बुध का मिथुन राशि में गोचर
बुध का मिथुन राशि में गोचर: शिक्षा, वाणी और व्यापार के कारक ग्रह बुध 6 जून 2025 की सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बुध ग्रह यहां पर 22 जून तक रहने वाले हैं। मिथुन राशि बुध ग्रह की स्वयं की राशि है। स्वाभाविक है कि यहां पर रहने की अवधि में बुध ग्रह मजबूत स्थिति वाले कहे जाएंगे। बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है। क्योंकि मान्यता के अनुसार बुध ग्रह आपको बुद्धि बल देकर विभिन्न मामलों में सफलता दिलाते हैं। बुध ग्रह को प्राथमिक शिक्षा का कारक माना गया है। यद्यपि सम्पूर्ण शिक्षा के मामले में बुध ग्रह का प्रभाव रहता है लेकिन प्राथमिक शिक्षा में विशेष प्रभाव रहता है। लिखाई पढ़ाई, पब्लिकेशन, बोलना, समझना, मार्केटिंग जैसे काम बुध के ही माने गए हैं।

विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें बुधका मिथुन राशि में गोचरका अपने जीवन पर प्रभाव
व्यापार में फायदा मुनाफा दिलाने की ताकत भी बुध ग्रह के पास होती है। दूरसंचार, वाद संवाद जैसे मामलों में बुध ग्रह का विशेष आधिपत्य माना गया है। अतः इन सभी मामलों में बुध की मजबूती सकारात्मक परिणाम दे सकती है। अलबत्ता व्यक्ति विशेष या स्थान विशेष की कुंडली के अनुसार बुध की सकारात्मक और नकारात्मक स्थिति भी अपने परिणाम देगी। अर्थात यदि किसी की कुंडली में बुध ग्रह अनुकूल स्थिति में है, शुभ प्रभाव देने वाले ग्रह माने जाते हैं तो बुध ग्रह की यह मजबूती उनको शुभ परिणाम देगी। वहीं यदि किसी मामले में बुध ग्रह अशुभ है या संबंधित व्यक्ति के लिए अशुभ प्रभाव देने वाले ग्रह कह गए हैं तो बुध की मजबूती अशुभता को और बढ़ा सकती है। 6 जून 2025 से लेकर 22 जून 2025 की अवधि में बुध ग्रह अपनी राशि में रहेंगे।
यह तो अनुकूल बात है ही साथ ही साथ बुध ग्रह उच्च शिक्षा के कारक, ज्ञान अनुभव और व्यवस्थापन के कारक ग्रह बृहस्पति के साथ युति करेंगे। बुध, बृहस्पति ग्रह के सानिध्य में रहेंगे। यद्यपि कुछ मामलों में इन दोनों ग्रहों का स्वभाव अलग-अलग भी माना गया है लेकिन सामान्य तौर पर इस युति के अनुकूल परिणाम मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं। विशेषकर शिक्षा के मामले में और व्यापार व्यवसाय आदि में फायदा दिलवाने के मामले में बुध ग्रह काफी प्रभावी रह सकते हैं। इन सबके बावजूद भी बुध और बृहस्पति के बीच कुछ मामलों में तल्ख रिश्ते होने के कारण बाजारों में अचानक से कुछ उतार चढ़ाव भी देखने को मिल सकते हैं। फिर भी सकारात्मकता का ग्राफ अधिक रहने की उम्मीद है। इसलिए व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को गंभीरता और समझदारी से काम लेने की जरूरत तो रहेगी ही लेकिन समझदारी से काम लेने की स्थिति में लाभ मिलने की भी अच्छी संभावनाएं भी बन रही है। आइए जानते हैं कि बुध का मिथुन राशि में गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा।
To Read in English Click Here: Mercury Transit in Gemini
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें
बुध का मिथुन राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
