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सूर्य का मेष राशि में गोचर (14 अप्रैल 2023)

सूर्य का मेष राशि में गोचर 14 अप्रैल 2023, शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट पर होने जा रहा है। सूर्य देव 15 मई, 2023 तक राशि चक्र की पहली राशि मेष में ही रहेंगे।

14 अप्रैल 2023 को सूर्य का मेष राशि में गोचर होगा: जानें प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में सूर्य देव को ग्रहों का राजा माना जाता है और यह प्रवृत्ति से पुरुष हैं। इस आर्टिकल में हम सूर्य के मेष राशि में गोचर से जुड़े अहम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जैसे इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में। जब सूर्य अपनी मूल त्रिकोण राशि में मौजूद होते हैं, तो इसके परिणाम जातकों के लिए लाभदायक होते हैं। वहीं सूर्य देव जब मंगल के स्वामित्व वाली मेष राशि में मौजूद होते हैं, तो सूर्य की यह स्थिति शक्तिशाली मानी जाती है। सूर्य देव राशि चक्र की पांचवी राशि यानी सिंह पर शासन करते हैं। पांचवां भाव अध्यात्म और बच्चों को दर्शाता है।

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सूर्य देव मेष राशि के पांचवे भाव के स्वामी हैं। इसके प्रभाव से जातकों को करियर में सफलता, भाग्य का साथ, धन लाभ, मान-सम्मान में वृद्धि की प्राप्ति होगी। सूर्य का मेष राशि में गोचर सरकारी नौकरी करने वाले जातकों के लिए भी फलदायी साबित होगा। इस गोचर के परिणामस्वरूप आपके अंदर अध्यात्म के प्रति झुकाव बढ़ेगा और यह आपकी मानसिक सेहत के लिए लाभकारी साबित होगा।

तो, आइए इस आर्टिकल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं सूर्य के मेष राशि में गोचर से 12 राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में। साथ ही, हम राशि अनुसार कुछ ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी जानेंगे जिनकी मदद से आप सूर्य देव के अशुभ प्रभाव को कम सकते हैं।

ज्योतिष में सूर्य का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को उच्च अधिकार वाले एक तीव्र ग्रह के रूप में देखा जाता है। सूर्य महाराज जातकों के जीवन में अच्छे प्रशासन और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके आशीर्वाद से जातकों को करियर में ऊंचे स्थान और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

सूर्य देव के शुभ होने पर जातकों को जीवन में संतुष्टि, अच्छी सेहत और तेज़ दिमाग की प्राप्ति होती है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य देव मज़बूत अवस्था में मौजूद हैं, तो आप एक बेहद कमज़ोर स्थिति से निकल कर ताकत हासिल करने में सफल हो सकते हैं।

जैसे कि हम ऊपर भी चर्चा कर चुके हैं कि कुंडली में सूर्य महाराज की मज़बूत अवस्था जातकों को करियर में उच्च पद की ओर ले जाती है। अगर सूर्य देव बृहस्पति ग्रह के साथ कुंडली में मौजूद हो या इनकी दृष्टि सूर्य पर पड़ रही हो, तो, जातक शारीरिक और मानसिक रूप से काफ़ी मज़बूत होते हैं। वहीं, अगर सूर्य देव राहु और केतु जैसे हानिकारक ग्रहों के साथ मौजूद होते हैं, तो ऐसे में आपको मान-सम्मान में कमी, डिप्रेशन और आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आप अच्छी गुणवत्ता वाला माणिक धारण कर सकते हैं। इसके अलावा आप रोज़ाना सूर्य गायत्री मंत्र और श्री आदित्य हृदयम का पाठ भी कर सकते हैं।

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी व्यक्तिगत चन्द्र राशि अभी जानने के लिएचंद्र राशि कैलकुलेटर का उपयोग करें।

Read in English: Sun Transit In Aries (14 April, 2023)

मेष

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य देव पांचवें भाव पर शासन करते हैं। यह भाव अध्यात्म के प्रति झुकाव और संतान को दर्शाता है।

पांचवे भाव के स्वामी के रूप में सूर्य देव का पहले भाव में मौजूद होना जातकों के लिए लाभकारी साबित होगा। आप इस दौरान ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करेंगे, लेकिन आप इस दौरान ज्यादा उत्तेजित हो सकते हैं जिसका प्रभाव आपके रिश्तों पर पड़ने के आशंका है।

