बुध का मिथुन राशि में उदय
बुध का मिथुन राशि में उदय: बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध ग्रह 18 मई 2025 को अस्त हो गए थे और बुध ग्रह अब 11 जून 2025 की सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर उदित होने जा रहे हैं। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि बुध ग्रह जब अस्त हुए थे तब यह मेष राशि में थे और अस्त रहते रहते ही इन्होंने मिथुन राशि तक की यात्रा तय कर ली है। अब यह 11 जून 2025 को मिथुन राशि में उदित हो रहे हैं। मिथुन राशि बुध ग्रह की स्वयं की राशि है। जैसा कि ज्योतिष प्रेमी जानते हैं कि बुध ग्रह सूर्य के निकट रहने वाले ग्रहों में से एक हैं।
विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानेंबुध का मिथुन राशि में उदयका अपने जीवन पर प्रभाव
सूर्य के निकट होने के कारण बुध ग्रह अक्सर अस्त हो जाते हैं। इसलिए विद्वानों ने बुध ग्रह के अस्त होने का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं माना है लेकिन फिर भी बुध ग्रह जिन-जिन चीजों के कारक होते हैं उन पर बुध ग्रह के उदित और अस्त होने का प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, प्राथमिक शिक्षा, संचार और व्यापार आदि का मुख्य कारक ग्रह माना जाता है; ऐसे में बुध ग्रह के उदित होने से इन क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
साथ ही साथ जिन लोगों के लिए बुध ग्रह अनुकूलता देने वाले ग्रह होते हैं उनके लिए बुध उदित एक सकारात्मक घटना होगी। साथ ही साथ ऐसा भी हो सकता है कि जिनकी कुंडली के लिए बुध नकारात्मक ग्रह होते हैं या विरुद्ध परिणाम देने वाले ग्रह होते हैं, हो सकता है कि बुध के उदय होने से उन लोगों को कुछ नकारात्मक परिणाम भी मिलें या उनके जीवन में अड़चनों का ग्राफ बढ़ भी सकता है। आपकी लग्न या आपकी राशि के लिए बुध ग्रह का उदय होना कैसे परिणाम देगा, आइए जानते हैं लेकिन उसके पहले या स्पष्ट कर देना जरूरी है कि यदि इस राशिफल को यदि आप लग्न के अनुसार देखेंगे तो परिणाम ज्यादा सटीक रहेंगे।
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बुध का मिथुन राशि में उदय: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और बुध का मिथुन राशि में उदय आपके तीसरे भाव में होगा। वैसे तो तीसरे भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन तीसरे भाव के स्वामी का तीसरे भाव में उदित होना अच्छा है। भले ही सामान्य तौर पर भाई बंधुओं के साथ विवाद करवाने का काम तीसरे भाव में बुध का गोचर करता होगा लेकिन आपके मामले में ऐसा नहीं होगा। बल्कि भाई बंधुओं के साथ यदि किसी बात को लेकर कोई गलतफहमी रही है तो वह अब दूर हो सकती है लेकिन आर्थिक मामले में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी। नए मित्र भी बन सकते हैं। यदि मन में किसी कारण कोई भय उत्पन्न हुआ था अर्थात् किसी बात को लेकर कोई डर मन में आया था तो बुध उदित होने से अब वह दूर हो सकता है।
उपाय: चिड़ियों को दान दें।
वृषभ राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में ही उदित हो रहे हैं, जो सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे। अर्थात अनुकूलता का ग्राफ बढ़ने वाला है। बुध के इस गोचर के चलते आप वस्त्र या आभूषण खरीद सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए बुध का यह गोचर विद्या अध्ययन में लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आपकी वाक्पटुता और निखर सकती है। रुचिकर भोजन करने का अवसर मिलता रहेगा। परिजनों के साथ सामंजस्य और मधुर हो सकते हैं। धन बढ़ाने के लिए आप कोई न कोई युक्ति ढूंढ निकालेंगे। अन्य संबंधों के साथ-साथ रिश्तेदारों के साथ आपके संबंध और प्रगाढ़ हो सकते हैं। बृहस्पति के साथ युति करने के कारण कुछ अप्रत्याशित धन लाभ भी बुध का यह गोचर करवा सकता है।
