बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर (01 मई 2024)
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है।
विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर बात करें और जानें गुरु का वृषभ राशि में गोचर का अपने जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति का महत्व
देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति देव का 01 मई 2024 को होने वाला वृषभ राशि में गोचर सभी राशियों के लिए विशेष मायने रखता है। गुरु ग्रह को विस्तार, प्रगति और ज्ञान का कारक ग्रह माना जाता है और वृषभ राशि में यह स्थिरता लेकर आते हैं। ऐसे में, वैदिक ज्योतिष में इनका प्रभाव काफ़ी शक्तिशाली कहा गया है। गुरु ग्रह किसी व्यक्ति के जीवन में करियर से लेकर अध्यात्म समेत अधिकांश क्षेत्रों को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। हालांकि, बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर स्वयं को जानने की अवधि साबित होगी और इसके परिणामस्वरूप, आप कला के क्षेत्र में अपनी रुचि को जानने-समझने में सक्षम होंगे। साथ ही, आप अपनी करीबियों के साथ रिश्तों को मज़बूत कर सकेंगे।
ज्योतिष शास्त्र में जब गुरु ग्रह अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तब यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे प्रगति, प्रेम जीवन, स्वास्थ्य, परिवार और संतान से मिलने वाले समर्थन आदि को प्रभावित करते हैं। यह अवधि आनंद और वृद्धि की दृष्टि से अच्छी रहने की संभावना है क्योंकि यह आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगी। बता दें कि जब गुरु ग्रह शुक्र देव की राशि तुला या वृषभ में गोचर करते हैं, तो इनका प्रभाव काफ़ी शक्तिशाली होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण भी होता है।
हालांकि, इस राशि में बृहस्पति की स्थिति हमेशा अच्छी नहीं होती है। गुरु ग्रह जिस भाव में स्थित होते हैं, उस भाव से इनकी दृष्टि जब पांचवें, सातवें और नौवें भाव पर पड़ती है। लेकिन, अगर गुरु की दृष्टि आपके छठे भाव पर होती है, तो उस समय जातकों को कानून से लेकर स्वास्थ्य से जुड़ीं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, आपको बहुत सोच-समझकर चलने की जरूरत होती है। इसके साथ ही, गुरु देव की आठवें भाव में दृष्टि आपको मानसिक और शारीरिक समस्या देने का काम कर सकती है। इसके विपरीत, बारहवें भाव में गुरु ग्रह का प्रभाव होने से व्यक्ति को खर्चों में वृद्धि और भावनाओं में उतार-चढ़ाव से जूझना पड़ता है।
बृहस्पति का वृषभ राशि में प्रभाव
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर जातकों के लिए अपार वृद्धि लेकर आता है। ऐसे में, इस गोचर का हर राशि पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। भौतिक सुखों से दूर करके यह आपकी रुचि को अध्यात्म और दार्शनिक क्षेत्र में बढ़ाते हैं। साथ ही, कार्यों के साथ-साथ स्वयं को जानने-समझने के लिए प्रेरित करते हैं। वृषभ राशि में गुरु ग्रह जातक के जीवन में स्थिरता लेकर आते हैं और मनुष्य को विकास के मार्ग पर ले जाते हैं। हालांकि, वृषभ राशि में गुरु ग्रह की मौजूदगी निजी और पेशेवर जीवन के लिए विशेष रहेगी। साथ ही, इन लोगों के सामाजिक जीवन का विस्तार होगा और नेटवर्किंग से जुड़े कामों में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। इन लोगों को करियर के क्षेत्र में ऐसे अनेक अवसरों की प्राप्ति होगी जिसके माध्यम से आप तरक्की की राह पर चल सकेंगे।
गुरु महाराज के वृषभ राशि में वक्री होने पर आप खुद में ही खोये नज़र आते हैं। इस समय आपके भीतर खुद को जानने की इच्छा प्रबल होती है जिसकी वजह से आपको अपनी इच्छाओं के बारे में जानने का मौका मिलेगा। गुरु के वक्री होने से आपको अपनों का समर्थन, आर्थिक तरक्की और व्यक्तिगत विकास के संबंध में अनेक अवसर प्राप्त होंगे।
इसी क्रम में, जब वृषभ राशि में गुरु ग्रह और शुक्र देव एक साथ स्थित होते हैं, तो यह अवधि जातकों की धन से जुड़ी समस्याओं और पैतृक संपत्ति से संबंधित क़ानूनी विवादों को सुलझाने का काम करती है। यह समय आर्थिक समृद्धि के लिए श्रेष्ठ कहा जाता है। साथ ही, विवाह और संपत्ति आदि के लिए भी अनुकूल होती है।
कुंडली में बृहस्पति महाराज सभी बारह भावों में से नौ भावों को प्रभावित करते हैं, विशेष रूप से दूसरे, नौवें और ग्यारहवें भाव को। कुंडली के यह भाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसमें संतान, भाग्य एवं आय आदि शामिल हैं। बता दें कि ज्योतिष की दृष्टि से बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार सभी राशियों को प्रभावित करेगा।
