लाल किताब के अनुसार सूर्य का सातवें भाव में फल
Prediction for Sun in Seventh house in Hindi according to Lal Kitab
सातवें भाव में स्थित सूर्य यदि शुभ है और यदि बृहस्पति, मंगल अथवा चंद्रमा दूसरे भाव में है तो जातक सरकार में मंत्री जैसा पद प्राप्त करता है। बुध उच्च का हो या पांचवें भाव में हो अथवा सातवां भाव मंगल से देखा जा रहा हो तो जातक के पास आमदनी का अंतहीन श्रोत होता है। यदि सातवें भाव में स्थित सूर्य हानिकारक हो और बृहस्पति, शुक्र या कोई और अशुभ ग्रह ग्यारहवें भाव में स्थित हो तो तथा बुध किसी भी भाव में नीच का हो तो जातक की मौत किसी मुठभेड में परिवार के कई सदस्यों के साथ होती है। जातक को सरकार की ओर से परेशानियां तथा तपेदित और अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं। आगजनी, सांवलापन और अन्य पारिवारिक कष्ट से आई झुंझलाहट जातक को वैरागी बनने या आत्महत्या करने को मजबूर कर सकती है। सातवें भाव हानिकारक सूर्य हो और मंगल या शनि दूसरे या बारहवें भाव में स्थित हों तथा चंद्रमा पहले भाव में हो तो जातक को कुष्ट या ल्यूकोडर्मा जैसे चर्मरोग हो सकते हैं।
उपाय:
(1) नमक सेवन की मात्रा को कम करें।
(2) किसी भी काम को शुरू करने से पहले मीठा खाएं और उसके बाद पानी जरूर पियें।
(3) खाना खाने से पहले रोटी का एक टुकड़ा रसोई घर की आग में डालें।
(4) काली अथवा बिना सींग वाली गाय को पालें और उसकी सेवा करें लेकिन ध्यान रहे गाय सफेद नहीं होनी चाहिए।
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