बुध आपकी कुंडली में तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर आपके तीसरे भाव में जा रहें हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर तीसरे भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा जाता है। गोचर शास्त्र के अनुसार तीसरे भाव में बुध का गोचर भाई बंधुओं से विवाद करवा सकता है। मन में कभी-कभी भय के भाव दे सकता है। धन हानि करवा सकता है लेकिन शायद आपके मामले में ऐसे नकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे। क्योंकि बुध अपनी राशि में ही रहने वाला है और बृहस्पति जो कि आपका भाग्य भाव के स्वामी है, उनकी देखरेख में उनके सानिध्य में बुध ग्रह रहेगा।
अतः भाई बंधुओं से विवाद नहीं होना चाहिए। फिर भी इन मामलों में जागरूक रहेंगे तो और अच्छा रहेगा। बातचीत के तौर तरीके को सभ्य और सौम्य रखेंगे तो सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम मिलते रहेंगे। आपका आत्मविश्वास बेहतर होगा, कम दूरी की यात्राएं फायदेमंद रह सकती हैं। कुछ नए मित्र भी आपसे जुड़ सकते हैं या आप इस समय अवधि में नए मित्र भी बना सकेंगे।
उपाय: पक्षियों को दाना चुगाएं।
वृषभ राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। गोचर शास्त्र के नियम के अनुसार दूसरे भाव में बुध के गोचर को अच्छा माना जाता है। ऊपर से बुध ग्रह अपनी राशि में जा रहे हैं इस कारण से बुध ग्रह सामान्य तौर पर आपको फायदा दिलवाना चाहेंगे। आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार वस्त्र आभूषण इत्यादि खरीद सकते हैं। यदि आप विद्यार्थी हैं तो इस समय अवधि में आपका प्रदर्शन काफी अच्छा रह सकता है। विशेष कर बोलने से संबंधित गतिविधियों में आपका प्रदर्शन काफी अच्छा रह सकता है। बुध के इस गोचर के चलते मन अनुकूल भोजन करने के मौके भी मिलते रहेंगे। बातचीत का तौर तरीका अच्छा होने के कारण संबंधियों के साथ लगाव भी बढ़ सकेगा। अन्य लोग भी आपकी वाक्पटुता से प्रभावित हो सकेंगे।
उपाय: मांस, मदिरा, अंडे इत्यादि का त्याग करें।
करियर की हो रही है टेंशन! अभी ऑर्डर करें कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट
मिथुन राशि
बुध आपकी लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके चौथे भाव के भी स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर पहले भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता लेकिन बुध अपनी राशि में रहेंगे, बृहस्पति के प्रभाव में रहेंगे। इस कारण से बुध से अच्छे परिणाम की उम्मीद भी की जा सकती है। वैसे तो बुध के प्रथम भाव में गोचर को अप्रिय वाणी बोलने वाला या बोलने के लिए प्रेरित करने वाला माना गया है। चुगलखोरी करने वाला माना गया है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण, ऊपर से बृहस्पति के प्रभाव में होने के कारण इस तरह के नकारात्मकता को प्रमोट करने की इच्छा बुध ग्रह की नहीं रहेगी। अर्थात आप इस तरह की गतिविधियों से स्वयं को बचा सकेंगे। बशर्तें आप भी ऐसी कोशिश करते रहें।
बुध ग्रह को प्रथम भाव में गोचर करने की अवधि में धन हानि करवाने वाला भी माना गया है लेकिन बुद्धि विवेक जागृत होने के कारण आप फिजूलखर्ची से बचकर आर्थिक मामले में संतुलन बना सकेंगे। इसके अलावा बुध ग्रह को संबंधियों के साथ संबंधों को खराब करने वाला या एक दूसरे का अनादर करने वाला कहा गया है लेकिन बृहस्पति के प्रभाव के चलते आपका आत्मज्ञान ऐसा रहेगा कि आप ऐसा नहीं करेंगे। यानी कि थोड़ा सा रिस्क वाला गोचर होने के बावजूद भी समझदारी दिखाने की स्थिति में आप इस गोचर की अवधि में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: नियमित रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे और द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और बुध का मिथुन राशि में गोचर आपके द्वादश भाव में होगा। द्वादश भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है और द्वादश का मजबूत हो जाना भी एक नकारात्मक बिंदु है लेकिन अनुकूल बात यह रहेगी कि बुध ग्रह आपके भाग्येश बृहस्पति के प्रभाव में रहेंगे। अतः अच्छे आचरण अपनाने की स्थिति में और स्वयं को धर्म सम्मत बनाए रखने की स्थिति में; बुध के नकारात्मक परिणामों को रोका जा सकेगा। नहीं तो सामान्य तौर पर द्वादश भाव में बुध का गोचर व्यर्थ के खर्चे करवाता है। साथ ही साथ स्थानहानि भी करवाता है।