कुल मिलाकर, वृषभ राशि में गुरु ग्रह का गोचर राजनीति के क्षेत्र में बदलाव लेकर आ सकता है। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि बृहस्पति को विस्तार का ग्रह कहा गया है जबकि वृषभ स्थिरता और भौतिकता का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में, यह गोचर जातकों को प्रगति के अनेक अवसर प्रदान करेगा। इस दौरान आप साहस से अपने जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना करेंगे। साथ ही, आप निजी जीवन के साथ-साथ अध्यात्म के क्षेत्र में भी तरक्की हासिल करेंगे।
हालांकि, वृषभ राशि में गुरु की मौजूदगी मनुष्य के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा लेकर आती है। आप धीमी गति से आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य को पाने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आप अपने जीवन का आनंद लेंगे और अपनी जरूरतों एवं इच्छाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यह अवधि आपको बुद्धिमान बनाने का काम करेगी और इसके परिणामस्वरूप, आप हर काम को पूरी सावधानी के साथ करते हुए दिखाई देंगे। इस दौरान आप जो भी फैसले लेंगे, वह जोश में लेने के बजाय सोच-समझकर लेने की सलाह दी जाती है।
लेकिन, इन लोगों को भोग-विलास और खुद में खोये रहने से बचना होगा जो कि आपके लिए बेहद जरूरी होगा। वृषभ राशि में गुरु ग्रह की उपस्थिति डिज़ाइन से जुड़े क्षेत्रों को भी दर्शाती है जो कि शुक्र ग्रह द्वारा शासित है। साथ ही, यह सुंदरता की प्रसंशा करना, इच्छा, लक्ज़री, प्रकृति से जुड़ाव, सख्त रवैया, कभी-कभार आलस और दृढ़ संकल्प आदि का भी प्रतीक मानी जाती है। इस गोचर के दौरान जातक जीवन में स्थिरता पाने के इच्छुक हो सकते हैं और ऐसे में, आपका विश्वास बेकार के जोख़िम लेने के बजाय स्थिरता पाने में होगा।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और अब जानते हैं इस गोचर का विभिन्न राशियों पर प्रभाव।
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यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिए चंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर: राशि अनुसार राशिफल और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर कर जाएंगे। कुंडली में नौवें भाव का संबंध विदेश यात्राओं और उच्च शिक्षा से होता है जबकि बारहवां भाव खर्चों, मोक्ष आदि का होता है। हालांकि, गुरु ग्रह का यह गोचर आपके धन-धान्य, वाणी और परिवार के भाव यानी कि दूसरे भाव में होने जा रहा है।
करियर के क्षेत्र में, बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए अच्छी खासी तरक्की लेकर आएगा। आपको नौकरी में अपनी मेहनत के बल पर तरक्की और सफलता पाने के अवसर प्राप्त होंगे। यदि आप आर्थिक रूप से मज़बूत होना चाहते हैं, तो आपको धन बहुत सोच-समझकर खर्च करना होगा और साथ ही, धन से जुड़े फैसले विचार-विमर्श करने के बाद ही लेने होंगे। जीवन में आने वाली समस्याओं से पार पाने के लिए आपको धैर्य बनाए रखना होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो इस दौरान आपकी आय और बचत दोनों में वृद्धि देखने को मिलेगी। ऐसे में, आप आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे और आप धन की बचत करने के साथ-साथ कोई लंबे समय तक चलने वाला निवेश भी कर सकते हैं जिससे आप अच्छा लाभ कमाने में सक्षम होंगे। हालांकि, आप पैसों से जुड़ी योजनाएं बहुत सोच-समझकर बनाएंगे।
प्रेम जीवन के लिहाज़ से, वृषभ राशि में गुरु ग्रह का गोचर आपके पारिवारिक जीवन में आपसी सामंजस्य को मज़बूत करेगा। इस अवधि में विवाह या संतान होने जैसे शुभ समाचार सुनने को मिल सकते हैं जिससे घर का वातावरण खुशहाल बना रहेगा और परिवार में एकता भी दिखाई देगी। गुरु गोचर की अवधि में ससुराल पक्ष के साथ आपके रिश्ते बेहतर होंगे और ऐसे में, पार्टनर के साथ भी आपके रिश्ते में प्रेम बढ़ेगा। अगर आप विवादों या समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो आपको एक-दूसरे से खुलकर बात करनी होगी। लेकिन, इस अवधि में रिश्ते में प्रेम बनाए रखना आपको थोड़ा मुश्किल लग सकता है।
सेहत की दृष्टि से, बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर के दौरान मेष राशि के जातकों के लिए अपनी जीवनशैली को संतुलित बनाए रखना बेहद जरूरी होगा। साथ ही, बढ़ते वजन या फिर पाचन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अस्वस्थ खानपान या चिकनाई युक्त भोजन के सेवन से बचना होगा। इसके अलावा, आपके लिए नियमित रूप से व्यायाम करना और स्वास्थ्य खानपान अपनाना भी जरूरी होगा जिससे आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहें।
उपाय: प्रतिदिन मस्तक पर हल्दी का टीका लगाएं।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह पहले भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में आठवां भाव अचानक से होने वाले लाभ/हानि और दीर्घायु का होता है और ग्यारहवां भाव भौतिक सुखों और इच्छाओं का होता है। इसी प्रकार, कुंडली में पहला भाव स्वयं और व्यक्तित्व आदि का प्रतिनिधित्व करता है।
