January, 2026 का मिथुन राशिफल - अगले महीने का मिथुन राशिफल
January, 2026
सामान्य
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। जनवरी मासिक राशिफल 2026 के अनुसार, मिथुन राशि के जातकों के दशम भाव में पूरे महीने शनि महाराज विराजमान रहेंगे जो कार्य क्षेत्र में आपसे भरपूर मेहनत करवाएंगे। सप्तम भाव में भी सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र महीने की शुरुआत में रहेंगे और उन पर बृहस्पति (जो वक्री हैं) की दृष्टि रहेगी जिससे व्यापार में भी उथल-पुथल रहेगी। आपको साझेदारों से भी संबंध सुधारने पर ध्यान देना होगा क्योंकि बार-बार उनसे उतार चढ़ाव की स्थितियां बनेंगी और संबंध बिगड़ सकते हैं। जिसका व्यापार पर असर होता रहेगा। राहु के नवम भाव में होने से लंबी यात्राएं लाभदायक साबित हो सकती हैं और लंबी यात्राओं पर जाने के प्रबल योग बनेंगे।
यदि आपके वैवाहिक जीवन की बात करें तो बहुत सारी समस्याएं आ सकती हैं। जीवनसाथी और आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। परिवार का माहौल उतार-चढ़ाव से भरा और परेशानी जनक हो सकता है। इस सब के बावजूद आप और आपके जीवनसाथी के मध्य रिश्ते को बचाने के प्रयास होंगे। हालांकि प्रेम संबंधी मामलों के लिए यह महीना अच्छा रह सकता है। हल्की-फुल्की समस्याओं के बाद आपस में प्रेम बढ़ेगा और प्रेम विवाह की स्थिति भी बन सकती है। मित्रों से सहयोग मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को चुनौतियों के बाद सफलता मिलने के प्रबल योग बनेंगे।
यदि आपके वैवाहिक जीवन की बात करें तो बहुत सारी समस्याएं आ सकती हैं। जीवनसाथी और आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। परिवार का माहौल उतार-चढ़ाव से भरा और परेशानी जनक हो सकता है। इस सब के बावजूद आप और आपके जीवनसाथी के मध्य रिश्ते को बचाने के प्रयास होंगे। हालांकि प्रेम संबंधी मामलों के लिए यह महीना अच्छा रह सकता है। हल्की-फुल्की समस्याओं के बाद आपस में प्रेम बढ़ेगा और प्रेम विवाह की स्थिति भी बन सकती है। मित्रों से सहयोग मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को चुनौतियों के बाद सफलता मिलने के प्रबल योग बनेंगे।
कार्यक्षेत्र
मासिक राशिफल 2026 के अनुसार, करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए कठिन मेहनत वाला रहेगा। दशम भाव में पूरे महीने शनि महाराज विराजमान रहेंगे और दशम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज प्रथम भाव में वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे तथा छठे भाव के स्वामी मंगल महाराज अस्त अवस्था में सूर्य, बुध और शुक्र के साथ आपके सप्तम भाव में विराजमान रहने वाले हैं, जिससे आपको नौकरी में मेहनत करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। आपके ऊपर काम का दबाव लगातार बढ़ेगा जिस पर आपको ध्यान देना होगा।
आपके वरिष्ठ अधिकारी आपकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे और इसलिए आपको उनसे कुछ शिकायत हो सकती है लेकिन अपने काम में डटे रहें, उसी से आपको सफलता मिल सकती है। सप्तम भाव में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की उपस्थिति महीने की शुरुआत में रहेगी और उस पर बृहस्पति और शनि की दृष्टि होने से व्यावसायिक साझेदार से संबंध बिगड़ सकते हैं। उन संबंधों को सुधारना होगा नहीं तो व्यापार में उतार चढ़ाव तो रहेंगे ही, साथ ही समस्याएं भी आ सकती हैं। इस महीने व्यापार में बड़े निर्णय लेने से आपको बचना चाहिए। 13 तारीख को शुक्र, 14 तारीख को सूर्य, 16 तारीख को मंगल और 17 तारीख को बुध के अष्टम भाव में चले जाने से व्यापार में आ रही समस्याएं दूर होंगी और आपको व्यवसाय में सफलता मिलेगी, लेकिन आपको आंख कान खुले रखना चाहिए और किसी पर भी अंधा विश्वास करने से बचना चाहिए।
आपके वरिष्ठ अधिकारी आपकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देंगे और इसलिए आपको उनसे कुछ शिकायत हो सकती है लेकिन अपने काम में डटे रहें, उसी से आपको सफलता मिल सकती है। सप्तम भाव में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र की उपस्थिति महीने की शुरुआत में रहेगी और उस पर बृहस्पति और शनि की दृष्टि होने से व्यावसायिक साझेदार से संबंध बिगड़ सकते हैं। उन संबंधों को सुधारना होगा नहीं तो व्यापार में उतार चढ़ाव तो रहेंगे ही, साथ ही समस्याएं भी आ सकती हैं। इस महीने व्यापार में बड़े निर्णय लेने से आपको बचना चाहिए। 13 तारीख को शुक्र, 14 तारीख को सूर्य, 16 तारीख को मंगल और 17 तारीख को बुध के अष्टम भाव में चले जाने से व्यापार में आ रही समस्याएं दूर होंगी और आपको व्यवसाय में सफलता मिलेगी, लेकिन आपको आंख कान खुले रखना चाहिए और किसी पर भी अंधा विश्वास करने से बचना चाहिए।