मंगल का मिथुन राशि में गोचर (16 अक्टूबर 2022)
एस्ट्रोसेज के इस लेख में आपको मंगल का मिथुन राशि में गोचर (16 अक्टूबर 2022) से जुड़ी समस्त जानकारियां मिलेंगी, जो हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषियों द्वारा मंगल ग्रह की चाल, स्थिति एवं जातक की दशा का विश्लेषण कर प्रदान की गई हैं। मंगल का मिथुन राशि में गोचर होना सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन को प्रभावित करेगा तो आइए जानते हैं कि आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

मंगल का मिथुन राशि में गोचर 16 अक्टूबर 2022 को हो रहा है। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह को बेहद शक्तिशाली ग्रह माना गया है। साथ ही इन्हें ऊर्जा, शक्ति, साहस एवं पराक्रम का कारक तत्व भी प्राप्त होता है। इसलिए ही कुंडली में मंगल की स्थिति के द्वारा ही उस व्यक्ति के साहस और दृढ़ संकल्प का पता लगाया जाता है। इसके अलावा समस्त राशियों में से मेष एवं वृश्चिक राशि मंगल ग्रह की राशि होती है और कर्क व सिंह लग्न के लिए मंगल देव एक योग कारक ग्रह होते है। मंगल ग्रह का प्रभाव सीधे तौर पर व्यक्ति के स्वभाव व व्यवहार को प्रभावित करता है। यही कारण है कि जिस कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं तो वो जातक साहसी और पराक्रमी बनता है। परंतु कुंडली में मंगल की दुर्बल अवस्था जातक के आत्मविश्वास में गिरावट करती है।
इसके अलावा कुंडली में मंगल का पीड़ित होना जातक को फोड़े-फुंसी, रक्त संबंधी, कुष्ठ, ख़ुजली, रक्तचाप, अल्सर, ट्यूमर, कैंसर आदि जैसी समस्या दे सकता है। ऐसे व्यक्ति को अनंत मूल जड़ व मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
मंगल ग्रह से मांगलिक दोष
ज्योतिष अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में मंगल ग्रह की उपस्थिति होती है तो इस स्थिति में उस कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण होता है। कुंडली में मंगल व मांगलिक दोष के कारण ही जातक का दांपत्य व वैवाहिक जीवन प्रभावित रहता है। इसके चलते व्यक्ति को विवाह में बाधा, देरी अथवा अन्य समस्याओं में दो-चार होना पड़ेगा। मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभावों को शून्य या कम करने के लिए ही ज्योतिषी जातक को कारगर उपाय करने की सलाह देते हैं।
गोचर काल की अवधि
अब यही ऊर्जा, भाई, भूमि, साहस, पराक्रम और शक्ति के कारक लाल ग्रह मंगल एक बार पुनः अपना राशि परिवर्तन करते हुए 16 अक्टूबर 2022 दिन रविवार को दोपहर 12:04 बजे वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
मंगल के मिथुन राशि में गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर किसी न किसी रूप में ज़रूर पड़ेगा। तो आइये अब बिना देर किये इस राशिफल के ज़रिए जानते हैं मंगल के मिथुन राशि में गोचर का आपकी राशि पर होने वाला प्रभाव।
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मेष
मेष राशि के लिए मंगल ग्रह उनके लग्न भाव और अष्टम भाव के स्वामी हैं। अब 16 अक्टूबर 2022 को वे अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से तृतीय भाव में विराजमान होंगे। वैदिक ज्योतिष में कुंडली के तीसरे भाव से हम जातक के भाई-बहन, साहस, पराक्रम, संवाद और यात्रा का पता लगाते हैं। ऐसे में तीसरे भाव में मंगल की ये उपस्थिति आपके जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन लेकर आने वाली है।
मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपको धैर्यवान और साहसी भी बनाएगा और इसके चलते आप अपने जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले समय पर लेने में सक्षम होंगे। खासतौर से यदि कार्यक्षेत्र पर आपको अपनी किसी योजना को अपनाने में कोई समस्या आ रही थी तो वो भी इस समय दूर हो सकेगी। आपके सहकर्मी आपका सहयोग करेंगे। साथ ही कार्यस्थल पर हर कोई आपकी प्रशंसा करता दिखाई देगा। हालांकि आपको कार्यक्षेत्र पर हर कर्मी से बातचीत करते समय किसी भी वाद-विवाद में न पड़ने की भी सलाह दी जाती है अन्यथा न चाहते हुए भी यह समय आपकी छवि को ख़राब कर सकता है।