करियर के लिहाज़ से, बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके पहले भाव में होगा। ऐसे में, यह आपके पेशेवर जीवन में अपार सफलता एवं तरक्की लेकर आएगा। गुरु की यह शुभ स्थिति करियर में प्रगति के मार्ग में आने वाली समस्या को दूर करने का काम करेगी और ऐसे में, यह अवधि आपके लिए अनुकूल साबित होगी। इस समय आपका करियर आपको तरक्की की राह पर ले जाएगा और इस दौरान उत्पन्न होनी वाली अड़चनों को आप अपने ज्ञान और दृढ़ संकल्प के बल पर हल कर सकेंगे। आप साहस से भरे रहेंगे और साथ ही, आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी मज़बूत होगी। लेकिन, फिर भी आप सोच-समझकर फैसले लेने में आप सक्षम होंगे।
गुरु ग्रह का आपके पहले भाव में गोचर आपको आर्थिक जीवन में समृद्धि प्रदान करेगा क्योंकि अब आप पैसों का प्रबंधन अच्छे से करने में सक्षम होंगे। साथ ही, धन से जुड़े कुछ बड़े फैसले लेते हुए नज़र आ सकते हैं। आपकी अंतरात्मा आपको प्राप्त होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करेगी जिससे आपको धन लाभ हो सकेगा। लेकिन, आपको जीवन में संतुलन कायम करना मुश्किल लग सकता है और ऐसे में, आपको बेकार के खर्चों से बचना होगा। निवेश करने के लिए आप चाहे तो किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं ताकि आप धन की बचत करने के साथ-साथ लंबे समय तक आर्थिक रूप से स्थिरता पा सकें।
प्रेम जीवन को देखें, तो गुरु ग्रह का यह गोचर आपके रिश्ते को मजबूत करने का काम करेगा क्योंकि यह अवधि आपके लिए अनुकूल साबित होगी। अगर आप एक गंभीर रिश्ते में हैं, तो आप इस दौरान अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर ले जाने का मन बना सकते हैं। परिवार के साथ समय बिताने से और किसी तीर्थ स्थल की यात्रा पर जाने से सदस्यों के साथ आपके रिश्ते मज़बूत होंगे।
सेहत के लिहाज़ से, वृषभ राशि में गुरु के गोचर के दौरान शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर आप एक संतुलित जीवनशैली अपनाएंगे और खानपान भी सही रखेंगे, तो इससे आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायता मिलेगी। हालांकि, पहले भाव में बैठे बृहस्पति महाराज आपके भीतर आध्यात्मिकता में वृद्धि करवाएंगे जिसके चलते आप धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए नज़र आएंगे।
उपाय: गले में सोना धारण करें।
मिथुन राशि
देव गुरु बृहस्पति आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और इस अवधि में यह गोचर करके आपके बारहवें भाव में जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली में सातवां भाव विवाह और दसवें भाव नाम, प्रसिद्धि आदि का होता है जबकि बारहवां भाव हानि, विदेश यात्राओं और अध्यात्म का होता है।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके करियर में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आ सकता है, विशेषरूप से उनके लिए जिनका संबंध रिसर्च या शिक्षा आदि से है। गुरु ग्रह आपकी बुद्धि को तेज़ बनाएंगे जिससे आप शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों में सफलता हासिल करने में सक्षम होंगे। जो जातक रिसर्च की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान अपार सफलता की प्राप्ति होगी। इसके परिणामस्वरूप, आपके काम को पब्लिश होने या फिर दूसरों से प्रशंसा मिलने के मौके मिलेंगे। इसके विपरीत, बारहवें भाव में बैठकर बृहस्पति की दृष्टि आपके छठे भाव पर होगी और ऐसे में, आप करियर में आने वाली हर समस्या या चुनौती का सामना धैर्य और बुद्धि के दम पर करेंगे और उनसे बाहर भी निकलेंगे। इन्हीं गुणों की वजह से कार्यस्थल में वरिष्ठों की नज़रों में आपके प्रति मान-सम्मान बढ़ेगा। हालांकि, आप महसूस करेंगे कि आपकी नौकरी में उत्पन्न समस्याएं अपने आप ही दूर हो गई है।
आर्थिक जीवन को देखें, तो बृहस्पति का यह गोचर आपके खर्चों में वृद्धि करवाने का काम कर सकता है। हालांकि, यह खर्चे धार्मिक कार्यों से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन आप इन कामों में जितने भी पैसे खर्च करेंगे, उससे आपको संतुष्टि की प्राप्ति होगी। इन जातकों को धर्म-कर्म के कार्य करने से ख़ुशी मिलेगी, परन्तु हो सकता है कि यह खर्च आपके ऊपर आर्थिक बोझ को बढ़ा दें। ऐसे में, गुरु गोचर के दौरान आपको धन बहुत सोच-समझकर खर्च करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, गुरु महाराज की चौथे भाव पर दृष्टि पड़ने से आप घर-परिवार पर या ऐसे कामों पर पैसे खर्च कर सकते हैं जिनसे आपको ख़ुशी मिलेगी।