बृहस्पति के प्रभाव के चलते अन्य तरह की स्थान हानि न करवारकर यात्रा इत्यादि करवाने का काम बुध ग्रह का यह गोचर कर सकता है। बुध के इस गोचर को स्त्री से संबंधित कष्ट और शारीरिक तथा मानसिक कष्ट देने वाला कहा गया है। जिसकी थोड़ी बहुत संभावना तो है कि लेकिन ज्ञान के कारक बृहस्पति की संगति में होने के कारण यदि आप ध्यान, योग, मेडिटेशन करेंगे और तकलीफ होने पर बुजुर्गों का सत्संग करेंगे तो तकलीफें दूर होने का रास्ता मिल जाएगा या हो सकता है की तकलीफ आपके पास तक न आए। यद्यपि बुध के इस गोचर को विद्या प्राप्त में बाधक कहा गया है लेकिन बुध बृहस्पति की युति के चलते लगातार कोशिश करके विद्यार्थीगण भी संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
उपाय: माथे पर नियमित रूप से केसर का तिलक लगाना शुभ रहेगा।
सिंह राशि
बुध आपकी कुंडली में दूसरे तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके लाभ भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध ग्रह के गोचर को लाभ भाव में सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला ही माना जाता है और अपनी राशि में होने के कारण साथ ही साथ पंचमेश बृहस्पति की संगति में होने के कारण बुध ग्रह आपको काफी अच्छे परिणाम देना चाहेंगे। आप हर एक कार्य को अच्छी तरह से सूझबूझ के साथ करेंगे। स्वभाविक है कि इस तरह से काम बनेगा और आमदनी में वृद्धि भी होगी। विशेष कर यदि आप व्यापारी है तो व्यापार में अच्छा लाभ मिल सकता है। स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। भाई बंधुओं और मित्रों से अच्छा सपोर्ट मिल सकेगा। संतान, मित्र और प्रेम प्रसंग इत्यादि से संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकेगी। आर्थिक मामले में बुध के इस गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाएगा।
उपाय: नियमित रूप से गणेश चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
बुध आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव के भी स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में यह आपके दशम भाव में गोचर कर रहे हैं। दशम भाव में बुध ग्रह के गोचर को समानता पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से बुध ग्रह अपनी राशि में रहेंगे। प्रथम भाव के स्वामी का दशम भाव में अपनी ही राशि में होना सामान्य तौर पर कार्यक्षेत्र में अच्छा लाभ दिलाने वाला माना जाएगा। विशेष कर व्यापार व्यवसाय से जुड़े हुए लोग अपने कामों को विधिवत तरीके से संपन्न कर सकेंगे और अच्छा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। सामाजिक मामलों में बुध ग्रह के इस गोचर को अच्छा माना जाएगा। क्योंकि यह गोचर आपको पद लाभ करवाने में मदद कर सकता है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर कर सकेंगे। व्यापार व्यवसाय, काम धंधे में लाभ तो करवा ही सकता है साथ ही साथ बुध ग्रह यश व सफलता भी दिलाने में मददगार बनेगा।
