इस्लामिक त्योहार 2025
एस्ट्रोसेज के इस लेखइस्लामिक त्योहार 2025 में हम आपको वर्ष 2025 में मनाये जाने वाले इस्लाम धर्म के प्रमुख व्रत व त्योहारों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।इस्लामिक त्योहारमें इस्लाम धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले प्रत्येक त्योहार, व्रत और पर्व की तिथियों के बारे में बताया गया है। साथ ही, इसमें न सिर्फ आपको इस्लाम धर्म के पर्वों की जानकारी मिलेगी बल्कि साल 2025 में पड़ने वाले इस्लामिक अवकाशों की भी संपूर्ण सूची मिल जाएगी।इस्लामिक त्योहार 2025 में दी गईसूची की सहायता से इस धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को अपने त्योहारों की अच्छे से तैयारी करने का अवसर भी प्राप्त होगा।
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इस्लामिक त्योहार 2025 की महत्वपूर्ण तिथियों के बारे में जानने से पहले, आपको यह बता दें कि विश्व की कुल आबादी के 25.6 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म इस्लाम धर्म है। इस धर्म के आस्था के कई अलग-अलग रूप मौजूद हैं, जिनमें दो प्रमुख शाखाएं- सुन्नी वाद और शिया वाद शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय की 90 प्रतिशत आबादी सुन्नी है और शिया सिर्फ 10-15 प्रतिशत हैं। इस्लामिक कैलेंडर की उत्पति का श्रेय इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफ़ा हज़रत उमर बिन खत्ताब को जाता है। 638 ई में, इन्हें पैगंबर मुहम्मद के सबसे करीबियों में से एक माना जाता था इसलिए इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के जीवन में इस्लामिक त्योहार 2025 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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हिजरी कैलेंडर 2025 (1446-1447) इस्लामिक छुट्टियों की सूची
इस्लामिक त्योहार 2025 के बारे में जानने के लिए इस्लामिक कैलेंडर 2025 का हमारा यह खास लेख अंत तक पढ़ें। यह हज यात्रा माह और पवित्र मुस्लिम अवकाश रमजान सहित अन्य महत्वपूर्ण अवसरों की जानकारी प्रदान करेगा। चलिए 2025 के इस्लामिक कैलेंडर में पड़ने वाले महत्वपूर्ण दिनों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
| त्योहार | हिजरी तारीख | दिन | ग्रेगोरियन तिथि |
| पवित्र महीने की शुरुआत (रजब) | 1 रज्जब 1446 हिजरी | बुधवार | 1 जनवरी 2025 |
| इसरा मिराज | 27 रज्जब 1446 हिजरी | सोमवार | 27 जनवरी 2025 |
| शाबान की शुरुआत | 1 शाबान 1446 हिजरी | शुक्रवार | 31 जनवरी 2025 |
| आधा शाबान | 15 शाबान 1446 हिजरी | शुक्रवार | 14 फरवरी 2025 |
| रमज़ान और रोज़े का महीना शुरू | 1 रमजान 1446 हिजरी | शनिवार | 1 मार्च 2025 |
| नुज़ूल-उल-कुरान | 17 रमज़ान 1446 हिजरी | सोमवार | 17 मार्च 2025 |
| ललयात-उल-कद्र | 27 रमज़ान 1446 हिजरी | गुरुवार | 27 मार्च 2025 |
| शव्वाल की शुरुआत | 1 शव्वाल 1446 हिजरी | सोमवार | 31 मार्च 2025 |
| ईद-उल-फ़ितर | 1 शव्वाल 1446 एएच | सोमवार | 31 मार्च 2025 |
| ज़िल-क़ादा की शुरुआत | 1 धुल-क़ादा 1446 हिजरी | मंगलवार | 29 अप्रैल 2025 |
| ज़िलहिज्जा की शुरुआत | 1 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | बुधवार | 28 मई 2025 |
| अराफात में वक्फ (हज) | 9 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | गुरुवार | 5 जून 2025 |
| ईद-उल-अज़हा | 10 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | शुक्रवार | 6 जून 2025 |
| तश्रीक़ के दिन | 11, 12, 13 ज़िलहिज्जा 1446 हिजरी | शनिवार | 7 जून 2025 |
| मुहर्रम (इस्लामिक नव वर्ष) की शुरुआत | 1 मुहर्रम 1447 हिजरी | गुरुवार | 26 जून 2025 |