प्रेम जीवन की बात करें, तो बृहस्पति देव के वृषभ राशि में प्रवेश करने से आपका रिश्ता पार्टनर और परिवार के सदस्यों के साथ मज़बूत होगा। इस दौरान आपका पार्टनर हर कदम पर और हर फैसले में आपका साथ देगा जिससे आप राहत महसूस करेंगे। इसके अलावा, पेशेवर जीवन में आपकी मुलाकात नए व्यक्तियों से हो सकती हैं और यह आपके करियर के लिए फलदायी साबित होंगे। अगर आपका विवाह हो चुका है, तो आपका वैवाहिक जीवन पार्टनर के साथ मधुर रहेगा और उनके साथ आपका रिश्ता मज़बूत होगा। साथ ही, पार्टनर के साथ आपसी तालमेल में भी वृद्धि होगी।
सेहत के लिहाज़ से, बारहवें भाव में गुरु ग्रह के स्थिति आपके लिए आध्यात्मिक प्रगति और स्वयं को जानने के अवसर लेकर आ सकती है। ऐसे में, आपको अपनी भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से थोड़ा समय खुद के लिए निकालना होगा। कुल मिलाकर, मिथुन राशि के जातकों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, लेकिन हद से ज्यादा सोचने के कारण आपको नींद से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है जिसका असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में, आपके लिए अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा बेहद जरूरी होगा।
उपाय: गुरुवार के दिन गाय को गुड़ खिलाएं।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति देव नौवें व छठे भाव के स्वामी हैं और अब बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके भौतिक सुखों एवं इच्छाओं के भाव अर्थात ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। कुंडली में छठे भाव का संबंध कर्ज़, रोग आदि से है और नौवां भाव आध्यात्मिकता एवं धर्म आदि का होता है।
इसके परिणामस्वरूप, गुरु का यह गोचर करियर के क्षेत्र में आपको वरिष्ठों का समर्थन दिलाएगा और ऐसे में, आप काम में सराहना और तरक्की दोनों हासिल करने में सक्षम होंगे। इस दौरान आप कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों के चहेते बने रहेंगे और ऐसे में, आपको ऑफिस में अपनी स्थिति मजबूत करने के अवसर मिलेंगे। गुरु गोचर की अवधि में आप व्यापार से जुड़ी जो भी यात्राएं करेंगे, वह आपके लिए फलदायी साबित होंगी। इसके परिणामस्वरूप, बिज़नेस में नए अवसर प्राप्त होंगे और आप व्यापार का विस्तार भी कर सकेंगे। हालांकि, गुरु की तीसरे भाव में दृष्टि आपके छोटे भाई-बहनों और सहकर्मियों के साथ आपके रिश्ते को सुधारने का काम करेगी जिसकी वजह से आपका प्रदर्शन काम में बेहतर होगा। कार्यक्षेत्र में आपकी शक्तियां बढ़ेंगी और ऐसे में, आप कंपनी में लीडर की भूमिका में दिखाई दे सकते हैं।
आर्थिक जीवन की दृष्टि से, ग्यारहवें भाव में गुरु ग्रह की स्थिति कर्क राशि के जातकों के लिए अनुकूल कही जाएगी क्योंकि इस दौरान आपको लाभ प्राप्त होगा। आपने व्यापार के क्षेत्र में जो भी योजनाएं बनाई हैं, उससे आपकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, आपको बिज़नेस को बढ़ाने के अवसर प्राप्त होंगे और आप जो भी धन निवेश करेंगे, उससे आपको अच्छे रिटर्न की प्राप्ति होगी। इस दौरान आपको धन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है और सट्टेबाजी में भी निवेश करने से बचना होगा। साथ ही,अपने पैसों का प्रबंधन बहुत सोच समझकर करना होगा और अपने पास आने वाले उन अवसरों का लाभ उठाएं जिससे आपके आर्थिक लक्ष्य पूरे हो सकेंगे।
प्रेम जीवन की बात करें, तो बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कर्क राशि वालों के रिश्ते को दोस्तों सहकर्मियों और पार्टनर के साथ प्रेमपूर्ण बनाने का काम करेगा। आप सामने वाले से किस तरह से बात करते हैं, यह पूरी तरह से आपके हाथ में होगा और ऐसे में, शब्दों का सही इस्तेमाल करने पर आप दूसरों को प्रभावित करने और नए संपर्क स्थापित करने में सक्षम होंगे। इस अवधि में आपका रिश्ता प्यार से भरा रहेगा जिसकी वजह से आपके प्रेम विवाह करने की संभावनाएं प्रबल होंगी। साथ ही, आप दोनों एक-दूसरे को अच्छे से जान भी सकेंगे। कर्क राशि के शादीशुदा जातकों के लिए गुरु गोचर का समय सकारात्मक और आनंद से पूर्ण रहेगा। संतान की प्रगति होने की भी संभावना है।
सेहत के लिहाज़ से, बृहस्पति का यह गोचर आपके जीवन के विभिन्न आयामों में प्रगति लेकर आएगा और ऐसे में, आपके लिए अपनी सेहत का ध्यान रखना और उसे प्राथमिकता देना बेहद जरूरी होगा। कर्क राशि वालों को एक नियमित दिनचर्या का पालन और योग व ध्यान आदि करना होगा जिससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
उपाय: गुरुवार के दिन व्रत रखें।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं जिसका संबंध नाम, प्रसिद्धि और पहचान से है। इसी प्रकार, कुंडली में पांचवां भाव प्रेम, रोमांस और संतान का होता है जबकि आठवां भाव अचानक से होने वाले लाभ/हानि से जुड़ा होता है।
