सूर्य का मीन राशि में गोचर (15 मार्च 2023)
सूर्य का मीन राशि में गोचर 15 मार्च 2023 की सुबह 6 बजकर 13 मिनट पर होगा। यह गोचर कई लोगों के जीवन में बदलाव लेकर आएगा। कुछ राशियों के लिए सूर्य का गोचर होना सकारात्मक साबित होगा तो कुछ राशियों के लिए यह नकारात्मक परिणाम भी लेकर आ सकता है। बता दें राशि चक्र की बारहवीं राशि है मीन। यह एक जल तत्व की राशि है और देव गुरु बृहस्पति (गुरु) इसके स्वामी हैं। मीन राशि शांति, पवित्रता, अलगाव और एक सामान्य व्यक्ति की पहुंच से बाहर के स्थानों का प्रतिनिधित्व करती है।

वहीं वैदिक ज्योतिष में सूर्य को सभी नौ ग्रहों के बीच राजा का दर्जा प्राप्त है और इसे आत्मा का कारक भी कहा जाता है। इसके अलावा सूर्य पिता, सरकार, राजा और उच्च अधिकारियों के हितैषी होते हैं। साथ ही यह जातक की गरिमा, स्वाभिमान, अहंकार और करियर का प्रतीक होते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य हमारे समर्पण, सहनशक्ति, जीवन शक्ति, इच्छा शक्ति, मान-सम्मान और नेतृत्व करने की क्षमता आदि को नियंत्रित करते हैं। वहीं अगर शरीर के अंगों की बात करें तो यह हमारे हृदय और हड्डियों को दर्शाते हैं। सूर्य के मीन राशि में गोचर का अर्थ है कि यह सूर्य के गोचर चक्र का आख़िरी गोचर है। सूर्य मीन राशि में आते-आते अपनी सारी नकारात्मकता और अहंकारी प्रवृत्ति को समाप्त कर देते हैं और पुनः ऊर्जावान हो जाते हैं। इसके बाद यह अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे और पुनः अपने गोचर चक्र की शुरुआत करेंगे।
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सूर्य का मीन राशि में गोचर के परिणामस्वरूप लोगों के जीवन में विभिन्न बदलाव देखने को मिलेंगे। हालांकि सभी 12 राशियों के लिए गोचर के परिणाम कुंडली में सूर्य की स्थिति तथा जातक की दशा पर निर्भर करेंगे। आइए जानते हैं कि सूर्य का मीन राशि में गोचर सभी राशियों के लिए कैसा साबित होगा। साथ ही सूर्य देव की कृपा पाने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए ताकि हम अपने आने वाले समय को और भी बेहतर बना सकें।
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिएचंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
Read in English: Sun Transit In Pisces (15 March 2023)
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पांचवें भाव के स्वामी हैं जो कि संतान, प्रेम संबंध और शिक्षा को दर्शाता है। इस दौरान यह आपके बारहवें भाव यानी कि विदेशी भूमि, पृथक्करण, अस्पतालों और एमएनसी के भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का आपके बारहवें भाव में गोचर अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। आशंका है कि आपका अपने जीवनसाथी के साथ अहंकार और गलतफहमी के कारण टकराव या विवाद हो सकता है, जो कि आपके रिश्ते में दूरियां ला सकता है। इस दौरान बच्चों को भी स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो छात्रों के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। हालांकि विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए यह गोचर सकारात्मक साबित हो सकता है।
आत्मा के कारक सूर्य आपके बारहवें भाव से छठे भाव यानी कि रोग, शत्रु, कोर्ट केस और मुकदमेबाजी के भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है क्योंकि ज़रा सी लापरवाही आपकी सेहत को प्रभावित कर सकती है और इसके कारण आपको चिकित्सा पर धन खर्च करना पड़ सकता है। सूर्य के इस गोचर के दौरान आप ऊर्जा और उत्साह में कुछ कमी भी महसूस कर सकते हैं। अगर इस गोचर के सकारात्मक पक्ष की बात करें, तो इस अवधि में आपको कानूनी मामले से राहत मिल सकती है और फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। साथ ही आपके शत्रु भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे।
उपाय: गायत्री मंत्र का जाप करें।
वृषभ राशि