इसके अलावा इस समय मंगल आपके नवम भाव पर भी दृष्टि डालेंगे जो भाग्य, पिता, गुरु, धर्म आदि का भाव होता है। इस कारण कार्यक्षेत्र में मंगल देव आपको भाग्य का साथ देते हुए नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति और आमदनी वृद्धि होने के योग बनाएंगे।
इस राशि के छात्रों की बात करें तो मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को मंगल देव की कृपा से अच्छा प्रदर्शन देने में मदद मिलेगी। वहीं प्रतियोगी परीक्षा या किसी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे जातक भी सफल हो सकेंगे।
निजी जीवन में यूँ तो परिस्थितियां आपके पक्ष में ही होंगी। परंतु बावजूद इसके आपको शुरुआत से ही अपने क्रोध पर नियंत्रण रखते हुए किसी भी स्थिति में हिंसक होने से बचना होगा। क्योंकि आशंका है कि कुछ जातकों का अपने छोटे भाई के साथ कोई विवाद हो और उसके कारण आप कुछ दुखी हो सकते हैं। ऐसे में उनके साथ अपने संबंधों को मधुर बनाने के लिए धैर्य के साथ उनकी बातों को सुनें और अपनी बातों को उन्हें समझाने का प्रयास करें।
स्वास्थ्य जीवन के लिहाज़ से मंगल देव का ये गोचर आपको कान या बाजु से संबंधित कुछ समस्या दे सकते हैं। इसलिए अपनी सेहत के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की आपको सलाह दी जाती है।
उपायः आपको मंगलवार के दिन किसी गार्डन में अनार का पौधा लगाना चाहिए।
वृषभ
वृषभ राशि के लिए मंगल उनके द्वादश भाव व सप्तम भाव के स्वामी हैं और अब अपना गोचर करते हुए वे आपके द्वितीय भाव में विराजमान हो जाएंगे। वैदिक ज्योतिष में कुंडली का दूसरा भाव बचत, वाणी और परिवार का भाव होता है। ऐसे में मंगल का ये गोचर वृषभ राशि के जातकों का सबसे अधिक आर्थिक जीवन प्रभावित करते हुए उनमें अनुकूलता लाने के योग बनाएगा। इसके परिणामस्वरूप वो जातक जो कोई निवेश का प्लान कर रहे थे, उन्हें अच्छा मुनाफ़ा मिलेगा। साथ ही कई जातक अपने पूर्व के किसी निवेश से भी अच्छा धन कमाने में सक्षम होंगे परंतु आपको इस समय बेकार के खर्चों पर लगाम लगाने के लिए एक सही योजनानुसार ही कुछ भी खरीदने की सलाह दी जाती है।
इसके साथ ही मंगल देव आपके स्वभाव में कुछ रुखापन और कडवाहट भी लेकर आने वाले हैं और इस कारण आपको दूसरों से बातचीत करते समय अच्छा व्यवहार करने की ज़रूरत होगी।
साथ ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों व बॉस से बातचीत के समय आपको स्पष्ट रूप से अपनी बात रखने की ज़रूरत होगी। अगर आप व्यापार से जुड़े हैं और आयात-निर्यात या कोई विदेश से जुड़ा व्यापार करते हैं तो आपको अनुकूल फल मिलने की उम्मीद अधिक रहेगी। हालांकि सफलता पाने के लिए आपको शुरुआत से ही खुद को अपने लक्ष्यों के प्रति केंद्रित रखते हुए कडी मेहनत करने की ज़रूरत होगी।
वहीं इस राशि के छात्रों को शिक्षा में कुछ समस्या हो सकती है। आशंका है कि आपके जीवन साथी की सेहत में कुछ गिरावट आए जिस कारण आप भी कुछ परेशान हो सकते हैं।
इसके अलावा इस गोचर के दौरान मंगल आपके अष्टम भाव पर भी दृष्टि डालेंगे जो आयु, खतरा, दुर्घटना आदि का भाव होता है। ऐसे में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ये गोचरकाल आपको नेत्र या रक्त से जुड़ी कुछ समस्या दे सकती है। इसलिए छोटी से छोटी समस्या को भी नज़रअंदाज़ न करते हुए तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। साथ ही इस समय आपके साथ कोई दुर्घटना भी संभव है।
उपायः आपको शुक्र देव जी के बीज मंत्र का पाठ करना चाहिए।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल देव उनके छठे और एकादश भाव के स्वामी हैं। अब 16 अक्टूबर को वे अपना गोचर करते हुए आपकी ही राशि यानी आपके प्रथम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली के प्रथम भाव से हम व्यक्ति के जन्म और उसके स्वभाव का पता लगाते हैं। ऐसे में मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा।