करियर की बात करें, तो बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस दौरान आपको व्यापार के क्षेत्र में नए अवसर, नौकरी में तरक्की और काम में की गई मेहनत के लिए सराहना आदि मिलने के योग बनेंगे। यह जातक काम को पूरा करने में जितना भी योगदान देंगे, उसे वरिष्ठों द्वारा स्वीकार किया जाएगा। साथ ही, उसकी सराहना की जाएगी। ऐसे में, आपकी वेतन में वृद्धि और पदोन्नति होने की संभावना है। लेकिन, अगर आप सहकर्मियों और मैनेजमेंट के साथ रिश्ते को मधुर बनाए रखना चाहते हैं, तो आपको कार्यक्षेत्र में अहंकार से बचने की सलाह दी जाती है। हालांकि, दसवें भाव में बैठे गुरु देव की दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ रही होगी और इसके परिणामस्वरूप, आपके बातचीत का तरीका शानदार रहेगा जिसकी बदौलत आपको उत्तम परिणाम प्राप्त होंगे। इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति के माध्यम से अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, गुरु महाराज का यह गोचर आपके लिए निवेश के बेहतरीन अवसर और अपार लाभ लेकर आएगा। इस दौरान आपको पैतृक संपत्ति या फिर अचानक से लाभ होने के योग बनेंगे और इसके फलस्वरूप, आप आर्थिक स्थिरता पाने में सक्षम होंगे। लेकिन,फिर भी आपको धन संबंधित मामले में सावधानी बरतनी होगी और जितना हो सके कर्ज़ लेने से बचें।
प्रेम जीवन की दृष्टि से, गुरु का वृषभ राशि में प्रवेश आपके निजी जीवन में प्रेम और सौहार्द को बढ़ाने का काम करेगा। इस अवधि में आप पार्टनर के साथ किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जाने की योजना बनाते हुए दिखाई देंगे और ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता मजबूत होगा। साथ ही, आपके बीच आपसी तालमेल बढ़ेगा। इस दौरान आपको पार्टनर से दिल खोलकर बात करने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, सिंह राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी और बेकार के तनाव से बचना होगा। इस अवधि में आप ध्यान या योग आदि कर सकते हैं क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक तनाव को दूर करने में लाभदायक रहेगा।
उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए गुरु चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं जो कि अब आपके नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली में चौथा भाव सुख-सुविधाओं और सातवां भाव विलासिता एवं जश्न आदि को दर्शाता है। वहीं, नौवां भाव धर्म, अध्यात्म और उच्च शिक्षा का प्रतीक माना गया है।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर इन राशि के जातकों के करियर में सकारात्मक परिवर्तन लेकर आएगा। यह गोचर आपके नौवें भाव में होने से आपके भीतर अध्यात्म के प्रति रुझान को बढ़ाएगा। साथ ही, पेशेवर जीवन में आप तरक्की प्राप्त करेंगे। इन लोगों के परिवार के साथ धार्मिक यात्राओं या फिर विदेश यात्रा पर जाने के योग बनेंगे। इस दौरान ऑटोमोबाइल जैसे बड़े क्षेत्रों में किया गया निवेश आपके लिए तनाव का कारण बन सकता है। लेकिन, आपको बाधाओं या असफलताओं के संबंध में की जाने वाली कड़ी मेहनत को सावधान रहना होगा। सामान्य शब्दों में कहें तो, कहाँ किस काम में आपको कितनी मेहनत करनी है, इस बात का आपको ध्यान रखना होगा।
गुरु ग्रह के इस गोचर के दौरान आपको बहुत सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इस अवधि में आपको तरक्की के मार्ग में जो भी अवसर प्राप्त होंगे, उनके इस्तेमाल से लाभ कमाने के लिए आपको रणनीति सोच-समझकर बनानी होगी और बहुत सतर्कता बरतनी होगी। अगर आप अपने दायरे का विस्तार करना चाहते हैं, तो आपको सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा, तब ही आप स्वयं से नकारात्मक विचारों को दूर कर सकेंगे। ऐसा करने से आप व्यापार के क्षेत्र में आर्थिक स्थिरता और सफलता प्राप्त कर सकेंगे।
प्रेम जीवन के लिहाज़ से, बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर कन्या राशि वालों के जीवन में एक ऐसा सकारात्मक मोड़ लेकर आ सकता है जो पार्टनर और परिवार के साथ रिश्ते में प्रेम और आपसी सौहार्द को बेहतर बनाने में सहायता करेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, अपने करीबियों के साथ यादगार समय बिताने और उनके साथ कहीं घूमने-फिरने जाने से भी आपका रिश्ता उनके साथ मज़बूत होगा।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, इन लोगों का झुकाव तन और मन से अध्यात्म के प्रति हो सकता है। ऐसे में, आप आध्यात्मिकता और धार्मिक तीर्थ स्थल की यात्राओं के माध्यम से खुद को खोजने में व्यस्त नज़र आ सकते हैं। हालांकि, आपको काम, जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य के बीच में संतुलन बनाकर चलना होगा। साथ ही, स्वयं का ध्यान रखकर और अपनी सीमाएं तय करके आप तनाव से बच सकते हैं।