| आशूरा व्रत | 10 मुहर्रम 1447 हिजरी | शनिवार | 5 जुलाई 2025 |
| सफर की शुरुआत | 1 सफ़र 1447 हिजरी | शनिवार | 26 जुलाई 2025 |
| रबी-उल-अव्वल की शुरुआत | 1 रबी-उल-अव्वल 1447 हिजरी | सोमवार | 25 अगस्त 2025 |
| पैगंबर (मावलिद) का जन्मदिन | 12 रबी-उल-अव्वल 1447 हिजरी | शुक्रवार | 15 सितंबर 2025 |
| रबी-उल-थानी की शुरुआत | 1 रबी-उल-थानी 1447 हिजरी | मंगलवार | 23 सितंबर 2025 |
| जमादा-उल-उला की शुरुआत | 1 जमादा-उल-उला | गुरुवार | 23 अक्टूबर 2025 |
| जमादा-उल-अखिरा की शुरुआत |
1 जुमादा-अल-अखिरा 1447 हिजरी |
शनिवार | 22 नवंबर 2025 |
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इस्लामिक कैलेंडर का महत्व
हिजरी कैलेंडर जिसे अंग्रेजी में मुस्लिम कैलेंडर कहा जाता है यह एक चंद्र कैलेंडर होता है जिसमें 354 या 355 दिनों का 1 वर्ष होता है जिसमें 12 महीने होते हैं। इस्लामिक त्योहार 2025 का उपयोग इस्लामिक त्योहारों और महत्वपूर्ण दिनों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। लगभग सभी देश जहां प्रमुख धर्म इस्लाम है वहां के नागरिक ग्रेगोरियन कैलेंडर को मानते हैं। लेवेंट और मेसोपोटामिया (इराक, सीरिया, जॉर्डन, लेबनान और फिलिस्तीन) में सिरिएक महीने-नामों के साथ, लेकिन धार्मिक कैलेंडर हिजरी है। यह कैलेंडर हिजरी युग की गणना करता है, जिसका युग 622 सीई में इस्लामी नव वर्ष के रूप में स्थापित किया गया था।उस वर्ष के दौरान, मुहम्मद और उनके अनुयायी मक्का से मदीना चले गए और पहले मुस्लिम समुदाय (उम्मा) की स्थापना की, जिसे हिजरा के रूप में मनाया जाता है।
| महीनों के अरबी नाम | अर्थ/महत्व |
| मुहर्रम | इस्लामी नव वर्ष |
| सफ़र (सफ़र-उल-मुजफ्फर) | कुरैश जनजाति मक्का में मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार कर रही थी, इसलिए वे सुरक्षा और स्वतंत्रता की तलाश में मदीना चले गए। |
| रबीउल अव्वल | पवित्र पैगंबर के जन्म का महीना, मदीना की उनकी तीर्थयात्रा (हिजरा के नाम से जाना जाता है) और उनका निधन। |
| रबी-अल-थानी | साल का चौथा महीना, जिसे वसंत का दूसरा महीना भी कहा जाता है। |
| जुमादा-अल-उला | शव्वाल का महीना वह महीना था जब पैगंबर मुहम्मद (अलैहि अस-सलाम) ने सैय्यदा खदीजा (अल्लाह उनसे प्रसन्न हो सकते हैं) से शादी की थी। |
| जुमादा-अल-अखिराह | यह वर्षा ऋतु शुरू होने से पहले के आखिरी महीने को दर्शाता है। |
| रज्जब | इस महीने में, पैगंबर मुहम्मद (उन पर शांति हो) ने इसरा-मिराज की विशेष यात्रा की। |
| शबान | इस्लाम धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए शबे बारात एक विशेष रात मानी जाती है जो इस महीने की 15 तारीख को आती है इसको बहुत से लोग माफी की रात के नाम से भी जानते हैं लोग इस दिन प्रार्थना करते हैं और अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हैं क्योंकि ऐसी धारणा है कि जब इस रात में वह क्षमा मांगते हैं तो अल्लाह उनके सभी पापों को माफ कर देते हैं या आत्मिक शुद्ध और आत्म चिंतन करने और अपने भीतर झांकने का सबसे अनुकूल समय माना गया है |
| रमजान | इस्लाम धर्म के लोगों के लिए रमजान का महीना सबसे पाक महीना में से एक माना जाता है क्योंकि यह पवित्र कुरान के पहले रहस्योद्घाटन के अवसर को दर्शाता है इस दौरान मुसलमान अल्लाह के प्रति अपनी भक्ति दिखाने के लिए 30 दिनों तक कठिन रोज़े करते हैं |
| शव्वाल | ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर में एक विशेष महीने के पहले दिन होता है। |
