मेष का मासिक राशिफल / Mesh Masik Rashifal in Hindi
October, 2024
सामान्य
यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। इस महीने आपको विशेष रूप से अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि महीने की शुरुआत से ही आपकी सेहत में गिरावट आ सकती है और अगर आप उस पर ध्यान नहीं देते हैं तो आपको चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता पड़ेगी और अस्पताल भी जाना पड़ सकता है। आर्थिक रूप से बात करें तो आमदनी अच्छी होने के बावजूद भी आपके निरंतर खर्च बने रहेंगे जो आपको थोड़ी सी पीड़ा दे सकते हैं इसलिए आपको धन के प्रबंधन पर सही ध्यान देना चाहिए। जहां तक करियर की बात है तो आप अपनी नौकरी में भरपूर मेहनत करेंगे। आपके वरिष्ठ अधिकारी किसी-किसी बात पर आपसे बहस कर सकते हैं लेकिन वह आपके काम की कदर करेंगे और इससे आपको नौकरी में अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपको अपने विरोधियों से सतर्क रहना चाहिए। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह महीना बढ़िया दिखाई देता है। आपकी उम्मीदें पूरी होंगी और आप कामयाबी की राह पर आगे बढ़ेंगे और आपका व्यापार उन्नति करेगा। विद्यार्थी वर्ग को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और आपकी पलकों पर परीक्षा होगी लेकिन आपकी मेहनत आपको सफलता दिलाएगी। पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव के बावजूद खुशी भरे पलों की आमद होगी। प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव रहेगा लेकिन महीने के उत्तरार्ध में समस्याओं में कमी आएगी। प्रेम विवाह की संभावना बन सकती है। वैवाहिक संबंधों में प्रेम और रूमानियत का योग रहेगा। महीने का पूर्वार्ध अधिक अनुकूल रहेगा। उत्तरार्द्ध में कुछ समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। विदेश यात्रा करना चाहते हैं तो इस महीने आपको सफलता मिल सकती है।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्य रूप से फलदायक रहेगा। दशम भाव के स्वामी शनि महाराज एकादश भाव में पूरे महीने वक्री अवस्था में विराजमान रहेंगे जिससे आपको अपनी नौकरी में बहुत ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी और आपके ऊपर काम का दबाव भी रहेगा। आपके वरिष्ठ अधिकारी किसी न किसी बात पर आपसे बहस आदी कर सकते हैं लेकिन वह आपके काम को पसंद करते हैं यह आपको जाहिर नहीं होने देंगे इसलिए आप अपने काम को बेहतर से बेहतर करने की कोशिश करते रहें। तीसरे भाव में मंगल महाराज 20 अक्टूबर तक बने रहेंगे जिससे आप कठिन चुनौतियों को अपनी मेहनत और कार्य कुशलता से आगे बढ़ाने में सफल रहेंगे और आपके सहकर्मियों और विरोधियों को धूल चटाने में कामयाब रहेंगे। 20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में आकर आपके दशम और एकादश भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे आप अपने काम में और अधिक मजबूती दिखा पाएंगे। छठे भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में सूर्य और केतु के साथ छठे भाव में विराजमान रहेंगे और उन पर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि होगी इसकी वजह से आपके विरोधी आपको परेशान करने की कोशिश करेंगे लेकिन, महीने के उत्तरार्ध में बुध और सूर्य आपके सप्तम भाव में आ जाएंगे और 20 अक्टूबर से मंगल भी चतुर्थ भाव में आ जाएंगे तब इन समस्याओं में कमी आएगी। आप अपने विरोधियों को पहचानते हुए एक अच्छे विजेता के रूप में अपनी पहचान बनाएंगे और कार्य क्षेत्र में अपनी स्थिति को और प्रबल बना लेंगे। महीने का अंतिम सप्ताह आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। इस दौरान आपके पद में वृद्धि का समाचार आपको मिल सकता है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत बेहद अच्छी रहेगी। सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज सप्तम भाव में ही विराजमान रहकर आपकी उम्मीदों को पंख लगाएंगे। आप जो कुछ भी कोशिश करेंगे उसमें सफलता प्राप्त करेंगे। हालांकि छठे भाव में ग्रहों का जमावड़ा और उन पर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि के कारण व्यावसायिक खर्च और पूंजी निवेश बढ़ सकता है लेकिन इससे आपको विदेशी व्यापार का लाभ भी मिल सकता है। 