सूर्य वृषभ राशि के जातकों के चौथे भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान यह आपके ग्यारहवें भाव यानी कि आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा के भाव में गोचर करेंगे। चौथा भाव माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन और संपत्ति का भाव है और ऐसे में सूर्य का ग्यारहवें भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा। रियल एस्टेट के क्षेत्र में किए गए निवेश से लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। यदि आपकी दशा अनुकूल है तो इस दौरान आपकी लग्जरी घर या वाहन खरीदने की इच्छा पूरी हो सकती है। अपनी माता जी की ओर से आपको धन का सहयोग मिल सकता है, लेकिन उनके स्वास्थ्य में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा इसलिए माता जी के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा आप प्रभावशाली लोगों से व्यावसायिक संबंध बनाने में कामयाब होंगे। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो सूर्य आपके ग्यारहवें भाव से पांचवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के लिए यह अवधि बेहतर साबित होगी। प्रेम और वैवाहिक जीवन के लिहाज से देखा जाए तो जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं उन्हें शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। वहीं जो लोग सिंगल हैं वे किसी रिश्ते में बंध सकते हैं।
उपाय: रोजाना सुबह जल में गुलाब की पंखुड़ियां डालकर सूर्य को जल दें।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव यानी कि नाम, प्रसिद्धि और करियर के भाव में गोचर करेंगे। इस भाव में सूर्य का मीन राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल साबित होगा क्योंकि दशम भाव में सूर्य दिग्बली होते हैं। इस दौरान आपका पेशेवर जीवन भी शानदार रहेगा। आप खुद को साबित करने में सफल होंगे। विशेष रूप से जो लोग शिक्षक, प्रोफेसर या किसी सरकारी संगठन से जुड़े हैं, उनकी पदोन्नति के योग बनेंगे और नए अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके अलावा आप अपने छोटे भाई-बहनों के साथ कोई व्यवसाय शुरू करने की योजना भी बना सकते हैं या उनके सहयोग से पेशेवर जीवन में लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
दसवें भाव से सूर्य आपकी कुंडली के चौथे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप जो लोग प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे हैं वे अपने ग्राहकों के साथ अच्छी तरह से संवाद कर उनसे बेहतर ढंग से सौदा करने में सक्षम होंगे। व्यक्तिगत जीवन के नजरिए से देखा जाए तो इस दौरान आप अपनी माता जी के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा परेशान रह सकते हैं क्योंकि उन्हें रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस बात की भी आशंका है कि इस अवधि में आपके घर का माहौल अधिक शांतिपूर्ण नहीं रहेगा क्योंकि अहंकार के कारण, विचारों का मतभेद हो सकता है जिससे घर का शांतिपूर्ण माहौल प्रभावित हो सकता है।
उपाय: प्रतिदिन तांबे के पात्र से सूर्य को जल दें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे जो कि धर्म, पिता, लंबी यात्राओं, तीर्थस्थल और भाग्य का भाव है। इस दौरान आपका झुकाव अध्यात्म की ओर अधिक रहेगा और आप किसी धार्मिक ग्रंथ को गहराई से जानने और समझने का प्रयास करते नज़र आ सकते हैं। साथ ही आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ तीर्थ यात्रा पर जाने की योजना भी बना सकते हैं। व्यक्तिगत जीवन के दृष्टिकोण से इस अवधि में आपको अपने पिता का सहयोग प्राप्त होगा लेकिन उनके साथ कुछ मतभेद होने की भी आशंका है। आपको उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस अवधि में उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
पेशेवर जीवन के नजरिए से देखा जाए तो अभी तक आप जिन समस्याओं से जूझ रहे थे, वे इस दौरान समाप्त होंगी। तीसरे भाव पर सूर्य की दृष्टि के परिणामस्वरूप आपका संचार कौशल प्रभावशाली होगा और आप अपनी प्रतिभा से दूसरों को प्रभावित करने में कामयाब रहेंगे। साथ ही अपने अन्य कौशलों में भी सुधार करने में सक्षम होंगे। कार्यस्थल पर आपके शत्रुओं का नाश होगा और आप प्रतिस्पर्धियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम होंगे। मीडिया से जुड़े लोगों और मंच कलाकारों के लिए पेशेवर रूप से यह अवधि बेहद अनुकूल है। व्यक्तिगत जीवन के दृष्टिकोण से इस अवधि में आपको अपने छोटे भाई-बहनों का पूरा समर्थन प्राप्त होगा।
