लाल किताब के अनुसार चन्द्र का सातवें भाव में फल
Prediction for Moon in Seventh house in Hindi according to Lal Kitab
सातवां घर शुक्र और बुध से संबंधित होता है। जब चंद्रमा इस भाव में स्थित होता है तो परिणाम शुक्र, बुध और चंद्रमा से प्रभावित होता है। शुक्र और बुध मिलकर सूर्य का प्रभाव देते हैं। पहला भाव सातवें को देखता है नतीजन पहले घर से सूर्य की किरणे सातवें भाव में बैठे चंद्रमा को सकारात्म रूप से प्रभावित करती हैं जिसका मतलब है कि चंद्रमा से संबंधित चीजों और रिश्तेदारों लाभकारी और अच्छे परिणाम मिलेंगे। शैक्षिक उपलब्धियां पैसा या धन कमाने के लिए उपयोगी साबित होंगी। उसके पास जमीन जायदाद हो या न हो लेकिन उसके पास नकद निश्चित रूप से हमेशा रहेगा। उसके पास कवि या ज्योतिषी बनने की अच्छी योग्यता होगी। अथवा वह चरित्रहीन हो सकता है और रहस्यवाद और अध्यात्मवाद को बहुत चाहता होगा। सातवें भाव में स्थित चंद्रमा जातक की पत्नी और मां के बीच अर्थ संघर्ष देता है जो दूध के व्यवसाय में प्रतिकूल प्रभावी होता है। ऐसे में जातक अगर मां का कहना नहीं मानता तो उसे तनाव और परेशानियों का सामना करना पडता है।
उपाय:
(1) 24वें वर्ष में शादी न करें।
(2) अपनी माँ को हमेशा खुश रखें।
(3) लाभ कमाने के लिए कभी भी दूध या पानी न बेचें।
(4) खोया बनाने के लिए दूध को न जलाएं।
(5) सुनिश्चित कर लें कि आपकी पत्नी शादी में अपने मायके से अपने वजन के बराबर चांदी और चावल लाए।
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