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति की बात की जाए तो महीने की शुरुआत आपके लिए अच्छी रहेगी। हल्के-फुल्के खर्चे तो रहेंगे लेकिन आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आपकी मेहनत और आपका काम करने का तरीका आपके पास धन की कमी नहीं होने देंगे। उसके बाद 13 तारीख को शुक्र, 14 तारीख को सूर्य, 16 को मंगल और 17 को बुध ग्रह के अष्टम भाव में चले जाने से नया निवेश करने में सावधानी बरतनी होगी, नहीं तो उस धन के डूबने की और आपको धन हानि होने की स्थिति बन सकती है। हालांकि दूसरी ओर आपको अचानक से धन संपत्ति प्राप्त होने के योग बन सकते हैं।
आपके ससुराल से आर्थिक मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त गुप्त धन प्राप्त होने या कोई विरासत प्राप्त होने की स्थिति भी बन सकती है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना शुरू हो सकता है। व्यवसाय में सफलता मिलने के योग महीने के उत्तरार्ध में बनेंगे जिससे कि आपको व्यावसायिक गतिविधियों से धन प्राप्त हो सकता है। लंबी यात्राएं करने से धन प्राप्ति के रास्ते मिलेंगे और आपको आर्थिक चुनौतियों से बाहर निकलने का मौका मिलेगा। एकादश भाव के स्वामी मंगल के महीने की शुरुआत में सप्तम और उसके बाद अष्टम भाव में जाने से शुरुआत में व्यापार से और उसके बाद गुप्त स्रोतों से अचानक धन प्राप्ति के प्रबल योग बन सकते हैं।
आपके ससुराल से आर्थिक मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त गुप्त धन प्राप्त होने या कोई विरासत प्राप्त होने की स्थिति भी बन सकती है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आना शुरू हो सकता है। व्यवसाय में सफलता मिलने के योग महीने के उत्तरार्ध में बनेंगे जिससे कि आपको व्यावसायिक गतिविधियों से धन प्राप्त हो सकता है। लंबी यात्राएं करने से धन प्राप्ति के रास्ते मिलेंगे और आपको आर्थिक चुनौतियों से बाहर निकलने का मौका मिलेगा। एकादश भाव के स्वामी मंगल के महीने की शुरुआत में सप्तम और उसके बाद अष्टम भाव में जाने से शुरुआत में व्यापार से और उसके बाद गुप्त स्रोतों से अचानक धन प्राप्ति के प्रबल योग बन सकते हैं।
स्वास्थ्य
मासिक राशिफल 2026 के अनुसार, यदि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखे तो यह महीना थोड़ा कमजोर रहने की संभावना दिखाई दे रही है क्योंकि आपकी राशि के स्वामी बुध महाराज सूर्य, मंगल और शुक्र के साथ महीने की शुरुआत में सप्तम भाव में रहेंगे और उन पर वक्री बृहस्पति की दृष्टि रहेगी और दशम भाव में बैठे शनि भी उन पर दृष्टि डाल रहे होंगे। इस प्रकार पांच ग्रहों का प्रभाव आपकी राशि के स्वामी पर होने से और आपकी राशि के स्वामी के अस्त होने की वजह से स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है। महीने के उत्तरार्ध में भी सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र, ये चारों ही ग्रह अष्टम भाव में रहेंगे जो आपकी स्वास्थ्य समस्याओं को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
आपको अपने रोजमर्रा के जीवन में अपनी दिनचर्या में और अपने खान-पान में बहुत ज्यादा सावधानी और सतर्कता बरतनी होगी। यदि आप अनुशासित जीवन व्यतीत नहीं करते, खानपान पर ध्यान नहीं देते और बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं तो स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस महीने पेट से जुड़ी समस्याएं, अग्नि तत्व की बढ़ोतरी से होने वाली पित्त प्रकृति की समस्याएं और शारीरिक चोट लगने की स्थिति बन सकती है। महीने के उत्तरार्ध में वाहन बेहद सावधानी से चलाएं, दुर्घटना होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
आपको अपने रोजमर्रा के जीवन में अपनी दिनचर्या में और अपने खान-पान में बहुत ज्यादा सावधानी और सतर्कता बरतनी होगी। यदि आप अनुशासित जीवन व्यतीत नहीं करते, खानपान पर ध्यान नहीं देते और बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं तो स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस महीने पेट से जुड़ी समस्याएं, अग्नि तत्व की बढ़ोतरी से होने वाली पित्त प्रकृति की समस्याएं और शारीरिक चोट लगने की स्थिति बन सकती है। महीने के उत्तरार्ध में वाहन बेहद सावधानी से चलाएं, दुर्घटना होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
प्रेम व वैवाहिक