हालांकि, इस दौरान आप कई बड़े और अहम फैसले आसानी से लेने में सक्षम होंगे और यह फैसले आपके लिए लाभदायक भी साबित होंगे।

सूर्य का मेष राशि में गोचर पहले भाव में होने से जातकों के करियर के लिए काफ़ी फायदेमंद साबित होगा। इस दौरान, आप अपने करियर में अच्छी गति से आगे बढ़ने में सफल होंगे और इससे आपको संतुष्टि मिलेगी। सूर्य गोचर के दौरान आपको नौकरी के नए अवसर भी मिलने की संभावना है जो कि आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे।

अगर आप अपना खुद का व्यवसाय चला रहे हैं, तो यह अवधि आपके लिए अति फलदायी साबित होगी। आप अपने प्रतिद्वंदियों से मुकाबला करने की स्थिति में होंगे और अपनी बुद्धिमत्ता से आप अच्छा मुनाफा कमाने में सफल होंगे।

आर्थिक पक्ष की बात करें, तो आपके लिए यह समय काफ़ी लाभकारी रहने वाला है। सूर्य देव, आपकी कुंडली के पहले भाव में मौजूद हैं और यह समय व्यवसाय करने वाले जातकों के लिए अत्यंत फायदेमंद साबित होगा। बिज़नेस में आप आसानी से मुनाफा कमाने में सफल होंगे।

प्रेम संबंध के लिहाज़ से, आपके लिए यह समय उत्तम परिणाम लेकर आने वाला साबित होगा। इस गोचर के दौरान आप अपने पार्टनर के साथ किसी यात्रा पर जा सकते हैं और यह समय आपके लिए आनंदमय साबित होगा। प्रेमी जोड़ों के बीच रोमांस बना रहेगा और आप अपने साथी के साथ शानदार वक्त व्यतीत करेंगे।

पहले भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के सातवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और यह आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे और आप लोगों के बीच सामंजस्य बना रहेगा। साथ ही, आप इस गोचर के दौरान नए लोगों से दोस्ती करने में भी सफल होंगे।

उपाय- रोज़ाना 19 बार “ॐ भास्कराय नमः” का जाप करें।

वृषभ

आपकी कुंडली के चौथे भाव पर सूर्य देव का स्वामित्व है और अब यह आपकी कुंडली के बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। चौथा भाव आराम और बारहवां भाव हानि को दर्शाता है।

बारहवें भाव में सूर्य देव की मौजूदगी से आपको जीवन में परेशानियों और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपके कार्यों में रुकावटें भी आ सकती हैं।

सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके करियर के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित न होने की आशंका है। इस दौरान काम में मनचाहे परिणाम न मिलने की वजह से आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, कार्यस्थल पर अपनी मेहनत के लिए उचित सराहना न मिलने के कारण आप अपनी नौकरी भी छोड़ सकते हैं।

आर्थिक पक्ष की बात करें तो, इस दौरान आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि आपकी आय में कमी होने के आसार है। वहीं, परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के कारण आपके खर्चों में वृद्धि होने के संकेत हैं। इसके अलावा, पारिवारिक संबंधों में भी आपको नकारात्मक नतीजे देखने को मिल सकते हैं। घर के किसी कार्य के चलते आपको पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप आपकी आर्थिक स्थिति डगमगा सकती है।

पारिवारिक जीवन के लिहाज़ से, इस दौरान आपके रिश्तों में उतार-चढ़ाव आने के संकेत हैं। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों से भी कुछ मतभेद हो सकते हैं जिससे आपकी मानसिक शांति भंग होने की आशंका है।

अगर आपकी सेहत के बारे में बात करें, तो सूर्य के मेष राशि में गोचर के कारण आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। इस दौरान आपको पाचन संबंधित समस्याएं, गले में इन्फेक्शन और चक्कर आना आदि परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। इस कारण से आपका धन भी खर्च होने के आसार हैं।

बारहवें भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के छठे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और ऐसे में, परिवार में कुछ मतभेद हो सकते हैं। इसके अलावा घर के सदस्यों के बीच पारिवारिक मुद्दों को लेकर वाद-विवाद होने की भी आशंका है।