उपाय: मंदिर में दूध और चावल का दान करना शुभ रहेगा।
कुंडली में मौजूद राज योग की समस्त जानकारी पाएं
तुला राशि
बुध आपकी कुंडली में भाग्य तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में बुध का मिथुन राशि में गोचर आपके भाग्य भाव में होगा। वैसे सामान्य तौर पर बुध ग्रह को नवम भाव में गोचर करने की स्थिति में अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना गया है। क्योंकि बुध ग्रह के भाग्य भाव में गोचर को भाग्य हानि करवाने वाला माना जाता है। इतना ही नहीं बुध के इस गोचर को बाधाएं देने वाला भी माना जाता है। गोचर शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह का नवम भाव में गोचर धन और सम्मान की हानि करवाता है लेकिन शायद आपके मामले में ऐसे नकारात्मक परिणाम देखने को न मिलें। इसके मुख्यतः दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण यह कि बुध ग्रह आपके भाग्य भाव के स्वामी है और भाग्य भाव के स्वामी का भाग्य भाव में जाना इन मामलों में दुर्बलता नहीं बल्कि मजबूती देने का काम करेगा।
ऊपर से बुध ग्रह आपके पराक्रम भाव के स्वामी बृहस्पति के संगति में रहेगा और बृहस्पति को वैसे भी ज्ञान का कारक माना गया है, धर्म का कारक माना गया है। ऐसी स्थिति में यदि आप सही मार्ग पर चलेंगे, अपने साथ-साथ दूसरों के प्रति भी अच्छे भाव रखेंगे तो बुध ग्रह आपको नकारात्मक परिणाम नहीं देंगे बल्कि भाग्य में सपोर्ट करेंगे। कामों में आ रही बाधाओं को दूर करने में बुध मददगार बनेंगे। परोपकार में कुछ धन खर्च करने की स्थिति में आपको मान सम्मान भी मिल सकेगा।
उपाय: प्रतिदिन अन्यथा बुधवार के दिन गणेश जी को हरी दूब चढ़ाना शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशि
बुध आपकी कुंडली में आठवें तथा लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके आठवें भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर अष्टम भाव में अधिकांश ग्रहों के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन बुध के गोचर को आठवें भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। ऊपर से बुध ग्रह अपनी राशि में रहेंगे और आपके लाभ भाव के स्वामी होकर आठवें भाव में अपनी राशि में रहेंगे। अतः बुध ग्रह आपको अप्रत्याशित रूप से धन लाभ करवा सकते हैं। कामों में भी अचानक से सफलता मिल सकती है। इसके अलावा प्रतिस्पर्धात्मक कामों में आपका पक्ष मजबूत हो सकता है।
सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने की स्थिति में अच्छा सामाजिक सम्मान भी मिल सकता है। अच्छी पोजीशन भी मिल सकती है लेकिन इन सब के बावजूद भी वाणी पर संयम रखना जरूरी रहेगा। क्योंकि वाणी स्थान पर शनि ग्रह की दृष्टि भी रहेगी। हालांकि दूसरे भाव का स्वामी बृहस्पति भी दूसरे भाव को देखेगा, साथ ही साथ वाणी के कारक बुध और बृहस्पति की युति वाणी पर संयम रखवाने में मददगार बनेगी लेकिन इसके बावजूद भी स्वयं की तरफ से लगातार सरस बनने की और अच्छे शब्द बोलने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। ऐसा करने की स्थिति में सामान्य तौर पर आपको अनुकूल परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: ध्यान योग की मुद्रा में बैठकर कम से कम 5 मिनट या उससे अधिक समय तक ॐ का उच्चारण करना शुभ रहेगा।
बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