यदि प्रेम संबंध की बात करें तो यह महीना आपको बहुत कुछ प्रदान कर सकता है। पंचम भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में सूर्य, मंगल और बुध के साथ सप्तम भाव में विराजमान होंगे और बृहस्पति की दृष्टि भी पंचम और सप्तम भाव पर होगी तथा पंचमेश शुक्र पर भी होगी जिससे प्रेम में प्रगाढ़ता आएगी। आप अपने प्यार में आगे बढ़ेंगे। आप अपने प्रियतम को विवाह के लिए मनाने में भी कामयाब हो सकते हैं जिससे आपके प्रेम विवाह के योग बनने की स्थिति बनती रहेगी लेकिन बहुत सारे ग्रहों का प्रभाव बना रहने की वजह से और महीने के उत्तरार्ध में पंचमेश के भी अष्टम भाव में चले जाने से बीच-बीच में समस्याएं उत्पन्न होंगी। अपने प्रेम को लोगों की नजर लगने से बचाएं जिससे आपका रिश्ता संभल सके।
विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव पर छह ग्रहों का प्रभाव वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। जीवनसाथी और आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके बीच विचारों का मतभेद हो सकता है जिससे वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट बढ़ सकती है। आपको सावधान रहना होगा। महीने के उत्तरार्ध में चार ग्रहों का अष्टम भाव पर प्रभाव ससुराल से संबंधों में उतार-चढ़ाव ला सकता है लेकिन जीवनसाथी से संबंध सुधारने लगेंगे।
विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव पर छह ग्रहों का प्रभाव वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। जीवनसाथी और आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपके बीच विचारों का मतभेद हो सकता है जिससे वैवाहिक संबंधों में कड़वाहट बढ़ सकती है। आपको सावधान रहना होगा। महीने के उत्तरार्ध में चार ग्रहों का अष्टम भाव पर प्रभाव ससुराल से संबंधों में उतार-चढ़ाव ला सकता है लेकिन जीवनसाथी से संबंध सुधारने लगेंगे।
पारिवारिक
मासिक राशिफल 2026 के अनुसार, यदि आपके पारिवारिक जीवन पर नजर डाली जाए तो दूसरे भाव पर महीने की शुरुआत में मंगल की दृष्टि रहेगी और महीने के उत्तरार्ध में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र, ये समस्त ग्रह आपके दूसरे भाव को देखेंगे जिससे कुटुंब के लोगों से कई बातों पर कहा सुनी हो सकती है लेकिन कुछ अच्छी बातें भी होगी जो परिवार में खुशी लेकर आएंगी। किसी शादी, विवाह या शुभ समारोह की स्थिति भी बन सकती है।
ससुराल के लोगों से आपके परिवार के लोगों का सामंजस्य बढ़ सकता है लेकिन बीच-बीच में कुछ कड़वी बातें भी सामने आ सकती हैं। चौथे भाव पर शनि महाराज की दृष्टि पूरे महीने बनी रहने वाली है और चौथे भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में तो सप्तम भाव में और उसके उत्तरार्ध में 17 तारीख से अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे माता जी को महीने के उत्तरार्ध में स्वास्थ्य कष्ट हो सकते हैं और परिवार में थोड़ी बहुत क्लेश की स्थिति भी उत्पन्न होगी जिसे आप अपनी समझदारी से संभालने में सक्षम हो सकते हैं लेकिन आपको उसके लिए लगातार प्रयास करने होंगे। तीसरे भाव में केतु के उपस्थित होने से भाई - बहिनों को छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। मंगल के भी अष्टम भाव में चले जाने से उत्तरार्ध में भाइयों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए उनका ध्यान रखें।
ससुराल के लोगों से आपके परिवार के लोगों का सामंजस्य बढ़ सकता है लेकिन बीच-बीच में कुछ कड़वी बातें भी सामने आ सकती हैं। चौथे भाव पर शनि महाराज की दृष्टि पूरे महीने बनी रहने वाली है और चौथे भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में तो सप्तम भाव में और उसके उत्तरार्ध में 17 तारीख से अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे जिससे माता जी को महीने के उत्तरार्ध में स्वास्थ्य कष्ट हो सकते हैं और परिवार में थोड़ी बहुत क्लेश की स्थिति भी उत्पन्न होगी जिसे आप अपनी समझदारी से संभालने में सक्षम हो सकते हैं लेकिन आपको उसके लिए लगातार प्रयास करने होंगे। तीसरे भाव में केतु के उपस्थित होने से भाई - बहिनों को छोटी-मोटी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। मंगल के भी अष्टम भाव में चले जाने से उत्तरार्ध में भाइयों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या शारीरिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं इसलिए उनका ध्यान रखें।
उपाय
आपको प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
आपको मंगलवार के दिन रक्तदान करना चाहिए।
शनिवार के दिन श्री शनि देव जी महाराज की उपासना करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ को छुए बिना जल चढ़ाना लाभदायक रहने वाला है।
आपको मंगलवार के दिन रक्तदान करना चाहिए।
शनिवार के दिन श्री शनि देव जी महाराज की उपासना करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ को छुए बिना जल चढ़ाना लाभदायक रहने वाला है।
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