उपाय: अपने पिता का सम्मान करें और घर से निकलने से पहले उनका आशीर्वाद लें।
सिंह राशि
सूर्य सिंह राशि के लग्न भाव के स्वामी हैं और यह आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे जो कि दीर्घायु, अचानक होने वाली घटना और रहस्य विज्ञान को दर्शाता है। लग्न के स्वामी सूर्य का आठवें भाव में गोचर आपके लिए कई बदलाव लेकर आएगा लेकिन यह परिवर्तन मुश्किल भरे हो सकते हैं। सामान्य तौर पर आठवें भाव में सूर्य को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए सूर्य का मीन राशि में गोचर आपको मिले-जुले परिणाम प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य के लिहाज से, इस दौरान आपको खुद पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी क्योंकि आंख, दिल और हड्डियों से संबंधित समस्याएं होने की आशंका है। ऐसे में यदि आप किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। इस दौरान अपनी वाणी और गुस्से पर नियंत्रण रखें अन्यथा परिस्थितियाँ आपके प्रतिकूल हो सकती हैं। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो यदि आप रिसर्च फ़ील्ड में हैं या पीएचडी कर रहे हैं या फिर वैदिक ज्योतिष का अभ्यास कर रहे हैं तो सूर्य का यह गोचर आपको सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगा। व्यक्तिगत रूप से देखा जाए तो ससुराल पक्ष से कुछ समस्याएं सामने आ सकती हैं। ऐसे में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि सूर्य आपके दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आपकी वाणी प्रभावशाली होगी तथा आर्थिक रूप से धन का प्रवाह अच्छा रहेगा और धन की बचत भी संभव होगी।
उपाय: सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में अच्छी क्वालिटी का माणिक धारण करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव के स्वामी हैं और इस दौरान सूर्य कन्या राशि के सातवें भाव यानी कि वैवाहिक सुख और बिजनेस पार्टनरशिप के भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपके वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। इस दौरान अहंकारी रवैये के कारण जीवनसाथी के साथ अनावश्यक वाद-विवाद व संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। वहीं सूर्य देव गर्म प्रकृति के ग्रह होने के कारण वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहे हैं। यह बारहवें भाव के स्वामी भी हैं जो कि हानि और अलगाव का भाव है। ऐसे में यह गोचर आपके लिए अधिक समस्या पैदा कर सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और तर्क-वितर्क, बहस और अनावश्यक अहंकार से भी बचें क्योंकि इससे आपके संबंध ख़राब हो सकते हैं।
सूर्य सातवें भाव से आपके लग्न भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके प्रभावस्वरूप आपके स्वभाव में अहंकार की भावना देखी जा सकती है और बारहवें भाव के स्वामी होने के कारण आप स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हाई बीपी और माइग्रेन आदि से ग्रस्त हो सकते हैं। इसके अलावा सूर्य का मीन राशि में गोचर काल के दौरान आपको विदेश या कहीं दूर स्थानों की यात्रा भी करनी पड़ सकती है।
उपाय: प्रतिदिन गाय को गुड़ और गेहूं की रोटी खिलाएं।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके छठे भाव यानी कि शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और चाचा के भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का मीन राशि में गोचर काल के दौरान आपको सतर्क रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि इस अवधि में आपके दोस्त आपके दुश्मन बन सकते हैं। हालांकि सूर्य के छठे भाव में गोचर करने से आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। यदि आप किसी विवाद या कानूनी मुद्दे से गुजर रहे हैं तो अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। आपको किसी भी प्रकार का बड़ा निवेश न करने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपको आर्थिक रूप से हानि होने की आशंका है।