बुध आपकी कुंडली में सातवें तथा दशम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे सामान्य तौर पर सप्तम भाव में बुध के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। सबसे पहले हम गोचर शास्त्र में लिखे गए नकारात्मक परिणामों की चर्चा करते हैं। इसके बाद बताते हैं कि यह परिणाम आपको मिलेंगे या नहीं। सप्तम भाव में बुध के गोचर को स्त्री से विवाद करवाने वाला माना गया है। शारीरिक पीड़ा देने वाला माना गया है। शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में नकारात्मक परिणाम देने वाला माना गया है। यात्रा और व्यवसाय में हानि करवाने वाला माना गया है और कभी-कभी चिंता देने वाला भी माना गया है लेकिन आपके मामले में इस तरह के परिणाम शायद नहीं मिलेंगे या बहुत कम मात्रा में मिलेंगे। फिर भी स्त्री या पार्टनर के साथ पूरी सभ्यता के साथ पेश आना है।
यदि सामने से कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही हो तो स्वयं को शांत रख लेना समझदारी का काम होगा। क्योंकि आपका यह प्रयास विवाद को टालने में मददगार बनेगा और बुध बृहस्पति की युति संबंधित नकारात्मकता को और नहीं बढ़ाएगी। वहीं थोड़ा सा योग व्यायाम करने की स्थिति में शरीर में पीड़ा भी नहीं होगी। क्योंकि महीने के पहले हिस्से में सूर्य ग्रह छठे भाव में रहेंगे। अतः शासन प्रशासन से संबंधित मामलों में कोई प्रतिकूलता भी नहीं देखने को मिलेगी लेकिन महीने के मध्य भाग के बाद के समय में थोड़ी सी एक्स्ट्रा सावधानी रखने की जरूरत पड़ सकती है। अर्थात शासन प्रशासन से संबंधित कामों में नियम व अनुशासन का पालन करना नकारात्मकता को दूर करने में सहायक बनेगा। साथ ही साथ सावधानी पूर्वक किया गया व्यापार व्यवसाय और यात्रा भी हितकारी सिद्ध हो सकेगी।
उपाय: आर्थिक व व्यापारिक मामलों में रिस्क न लेना उपाय की तरह काम करेगा।
मकर राशि
बुध आपकी कुंडली में छठे तथा भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में बुध का मिथुन राशि में गोचर आपके छठे भाव में होने जा रहा है। छठे भाव में बुध के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसे में बुध का अपनी ही राशि में छठे भाव में होना काफी अच्छे परिणाम देने और दिलाने का काम कर सकता है। बुध का यह गोचर आर्थिक मामलों में आपके अनुकूलता देने का प्रयास करेगा। यद्यपि द्वादशेश बृहस्पति के साथ युति करने के कारण कुछ खर्चे तो रहेंगे लेकिन संभवत खर्च सार्थक चीजों के लिए होंगे, व्यर्थ में नहीं होंगे। क्योंकि न केवल बुध ग्रह पर बल्कि आपके दूसरे भाव पर भी बृहस्पति का प्रभाव रहेगा जो सार्थक चीजों में ही खर्च करवाना चाहेगा।
स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहना चाहिए। प्रतिस्पर्धात्मक कामों में आपका प्रदर्शन बेहतर रह सकता है। बुध का यह गोचर आपके मान सम्मान को बढ़ाने का काम भी कर सकता है। यदि आपका काम लेखन से संबंधित है अथवा आप कला या साहित्य से जुड़े हुए व्यक्ति हैं, तो आप इस समय अवधि में बेहतर रचनाएं कर सकते हैं या आपकी कृतियों को प्रसिद्धि मिल सकती है।
उपाय: किसी बुधवार के दिन कन्या पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