उपाय: मांस, मदिरा, अंडे व अश्लीलता से बचना तथा शुद्ध और सात्विक रहना उपाय की तरह काम करेगा।
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मिथुन राशि
बुध ग्रह आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ चौथे भाव के भी स्वामी होते हैं और बुध का मिथुन राशि में उदय आपके पहले भाव में होगा। सामान्य तौर पर प्रथम भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि ऐसा गोचर अप्रिय वाणी बुलवाने का काम कर सकता है। एक दूसरे की निंदा का काम भी करवा सकता है। आर्थिक मामलों में भी इस गोचर को अच्छा नहीं माना जाता। संबंधों के लिए भी यह गोचर अच्छा नहीं माना गया है लेकिन आपकी लग्न या राशि के स्वामी उदित हो रहे हैं जो आपको मजबूती देंगे। साथ ही साथ बृहस्पति के साथ युति होने के कारण संबंधित नकारात्मक परिणामों में कमी देखने को मिलेगी या नकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे बल्कि आप सूझबूझ के साथ अपनी बात रखेंगे और लोगों से आदर तथा सम्मान प्राप्त करेंगे। स्वास्थ्य में यदि किसी कारण से कोई दिक्कत चल रही थी तो अब वह दूर हो जानी चाहिए।
उपाय: किसी गरीब कन्या को पढ़ाई लिखाई की सामग्री भेंट करना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और यह आपके द्वादश भाव में गोचर करते हुए ही उदित हो रहे हैं। क्योंकि द्वादश भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता, ऐसे में बुध का उदित होना आपके लिए सकारात्मक नहीं माना जाएगा। हालांकि आपके कॉन्फिडेंस को बेहतर करने का काम बुध ग्रह का यह गोचर कर सकता है लेकिन कई बार ओवर कॉन्फिडेंट भी बना सकता है। ऐसे में कॉन्फिडेंस को संतुलित रखना अब भी जरूरी रहेगा लेकिन अन्य मामलों में बुध से मिलने वाले परिणामों को लेकर सजकता के ग्राफ को बढ़ाने की आवश्यकता भी रह सकती है। जैसे कि खर्च तुलनात्मक रूप से बढ़ सकते हैं। व्यर्थ की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। शरीर में भी कुछ परेशानी या पीड़ा रह सकती है। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में कम लग सकता है। अर्थात बुध ग्रह के उदित होने से आपको कोई विशेष सकारात्मक परिणाम शायद न मिल पाएं।
उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली के लाभ और धन भाव का स्वामी होता है और बुध का मिथुन राशि में उदय आपके लाभ भाव में होगा। स्वाभाविक है कि यह आपके लिए बहुत अनुकूल स्थिति कही जाएगी। बुध अपने लेवल पर आपके व्यापार व्यवसाय में वृद्धि करवाने का काम करेंगे। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपकी मेहनत के अच्छे परिणाम मिलेंगे। कुल मिलाकर आमदनी में वृद्धि होने के अच्छे योग बनेंगे। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। भाइयों और मित्रों से अच्छा सहयोग मिल सकेगा। कामों में अच्छी सफलता, संतान सुख जैसे मामलों में तो अच्छे परिणाम मिलेंगे ही लेकिन उन लोगों को विशेष अच्छे परिणाम मिल सकते हैं जिन लोगों का काम हरे पदार्थों से संबंधित है। बुध का यह गोचर न केवल आमदनी की दृष्टिकोण से अच्छा है बल्कि बचत करवाने में भी अच्छी मदद कर सकता है। आर्थिक मामलों के अलावा पारिवारिक मामलों में भी आपको अच्छे परिणाम मिलने की संभावना है बन रही है।
उपाय: गाय को हर पालक खिलाना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
