लाल किताब के अनुसार राहू का ग्यारहवें भाव में फल
Prediction for Rahu in Eleventh house in Hindi according to Lal Kitab
ग्यारहवां घर शनि और बृहस्पति दोनो के प्रभाव में होता है। जब तक जातक के पिता जीवित हैं तब तक जातक अमीर होगा। वैकल्पिक रूप से, बृहस्पति की वस्तुएं रखना सहयोगी सिद्ध होंगी। जातक के दोस्त अच्छे नहीं होंगे। उसे मतलबी लोगों से पैसा मिलेगा। पिता की मृत्यु के बाद जातक को गले में सोना पहनना चाहिए। यदि राहू के साथ नीच का मंगल ग्यारहवें भाव में हो तो जातक के जन्म के समय घर में सारी चीजें होंगी लेकिन धीरे धीरे करके सारी चीजें बरबाद होनें लगेंगी। यदि ग्यारहवें भाव में अशुभ राहू हो तो जातक के अपने पिता सम्बंध ठीक नहीं होंगें यहां तक की जातक उन्हें मार भी सकता है। दूसरे भाव में स्थित ग्रह शत्रु की तरह कार्य करेंगे। यदि बृहस्पति या शनि तीसरे या ग्यारहवें भाव में हों तो शरीर में लोहा पहनें और चांदी की गिलास में पानी पिएं। पांचवें भाव में स्थित केतू बुरे परिणाम देगा। कान, रीढ़, मूत्र से संबंधित समस्याएं या रोग हो सकते हैं। केतु से संबंधित व्यापार में नुकसान हो सकता है।
उपाय:
(1) लोहा पहनें और पीने के पानी के लिए चांदी का गिलास का प्रयोग करें।
(2) कभी भी कोई बिजली का उपकरण उपहार के रूप में न लें।
(3) नीलम, हाथीदांत या हाथी का खिलौने से दूर रहें।