लाल किताब के अनुसार सूर्य का चौथे भाव में फल
Prediction for Sun in Fourth house in Hindi according to Lal Kitab
यदि सूर्य शुभ है तो जातक बुद्धिमान, दयालु और अच्छा प्रशासक होगा। उसके पास आमदनी का स्थिर श्रोत होगा। ऐसा जातक मरने के बाद अपने वंशजों के लिए बहुत धन और बडी विरासत छोड जाता है। यदि चंद्रमा भी सूर्य के साथ चौथे भाव में स्थित है तो जातक किसी नए शोध के माध्यम से बहुत धन अर्जित करेगा। ऐसे में चौथे भाव या दसम भाव का बुध जातक को प्रसिद्ध व्यापारी बनाता है। यदि सूर्य के साथ बृहस्पति भी चौथे भाव में स्थित है तो जातक सोने और चांदी के व्यापर से अच्छा मुनाफा कमाता है। यदि चौथे भाव में सूर्य अशुभ है तो जातक लालची होगा। जातक को चोरी करने और दूसरों को नुकसान पहुचाने में मजा आता है। यह प्रवृत्ति अंततः बहुत बुरे परिणाम को जन्म देती है। यदि शनि सातवे भाव में हो तो जातक को रतौंधी रोग हो सकता है। यदि सूर्य चौथे भाव मे पीडित हो और मंगल दसम भाव में हो तो जातक की आंखों में दोष हो सकता है लेकिन उसकी किस्मत कमजोर नहीं होगी। यदि अशुभ सूर्य चतुर्थ भाव में हो साथ ही चंद्रमा पहले या दूसरे भाव में हो और शुक्र पंचम भाव तथा शनि सातवें भाव में हो तो जातक नपुंसक हो सकता है।
उपाय:
(1) जरूरतमंद और अंधे लोगों को दान दें और खाना बांटें।(2) लोहे और लकड़ी के साथ जुड़ा व्यापार न करें।(3) सोने, चांदी और कपड़े से सम्बंधित व्यापार, लाभकारी रहेंगे।
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