बुध आपकी लग्न या राशि के स्वामी ग्रह होने के साथ-साथ आपके दशम भाव अर्थात कर्म स्थान के भी स्वामी ग्रह होते हैं और बुध का मिथुन राशि में उदय आपके कर्म स्थान पर ही होगा। सामान्य तौर पर यह अनुकूल स्थिति कही जाएगी। बुध का यह गोचर आपके स्वास्थ्य में अनुकूलता देने का काम करेगा। साथ ही साथ सामाजिक छवि को भी मजबूत करने का काम करेगा। कार्य व्यापार में अच्छी उन्नति देने का काम भी कर सकता है। विशेषकर यदि आप व्यापार या व्यवसाय से जुड़े हुए व्यक्ति हैं तो आपको काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। नौकरीपेशा लोग अपने वरिष्ठों और मालिकों के चाहते बन सकते हैं, उनके नजरिए में आपका कद और आपकी योग्यता बढ़ सकती है। प्रतिस्पर्धात्मक कार्यों में आपको विजय मिल सकती है। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में आप अच्छा कर सकते हैं। कुल मिलाकर बुध के उदय होने का आपको अच्छा लाभ मिल सकता है।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।
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तुला राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव का के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं। अर्थात एक अच्छे भाव के स्वामी हैं तो वहीं एक कमजोर भाव के स्वामी भी हैं। हालांकि उसे कमजोर सिर्फ खर्च के मामले में या स्वास्थ्य के मामले में ही कहा जा सकता है। विदेश आदि से संबंधित मामलों में द्वादश भाव भी अच्छा भाव माना जाता है। तो ऐसी स्थिति में भाग्य स्थान पर बुध ग्रह के उदित हो जाने से विदेश आदि से संबंधित मामलों में अनुकूलता भी देखने को मिल सकती है। भागदौड़ के बाद कमाई भी हो सकती है। विशेषकर कार्य व्यापार को लेकर की गई यात्राएं अच्छे परिणाम दे सकती हैं। हालांकि सामान्य तौर पर गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार भाग्य भाव में बुध के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन अपनी राशि में होने के कारण भाग्य तुलनात्मक रूप से बेहतर सपोर्ट कर सकता है। कुल मिलाकर बुध का मिथुन राशि में उदय आपके लिए औसत लेवल के परिणाम देने का काम कर सकता है।
उपाय: किन्नरों को हरी चूड़ियां और हरे कपड़े भेंट करना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके आठवें भाव में गोचर करते हुए उदित हो रहे हैं। आठवें भाव में बुध का मिथुन राशि में उदय सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। विशेषकर अप्रत्याशित रूप से फायदे करवाने वाला कहा गया है। ऐसे में बुध का यह गोचर आकस्मिक धन प्राप्त भी करवा सकता है। रुके हुए काम बन सकते हैं अर्थात आपको सफलता मिल सकती है। प्रतिस्पर्धात्मक कामों में युक्तिपूर्वक काम करने की स्थिति में या युक्तिपूर्वक प्रयास करने की स्थिति में आपको विजय मिल सकती है। सामाजिक मान सम्मान भी बढ़ सकता है। आमदनी के स्रोतों में इजाफा भी हो सकता है अर्थात बुध ग्रह के उदय होने का आपको लाभ मिल सकता है।
उपाय: नियमित रूप से गणेश जी की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।
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धनु राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी ग्रह होते हैं। साथ ही साथ यह आपके कर्म स्थान के भी स्वामी ग्रह होते हैं और यह आपके सप्तम भाव में गोचर करते हुए उदित हो रहे हैं। क्योंकि सप्तम भाव आपकी कुंडली में बाधा देने वाला भाव माना गया है। ऐसे में बाधक भाव के स्वामी का मजबूत होना बाधाओं को बढ़ाने का काम कर सकता है। यानी कि बुध का मिथुन राशि में उदय आपको उतने सकारात्मक परिणाम न मिल सकें जितना अस्त होने से मिल रहे थे। हालांकि आपके लग्न या राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति के साथ युति करने के कारण बुध ग्रह नकारात्मक परिणाम देने में असमर्थ रहेंगे अर्थात यहां पर बुध ग्रह बृहस्पति की तरह काम करने लगेंगे और किसी न किसी तरह से आपको सकारात्मक परिणाम मिल जाएंगे। अर्थात बुध के उदय होने का प्रत्यक्ष लाभ आपको नहीं मिलेगा लेकिन बृहस्पति के संगति में होने के कारण बुध को आपके फ़ेवर के परिणाम देने पड़ेंगे। ऐसे में व्यापार व्यवसाय में आप अच्छा कर सकते हैं लेकिन इन मामलों में लापरवाही नहीं बरतनी है। इसी तरह सामाजिक मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने और उचित आचरण अपनाने की स्थिति में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: कन्याओं का पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