उपाय: बृहस्पति के दुष्प्रभावों से बचने के लिए शिवलिंग पर देशी घी चढ़ाएं।
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तुला राशि
तुला राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में तीसरा भाव छोटी दूरी की यात्राओं व भाई-बहनों और छठा भाव कर्ज़, क़ानूनी विवाद आदि का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं, आठवें भाव को होने वाली घटनाओं और दुख से जोड़ा जाता है।
ऐसे में, बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके करियर के लिए समस्याएं लेकर आ सकता है क्योंकि आपको सहकर्मियों के साथ परेशानियों जैसे कि असहमति आदि का सामना करना पड़ सकता है जो कि आपके लिए तनाव की वजह बन सकता है। साथ ही, आपको बात करते समय बेहद सावधान रहना होगा और जितना हो सके बेकार के विवादों से बचने की कोशिश करें क्योंकि ऑफिस में यह आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके विपरीत, पेशेवर जीवन में आपको सफलता पाने की राह में आने वाली समस्याओं को पार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और योजनाओं को बहुत सावधानीपूर्वक बनना होगा।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, तुला राशि वालों को गुरु गोचर के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस दौरान आपके खर्चों में वृद्धि होने की आशंका है। ऐसे में, आपको लोन आदि के रूप में कर्ज़ लेने से बचना होगा और अपनी बुद्धि की सहायता से अपने ऊपर से आर्थिक बोझ को कम करना होगा। हालांकि, इन समस्याओं के अलावा आपको अप्रत्याशित रूप से धन लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे जो कि आपको पैतृक संपत्ति या कानून की मदद से मिल सकता है।
बात करें प्रेम जीवन की, तो तुला राशि वालों के रिश्ते गुरु महाराज के गोचर के दौरान पार्टनर और ससुराल पक्ष के दौरान उतार-चढ़ाव भरे सकते हैं और ऐसे में, आपको रिश्ते में तनाव महसूस हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको धैर्य रखते हुए परिवार में चल रही समस्याओं और विवादों को समझते हुए उन्हें सुलझाना होगा। साथ ही, आपसी रिश्तों को मज़बूत करने के लिए समय भी निकालना होगा। इस दौरान आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, परंतु परिवार वालों और जीवनसाथी का साथ मिलने से आप इन बाधाओं से बाहर आने में सक्षम होंगे।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, तुला राशि के जातकों को गले और पेट से संबंधित समस्याओं से जूझना पड़ सकता है इसलिए आपको अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही, जरूरत पड़ने पर आप डॉक्टर की सहायता भी ले सकते हैं।
उपाय: गुरु ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए बृहस्पति दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में पांचवा भाव प्रेम, रोमांस एवं संतान आदि को दर्शाता है जबकि दूसरा भाव परिवार, धन और वाणी आदि से संबंधित है। इसी प्रकार, सातवें भाव में गुरु ग्रह का गोचर होने से यह वृश्चिक राशि के जातकों के जीवन के विभिन्न आयामों में तरक्की और बदलाव लेकर आ सकता है।
करियर के लिहाज़ से. बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होने से व्यापार करने वाले जातकों को बिज़नेस के संबंध में सुनहरे अवसरों की प्राप्ति होगी और ऐसे में, आप काम का विस्तार भी कर सकेंगे। जिन लोगों का व्यापार पार्टनरशिप में हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल कहा जाएगा। इन लोगों के जीवन में चल रही समस्याएं अब दूर होंगी और ऐसे में, आप करियर के क्षेत्र में स्थिरता और तरक्की पाने की राह पर आगे बढ़ सकेंगे। इस दौरान आपको अनुभवी और प्रभावशाली लोगों के साथ काम करने के मौके मिलेंगे। वृश्चिक राशि के जिन जातकों का खुद का व्यापार है, वह नए बिज़नेस की शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन, इसमें सफल होने के लिए दृढ़ निश्चयी होने के साथ-साथ योजना बनाकर चलना होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो गुरु ग्रह का यह गोचर आपके लिए अवसर और आय में वृद्धि लेकर आएगा। इस दौरान किया गया निवेश अच्छा रिटर्न दे सकता है जिससे आपकी आय में सुधार देखने को मिलेगा। धन से जुड़े मामलों में आपका मार्गदर्शन कोई अनुभवी व्यक्ति कर सकता है।
बृहस्पति देव के इस गोचर की अवधि में पार्टनर के साथ आपका रिश्ता प्रेम और सौहार्द से पूर्ण रहेगा। ऐसे में, आप दोनों का रिश्ता मज़बूत होगा। गुरु का यह गोचर रिश्ते में समर्पण की भावना को बढ़ावा देगा जिससे पार्टनर के साथ आपसी समझ और तालमेल दोनों में वृद्धि होगी। इस दौरान प्रेम विवाह होने की भी संभावना है। हालांकि, आप जीवन साथी के साथ जो समय बिताएंगे, उससे आप खुश और संतुष्ट दिखाई देंगे।