करियर में आपको इस दौरान खुद को अपने लक्ष्यों के प्रति ही केंद्रित रखने की ज़रूरत होगी। इस समय किसी भी निर्णय को जल्दबाज़ी में न लें और न ही कोई भी कार्य करते समय जल्दबाज़ी दिखाएं अन्यथा आपसे कोई बड़ी गलती होने पर आपको हानि संभव है। क्योंकि मंगल देव आपके स्वभाव में कुछ जोश और आवेश में बढ़ोतरी करेंगे। इस कारण आप हर काम को बहुत जल्दी पूरा करने के लिए आतुर दिखाई देंगे। आपके विरोधी भी सक्रिय होने और लगातार आपको हानि पहुंचाने की कोशिश करेंगे। इसलिए आपको उनके प्रति भी सावधानी बरतनी होगी।
पारिवारिक जीवन में यूँ तो इस समय घर का वातावरण पहले से शांत रहेगा। परंतु बड़े भाई-बहनों से आपको इच्छानुसार सहयोग न मिलने से आप कुछ दुखी दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में भाई-बहनों से सहयोग न मिलने पर आपको निराशा भी हो सकती है।
चूंकि मंगल देव इस समय आपके विवाह व जीवनसाथी के सप्तम भाव पर भी दृष्टि डालेंगे। ऐसे में अपने इस स्वभाव में सही बदलाव लेकर आएं। शादीशुदा जातकों को भी किसी कारणवश अपने दांपत्य सुखों से वंचित होना पड़ सकता है।
यदि आप छात्र हैं तो आपकी इच्छा शक्ति कमाल की होगी। जिसके परिणामस्वरूप सेना, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, विश्लेषण या संचार आदि क्षेत्रों से जुड़े जातकों को सामान्य से बेहतर परिणाम मिल सकेंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से यूँ तो इस गोचरकाल के दौरान आप शारीरिक रूप से खुद को पहले से अधिक मजबूत पाएंगे। परंतु बावजूद इस समय आपको कुछ सिरदर्द की समस्या हो सकती है। साथ ही वाहन चालते समय या सड़क पर चलते समय भी विशेष सतर्क रहें अन्यथा आप किसी प्रकार की दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं।
उपायः बुधवार के दिन किन्नरों से आशीर्वाद लेना आपके लिए लाभदायक रहेगा।
कर्क
कर्क राशि के लिए मंगल उनके दशम व पंचम भाव के स्वामी हैं और अब अपने इस गोचर के दौरान वे आपकी राशि से द्वादश भाव में विराजमान होंगे। इसके अलावा कर्क राशि के लिए मंगल योगकारक ग्रह भी होते हैं। कुंडली का द्वादश यानी व्यय भाव जातक के खर्चों, नुकसान, मोक्ष आदि की जानकारी देता है। ऐसे में आपके द्वादश भाव में मंगल देव का गोचर जातकों को कुछ प्रतिकूल फल देने के योग बनाएगा।
आर्थिक रूप से देखा जाए तो मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके खर्चों में अपार वृद्धि कर सकता है। जिसके कारण आपको धन से जुड़ी समस्याओं से गुज़रना पड़ेगा। ऐसे में कई जातक किसी प्रकार का कोई ऋण या कर्ज लेने का प्लान भी करेंगे। हालांकि कोई भी कर्ज लेने से पहले किसी बड़े से सलाह ज़रूर लें अन्यथा भविष्य में आपको उसे चुकाने में समस्या आने से परेशानी संभव है। कार्यक्षेत्र में भी कुछ उतार-चढ़ाव संभव हैं। परंतु आप जल्दी ही अपनी समझ का परिचय देते हुए हर परिस्थिति को हल करने में भी सक्षम होंगे।
चूँकि मंगल देव इस दौरान आपके द्वादश भाव में होते हुए आपके रोग, शत्रु और ऋण के छठे भाव को भी दृष्टि करेंगे इसलिए आपको इस समय कार्यक्षेत्र में अपने शत्रुओं पर भी नज़र बनाकर रखनी होगी। ऐसे में जितना संभव हो उनकी हर चाल पर नजर रखते हुए कार्यस्थल पर किसी से भी झगड़े की स्थिति में न पड़ें। अन्यथा इससे आपकी कार्यक्षमता और छवि तो प्रभावित होगी। साथ ही आपके विरोधियों को भी आपके खिलाफ मौका मिल सकेगा। इसके अलावा अभी कार्यक्षेत्र या व्यापार से संबंधित कोई यात्रा करने से बचें। क्योंकि ये अवधि आपको यात्रा से धन या स्वास्थ्य हानि दे सकती है।
