदार रहने वाला है। इस साल बृहस्पति 24 फरवरी, 2023 तक आपके नक्षत्र में स्थित रहेंगे। जिसके चलते करियर के क्षेत्र में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे और कार्यस्थल में आपको प्रमोशन मिलने की संभावना भी नजर आ रही है।
छात्रों के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा, लेकिन परिणाम आपकी मेहनत पर निर्भर करेंगे। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। लेकिन स्वास्थ्य के प्रति आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होगी। बहुत ज्यादा ऑयली फूड खाकर अगर आपका वजन बढ़ गया है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
रेवती नक्षत्र
रेवती नक्षत्र का विस्तार मीन राशि में 16.40 अंश से 30 अंश तक रहता है। इसका प्रतीक चिह्न 'ढोल' है और नक्षत्र देवता पूषन है, जो मिलन के देवता हैं। रेवती नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है।
बृहस्पति ग्रह ने 2022 में रेवती नक्षत्र में गोचर नहीं किया। वह अपनी ही राशि मीन में गोचर करता रहा, जिस वजह से 2022 में रेवती नक्षत्र के जातकों को ज्यादा अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं हुए थे, लेकिन वर्ष 2023 की बात करें तो बृहस्पति 24 फरवरी 2023 को रेवती नक्षत्र में गोचर करेंगे, जो जातकों के लिए लाभदायक साबित होगा। वर्ष 2023 उनकी उम्मीद पर खरा उतरेगा। इस वर्ष आपको पिछले वर्ष का भी फल प्राप्त होगा। इसके अलावा धार्मिक कार्यों की ओर आपकी रुचि बढ़ेगी।
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