उपाय- रोज़ाना 11 बार “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।


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मिथुन

मिथुन राशि के लिए सूर्य देव तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव लाभ और इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करता है।

सूर्य देव का ग्यारहवें भाव में गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए फलदायी साबित होने की उम्मीद है। इस दौरान आप काफ़ी खुश रहेंगे और आपको हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल होगी।

करियर के लिहाज़ से, सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होगा। इस दौरान, जातकों को भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा और आपको नौकरी में भी नए और बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत के लिए आपको सराहना मिलेगी और इसके प्रभाव से कार्यस्थल में आपके कद में वृद्धि होगी। इसके अलावा, आपको अपनी कंपनी/संस्थान का प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है।

अगर आपका खुद का बिज़नेस है, तो यह गोचर आपके लिए स्वर्णिम अवसर लेकर आएगा। इस दौरान आप कम समय में अधिक मुनाफा कमाने में सफल होंगे और अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सक्षम होंगे। इसके अलावा, जातक इस किसी प्रकार का नया व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप आपको अच्छा धन लाभ मिलेगा।

आर्थिक पक्ष की बात करें, तो इस अवधि में आप अलग-अलग रास्तों से पैसे कमाने में सफल होंगे। जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा और इस दौरान आप शेयर बाज़ार और सट्टे की मदद से बड़ा धन लाभ अर्जित करने में सफल होंगे। इसके अलावा सूर्य के मेष राशि में गोचर के प्रभाव से आपको विदेश से भी धन कमाने का मौका मिल सकता है।

सूर्य का मेष राशि में गोचर, मिथुन राशि के जातकों के प्रेम संबंध के लिए भी शानदार साबित होगा। इस दौरान प्रेमी जोड़ों के रिश्ते बेहतर होंगे और वह एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास करेंगे। शादीशुदा जातकों के बीच में काफ़ी अच्छा तालमेल बना रहेगा और आपका रिश्ता बेहतर होगा।

सेहत के लिहाज़ से देखें तो आपका स्वास्थ्य इस गोचर के दौरान अच्छा बना रहेगा और आपको कोई बड़ी दिक्कत परेशान नहीं करेगी। हालांकि, आपको सिरदर्द जैसी छोटी-मोटी समस्या हो सकती है।

ग्यारहवें भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के पांचवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप परिवार में खुशियों का माहौल बना रहेगा। इस दौरान, जातकों को अपने बच्चों के माध्यम से कोई खुशखबरी मिल सकती है।

उपाय- रोज़ाना 21 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।

कर्क

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य देव दूसरे भाव के स्वामी हैं। यह भाव आर्थिक पक्ष और घरेलू जीवन को दर्शाता है। आपकी चंद्र राशि के दसवें भाव में सूर्य महाराज गोचर करने जा रहे हैं और यह भाव प्रोफेशन, स्थिरता और पहचान का प्रतिनिधित्व करता है।

सूर्य का दसवें भाव में गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए फलदायी साबित होगा। इसके प्रभाव से आपको करियर में फायदे होंगे और आर्थिक लाभ के भी योग बन रहे हैं। इस दौरान, आपको विदेश के दौरे पर जाने का भी मौका मिल सकता है और यह आपके लिए आर्थिक लाभ लेकर आ सकता है।

सूर्य का मेष राशि में गोचर करियर के लिहाज़ से कर्क राशि के लिए फायदेमंद रहेगा। इस दौरान आप करियर में शानदार प्रदर्शन करने में सफल होंगे। जातकों को विदेश में भी नौकरी के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इस दौरान आप कार्यस्थल पर अपने साथियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में सफल होंगे और आपके प्रमोशन के भी योग बन रहे हैं।

अपना बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह गोचर शानदार परिणाम लेकर आने वाला है। आप अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सफल होंगे और अच्छा आर्थिक लाभ भी प्राप्त करेंगे। आप अपने प्रतिद्वंदियों के साथ कड़ा मुकाबला करने में सक्षम होंगे और कामयाबी जरूर हासिल करेंगे।