सेहत की बात करें, तो इस अवधि में आपके सामने कई चुनौतियां मौजूद होंगी। इसके फलस्वरूप, आपको शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए संतुलित जीवनशैली जीना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। ऐसे में, आप नियमित रूप से व्यायाम, स्वस्थ खानपान की आदतों और योग आदि करके अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। लेकिन, आप ख़ुशियों की तलाश में नज़र आ सकते हैं।
उपायः बृहस्पतिवारके दिन पीली वस्तुओं का दान करें।
बृहत् कुंडली: जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय
धनु राशि
धनु राशि के लिए बृहस्पति देव लग्न और चौथे भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि लोन, रोग और शत्रुओं का भाव है। बता दें कि कुंडली में पहला भाव स्वयं और व्यक्तित्व का होता है जबकि चौथा भाव सुख-सुविधाओं, माता और खुशियों आदि से संबंधित है।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर इन जातकों की कुंडली में उन्नति लेकर आएगा। ऐसे में, आपकी रचनात्मकता में वृद्धि होगी और नए-नए आइडियाज भी मौजूद होंगे जिसके बल पर आप नए अवसर प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन, इस दौरान आपको कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको सावधान रहना होगा। इन लोगों को करियर में तरक्की पाने की राह में उत्पन्न समस्याओं पर जीत हासिल करने के लिए काफ़ी प्रयास करने होंगे। आपके करियर में तमाम परेशानियों के बावजूद बृहस्पति का शुभ प्रभाव आपके कार्यक्षेत्र के माहौल को सौहार्दपूर्ण बनाए रखेंगे।
आर्थिक जीवन की बात करें, तो बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर के दौरान आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, गुरु ग्रह के गोचर की अवधि में निवेश करने और लाभ होने की प्रबल संभावना है, लेकिन फिर भी इन जातकों को अपने खर्चे बहुत सोच-समझकर करना होगा। इस दौरान आपके सामने खर्चे काफ़ी आ सकते हैं इसलिए आपको बहुत सावधानी से योजना बनाकर चलना होगा। ऐसे में, धनु राशि वालों को बिना सोचे-समझे पैसे खर्च करने से बचना होगा। साथ ही, धैर्य के साथ अपनी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।
जब बात आती है प्रेम जीवन की, तो धनु राशि वालों का रिश्ता पार्टनर के साथ मज़बूत होगा। इस राशि के जातक अपने करीबियों विशेषकर पार्टनर के साथ यादगार समय बिताते हुए नज़र आएंगे जिससे आपके बीच आपसी समझ मज़बूत होगी। साथ ही, आपका रिश्ता भी उनके साथ अब बेहतर होगा। लेकिन, आप दोनों को एक-दूसरे की जरूरतों को लेकर सतर्क रहना होगा। ऐसे में, आप दोनों को एक-दूसरे से बेझिझक होकर बात करने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, धनु राशि के जातकों के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी होगा। इसके फलस्वरूप, आपको खानपान अच्छा रखना होगा क्योंकि इस अवधि में आपको कोलेस्ट्रॉल और पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा।
उपाय: प्रत्येक गुरुवार मंदिर जाएं और अपने भोजन में हल्दी का उपयोग करें।
मकर राशि
मकर राशि के लिए देव गुरु बृहस्पति आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में तीसरा भाव भाई-बहनों एवं यात्राओं का होता है जबकि बारहवां भाव खर्चों व मोक्ष का होता है। इसके साथ ही पांचवां भाव प्रेम, रोमांस और संतान का होता है।
करियर के लिहाज़ से, मकर राशि वाले किसी कोर्स में दाखिला लेकर या शिक्षा के क्षेत्र में मिलने वाले अवसरों का फायदा उठाकर अपनी क्षमताओं एवं ज्ञान में वृद्धि करना चाहेंगे। यह जातक अपनी तेज़ बुद्धि के दम पर नौकरी में तरक्की पाने में सक्षम होंगे जो कि नौकरी में बदलाव या फिर वेतन में वृद्धि के माध्यम से आपके पास आ सकती है।
आर्थिक जीवन को देखें, तो इन जातकों को गुरु गोचर के दौरान आय में वृद्धि के अनेक अवसर प्राप्त होंगे क्योंकि इस अवधि में आपको लाभ प्राप्त होने की संभावना है। हालांकि, धन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतनी होगी और बिना सोचे-समझे बेकार के खर्चों से बचना होगा।
प्रेम जीवन को देखें, तो बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर मकर राशि वालों के प्रेम जीवन के लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि इस दौरान आप दोनों एक-दूसरे के साथ कई यादगार लम्हें बिताएंगे जिससे आपका रिश्ता मज़बूत होगा। जो लोग संतान प्राप्ति की चाह रखते हैं, उन्हें कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है जो कि आपके जीवन में अपार खुशियां लेकर आएगा। इन लोगों के घर-परिवार का माहौल बच्चों की मौजूदगी की वजह से सौहार्दपूर्ण बना रहेगा। ऐसे में, माता-पिता अपनी संतान पर गर्व महसूस होगा। मकर राशि के जो जातक रिश्ते में हैं, वह अपने रिश्ते को शादी में बदलने के बारे में सोच-विचार कर सकते हैं या फिर अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर ले जा सकते हैं।
