लाल किताब के अनुसार सूर्य का पहले भाव में फल
Prediction for Sun in First house in Hindi according to Lal Kitab
यदि सूर्य शुभ है तो जातक धार्मिक इमारतों या भवनों का निर्माण और सार्वजनिक उपयोग के लिए कुओं की खुदाई करवाता है। उसकी आजीविका का स्थाई स्रोत अधिकांशत: सरकारी होगा। इमानदारी से कमाए गए धन में बृद्धि होगी। जातक अपनी आंखों देखी बातों पर ही विश्वास करेगा, कान से सुनी गई बातों पर नहीं। यदि सूर्य अशुभ है तो जातक के पिता की मृत्यु जातक के बचपन में ही हो जाती है। यदि शुक्र सातवें भाव में हो तो दिन के समय बनाया गया शारीरिक संबंध पत्नी को लगातार बीमारी देता है और तपेदिक के संक्रमण का भय पैदा करता है। पहले भाव का अशुभ सूर्य और पांचवें भाव का मंगल एक-एक कर संतान की मृत्यु का कारण होगा। इसी प्रकार पहले भाव का अशुभ सूर्य और आठवें भाव का शनि एक-एक करके संतान की मृत्यु का कारण बनता है। यदि सातवें भाव में कोई ग्रह न हो तो 24 से पहले विवाह कर लेना जातक के लिए भाग्यशाली रहता है अन्यथा जातक के चौबीसवां साल विनाशकारी साबित होगा।
उपाय:
(1) 24 वर्ष से पहले ही शादी कर लें।
(2) दिन के समय यौन संबंध न बनाएं।
(3) अपने पैतृक घर में पानी के लिए एक हैंडपंप लगवाएं।
(4) अपने घर के अंत में बाईं ओर एक छोटे और अंधेरे कमरे का निर्माण कराएं।
(5) पति या पत्नी दोनों में से किसी एक को गुड़ खाना बंद कर देना चाहिए।
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