मंगल देव इस समय कई जातकों में कुछ असुरक्षा का भय भी उत्पन्न करेंगे। जिस कारण आप न चाहते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय समय पर नहीं ले सकेंगे। हालांकि पारिवारिक जीवन में आपके छोटे भाई-बहन अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर करते हुए कोई पद या प्रतिष्ठा हासिल करेंगे। परंतु बावजूद इसके आपकी माता की सेहत में आ रही गिरावट घर के वातावरण में कुछ अशांति लाने का कारण बनेगी।
अब बात करें दाम्पत्य जीवन की तो शादीशुदा जातकों को इस दौरान अपने दाम्पत्य जीवन से कुछ मानसिक तनाव संभव है। साथ ही धन के अभाव के कारण भी आपका अपने जीवनसाथी के साथ कुछ विवाद हो सकता है।
स्वास्थ्य जीवन के दृष्टिकोण से मंगल देव आपको बेचैनी और मानसिक तनाव के कारण कुछ अनिद्रा की समस्या दे सकते हैं। इसके अलावा किसी प्रकार के नेत्र संक्रमण के कारण भी परेशानी संभव है इसलिए बार-बार आंखें न मसलने की और ठंडे पानी से आंखें धोने की सलाह दी जाती है।
उपायः मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल उनके नवम व चतुर्थ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ एक “योगकारक” ग्रह भी हैं। जो अब मिथुन राशि में अपने गोचर के दौरान आपके एकादश भाव में विराजमान होंगे। कुंडली के एकादश भाव को लाभ का भाव माना जाता है। ऐसे में आपको मंगल देव अपने इस गोचर के दौरान शुभ फल देने का कार्य करेंगे।
आर्थिक जीवन में आप अपने द्वारा किए हर निवेश से लाभ प्राप्त करेंगे। परंतु कुछ जातक अपनी सुख-सुविधाओं को पूरा करते हुए अपने धन को खर्च करते भी देखें जाएंगे। हालांकि इससे आपको प्रसन्नता मिलेगी।
कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत रंग लाएगी। साथ ही मंगल देव के कारण आपकी ऊर्जा में वृद्धि होने से आप हर कार्य को फुर्ती के साथ पूरा करने में सक्षम होंगे। इससे आपकी वेतन वृद्धि होने के योग तो बनेंगे। साथ ही जो जातक पिछले काफी समय से इच्छानुसार पदोन्नति या स्थानांतरण के इच्छुक थे उन्हें भी मंगल देव शुभ अवसर देंगे। वहीं यदि आप व्यापार से जुड़े हैं तो किसी प्रॉपर्टी या ज़मीन में निवेश करना आपको भविष्य में अच्छा मुनाफ़ा देगा। कार्यस्थल पर आपके हर प्रयास पूरे होंगे और आप दूसरों से जमकर प्रशंसा और मान्यता हासिल करेंगे।
हालांकि मंगल इस समय आपके संतान और बुद्धि के पंचम भाव पर भी दृष्टि डालेंगे। इस कारण सबसे अधिक विवाहित जातकों की संतान को कुछ समस्या से दो-चार होना पड़ेगा। इसलिए यदि आपकी संतान को किसी प्रकार का स्वास्थ्य कष्ट है तो उनका अच्छा उपचार कराएं और उनकी देखभाल करें।
पारिवारिक जीवन में भी भाई-बहन आपका समर्थन करेंगे। किसी कारणवश घर-परिवार में कोई शुभ या धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी हो सकता है। जिसके कारण आपको अपने परिजनों से मुलाक़ात करने का अवसर मिलेगा। जिन जातकों का कोई केस कोर्ट-कचहरी में चल रहा था उसका फैसला भी आपके पक्ष में आने की उम्मीद अधिक नज़र आ रही है।
अब बात करें स्वास्थ्य की तो मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपकी जीवनशैली, ऊर्जा और आपके साहस में वृद्धि लेकर आएगा। परंतु बावजूद इसके आपको बदलते मौसम के साथ खुद को हर संक्रमण से दूर रखने के लिए अपनी सही देखभाल करने की ज़रूरत होगी।
उपायः मंगलवार के दिन छोटे बालकों में गुड़ और चने का प्रसाद बांटें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल ग्रह उनके अष्टम भाव के साथ-साथ तृतीय भाव के स्वामी हैं। अब वे अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से आपके कर्म भाव यानी आपके दशम भाव में विराजमान हो जाएंगे। कुंडली में कर्म भाव को हम कार्यक्षेत्र और करियर का भाव भी मानते हैं। ऐसे में मंगल देव का आपके दशम भाव में उपस्थित होना आपको अनुकूल फल देगा। आर्थिक जीवन में आपको अच्छा धन लाभ होगा और इससे आपकी जीवनशैली में भी सुधार देखा जाएगा। साथ ही मंगल इस समय आपके वाहन और प्रॉपर्टी के चतुर्थ भाव पर भी दृष्टि डालेंगे। इस कारण कई जातक कोई वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान भी कर सकते हैं।