आर्थिक पक्ष के लिहाज़ से आपके लिए सूर्य देव का दसवें भाव में गोचर शुभ रहने वाला है। इस दौरान अलग-अलग रास्तों से आपकी आय में वृद्धि होगी। इस गोचर के दौरान जातकों को सरकारी नौकरी मिलने के योग बन रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके अलावा, आप पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे और आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती होगी।

सूर्य का मेष राशि में गोचर, आपके प्रेम संबंध के लिए सकारात्मक साबित होने की संभावना है। इस दौरान आप शादी के बंधन में बंधकर अपने नए जीवन की शुरुआत कर सकते हैं। आप पार्टनर से अपने दिल की सभी बातें साझा करेंगे और इससे आपका रिश्ता मज़बूत होगा। इसके अलावा, आप-दोनों कहीं घूमने-फिरने भी जा सकते हैं और यह यात्रा आपके लिए आनंदमयी रहेगी।

सूर्य देव आपकी कुंडली के दसवें भाव में मौजूद हैं और इसके परिणामस्वरूप आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। हालांकि, आपको छोटी-मोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर आपका स्वास्थ्य शानदार रहेगा।

दसवें भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के चौथे भाव पर दूसरे भाव के स्वामी के रूप में दृष्टि डाल रहे हैं। इसके प्रभाव से आपके घर में खुशियों का माहौल बना रहेगा और सभी सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ेगा।

उपाय- रोज़ाना 11 बार “ॐ दुर्गाय नमः” का जाप करें।

सिंह

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य देव पहले भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के नौवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव भाग्य, विदेश यात्रा और धर्म को दर्शाता है। सूर्य का मेष राशि में गोचर, आपके लिए फायदेमंद साबित होने की संभावना है।

सूर्य देव का पहले भाव के स्वामी के तौर पर नौवें भाव में मौजूद होना यह दर्शाता है कि जातकों को करियर में पदोन्नति मिलने के योग बन रहे हैं। इसके अलावा आपको आर्थिक लाभ हो सकता है और आपका झुकाव आध्यात्मिक कार्यों की ओर बढ़ेगा। साथ ही आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है और यह आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

करियर के लिहाज़ से सूर्य का मेष राशि में गोचर, सिंह राशि के जातकों के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस दौरान आपको करियर में नए मौके मिलने की संभावना है और आपका कद भी बढ़ेगा। इसके अलावा आपका प्रमोशन भी हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप आपकी आय में वृद्धि हो सकती है।

बिज़नेस करने वाले जातकों को भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। इस दौरान आप सामान्य से अधिक लाभ कमाने में सफल होंगे। इस गोचर के दौरान, बिज़नेस में विस्तार के योग भी बन रहे हैं और यह आपके लिए फलदायी साबित होगा।

आर्थिक तौर पर, सूर्य देव का नौवें भाव में होना आपके लिए काफ़ी शुभ रहने वाला है। इसके परिणामस्वरूप आपको अच्छा धन लाभ हो सकता है। आप पैसे बचाने में सफल होंगे और ऐसे में, आपकी आर्थिक स्थिति काफ़ी मज़बूत होगी।

पारिवारिक रिश्तों के लिहाज़ से भी यह समय आपके लिए अच्छे नतीजे लेकर आएगा। इस दौरान जातक शादी या किसी मांगलिक कार्यक्रम के चलते अच्छा समय व्यतीत करने में सफल होंगे। आप अपने पार्टनर के सामने अपने दिल की बातें खुल कर रखेंगे, जिसके कारण आप-दोनों के बीच संबंध काफ़ी बेहतर होंगे। शादीशुदा जातक भी इस दौरान, अपने साथी के साथ कहीं घूमने-फिरने के लिए जा सकते हैं और यह समय आप दोनों के लिए अच्छा रहेगा।

सूर्य देव के नौवें भाव में होने से आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। इस दौरान आपको कोई भी बड़ी परेशानी न होने की संभावना है। हालांकि, सिर दर्द जैसी छोटी-मोटी दिक्कतें आ सकती हैं।

सूर्य देव नौवें भाव से आपकी कुंडली के तीसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं और यह एक शुभ स्थिति है। इस दौरान आपको भाग्य का साथ प्राप्त होगा और आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव होंगे। साथ ही इस दौरान आपको स्थानांतरण के मौके भी मिल सकते हैं।