बुध आपकी कुंडली में पांचवें तथा आठवें भाव के स्वामी होकर आपके पंचम भाव में गोचर कर रहे हैं। वैसे तो सामान्य तौर पर बुध के गोचर को पंचम भाव में अच्छा नहीं माना जाता। गोचर शास्त्र के अनुसार पंचम भाव में बुध का गोचर मन को अशांत करता है। मन में तरह-तरह के विचार लाने का काम करता है लेकिन बृहस्पति की युति के कारण विचार आएंगे तो सही लेकिन सार्थक और उचित विचार आएंगे। इस कारण से मन में अशांति के भाव शायद न रहें। बुध के गोचर को पंचम भाव में संतान से संबंधित मामलों में कुछ परेशानियां देने वाला कहा गया है लेकिन बृहस्पति की कृपा से परेशानियां जल्दी ही दूर हो जाएगी। वैसे तो पंचम भाव में बुध का गोचर योजनाओं में असफलता देने और दिलाने का काम करता है लेकिन बृहस्पति जैसे अनुभवी ग्रह की संगति होने के कारण योजनाएं सामान्य तौर पर सार्थक परिणाम दे सकेगा और लाभ की प्राप्ति होने के कारण आर्थिक चिंताएं भी दूर हो जाया करेंगी अर्थात जो भी नकारात्मकता सामान्य तौर पर पंचम भाव में बुध के गोचर को मिला करती है स्वयं की राशि में होने के कारण और बृहस्पति की संगति में होने के कारण वह नकारात्मकता शांत होगी और अधिकांश मामलों में संतोषप्रद परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: गाय को हरा चारा खिलाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
बुध आपकी कुंडली में चौथे तथा सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में यह आपके चौथे स्थान पर गोचर कर रहे हैं। चौथे भाव में बुध की गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। ऐसी स्थिति में जब बुध अपने स्वयं की राशि में है और आपके लग्न या राशि के स्वामी बृहस्पति की संगति में है तो बुध यथासंभव अनुकूल परिणाम देना चाहेंगे। बुध का यह गोचर घर गृहस्ती का सुख बढ़ाने में मददगार बन सकता है। माता से संबंधित परेशानियां दूर होगी और माता से संबंधित मामलों में अनुकूलता देखने को मिलेगी। जमीन जायदाद से संबंधित मामलों में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
घरेलू सुख शांति के अलावा बड़े लोगों से मित्रता करवाने में भी बुध का यह गोचर अहम भूमिका निभा सकता है। अर्थात सामान्य तौर पर बुध के इस गोचर से आप अनुकूल परिणाम की उम्मीद रख सकते हैं। विशेषकर महीने के पहले हिस्से में जब सूर्य का प्रभाव चतुर्थ भाव पर नहीं रहेगा, तब गृहस्थ जीवन से संबंधित मामलों में अधिक अनुकूलता रहेगी। महीने के मध्य भाग के बाद सूर्य की चतुर्थ भाव में उपस्थित कुछ मामलों में परेशानियां दे सकती है लेकिन इसमें बुध ग्रह का नहीं बल्कि सूर्य का हस्तक्षेप माना जाएगा। अर्थात सामान्य तौर पर बुध ग्रह के इस गोचर से आप अपने लिए अनुकूल परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं।
उपाय: उपाय के रूप में भगवान गणेश की पूजा अर्चना शुभ रहेगी।
सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. 2025 में बुध का मिथुन राशि में गोचर कब होगा?
6 जून 2025 को बुध मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
2. बुध किसके कारक हैं?
बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है
3. मिथुन राशि का स्वामी कौन है?
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं।
Astrological services for accurate answers and better feature
Astrological remedies to get rid of your problems

AstroSage on MobileAll Mobile Apps
- Horoscope 2025
- Rashifal 2025
- Calendar 2025
- Chinese Horoscope 2025
- Saturn Transit 2025
- Jupiter Transit 2025
- Rahu Transit 2025
- Ketu Transit 2025
- Ascendant Horoscope 2025
- Lal Kitab 2025
- Shubh Muhurat 2025
- Hindu Holidays 2025
- Public Holidays 2025
- ராசி பலன் 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- ರಾಶಿಭವಿಷ್ಯ 2025
- ਰਾਸ਼ੀਫਲ 2025
- ରାଶିଫଳ 2025
- രാശിഫലം 2025
- રાશિફળ 2025
- రాశిఫలాలు 2025
- রাশিফল 2025 (Rashifol 2025)
- Astrology 2025