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बुध का मकर राशि में गोचर (7 फरवरी 2023)

बुध का मकर राशि में गोचर (7 फरवरी 2023) होने वाला है। बुध ग्रह देव गुरु बृहस्पति के आधिपत्य वाली धनु राशि से निकलकर प्रातः काल 7:11 बजे श्री शनिदेव के आधिपत्य वाली मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यह यहां पर 27 फरवरी 2023 की शाम 4:33 बजे तक रहेंगे और उसके बाद शनि के ही आधिपत्य वाली कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से ही शनिदेव विराजमान होंगे। हम आपको इस गोचर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं कि आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव होगा। बुध एक महत्वपूर्ण ग्रह है। यह पल भर में कोई भी रंग दिखा सकता है। कुंडली आधारित बात करें तो वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को युवराज का दर्जा प्राप्त है। यह कुंडली के जिस भाव में और जिस ग्रह के प्रभाव में होते हैं, उसी के अनुसार अपना प्रभाव देते हैं। जिस प्रकार एक छोटा बालक अच्छे लोगों की संगति में अच्छे कर्म सीखता है और बुरे लोगों की संगति में बुरे कर्म सीखता है। ठीक उसी प्रकार बुध ग्रह भी शुभ ग्रहों के साथ शुभ और अशुभ ग्रहों के अशुभ प्रभाव देते हैं। शनि ग्रह और बुध ग्रह समता में हैं इसलिए यह कहा जा सकता है कि मकर राशि में बुध का गोचर अच्छे परिणाम देने वाला साबित हो सकता है।

बुध का मकर राशि में गोचर

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शनि के आधिपत्य वाली पृथ्वी तत्व की मकर राशि में बुध ग्रह का गोचर होने वाला है। बुध का मकर राशि में गोचर विभिन्न रूपों में जगत के विभिन्न प्राणियों को अलग प्रकार के परिणाम देगा। बुध को वाणी का कारक कहा जाता है। यह हमें सांख्यिकीय योग्यता देता है। यही बुध हमारी बुद्धि का कारक ग्रह है और हमें तार्किक क्षमता प्रदान करता है। किसी चीज का विश्लेषण हम कितनी अच्छी तरह से कर पाते हैं यह सब बुध पर आधारित होता है। बुध ग्रह यदि खराब अवस्था में हों तो व्यक्ति अपनी वाणी से ही किसी को भी दुश्मन बना सकता है और भाले के समान अस्त्र चुभा सकता है। वहीं बुध यदि अच्छी स्थिति में हों तो व्यक्ति अपने मिठास भरे शब्दों से दूसरों को अपना बना सकता है। यही बुध ग्रह की विशेष पहचान है।

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बुध को वात, पित्त और कफ त्रिदोष का कारक माना जाता है। यह दो राशियों पर आधिपत्य रखता है जिनमें पहली है मिथुन राशि और दूसरी है कन्या राशि। यह कन्या राशि में उच्च के माने जाते हैं और यही इनकी मूल त्रिकोण राशि भी है। जबकि मीन राशि में बुध को नीच का माना जाता है। अकेला यही ऐसा ग्रह है जो अपनी राशि में कुछ अंशों पर उच्च का माना जाता है। हमारे जीवन में भी बुध ग्रह का बहुत महत्व है जिसे हमें समय-समय पर पहचानने का मौका मिलता है।

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मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे जो कि आपकी आजीविका और आप के मान-सम्मान का भाव है।

आपके लिए बुध का मकर राशि में गोचर अनुकूल सिद्ध होगा। बुध ग्रह की कृपा से आप अपने साहस और पराक्रम के बल पर अपने कार्यक्षेत्र में अच्छी उपलब्धि प्राप्त कर पाएंगे। आप को आजीविका के क्षेत्र में लाभ मिलेगा। यदि आप नौकरी की तलाश में हैं तो इस दौरान आपको नौकरी की प्राप्ति हो सकती है। निजी प्रयासों से कार्यक्षेत्र में पक्की सफलता के योग बनेंगे। नौकरी करने वालों के लिए यह अत्यंत लाभदायक समय रहेगा। आपको पदोन्नति की प्राप्ति भी हो सकती है। यदि आप कोई व्यापार करते हैं तो व्यवसाय में भी लाभ के योग बनेंगे। आपके विरोधी पराजित होंगे और आप सफल रहेंगे। इस समय के दौरान आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना बनेगी। पारिवारिक जीवन में सुख और संतोष रहेगा तथा कोई संपत्ति खरीदने की दिशा में सफलता मिल सकती है।