मकर राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी ग्रह होते हैं और बुध का मिथुन राशि में उदय आपके छठे भाव में होगा। सामान्य तौर पर छठे भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में बुध के उदित होने से अच्छाइयों का ग्राफ बढ़ सकता है। आप अब तुलनात्मक रूप से अधिक मेहनत करने में समर्थ होंगे। फलस्वरूप कामों में बेहतर सफलता मिलेगी और बेहतर परिणाम भी आपको मिल सकेंगे। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। प्रतिस्पर्धात्मक कामों में आप और अच्छा कर सकेंगे। मान सम्मान में वृद्धि होने की भी संभावनाएं बनेंगी। जिन लोगों का काम कला या साहित्य से सम्बंधित है विशेष कर पढ़ने लिखने से जुड़ा हुआ है उन्हें और अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: भगवान गणेश को फूलों की माला पहनना या चढ़ाना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी ग्रह माने गए हैं अर्थात एक अच्छे और एक खराब भाव के स्वामी ग्रह होते हैं। साथ ही साथ बुध का मिथुन राशि में उदय आपके पांचवें भाव में होगा। ऐसे में बुध ग्रह से आप औसत लेवल के परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं। वैसे सामान्य तौर पर पंचम भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है बल्कि ऐसे गोचर को मानसिक अशांति देने वाला कहा गया है। संतान से संबंधित मामलों में कुछ परेशानियां देने वाला कहा गया है।
साथ ही साथ योजनाओं में असफलता देने वाला और आर्थिक चिंता देने वाला कहा गया है लेकिन संभवत: लाभ और धन भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ युति करने के कारण यह आपको कोई आर्थिक समस्या नहीं देगा। वहीं पंचम भाव में बृहस्पति की गोचर को अच्छा माना गया है और बुध को संगति के अनुसार परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः न चाहते हुए भी बुध ग्रह आपके अनुकूल परिणाम देंगे। इस तरह से हम कह सकते हैं कि बुध ग्रह के उदय होने से कोई सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि बृहस्पति के संगति में होने के कारण आप सूझबूझ के साथ काम करते हुए अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: गाय की सेवा करना शुभ रहेगा।
मीन राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और बुध का मिथुन राशि में उदय आपके चौथे भाव में होगा। सामान्य तौर पर चौथे भाव में बुध ग्रह के गोचर को अच्छा माना जाता है। ऊपर से अपनी राशि में उदय होने के कारण सकारात्मकता का ग्राफ और बढ़ सकता है। अर्थात तुलनात्मक रूप से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। विशेषकर माता से संबंधित मामलों में विशेष अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। जमीन जायदाद और वाहन आदि से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी। घरेलू सुख सुविधाओं के बढ़ने के योग बनेंगे। बड़े लोगों से मित्रता या आत्मीयता बढ़ सकती है।
उपाय: अस्थमा रोगियों को दवा खरीदने में सहयोग करना शुभ रहेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में बुध का मिथुन राशि में उदय कब होगा?
बुध का मिथुन राशि में उदय 11 जून 2025 को होने जा रहे हैं।
2. बुध किसके कारक हैं?
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, तर्क, संचार, व्यापार, त्वचा और गणित का कारक माना जाता है।
3. मिथुन राशि का स्वामी कौन है?
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं।
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