करियर में आपकी महत्वाकांक्षाओं में हो रही वृद्धि आपको ख़ुशी देगी। इसके चलते आपको प्रोत्साहन मिलेगा और आप अपने हर असाइनमेंट या कार्य की जिम्मेदारियों को भली-भांति निभाते दिखाई देंगे। साथ ही मंगल देव आपको अत्याधिक ऊर्जा देते हुए आपकी नेतृत्व क्षमता में भी इजाफा करेंगे। इससे आपके पद में बढ़ोतरी भी देखी जाएगी। यदि आप नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं तो मंगल देव आपको अच्छे अवसर देंगे। वहीं व्यापारी जातकों को भी अपने व्यापार में विस्तार के लिए किसी सरकारी अधिकारी या विभाग से सहयोग मिलेगा।
पारिवारिक जीवन में मंगल का प्रभाव और उनकी दृष्टि आपको घर-परिवार का सुख भी दिलाएगी। आपके घर के बड़े सदस्य आपका सहयोग करेंगे। साथ ही आपका घर पर मान-सम्मान व आदर भी होगा। खासतौर से मां से भरपूर मदद मिलने से आप अपनी किसी समस्या से निजात पाएंगे।
प्रेम संबंधों में मंगल देव की दृष्टि के कारण जातकों के स्वभाव में क्रोध की भी वृद्धि संभव है। जिसके फलस्वरूप उनका अपने साथी व पार्टनर के साथ वाद-विवाद होता रहेगा। ऐसे में अपने स्वभाव में सही बदलाव करें और हर परिस्थिति में धैर्य से काम लें। वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से समय सामान्य से बेहतर ही रहेगा। परंतु आपको अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाते हुए उनका अनुकूल उपयोग करना ही आपके लिए बेहतर रहेगा।
उपायः आपको मंगलवार के दिन स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए।
तुला
तुला राशि के लिए मंगल ग्रह उनके दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी हैं। वे अब अपने इस गोचर के दौरान आपकी राशि से नवम भाव में विराजमान होंगे। कुंडली का नवम भाव भाग्य और आध्यात्मिकता का भाव होता है। ऐसे में धन भाव के स्वामी का आपके भाग्य भाव में मौजूद होना जो स्वयं से आठवें भाव है। ऐसे में इस दौरान जातकों को कुछ स्वास्थ्य कष्ट और धन से जुड़ी समस्या दे सकता है। हालांकि इस समय आपको विदेश यात्रा पर जाने का अवसर मिलेगा और इस यात्रा से आप अच्छा लाभ अर्जित करेंगे। खासतौर से विदेश जाकर पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों का ये सपना पूरा हो सकता है।
कार्यक्षेत्र की बात करें तो नौकरीपेशा जातकों को किसी अनचाहे स्थानांतरण या ट्रांसफर के कारण परेशानी हो सकती है। साथ ही आप पाएंगे कि आपको अपनी मेहनत के अनुसार परिणाम नहीं मिल रहे और जिसके परिणामस्वरूप आपके मन में अपनी नौकरी बदलने का विचार भी आ सकता है। वहीं अगर आप व्यापारी हैं और कोई निवेश करने का सोच रहे हैं तो अभी किसी भी तरह के नए निवेश में अपना धन लगाने से बचने की सलाह दी जाती है अन्यथा हानि संभव है।
चूँकि मंगल देव इस समय आपके तृतीय भाव पर भी पूर्ण रूप से दृष्टि डालेंगे जो साहस, छोटे भाई-बहन, मानसिक संतुलन आदि का भाव होता है। इस कारण अपने निजी जीवन में आपका मन कई प्रकार के नकारात्मक विचारों से घिरा रहेगा। साथ ही मंगल देव की ऊर्जा से आप में कुछ अहंकार की वृद्धि भी संभव है जो आपकी छवि को अभिमानी बना देगी। इस कारण आपके अंदर आक्रामकता देखी जाएगी और आप अपने छोटे भाई-बहनों से बेकार की बातों पर बहस करेंगे। इसका सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव आपके और पिता के बीच किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकता है।
साथ ही आपको वाहन चलाते समय भी सभी नियम-कानूनों का पालन करने की ज़रूरत होगी अन्यथा आप खुद को किसी कानूनी पचड़े में भी फंसा सकते हैं। प्रेम संबंधों में भी प्रेम विवाह के इच्छुक जातकों को अभी कुछ और प्रतीक्षा करनी होगी। साथ ही अपने रिश्ते से ऊपर अपने अहंकार को रखना भी आपके लिए इस समय परेशानी का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपको मानसिक तनाव, बेचैनी के साथ-साथ जांघ, कंधे या पीठ से जुड़ी समस्या दे सकता है। इसलिए जितना संभव हो कुछ समय निकालते हुए ध्यान करना आपके लिए अनुकूल रहेगा।