उपाय: प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं और तुलसी पत्र का सेवन अवश्य करें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके नौवें भाव यानी कि भाग्य भाव में गोचर करेंगे। यह भाव हमारे मान-सम्मान, लंबी यात्रा और हमारे गुरु समान लोगों के बारे में तथा हमारे धर्म के बारे में बताता है।

बुध का मकर राशि में गोचर होने के दौरान आपको मध्यम फलों की प्राप्ति होने की संभावना बन रही है। इस दौरान भाग्य की कृपा में कमी आ सकती है और आपके सोचे हुए कार्य अटक सकते हैं जिससे धन की हानि भी हो सकती है। भाग्य और धन की कमी से आप थोड़ा परेशान नजर आएंगे और आपको लगेगा कि काश आपका भाग्य और धन साथ होता तो आप बहुत बड़े-बड़े काम कर पाते लेकिन यह सब ईश्वर की कृपा है जिससे आपका जीवन चलता रहेगा। आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पिताजी से संबंधों पर असर भी पड़ सकता है। आपको इस गोचर अवधि के दौरान लंबी यात्राएं करने का मौका मिलेगा, जिनमें थोड़ी सावधानी से जाकर और पूरी तैयारी से जाकर ही आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस दौरान धन लाभ के योग जरूर बनेंगे और आपको अपने ससुराल पक्ष से भी अच्छी सहायता प्राप्त होगी। यदि आप ऐसा कोई कार्य कर रहे हैं जिसमें आपको उनकी आवश्यकता है तो वे आपकी मदद करते हुए नजर आएंगे।

उपाय: आपको बुधवार के दिन ट्रांसजेंडर्स का आशीर्वाद लेना चाहिए और उन्हें हरे रंग की कोई वस्तु भेंट करनी चाहिए।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले तथा चौथे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके आठवें भाव यानी कि आकस्मिक घटनाओं, पैतृक संपत्ति, जीवन में आने वाले बड़े बदलाव और आपके ससुराल पक्ष को दर्शाने वाला भाव है।

मिथुन राशि के जातकों को बुध ग्रह के इस गोचर के प्रभाव से अच्छे फल मिलने के योग बनेंगे। अचानक से आपके जीवन में कुछ अच्छी घटनाएं घटित होने लगेंगी, जिससे आपको खुशी महसूस होगी। आपको अचानक से होने वाला धन लाभ खूब खुशी देगा। कुछ ऐसे क्षेत्रों से आपके पास धन आने के योग बन सकते हैं जहां से आपने उम्मीद भी नहीं की थी। इससे आपके सभी कार्य पूर्ण हो जाएंगे और आपको संतुष्टि मिलेगी। आपको कार्यों में सफलता और विजय मिलनी शुरू हो जाएगी। आपके मन में प्रसन्नता का भाव भी रहेगा। आपकी सामाजिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा। मित्रों का दायरा विस्तृत होगा। ससुराल पक्ष से आपके संबंध मधुर बनेंगे और ससुराल पक्ष के लोग आपके कार्यों में आपकी सहायता करते हुए और अपने कार्यों में आपकी राय लेते हुए नजर आने लगेंगे। हालांकि बुध का मकर राशि में गोचर आपको थोड़ी सी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी दे सकता है।

उपाय: प्रकृति से आत्मसात होकर कुछ समय प्रकृति के साथ बिताएं और अपने घर में छोटे-छोटे पौधे अवश्य लगाएं।


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कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके सातवें भाव यानी कि विवाह, साझेदारी, व्यापार और जनता में आपकी छवि के भाव में गोचर करेंगे।

