लाल किताब के अनुसार सूर्य का पांचवें भाव में फल
Prediction for Sun in Fifth house in Hindi according to Lal Kitab
यदि सूर्य शुभ है तो निश्चित ही परिवार तथा बच्चों की प्रगति और समृद्धि होगी। यदि मंगल पहले अथवा आठवें भाव में हो तथा राहू या केतू और शनि नौवें और बारहवें भाव में हो तो जातक राजसी जीवन जीता है। यदि पांचवें भाव में कोई सूर्य का शत्रु ग्रह स्थित है तो जातक को सरकार जनित परेशानियों का सामना करना पडेगा। यदि बृहस्पति नौवें या बारहवें भाव में स्थित है तो जातक के शत्रुओं का विनाश होगा लेकिन यह स्थिति जातक के बच्चों के लिए ठीक नहीं है। यदि पांचवें भाव का सूर्य अशुभ है और बृहस्पति दसवें भाव में है तो जातक की पत्नी जीवित नहीं रहती और चाहे जितने विवाह करें पत्नियां मरती जाएंगी। यदि पांचवें भाव में अशुभ सूर्य हो और शनि तीसरे भाव में हो तो जातक के पुत्र जीवित नहीं रहते।
उपाय:
(1) संतान पैदा करने में देरी नहीं करनी चाहिए।
(2) अपनी रसोई घर के पूर्वी भाग में बनाएँ।
(3) लगातार 43 दिनों तक सरसों के तेल की कुछ बूंदे जमीन पर गिराएं।
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