13 अक्टूबर से शुक्र सप्तम भाव से निकलकर अष्टम भाव में जाएंगे तब आपको थोड़ी सावधानी बरतनी होगी और चोरी छुपे कोई भी ऐसा कार्य करने से बचना होगा जो कानूनी रूप से गलत हो क्योंकि इसका असर आपके व्यापार पर पड़ सकता है। हालांकि मंगल के चौथे भाव में 20 अक्टूबर को आ जाने से आपके व्यावसायिक साझेदार से कुछ कहा सुनी हो सकती है इसलिए थोड़ी सावधानी रखें। फिर भी आपको सरकारी क्षेत्र से भी लाभ महीने के उत्तरार्द्ध में मिल सकता है और व्यापार में कुछ नए संपर्क स्थापित होने का फायदा होगा।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। पूरे महीने शनि महाराज वक्री अवस्था में एकादश भाव में रहेंगे जो आपकी आर्थिक स्थिति के लिए बेहद अनुकूल रहेगा और आपकी आमदनी में नित्य नई प्रगति होती रहेगी और इजाफा होता रहेगा जिससे आपकी आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन बढ़िया रहेगी। आपकी दैनिक आमदनी भी अच्छी रहेगी इसलिए धन की कमी आपके पास नहीं होगी लेकिन द्वादश भाव में राहु की उपस्थिति और छठे भाव में सूर्य, बुध, केतु की उपस्थिति होने से आपके अप्रत्याशित खर्च होंगे। खर्च व्यर्थ की चीजों पर ज्यादा होंगे जिससे धन का अपव्यय होगा और इसलिए आपको परेशान होना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त किसी की बीमारी को ठीक करने के लिए भी आपको धन खर्च करना पड़ सकता है लेकिन आपके लिए 9 अक्टूबर से वक्री बृहस्पति की स्थिति भी अनुकूलता लेकर आएगी और आपके धन में वृद्धि करवाएगी। इस प्रकार देखें तो यह महीना हद से ज्यादा खर्चों के लिए जाना जाएगा लेकिन आपकी आमदनी में भी निरंतरता बनी रहेगी इसलिए आपको बहुत ही सही तरीके से अपने धन के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए ताकि किसी भी तरह की कोई बड़ी समस्या आपको परेशान ना कर पाए। अगर आप कोई संपत्ति खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए महीने का पूर्वार्ध अनुकूल रहेगा। उत्तरार्ध में किसी भी संपत्ति में हाथ ना डालें। चाहे वह चल संपत्ति हो अथवा अचल क्योंकि उससे नुकसान होने की संभावना बन सकती है। इस महीने आपके व्यापार में भी धन का निवेश करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा कमजोर रहने की संभावना दिखाई दे रही है। आपके राशि स्वामी मंगल महाराज तीसरे भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपको हर चुनौती के प्रति मजबूती प्रदान करेंगे और आप अपनी हर समस्या से लड़ पाएंगे लेकिन 20 अक्टूबर से मंगल चतुर्थ भाव में आकर अपनी नीच राशि कर्क में विराजमान रहेंगे जिससे आपको रक्त संबंधित समस्याएं और छाती में जकड़न और छाती में जलन आदि से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त पूरे महीने राहु आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे और वक्री शनि देव की दृष्टि भी आपकी राशि पर रहेगी और महीने के पूर्वार्ध में सूर्य और बुध भी केतु के साथ छठे भाव में विराजमान रहकर स्वास्थ्य समस्याओं को पीड़ित करेंगे इसलिए आपको बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी होगी। खासतौर से पेट और बड़ी आंत से संबंधित समस्याओं के प्रति सावधानी बरतें और जल जनित बीमारियों के प्रति भी सतर्कता रखें। इसके बाद बुध 10 अक्टूबर से और सूर्य 17 अक्टूबर से आपके सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे तो शुक्र 13 अक्टूबर से और बुध 29 अक्टूबर से आपके अष्टम भाव में आ जाएंगे। इस प्रकार सप्तम और अष्टम भाव तथा छठा भाव पीड़ित अवस्था में होने के कारण आपके लिए यह समय स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ कमजोर रहेगा। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो सकती है इसलिए इस दौरान बहुत सावधानी रखें, खुद के प्रति लापरवाही ना बरतें और कोई भी समस्या हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें तभी आप समस्याओं से बच पाएंगे और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना पाएंगे।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आपके प्रेम संबंधों की बात की जाए तो पंचम भाव के स्वामी सूर्य महाराज बुध और केतु के साथ महीने की शुरुआत में छठे भाव में रहेंगे और उनके ऊपर मंगल और बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि रहेगी। इसके अतिरिक्त वक्री शनि पूरे महीने आपके पंचम भाव को देखेंगे जिससे प्रेम संबंधों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको कुछ भी कड़वा बोलने से बचना चाहिए और कोई भी ऐसी बात अपने प्रियतम से ना करें जो उनको बुरी लगे। इस दौरान उन्हें निजी जीवन में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में एक अच्छे साथी की तरह