बुध का मकर राशि में गोचर होने से आपके लिए मध्यम फल मिलने के योग बनेंगे। इस दौरान महिला पक्ष से किसी भी प्रकार के वाद-विवाद अथवा कलह की स्थिति से बचना ही हितकारी रहेगा। दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ सकता है और जीवनसंगिनी या जीवनसाथी से वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इससे जहां तक संभव हो, बचने की कोशिश करें क्योंकि यह आपके लिए हितकारी नहीं होगा। इस दौरान शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको अपने कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों अथवा सरकारी क्षेत्र के लोगों से बिना किसी वजह के भी भय महसूस होगा और अगर आपने कुछ गलत किया है तो इस दौरान वह सच्चाई में भी बदल सकता है। आपको इस दौरान यात्रा करने से यथासंभव बचना चाहिए क्योंकि इस समयावधि के दौरान यात्रा करने से लाभ के स्थान पर हानि होने के योग बन सकते हैं। व्यवसाय के लिए भी यह अवधि मध्यम रहेगी।

उपाय: आपको प्रतिदिन गौमाता को हरा चारा अथवा हरा भोजन खिलाना चाहिए।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके छठे भाव यानी कि रोग, शत्रु, विरोधी, कर्ज, लोन, नौकरी के भाव में गोचर करेंगे।

बुध का मकर राशि में गोचर उन जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा जिनका जन्म सिंह राशि में हुआ है। आपको अपने निजी भुजबल से लाभ होगा। आप जितनी मेहनत करेंगे, उसके अनुपात में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। विरोधी शांत हो जाएंगे और आपको परेशान करना छोड़ देंगे। आपकी हर क्षेत्र में उन्नति होगी। यदि आप नौकरी करते हैं तो नौकरी के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे और कार्यक्षेत्र में आप का दबदबा बढ़ेगा। आपको नौकरी में पदोन्नति मिल सकती है। खर्चों में तेजी अवश्य रहेगी जिस पर आपको ध्यान देना ही होगा। व्यवसाय करने वाले लोगों को पूंजी निवेश के बाद अच्छा लाभ कमाने का मौका मिलेगा। आपके शत्रु और विरोधी पराजित होंगे। यदि आपने बैंक से कोई लोन लिया है तो वह भी आप इस अवधि में चुका पाएंगे। आपको अपने कार्य में सफलता मिलने लगेगी जिससे आप बहुत खुश महसूस करेंगे। साथ ही निजी जीवन में भी संतुष्टि का भाव महसूस होगा।

उपाय: बुधवार के दिन सरस्वती माता और राधा जी की तस्वीरों अथवा मूर्तियों पर सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें और उनकी विधिवत पूजा करें।

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके पांचवें भाव यानी कि आपकी बुद्धि, शिक्षा, संतान और प्रेम के भाव में गोचर करेंगे।

पांचवें भाव में बुध ग्रह का गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। इस दौरान आपके मन में व्यर्थ की बेचैनी बढ़ जाएगी। आप मानसिक रूप से व्याकुल रहेंगे। किसी बात को लेकर अज्ञात डर आपके मन में आएगा। इस दौरान आपको अपनी संतान से वाद-विवाद करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे आपका तनाव बढ़ सकता है और वाद-विवाद हो सकता है। आपके स्वभाव में अहम की वृद्धि हो सकती है और लोभ की वृद्धि के भी योग बनेंगे। यह आपके लिए अनुकूल नहीं रहेगा और इससे आप ख़ुद से रूठ सकते हैं और आपको उन्हें मनाने के लिए पापड़ बेलने पड़ सकते हैं। आप यदि किसी प्रेम संबंध में हैं तो अपने प्रिय से भली प्रकार बातचीत करें क्योंकि आपकी अनेक बातें उन्हें बुरी लग सकती हैं जो आपके रिश्ते के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। इस दौरान आपको आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी इसलिए अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें लेकिन अति आत्मविश्वास का शिकार न हों।

उपाय: शुक्ल पक्ष के दौरान बुधवार के दिन अपनी कनिष्ठिका उंगली में सोने की मुद्रिका में पन्ना रत्न धारण करें जिसका वजन 4 से 5 कैरेट के बीच होना चाहिए।

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके चौथे भाव यानी कि सुख, माता, चल व अचल संपत्ति के भाव में गोचर करेंगे।