सूर्य आपके छठे भाव से बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सा, विलासिता, दोस्तों या अचानक यात्रा के कारण आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि सही ढंग से अपना बजट बनाएं अन्यथा आपकी आर्थिक स्थिति कमज़ोर हो सकती है जिससे भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से अदरक और गुड़ का सेवन करें।
वृश्चिक राशि
सूर्य वृश्चिक राशि के दसवें भाव के स्वामी हैं और इस अवधि में यह आपके पांचवें भाव यानी कि शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान के भाव में गोचर करेंगे। पंचम भाव हमारे पूर्व पुण्य का भाव भी होता है। सूर्य का मीन राशि में गोचर आपको पेशेवर जीवन में सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम प्रदान करेगा। इस दौरान नौकरी में बदलाव या तबादला होने की आशंका है।
हालांकि सूर्य पांचवें भाव से आपके आर्थिक लाभ के ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है। पांचवां भाव शेयर बाज़ार का भाव भी है। ऐसे में जो जातक सट्टा बाज़ार जैसे कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट से जुड़े हुए हैं, उनके लिए भी यह अवधि फलदायी साबित हो सकती है। इसके साथ ही आप भविष्य के लिए मजबूत नेटवर्क सिस्टम बनाने में भी सक्षम होंगे। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाए तो जो छात्र उच्च शिक्षा जैसे पीएचडी की पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं उनको इस अवधि में सफलता मिलने की पूरी संभावना है। आपके पढ़ाई से संबंधित सभी भ्रम समाप्त होंगे और आप अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नजर आएंगे।
व्यक्तिगत जीवन के लिहाज से देखा जाए तो प्रेमी जोड़ों को इस दौरान थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। आशंका है कि अहंकार के कारण मतभेद पैदा हो सकते हैं। ऐसे में आपको यह सलाह दी जाती है कि इस अवधि में आप दोनों अपने आपसी तालमेल को सुधारने का प्रयास करें अन्यथा आपको अपने रिश्ते में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: भगवान सूर्य की विधिवत उपासना करें और प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य नौवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल में सूर्य धनु राशि के चौथे भाव यानी कि माता, वाहन, भूमि और घर के वातावरण के भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का मीन राशि में गोचर आपको मिले-जुले परिणाम प्रदान करेगा। आपके घर का वातावरण अध्यात्म से भरा रहेगा और ऐसे में आप घर पर होरा या सत्यनारायण कथा जैसा कोई धार्मिक कार्यक्रम कराने की योजना बना सकते हैं।
व्यक्तिगत जीवन के नजरिए से देखा जाए तो इस अवधि में आपको औसत परिणाम प्राप्त होंगे क्योंकि चौथे भाव में सूर्य अपनी दिशात्मक शक्ति खो देते हैं। इसके कारण घरेलू जीवन में परेशानी बढ़ सकती है। साथ ही माता जी के साथ आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं और उनका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि आपको अपनी मां का सहयोग प्राप्त होगा।
नौकरीपेशा लोगों के लिए यह अवधि बेहतर साबित होगी क्योंकि सूर्य आपके दसवें भाव यानी कि पेशे और करियर के भाव में दृष्टि डाल रहे हैं। संभव है कि आप किसी काम के सिलसिले से कुछ यात्राएं कर सकते हैं जो आपके लिए फलदायी साबित होंगी।
उपाय: संभव हो तो घर में सत्यनारायण कथा और हवन करें।
मकर राशि