उपायः आपको शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी जी के किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल ग्रह उनके लग्न भाव के स्वामी होने के साथ-साथ छठे भाव के स्वामी भी हैं। अब वे अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से अष्टम भाव में विराजमान हो रहे हैं। ऐसे में लग्न भाव के स्वामी का अष्टम भाव में स्थित होना (जो आयु, खतरा, दुर्घटना आदि का भाव होता है) जातकों को कई प्रकार की बाधाएं देने का कार्य करेगा।
आर्थिक जीवन में धन अर्जित करने में आपको पहले से अधिक मेहनत की ज़रूरत होगी। हालांकि आप किसी गुप्त स्रोत्र से कुछ हद तक धन कमा सकेंगे। कार्यक्षेत्र पर भी एक छोटा सा कार्य पूरा करना भी आपके लिए परेशानी का मुख्य कारण बन सकता है। जिसके चलते आपको शुरुआत से ही हर कार्य के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और मेहनत की ज़रूरत होगी। आपके सहकर्मी भी आपका सहयोग नहीं करेंगे। वहीं व्यापारी जातक भी अपनी कार्यकुशलता में आ रही कमी के कारण निराश हो सकते हैं।
चूंकि मंगल देव इस समय आपके धन, नेत्र, मुख, वाणी, परिवार आदि के दूसरे भाव को भी पूर्ण रूप से दृष्टि करेंगे। इस कारण आपके स्वभाव में क्रोध की बढ़ोत्तरी देखी जाएगी। इसके फलस्वरूप आपकी वाणी आपको समस्या में डाल सकती है। शादीशुदा जातक भी अपने दाम्पत्य जीवन की अशांति से मानसिक तनाव से खुद को घिरा हुआ पाएंगे। इससे आपके अंदर बेचैनी और चिड़चिड़ापन आएगा।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अष्टम भाव में मंगल का गोचर कई जातकों में बवासीर या भगन्दर की समस्या देने के योग बनाएगा। साथ ही इस दौरान जातकों को रक्तचाप और बड़ी आंत आदि से जुड़ा कोई रोग भी परेशान करेगा। इसलिए अपने स्वास्थ्य का उचित ध्यान रखें और शरीर को सही आराम देते हुए हर प्रकार के तनाव से खुद को दूर रखें।
उपायः आपको अपने घर के मुख्य द्वार पर लाल कलावे में आम के पत्तों से बनी बंदनवार लगानी चाहिए।
धनु
लाल ग्रह मंगल धनु राशि के जातकों के लिए उनके पंचम और द्वादश भाव के स्वामी हैं। जो अब 16 अक्टूबर को अपना गोचर करते हुए आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रस्थान करेंगे। कुंडली का सप्तम भाव विवाह भाव भी होता है और इसी से हम जातक के जीवन में होने वाली साझेदारियों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। इस गोचर के कारण धनु जातकों को सामान्य से कम ही अनुकूल फल मिलने की उम्मीद है।
इस समय सबसे अधिक शादीशुदा जातकों का दांपत्य जीवन बाधित होगा क्योंकि मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपके जीवनसाथी को कष्ट दे सकता है। साथ ही जीवनसाथी के साथ आपका बुरा व्यवहार भी आपके रिश्ते में समस्या लाने का मुख्य कारण बनेगा। इस समय आप अपने वैवाहिक जीवन के सुखों से खुद को वंचित पाएंगे और ये स्थिति आपको अपने साथी से दूर भी कर सकती है। इसके अलावा वो जातक जो विवाह योग्य हैं उनके जीवन में भी ये गोचर विवाह में कुछ विलंब करेगा।
करियर में कुछ बेहतर फल मिलने की उम्मीद है। खासतौर से नौकरीपेशा जातक अपने लक्ष्यों के प्रति खुद को केंद्रित पाएंगे। लेकिन सफलता के लिए आपको इस समय भी कड़ी मेहनत करनी होगी। हालांकि व्यापारी जातकों की बात करें तो पार्टनरशिप के व्यापार से जुड़े जातकों को प्रतिकूल फल मिलने की उम्मीद है। चूंकि मंगल देव इस समय आपके प्रथम भाव पर भी दृष्टि डालेंगे। इसलिए आपके स्वभाव में आया बदलाव आपके और पार्टनर के बीच कुछ संबंधों में परेशानी का कारण बन सकता है। इसका सीधा प्रभाव व्यापार पर पड़ेगा।
पारिवारिक जीवन में आपके अंदर ईर्ष्या की भावना होने से आप घर के सदस्यों से बहस करते दिखाई देंगे। माता-पिता से भी किसी बात पर आपका तर्क-वितर्क सम्भव है। वहीं आर्थिक जीवन में धन का अभाव आपको परेशान करेगा। हालांकि आपको धन की प्राप्ति तो होती रहेगी। लेकिन खर्चों में भी आ रही वृद्धि आपका बजट बिगाड़ देगी।
