लाल किताब के अनुसार केतु का चौथे भाव में फल
Prediction for Ketu in Fourth house in Hindi according to Lal Kitab
चौथा भाव चंद्रमा का होता है जो कि केतू का शत्रु है। यदि चतुर्थ भाव में शुभ केतू स्थित हो तो जातक, भगवान से डरने वाला और अपने पिता तथा गुरु के लिए भाग्यशाली होता है। ऐसे जातक को गुरु के आशीर्वाद के बाद ही जातक को पुत्र की प्राप्ति होती है। पुत्र दीर्घायु होगा। ऐसा जातक अपने सभी निर्णय भगवान पर छोड़ देता है। यदि चन्द्रमा तीसरे या चौथे घर में हो तो शुभ परिणाम मिलते हैं। ऐसा जातक एक अच्छा सलाहकार होता है। उसे कभी भी पैसे की कमी नहीं रहती। यदि केतू इस भाव में अशुभ हो तो जातक अप्रसन्न रहेगा, उसकी मां को कष्ट होगा, खुशियां कम होंगी। जातक मधुमेह रोग से पीडित होगा। छत्तीस साल की उम्र के बाद ही बेटा पैदा होगा। ऐसा जातक को पुत्र की तुलना में पुत्रियां अधिक होती हैं।
उपाय:
(1) एक कुत्ता पालें।
(2) मन की शांति के लिए चांदी पहनें।
(3) बहते पानी में पीली चीजें बहाएं।
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