सूर्य मकर राशि के आठवें भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल के दौरान यह आपके तीसरे भाव यानी कि साहस, भाई-बहन और लघु यात्रा के भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का मीन राशि में गोचर आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। इस दौरान आपका संचार कौशल बेहतर होगा। सूर्य आठवें भाव के स्वामी हैं इसलिए यह गोचर आपके लिए अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। अतः इस गोचर काल के दौरान अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में किसी से भी बात करते समय अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें क्योंकि आप स्वभाव से गुस्सैल और मुखर हो सकते हैं। इसके अलावा आपके संबंध अपने छोटे भाई-बहनों से भी अधिक मधुर न रहने की आशंका है।
आठवें भाव के स्वामी के रूप में सूर्य देव तीसरे भाव से आपके नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप आपको अपने पिता के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि संभव है कि उन्हें इस दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या परेशान कर सकती है। इसके अलावा आपके मेंटर्स के साथ भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो इस अवधि में आप छोटी दूरी की तीर्थ यात्रा की योजना बना सकते हैं जो मुश्किल भरे समय में आपको सुखद महसूस कराएगी।
उपाय: रविवार के दिन किसी भी मंदिर में अनार दान करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। सूर्य की दूसरे भाव में मौजूदगी के परिणामस्वरूप आप अपनी प्रभावशाली भाषा से दूसरों का ध्यान खींचेंगे। यदि आप पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, तो इस दौरान बेहतर संचार और स्पष्ट बातचीत के माध्यम से व्यवसाय को अधिक मजबूत करने में मदद मिलेगी और आप चल रहे विवादों को सुलझाने में सक्षम होंगे।
जो सरकारी कर्मचारी हैं उनके लिए ट्रांसफर के योग बनेंगे और इस ट्रांसफर से उन्हें दोबारा अपने परिवार के साथ रहने का मौका मिलेगा। व्यक्तिगत रूप से देखें तो सूर्य का मीन राशि में गोचर काल के दौरान आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ संबंधों में कुछ मतभेद देख सकते हैं। हालांकि जो लोग प्रेम संबंध में हैं और विवाह करने की योजना बना रहे हैं उनके लिए यह समय अपने साथी को माता-पिता से मिलवाने के लिए अनुकूल है। वहीं जो लोग सिंगल हैं और एक आदर्श साथी की तलाश में हैं, वे इस दौरान अपने परिवार की मदद से एक अच्छा जीवनसाथी पाने में सफल हो सकते हैं।
सूर्य दूसरे भाव से आपके आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके फलस्वरूप जो छात्र रिसर्च और रहस्य विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन कर रहे हैं उनके लिए यह अवधि अनुकूल साबित होगी। आपको सलाह दी जाती है कि अपना धैर्य न खोएं और किसी भी तरह के तर्क-वितर्क में न पड़े।
उपाय: लाल चींटियों को प्रतिदिन गेहूं का आटा खिलाएं।
मीन राशि
सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके पहले भाव (लग्न) में गोचर करेंगे। लग्न भाव में सूर्य के गोचर के फलस्वरूप आपके नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावशाली होगी जिससे आप दूसरों को प्रभावित करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा कार्यक्षेत्र में आपके मैनेजमेंट से आपके वरिष्ठ और बॉस काफी खुश होंगे और आपके पदोन्नति के योग भी बनेंगे। इस समय के दौरान आप सरकारी क्षेत्र से भी लाभ पाने में सक्षम होंगे। जो जातक बैंकिंग और न्यायपालिका के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं।
व्यक्तिगत जीवन के नजरिए से देखा जाए तो आशंका है कि आपके स्वभाव में अहंकार की भावना देखी जाएगी जिसकी वजह से आप किसी भी चीज़ में किसी दूसरे शख़्स की सलाह या मार्गदर्शन को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी हैं जिसके कारण इस दौरान आप खुद को किसी परेशानी में डाल सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो आपको इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। सूर्य आपके लग्न भाव से सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप विवाहित जातकों के संबंध अपने जीवनसाथी के साथ थोड़ा सख़्त रहने की आशंका है। आपका यह रवैया आपके वैवाहिक जीवन में समस्या पैदा कर सकता है।
उपाय: प्रतिदिन सुबह आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
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