अब बात करें स्वास्थ्य की तो आपकी वाणी में आ रही कठोरता आपके मन की शांति को भंग करने का कार्य करेगी। इसके अलावा आपको खुद को अनियमित रक्तचाप से संबंधित रोगों की चपेट में आने से भी बचाना होगा।
उपायः आपको बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करते हुए उसपर गुड़ अर्पित करना चाहिए।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल उनके एकादश और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। अब मंगल का ये गोचर आपकी राशि से षष्टम भाव में होगा जो बाधाओं, शत्रुओं और चुनौतियों का भाव होता है। साथ ही इस समयावधि में मंगल आपके द्वादश भाव को भी पूर्ण रूप से देखेंगे। जिसके परिणामस्वरूप आपको अनुकूल फल प्राप्त होने की संभावना अधिक रहेगी।
कार्यक्षेत्र पर आप पहले से अधिक ऊजावान होंगे और अधिक मेहनत करते दिखाई देंगे। आपकी प्रतिस्पर्धी भावना में वृद्धि होने से और अपने लक्ष्यों के प्रति आपका अधिक व्यवस्थित होना भी कार्यस्थल पर आपके शत्रुओं को भयभीत करेगा और आप उन पर विजय प्राप्त करेंगे। आपकी रणनीति और कार्य क्षमता की जमकर तारीफ़ होंगी। खासतौर से वो जातक जो डॉक्टर हैं, उनके लिए समय अधिक उत्तम रहेगा। वहीं कई जातक खेल कूद जैसी गतिविधियों में भी भाग लेकर अच्छा करियर बना सकेंगे। इसके अलावा यदि आप व्यापार से जुड़े हैं तो आपको हर निर्णय को अधिक सोच-विचार करके लेने की ज़रूरत होगी अन्यथा मंगल की दृष्टि के कारण आपको कोई बड़ा नुकसान हो सकता है।
इस दौरान कई जातक अपनी कुछ अधूरी पड़ी इच्छाओं की पूर्ति भी करते हुए अपना धन खर्च करेंगे। परंतु इसका प्रभाव आपके आर्थिक जीवन पर नहीं पड़ेगा। वहीं इस राशि से छात्रों को भी मंगल देव अपार सफलत मिलने के योग बनाएंगे। खासतौर से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे जातक अपना अच्छा प्रदर्शन दे सकेंगे।
हालांकि पारिवारिक जीवन में पिता से कुछ समस्या संभव है। क्योंकि मंगल देव आपके पिता के स्वभाव में कुछ रूखापन ला सकते हैं। लेकिन बावजूद इसके आप जल्दी ही अपनी समझ से हर परिस्थिति को अपने हक में करने में सफल होते भी दिखाई देंगे। साथ ही अपने मामा पक्ष के सदस्यों से भी मुलाक़ात करने से बचें अन्यथा उनके साथ कुछ विवाद होने की आशंका रहेगी। मंगल का प्रभाव आपके छोटे भाई-बहनों को लाभकारी फल देगा। यदि आप शादीशुदा हैं और अपने परिवार में विस्तार के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ख़ुशख़बरी मिलने वाली है।
मंगल देव का यह गोचर स्वास्थ्य के लिहाज़ से आपको यूँ तो कोई नई शारीरिक समस्या नहीं देगा। परंतु वो जातक जो अपनी पूर्व की किसी समस्या से परेशान थे, उन्हें अपना ख़ास ख्याल रखने की ज़रूरत होगी। ऐसे में अधिक बाहर का खाना खाने से बचें और जितना संभव हो फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।
उपायः शनिवार के दिन शाम के समय पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
कुंभ
मंगल ग्रह कुंभ राशि के दशम व तृतीय भाव के स्वामी हैं और अब अपना गोचर करते हुए वे आपकी राशि से पंचम भाव में विराजमान होने जा रहे हैं। कुंडली का पंचम भाव संतान और बुद्धि का भाव होता है। ऐसे में अब मंगल का आपके इस भाव में गोचर करना जातकों को कई महत्वपूर्ण परिणाम देने के योग बनाएगा।
कार्यक्षेत्र पर इस गोचर से आपकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और आप हर रणनीति व योजना को स्पष्ट रूप से दूसरों के सक्षम रखते हुए उन्हें अपनी बात समझाने में सफल रहेंगे। हालांकि यदि आप व्यापारी हैं तो थोड़ा सावधान रहना होगा। क्योंकि मंगल देव यूँ तो इस समय आपको बुद्धिमान बनाएंगे लेकिन आपके स्वभाव में कुछ उग्रता भी ला सकते हैं। इस कारण आप कई फैसले जल्दबाज़ी में लेते दिखाई देंगे। ऐसा करने से बचें और किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास करना भी इस समय आपका नुकसान करा सकता है।