| धुल-क़ादा | इस्लाम धर्म के लोगों के लिए ज़िल क़द्दाह विशेष महीना में से एक माना जाता है ज़िल क़द्दाह इस्लामिक कैलेंडर के चार पवित्र महीना में से एक माना गया है इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए यह महीना महत्वपूर्ण होता है और इस महीने के दौरान कुछ विशेष काम और व्यवहार अपने जाते हैं |
| धुल-हिजजाह | हज महीने के दौरान लोग विशेष तीर्थयात्रा पर जाते हैं। उस महीने के 10वें दिन, ईद-उल-अधा या बकरा-ईद नामक उत्सव मनाया जाता है। |
नोट: इस्लाम धर्म के चार पवित्र महीने रजब, ज़ुल-क़ादा, ज़ुल-हिज्जा और मुहर्रम माने गए हैं मुसलमान इन महीनों को पवित्र और बेहद ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
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इस्लामिक कैलेंडर 2025: सप्ताह के दिन
इस्लामिक त्योहार 2025 में दिन की शुरुआत सूर्यास्त के साथ होती है। शुक्रवार के दिन मुस्लिम लोग मस्जिद में एकत्रित होकर नमाज़ अदा करते हैं जिसे "जुमा की नमाज़' कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर 2023 के अनुसार, चाँद निकलने के साथ नए दिन की शुरूआत हो जाती है। इसलिए सऊदी अरब और मिस्र जैसे ज्यादातर मुस्लिम देशों में शुक्रवार, शनिवार या गुरुवार और शुक्रवार को सप्ताह का अंत मानते हुए व्रत किया जाता है। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं महत्वपूर्ण इस्लामिक तिथियों और उनसे जुड़ी जानकारियों के बारे में।
| क्रमांक | सप्ताह का नाम | अर्थ | सौर दिवस का आरंभ रात 12:00 से हो रहा है |
| 1 | अल-अहद | एक | रविवार |
| 2 | अल-इथनैन | द्वितीय | सोमवार |
| 3 | अथ-तुलथʾ | तीसरा | मंगलवार |
| 4 | अल-अरबिशानी | चौथा | बुधवार |
| 5 | अल-खामसी | पांचवां | गुरुवार |
| 6 | अल-जुमाह | छठा | शुक्रवार |
| 7 | अस-सब्त | सातवां | शनिवार |
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इस्लाम धर्म में जल का महत्व
इस्लाम धर्म में जल का विशेष महत्व बताया गया है। दरअसल इस्लाम में जल को जीवन माना गया है। मुस्लिम हदीस के अनुसार, पैगंबर (सल्ल.) ने फरमाया, जितनी जरूरत हो, पानी उतना ही खर्च किया जाए। कुरान में पानी को न सिर्फ पाक करार दिया गया है बल्कि इसे अल्लाह की तरफ से मनुष्य के लिये एक नेअमत बताया गया है। इसमें लिखा है कि ‘‘हमने आकाश से पाक पानी उतारा।’’ (सूरह फरकान, 25ः48) पवित्र कुरान कहता है, प्रत्येक जीवन पानी से बना है। इसी तरह सूरह अंबिया में बताया गया है कि अल्लाह ने हर जानदार चीज पानी से बनाई।
इस्लाम में पानी की बर्बादी की सख्त मनाही तो है ही, साथ ही गलत तरीके से इसके इस्तेमाल के लिए गुनाह करार दिया गया है। मनुष्य, जंतु, पक्षी और पेड़- पौधों के लिए पीने योग्य पानी के संरक्षण को इबादत का ही एक रूप कहा गया है और मान्यता है कि इससे अल्लाह खुश होते हैं। यही नहीं फैक्ट्री के प्रदूषित पानी को जल स्रोत में छोड़ना भी एक तरह से इस्लाम की नजर में गुनाह बताया गया है क्योंकि इससे जल प्रदूषित होता है और जलचरों के जीवन को नुकसान पहुंचता है। दरअसर कुरान शरीफ में हवा को अल्लाह की संपत्ति बताया गया है इसलिए, इसे प्रदूषित करना सबसे बड़ा गुनाह माना गया है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: इस्लामिक कैलेंडर कैसे तैयार किये जाता है?
उत्तर: इस्लामिक कैलेंडर चंद्र की स्थिति पर आधारित होते हैं।
प्रश्न 2: एक इस्लामिक वर्ष में कितने महीने आते हैं?
उत्तर: अन्य धर्मों के समान ही इस्लाम धर्म के एक वर्ष में भी 12 महीने आते हैं।
प्रश्न 3: 2025 में रमजान का पावन महीना कब से शुरू है?
उत्तर: इस साल रमजान 01 मार्च 2025 से शुरू होने वाला है।
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