लाल किताब के अनुसार सूर्य का दूसरे भाव में फल
Prediction for Sun in Second house in Hindi according to Lal Kitab
यदि सूर्य शुभ है तो जातक आत्मनिर्भर होगा, शिल्पकला में कुशल और माता-पिता, मामा, बहनों, बेटियो तथा ससुराल वालों का सहयोग करने वाला होगा। यदि चंद्रमा छठवें भाव में होगा तो दूसरे भाव का सूर्य और भी शुभ प्रभाव देगा। आठवें भाव का केतू जातक को अधिक ईमानदार बनाता है। नौवें भाव का राहू जातक को प्रसिद्ध कलाकार या चित्रकार बनता है। नवम भाव का केतू जातक को महान तकनीकी जानकार बनाता है। नवम भाव का मंगल जातक को फैशनेबल बनाता है। जातक का उदार च्ररित्र उसके दुश्मनों की बृद्धि को रोकता है। यदि सूर्य अशुभ है तो सूर्य से सम्बंधित चीजों और रिश्तों जैसे पत्नी, धन, विधवाओं, गाय, स्वाद, माँ आदि पर बुरा प्रभाव पडता है। धन और सम्पत्ति को लेकर विवाद होता है। जातक की पत्नी जातक को बिगाडने वाली होगी। यदि चंद्रमा आठवें भाव में और सूर्य दूसरे भाव में हो तो दान में कोई वस्तु नहीं लेनी चाहिए अन्यथा जातक पूरी तरह विनाश को प्राप्त होगा। यदि सूर्य दूसरे, मंगल पहले और चंद्रमा बारहवें भाव में हो तो जातक की हालत गंभीर हो सकती है और वह हर तरीके से दयनीय होगा। यदि दूसरे भाव में सूर्य अशुभ हो तो आठवें भाव में स्थित मंगल जातक को लालची बनाता है।
उपाय:
(1) किसी धार्मिक स्थान में नारियल का तेल, सरसों का तेल और बादाम दान करें।
(2) धन, संपत्ति, और महिलाओं से जुड़े विवादों से बचें।
(3) दान लेने से बचें, विशेषकर चावल, चांदी, और दूध का दान नहीं लेना चाहिए।
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