बुध का मकर राशि में गोचर तुला राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने वाला है। आपको हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। बुध ग्रह की कृपा आपके ऊपर बरसेगी और उससे आपकी माता जी के स्वास्थ्य में सुधार होगा। साथ ही उनसे आपके संबंध मधुर बनेंगे। वह आपको पहले से भी अधिक प्रेम देती हुई नजर आएंगी। आपको धन लाभ होगा। धन प्राप्ति की इच्छाएं पूरी होंगी। इस दौरान आप किसी तरह की चल या अचल संपत्ति भी खरीद सकते हैं। उससे भी आपको फायदा होगा। यदि आप विदेश में रह रहे हैं तो घर वापसी हो सकती है। भाग्य का साथ मिलने से रुके हुए कार्यों में तेजी आएगी। पारिवारिक जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होगी। अच्छे-अच्छे लोगों का आपको साथ मिलेगा। इस दौरान प्रॉपर्टी खरीदने के भी योग बन सकते हैं। शारीरिक तंदुरुस्ती बढ़ेगी और स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आएगी। इस प्रकार बुध का मकर राशि में गोचर तुला राशि के जातकों को बहुत ज्यादा अनुकूल परिणाम देगा। आप अपने परिवार के साथ-साथ अपने पेशेवर जीवन में भी अच्छा ध्यान देंगे।

उपाय: प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके तीसरे भाव यानी कि लघु यात्रा, आपकी रूचि, छोटे भाई-बहन, पड़ोसी, रिश्तेदार और आपके पराक्रम के भाव में गोचर करेंगे।

इस दौरान आपको बुध ग्रह के गोचर के परिणामस्वरूप विरोधियों से परेशानी बनी रहेगी। आपके शत्रु आपको परेशान करने की पूरी कोशिश करेंगे। यदि आप सरकारी नीति के विरुद्ध कोई कार्य करते हैं तो इस दौरान आपको उनसे समस्या और चिंता रहेगी। सरकार की ओर से कोई नया कर आपके ऊपर लगाया जा सकता है या आपको किसी पुराने टैक्स को लेकर नोटिस भी भेजा जा सकता है। आपको अनैतिक कार्यों से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान आपका झुकाव इन कार्यों में होगा जिससे आने वाले समय में आपको बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। दोस्तों का साथ मिलेगा। आपके मित्रों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। आपका सामाजिक दायरा इस दौरान बढ़ेगा। मित्र आपकी मदद करते हुए नजर आएंगे। भाई-बहनों से संबंधों पर गलत असर पड़ सकता है। उनसे आपके व्यवहार और संबंध खराब हो सकते हैं। इस दौरान आपके संवाद कौशल की स्थिति अच्छी होगी। उसको और ज्यादा अनुकूल बनाकर आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

उपाय: आपको प्रतिदिन श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।


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धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें तथा दसवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपकी वाणी, धन, कुटुंब, मुख, नेत्र आदि के बारे में बताने वाले दूसरे भाव में गोचर करेंगे।

आपके लिए बुध का मकर राशि में गोचर करना लाभदायक साबित हो सकता है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां सामने आएंगी। आपको धन लाभ होने के अच्छे योग बनेंगे और आप धन संचय करने में भी सफल हो सकते हैं। बैंक बैलेंस बढ़ने से आपका आत्मविश्वास भी धीरे-धीरे बढ़ेगा लेकिन किसी से भी बातचीत करते समय अपने व्यवहार पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता होगी क्योंकि मानहानि होने की स्थिति भी बन सकती है। इसके विपरीत यदि आप अच्छा बर्ताव करते हैं और लोगों से मीठा बोलते हैं तो दूसरों से अपनी बात मनवाने में आप कामयाब रहेंगे। इससे आपके अनेक काम बनेंगे। आपको अच्छे भोजन की प्राप्ति होगी। धन और आभूषण का लाभ भी इस गोचर अवधि में प्राप्त होगा। जीवनसाथी से इसी प्रकार के लाभ की प्राप्ति हो सकती है। हालांकि उनका स्वास्थ्य इस दौरान कमजोर होने की संभावना बनेगी। आप अपने काम से अपने परिवार का नाम रोशन कर सकते हैं।

उपाय: श्री गणेश जी की उपासना गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ से करें और उन्हें दुर्वांकुर अर्पित करें।

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे तथा नौवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके पहले भाव यानी कि व्यक्तित्व, शरीर और सामाजिक प्रतिष्ठा के भाव में गोचर करेंगे।