उनके साथ दें और हर दुख सुख में उनके साथ खड़े नजर आयें जिससे उन्हें भी आपके प्यार पर भरोसा हो। महीने के उत्तरार्ध में जब सूर्य 16-17 अक्टूबर को तुला राशि में आपके सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे तब समय अनुकूल रहेगा। अगर आप अपने रिश्ते को संभाल पाते हैं तो आपका आपके प्रियतम से अच्छे संबंधों का आपको लाभ होगा और आपके प्रेम विवाह की बात पक्की हो सकती है इससे घर में खुशी आएगी। यदि विवाहित जातकों की बात करें तो महीने की शुरुआत में सप्तम भाव के स्वामी शुक्र महाराज सप्तम भाव में ही विराजमान रहेंगे और द्वादश भाव में राहु तथा दूसरे भाव में देवगुरु बृहस्पति की उपस्थिति रहेगी। इससे आपके वैवाहिक जीवन में मधुरता रहेगी। आपस में प्रेम और रूमानियत के योग भी बने रहेंगे जो आपके रिश्ते को बहुत ही हल्का और अच्छा बना कर रखेंगे। आपस में प्रेम बढ़ेगा, परिवार के प्रति जिम्मेदारियां का निर्वहन भी भली प्रकार करेंगे और एक दूसरे को बराबर सम्मान देंगे। हालांकि इस दौरान आप विवाहेतर संबंधों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं। इसके बाद 10 अक्टूबर से बुध आपके सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे और 13 अक्टूबर से शुक्र सप्तम भाव से निकलकर अष्टम भाव में आ जाएंगे इस दौरान रिश्ते में प्रेम तो रहेगा लेकिन कुछ कहासुनी होने की स्थिति बन सकती है। फिर 17 अक्टूबर को सूर्य महाराज भी आपके सप्तम भाव में आ जाएंगे इससे रिश्ते में तनाव बढ़ेगा। जीवनसाथी की अहम भरी बातें आपके दिल को तोड़ सकती हैं। 20 अक्टूबर से मंगल कर्क राशि में चतुर्थ भाव में आकर अपनी चतुर्थ दृष्टि से आपके सप्तम भाव को देखेंगे और बुध 29 अक्टूबर को आपके अष्टम भाव में चले जाएंगे इस प्रकार सूर्य और मंगल जैसे गर्म प्रकृति के ग्रहों का प्रभाव सप्तम भाव को दूषित बनाएगा और इससे आप दोनों के बीच लड़ाई झगड़े की स्थिति बनेगी। दूसरी तरफ देवगुरु बृहस्पति 9 अक्टूबर से वक्री अवस्था में आ जाएंगे तो वह आपके रिश्ते की रक्षा करेंगे लेकिन आपको फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए और कोई भी बड़ा निर्णय लेने से बचना चाहिए। इसी से आप अपने रिश्ते में परिपक्वता बना पाएंगे।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर ठीक-ठाक रहने की संभावना है। महीने के पूर्वार्ध में दूसरे भाव के स्वामी शुक्र महाराज सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे और नवम भाव और द्वादश भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति आपके दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे जिससे परिवार में महिलाओं और बुजुर्गों का दबदबा रहेगा। उनके अनुसार निर्णय परिवर्तित होंगे लेकिन घर का माहौल अच्छा रहेगा। घर में किसी का जन्म हो सकता है अथवा किसी का विवाह आदि शुभ कार्य की शहनाइयां बज सकती हैं जिससे घर में बहुत अच्छा माहौल रहेगा। पूजा पाठ और शुभ कार्य होंगे, लोगों का आवागमन होता रहेगा जिससे घर में रौनक लगी रहेगी। 20 अक्टूबर से मंगल महाराज आपके चौथे भाव में अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करेंगे यह समय पारिवारिक जीवन में थोड़े तनाव बढ़ा सकता है। इस दौरान पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है और आपकी माताजी को स्वास्थ्य कष्ट परेशान कर सकते हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति सावधान रहें। किसी भी विवाद को ज्यादा बढ़ने से रोकें क्योंकि वह बड़ा रूप लेकर परिवार की शांति को भंग कर सकता है। दूसरे भाव के स्वामी शुक्र महाराज 13 तारीख से आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। इस दौरान परिवार को किसी संपत्ति में हाथ डालने से बचना चाहिए नहीं तो उसमें नुकसान हो सकता है। ससुराल के लोगों से आपके परिवार के लोगों का तालमेल बैठेगा और आपस में प्रेम बढ़ेगा।
उपाय
आपको मंगलवार के दिन गुड़ के लड्डू वानरों को खिलाने चाहिए।
शनिवार के दिन कच्चा कोयला बहते जल में प्रवाहित करें।
प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को देखें और उन्हें अर्घ्य दें।
बृहस्पतिवार के दिन ब्राह्मण अथवा विद्यार्थियों को भोजन कराएं।
शनिवार के दिन कच्चा कोयला बहते जल में प्रवाहित करें।
प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को देखें और उन्हें अर्घ्य दें।
बृहस्पतिवार के दिन ब्राह्मण अथवा विद्यार्थियों को भोजन कराएं।
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