लाल किताब के अनुसार केतु का पांचवें भाव में फल
Prediction for Ketu in Fifth house in Hindi according to Lal Kitab
पांचवां घर सूर्य का होता है। यह बृहस्पति से भी प्रभावित होता है। यदि बृहस्पति, सूर्य या चंद्रमा चौथे, छठवें या बारहवें घर में हों तो आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होगी और जातक को पांच पुत्र हो सकते हैं। चौबीस साल की उम्र के बाद केतू स्वयमेव शुभ हो जाता है। यदि पांचवें भाव में केतू अशुभ हो तो जातक अस्थमा से पीडित हो सकता है। केतू पांच साल की उम्र तक अशुभ परिणाम देता है। संतान सम्बन्धी समस्याएं होती हैं। उम्र के चौबीस साल बाद ही आजीविका शुरू होती है। जातक अपने पुत्रों के लिए शुभ नहीं होता।
उपाय:
(1) दूध और चीनी दान करें।
(2) बृहस्पति के उपाय उपयोगी रहेंगे।
Astrological services for accurate answers and better feature
Career Counselling
The CogniAstro Career Counselling Report is the most comprehensive report available on this topic.