उपाय- रोज़ाना आदित्य हृदयम का पाठ करें।

कन्या

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव बारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके राशि के लिए एक हानिकारक ग्रह हैं। वहीं बारहवां भाव जीवन में ख़र्चों और हानि को दर्शाता है। अब सूर्य देव आपकी कुंडली के आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं।

करियर के लिहाज़ से कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य का मेष राशि में गोचर ज्यादा लाभकारी न होने की आशंका है। इस दौरान काम में लापरवाही के कारण आपसे कुछ गलतियां हो सकती हैं और आपके ऊपर काम का दबाव भी बढ़ सकता है। इसी के कारण जातकों को काम में संतुष्टि नहीं मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप आप दूसरी नौकरी की तलाश कर सकते हैं। हालांकि, आपको इस गोचर के दौरान विदेश जाने का अवसर प्राप्त हो सकता है, लेकिन यह आपके लिए ज्यादा लाभकारी न रहने की आशंका है।

बिज़नेस करने वाले जातकों को इस गोचर की अवधि में फायदा और नुकसान दोनों ही होने की संभावना है। इसके अलावा आपको अपने प्रतिद्वंदियों से कड़ा मुकाबला मिल सकता है, इसलिए आपको इसके लिए पहले से ही योजना बना कर आगे बढ़ना चाहिए।

आर्थिक पक्ष की बात करें, तो आपके लिए सूर्य का आठवें भाव में होना, यह दर्शाता है कि आपको धन हानि और अधिक खर्च का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आपको पहले से ही योजना बना कर तैयार रहने की सलाह दी जाती है।

प्रेम संबंध के लिहाज़ से बात करें, तो इस दौरान आपके रिश्ते में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। आप दोनों के बीच सामंजस्य की कमी के कारण विवाद हो सकते हैं।

जातकों को इस दौरान ख़राब स्वास्थ्य का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको पेट संबंधित समस्याओं और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।

आठवें भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके कारण आपके खर्च में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा आपके प्रेम संबंध में बातचीत की कमी के कारण गलतफहमी हो सकती है।

उपाय- सूर्य देव के लिए रविवार को हवन-यज्ञ करें।


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तुला

तुला राशि के लिए सूर्य देव ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लिए एक हानिकारक ग्रह हैं। अब सूर्य महाराज आपकी कुंडली के सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यह भाव पार्टनरशिप, दोस्ती और व्यवसाय को दर्शाता है। सूर्य का यह गोचर आपके लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आने वाला है।

सूर्य का मेष राशि में गोचर, करियर के लिहाज़ से आपके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित न होने की आशंका है। इस दौरान, आप अपने सीनियर्स और कार्यस्थल के साथियों के साथ किसी विवाद में पड़ सकते हैं। इस दौरान आपको काम में भटकाव और दबाव दोनों का ही सामना करना पड़ सकता है। संकेत मिल रहे हैं कि आपको किसी अनचाही यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है, जो आपके लिए ज्यादा फायदेमंद न रहने की आशंका है।

अगर आप खुद का बिज़नेस चला रहे हैं, तो इस गोचर के दौरान आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होगी क्योंकि आपको गोचर की अवधि में धन हानि हो सकती है। अगर आप पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं, तो यह वक्त आपके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। इसके अलावा, आपको उम्मीद से कम लाभ होगा जिसके कारण परेशानियां बढ़ सकती हैं।

आर्थिक पक्ष की बात करें, तो सूर्य देव आपकी कुंडली के सातवें भाव में मौजूद हैं। इसके कारण आपको ज्यादा लाभ कमाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा घूमने-फिरने के दौरान आपको धन हानि भी हो सकती है।

प्रेम संबंध के लिहाज़ से, आपके लिए यह वक्त थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है। आपसी तालमेल की कमी या एक-दूसरे को नज़रअंदाज़ करने के कारण आप दोनों के बीच विवाद होने की आशंका है। वहीं, अगर शादीशुदा जातकों को अपने जीवन में संतुलन की कमी महसूस हो सकती है।

सूर्य देव के सातवें भाव में होने के कारण आपकी सेहत में भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। इसके अलावा आपके जीवनसाथी की सेहत भी ख़राब हो सकती है जिसके चलते आपके खर्च में वृद्धि होने की आशंका है।