इस राशि के छात्रों को भी इच्छानुसार परीक्षा में परिणामों के लिए अपनी संगति में सही सुधार करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए आप अपने घर के बड़ों या अपने शिक्षकों की मदद भी ले सकते हैं। आर्थिक जीवन के लिहाज़ से मंगल देव का आपके लाभ, अभिलाषा पूर्ति आदि के एकादश भाव पर दृष्टि डालना आपका कुछ ख़र्चा करवा सकता है। इसके कारण आप अपने किसी शौक या किसी रुचि को पूरा करने के लिए उस पर खर्चा करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। वो जातक जो सट्टे या शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं उनके लिए अवधि प्रतिकूल रहेगी। इसलिए अगर आप खुद को तनाव नहीं देना चाहते हैं तो हर प्रकार के गैरकानूनी या शॉर्टकट के तरीके से धन कमाने से बचें।
मंगल का मिथुन राशि में गोचर आपका रुझान किसी विपरीतलिंगी व्यक्ति के प्रति भी बढ़ाएगा। ऐसे में यदि आप शादीशुदा हैं तो अपनी भावनाओं पर काबू रखें अन्यथा आपका रुझान आपके दांपत्य जीवन को बर्बाद कर सकता है। पारिवारिक जीवन में ही कुछ अशांति देखी जा सकती है। बावजूद इसके आपके भाई-बहन कार्यक्षेत्र पर अच्छा लाभ हासिल करने में सक्षम होंगे।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से समझें तो गोचर की यह अवधि जातक को असमय खाने की आदतों के कारण उन्हें पेट या कब्ज से सम्बंधित कुछ परेशानियां होने के योग बनाएगी। इसलिए अपने खान-पान पर संयम रखें और कुछ समय निकालते हुए रोज़ाना जिम या व्यायाम करें।
उपायः आपको शनिवार के दिन श्री हनुमान जी की प्रतिमा के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाकर सात बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
मीन
मंगल मीन राशि के लिए उनके दूसरे और नवम भाव के स्वामी हैं। अब अपना ये गोचर करते हुए वे आपकी राशि से चतुर्थ भाव में विराजमान होंगे। कुंडली के चतुर्थ भाव को सुख भाव भी कहा जाता है। इस भाव से ही हम माता, वाहन, प्रॉपर्टी, घर आदि का ज्ञान प्राप्त करते हैं। ऐसे में धन भाव के स्वामी का सुख भाव में मौजूद होना जातकों को आर्थिक लाभ मिलने के योग बनाएगा।
इस अवधि में जातक अपनी किसी चल-अचल संपत्ति या प्रॉपर्टी से अच्छा धन कमा सकेंगे। कई जातक वाहन खरीदने का प्लान भी करेंगे, जहाँ उन्हें अपने धन का एक बड़ा भाग खर्च करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर भी यूँ तो नौकरीपेशा जातक हर कार्य को पूरी ईमानदारी से करते हुए तरक्की प्राप्त करेंगे। इससे उन्हें कंपनी की ओर से कोई नया घर या वाहन भी मिल सकेगा। कई जातकों को कार्यक्षेत्र के कारण अपने घर या जन्मभूमि से कुछ समय के लिए दूर भी रहना पड़ेगा।
यदि आप व्यापार से जुड़े हैं तो आपको हर दस्तावेज़ को ठीक से पढ़ने के बाद ही उसपर हस्ताक्षर करने की ज़रूरत होगी। क्योंकि संभावना है कि आप इस समय व्यापार में विस्तार करते हुए कई लाभकारी सौदे प्राप्त करें और विभिन्न माध्यमों से लाभ अर्जित करने में सक्षम हो। लेकिन बावजूद इसके इस गोचर के दौरान लाल ग्रह मंगल की आपके दशम भाव यानी कर्म भाव पर भी दृष्टि होने से आशंका है कि कार्यस्थल पर कोई समस्या हो।
पारिवारिक जीवन में आपको घर के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। परंतु कई जातकों को अपनी किसी पैतृक संपत्ति को लेकर किसी प्रकार का विवाद भी संभव है। इससे आपके मानसिक तनाव में भी वृद्धि आपको परेशान करेगी। वहीं ये समय प्रेम संबंधों के लिए थोड़ा प्रतिकूल रहेगा। खासतौर से विवाहित जातकों को अपने वैवाहिक जीवन को लेकर कुछ चिंताए असुरक्षा दे सकती हैं।
अब बात करें स्वास्थ्य की तो इस समय आपकी मां को स्वास्थ्य कष्ट संभव है। इसके अलावा आपको कमज़ोरी, शरीर में फोड़े-फुंसी, रक्त संबंधी या हृदय रोग से जुड़ी कोई समस्या भी हो सकती है। इसलिए जितना संभव हो खुद को आराम दें और सही व समय पर पर्याप्त नींद लें।
उपायः आपको प्रतिदिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
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