बुध का पहले भाव में गोचर करना आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक साबित होगा। इस दौरान सर्वप्रथम आपको अपनी वाणी पर ध्यान देना होगा। आप जो कुछ भी बोलें, बहुत सोच समझ कर बोलें क्योंकि वाणी में कड़वाहट बढ़ने और बिना सोचे-समझे बोलने से आपके लिए विवाद और हानि की स्थिति बन सकती है और पारिवारिक रिश्तों पर भी इसका असर पड़ सकता है। बेवजह की यात्राएं हो सकती हैं, जिनसे परेशानी और धन खर्च की स्थिति बन सकती है। हालांकि इस दौरान आपका मन आध्यात्मिक गतिविधियों में अधिक लगेगा। स्वास्थ्य को लेकर आपको सजग रहना होगा क्योंकि स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। पिताजी से सहयोग प्राप्त होगा जिससे आपके महत्वपूर्ण रुके हुए कार्य पूर्ण हो सकते हैं। व्यापार के सिलसिले में यात्रा आपको लाभ दे सकती है और व्यापार में वृद्धि करा सकती है लेकिन आपको थोड़ी सी सतर्कता अवश्य रखनी होगी। मामा पक्ष से कोई अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है।

उपाय: प्रतिदिन अपना भोजन करने से पूर्व भोजन से गौ ग्रास अवश्य निकालें।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके बारहवें भाव यानी कि आपके व्यय, हानि, विदेश, खर्च, अस्पताल, जेल के भाव में गोचर करेंगे।

बुध ग्रह के मकर राशि में गोचर के कारण इस दौरान आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ स्वास्थ्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। शारीरिक कष्ट, नेत्रों से संबंधित समस्या और अत्यधिक थकान जैसी समस्याएं आपको घेरे रख सकती हैं। इस दौरान यदि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतेंगे तो आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है क्योंकि यह समय स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अनुकूल नहीं है। चिंतन की मानसिकता में बढ़ोतरी होगी और आपको मानसिक तनाव भी होगा। यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो शिक्षा में रुकावट आएगी और आपकी पढ़ाई प्रभावित होगी। विरोधी आपको परेशान करेंगे और आपको उनके सामने कमजोरी महसूस होगी। यदि किसी कोर्ट या कचहरी में आपके विरुद्ध कोई मामला चल रहा है तो उसमें भी आप को ध्यान देना पड़ेगा क्योंकि यह समय थोड़ा कमजोर रहेगा। इस दौरान खर्चों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होने से आपकी आर्थिक स्थिति पर भी बोझ बढ़ सकता है इसलिए आपको अपने खर्चों को नियंत्रण में रखना होगा। अचानक से विदेश यात्रा के योग भी बन सकते हैं।

उपाय: प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में श्री बुध ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आमदनी, बड़े भाई-बहन, आपकी महत्वाकांक्षा के भाव में गोचर करेंगे।

यह अवधि आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होने वाली है। बुध ग्रह का ग्यारहवें भाव में गोचर करना आपकी इच्छाओं की पूर्ति में सहायक बनेगा। आपने जो इच्छाएं मन में रखी होंगी, वे अब धीरे-धीरे करके पूरी होने लगेंगी। आपको आपके भाई-बहन जो आपसे आयु में बड़े हैं, उनका पूरा सहयोग मिलेगा और वे आपके काम में और आपकी इच्छा पूर्ति में भी सहायक बनेंगे। यदि आप कोई व्यवसाय करते हैं तो व्यवसाय में वृद्धि के योग बनेंगे और आपकी आमदनी में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी। यदि आप नौकरी करते हैं तो नौकरी में भी आपकी आर्थिक स्थिति बढ़िया होगी और आपको आस भरी नजरों से देखा जाएगा। इस दौरान भूमि या भवन का लाभ भी प्राप्त हो सकता है। आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा और प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। यदि आप एक विद्यार्थी हैं तो इस दौरान आपको शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे और आप एक अच्छे विद्यार्थी के रूप में अपनी पहचान बना पाएंगे।

उपाय: बुधवार के दिन अपनी बहन अथवा बुआ अथवा मौसी को हरे रंग की कोई साड़ी, सूट या चूड़ियां भेंट करें।


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