सेहत की बात करें, तो गुरु ग्रह के वृषभ में गोचर के दौरान इस राशि के जातक मानसिक शांति का अनुभव कर सकते हैं। साथ ही, आपकी एकाग्र क्षमता भी मज़बूत होगी। इस समय को स्वास्थ्य से जुड़ी अच्छी आदतों को अपनाने और खुद का अच्छे से ध्यान रखने के लिए उत्तम कहा जाएगा। लेकिन, फिर भी आपको कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ खानपान को लेकर सावधान रहना होगा।
उपाय: पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए गुरु देव आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, कुंडली में दूसरा भाव धन-धान्य, परिवार एवं वाणी से संबंधित है जबकि ग्यारहवां भाव भौतिक सुखों और इच्छाओं का होता है। वहीं, चौथा भाव सुख-सुविधाओं, लक्ज़री और माता का होता है।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होने से इन जातकों का सारा ध्यान करियर पर केंद्रित रहेगा। ऐसे में, यह लोग जो भी काम करेंगे, उसे पूरी मेहनत और लगन के साथ करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप सराहना पाने के साथ-साथ तरक्की के अवसर भी प्राप्त करेंगे।
जब बात आती है आर्थिक जीवन की, तो इन लोगों का ध्यान घर से जुड़े खर्चो जैसे घर का रिनोवेशन और संपत्ति आदि में निवेश करने पर हो सकता है। हालांकि, काफ़ी खर्चे आपके सामने आ सकते हैं, लेकिन आपको अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर चलना होगा और सोच-समझकर पैसे खर्चने होंगे।
रिलेशनशिप के लिहाज़ से, गुरु ग्रह का चौथे भाव में गोचर पारिवारिक रिश्तों को मज़बूत करने का काम करेगा और इसके परिणामस्वरूप, परिवार का माहौल सौहार्द से भरा रहेगा। इन जातकों को परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा, विशेष रूप से माता के साथ। ऐसे में, आप खुश और भावनात्मक रूप से संतुष्ट दिखाई देंगे। अगर आप अपने रिश्ते को गलतफहमी और टकराव से बचाना चाहते हैं, तो साथी के साथ दिल खोलकर बात करें। संभव हो, तो परिवार का वातावरण खुशहाल बनाए रखें।
स्वास्थ्य के लिहाज़ से, इस अवधि में आप परिवार का सुखद माहौल होने की वजह से खुश दिखाई देंगे। लेकिन, आपको अपनी सेहत का भी ध्यान रखने की सलाह दी जाती है और ऐसा आप नियमित रूप से व्यायाम करके और संतुलित जीवनशैली अपनाकर कर सकते हैं।
उपाय: अनाथ या बुजुर्गों को मिठाई एवं केला दान करें।
मीन राशि
मीन राशि के लिए बृहस्पति आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली में पहला भाव स्वयं व व्यक्तित्व का होता है जबकि दसवां भाव नाम, प्रसिद्धि और पहचान का होता है। वहीं, तीसरा भाव पड़ोसियों और छोटी यात्राओं का प्रतिनिधित्व करता है।
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर मीन राशि वालों के करियर के क्षेत्र में तरक्की लेकर आएगा क्योंकि गुरु महाराज आपको साहसी और दृढ़ संकल्पी बनाएंगे ताकि आप अपने पेशेवर जीवन के लक्ष्यों को हासिल कर सकें। दोस्तों और सहकर्मियों के साथ अच्छे रिश्ते होना आपके लिए फलदायी साबित होगा और ऐसे में, आप प्रोजेक्ट्स में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। व्यापार करने वाले जातक कुछ प्रभावशाली लोगों का समर्थन मिलने से और नए आईडिया आने से आप बिज़नेस में प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। लेकिन, आपको आलस और कार्यों में किसी भी तरह की देरी से बचना होगा, अन्यथा आप को सफलता पाने की राह में समस्याओं का अनुभव हो सकता है। हालांकि, आप अपनी कड़ी मेहनत और बुद्धि के दम पर कामयाबी और सफलता पा सकेंगे।
गुरु ग्रह का यह गोचर आपके जीवन के लिए अच्छा कहा जाएगा क्योंकि भाई-बहनों और पड़ोसियों के साथ आपके संबंध मधुर बने रहेंगे। वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं आपस में बातचीत करने और एक-दूसरे को समझने से दूर होंगी। परिवार में आपसी तालमेल अच्छा होने से आपके रिश्ते सदस्यों के साथ मज़बूत होंगे। इसके अलावा, परिवार के साथ किसी छोटी दूरी की यात्रा पर जाने के भी योग बनेंगे जिससे रिश्ते में प्यार बढ़ेगा।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, गुरु का वृषभ राशि में गोचर मीन राशि के जातकों को ऊर्जा और दृढ़ता से भर देगा। इस दौरान आपको समय-समय पर अपना रूटीन चेकअप करवाने की सलाह दी जाती है। यदि आप आज के काम को कल पर टालने से बचेंगे और लगातार सक्रिय रहेंगे, तो आप स्वयं को सुस्ती या आलस से बचा सकेंगे।
उपाय: आठ दिनों तक नियमित रूप से मंदिर में हल्दी का दान करें।
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