सातवें भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के पहले भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपके कार्य अटक सकते हैं, यानी कि आपको विलंब का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा परिवार में कलेश की स्थिति बन सकती है और आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है।

उपाय- शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा करें।

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य देव दसवें भाव के स्वामी हैं जो कि लाभकारी ग्रह हैं। अब यह आपकी कुंडली के छठे भाव में दसवें भाव के स्वामी के रूप में गोचर करने जा रहे हैं। यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शानदार साबित होगा।

करियर के तौर पर बात करें तो, सूर्य का मेष राशि में गोचर, आपके लिए लाभकारी साबित होने वाला है। आप इस दौरान काम में तरक्की करेंगे और आपकी मेहनत के लिए लोग आपकी सराहना करेंगे। कोई भी बाधा आपको आगे बढ़ने से रोकने में सक्षम नहीं होगी। इसके अलावा, आपकी कुंडली में पदोन्नति और आय में वृद्धि के भी योग बन रहे हैं। वहीं, अगर आप सरकारी नौकरी की तलाश में हैं या उसकी तैयारी में लगे हैं, तो परिणाम आपके पक्ष में आने की संभावना है।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह वक्त शानदार नतीजे लेकर आएगा। आप तेज़ी से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने और उससे मुनाफा कमाने में सफल होंगे। इसके अलावा आप अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देने में भी सफल होंगे। वहीं, अगर आप बिज़नेस में पार्टनरशिप के बारे में विचार कर रहे हैं, तो यह वक्त आपके लिए बिल्कुल सही है।

आर्थिक पक्ष की बात करें, तो आपके लिए सूर्य देव का छठे भाव में होना शुभ रहेगा। इस दौरान, आपको विभिन्न स्रोतों से धन लाभ हो सकता है। हालांकि, यह भी संभव है कि आप लोन ले सकते हैं और फिर उसके माध्यम से आर्थिक लाभ कमाएं।

प्रेम संबंधों की बात करें तो, आपके जीवन में भरपूर रोमांस बना रहने वाला है। आप अपने पार्टनर के साथ आनंदमय वक्त बिताएंगे और एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपका रिश्ता अधिक मज़बूत होगा।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह गोचर आपके लिए सकारात्मक रहने वाला है। इस दौरान आप ऊर्जा से भरे रहेंगे और बेहतर सेहत बनाए रखने में कामयाब होंगे।

सूर्य देव छठे भाव से आपकी कुंडली के बारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि आपको अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

उपाय- प्रतिदिन लिंगाष्टकम का जाप करें।

धनु

धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य देव नौवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। नौवां भाव भाग्य और पांचवां भाव बच्चों और अध्यात्म को दर्शाता है।

करियर के लिहाज़ से बात करें तो, जातकों को इस दौरान नौकरी के बेहतर अवसरों की प्राप्ति हो सकती है। आप अपने करियर को लेकर नए योजनाएं बना सकते हैं जो आपके लिए शानदार नतीजे लेकर आ सकती हैं। इसके अलावा आप पूरे प्रोफेशनल तरीके से कार्य करने में सफल होंगे।

बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए यह गोचर लाभकारी साबित होने की संभावना है। इस दौरान आप अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सफल होंगे और आप अच्छा धन लाभ कमाएंगे। इसके अलावा अगर आप पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहे हैं, तो आपके लिए भी यह गोचर फलदायी साबित होगा।

आर्थिक पक्ष की बात करें, तो सूर्य देव के पांचवे भाव में होने के कारण जातकों को अच्छा धन लाभ होने की संभावना है। साथ ही आप पैसों को बचाने में भी सफल होंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति और मज़बूत होगी। इस दौरान, आपको उधार दिए गए पैसे भी वापस मिलने के संकेत हैं।

प्रेम संबंध के लिहाज़ से भी सूर्य का मेष राशि में गोचर, आपके लिए फलदायी सिद्ध होगा। इस दौरान आपके प्रेम संबंध में भरपूर रोमांस रहेगा और आप अपने पार्टनर के साथ शानदार समय व्यतीत करने में सफल होंगे।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से यह गोचर आपके लिए सकारात्मक रहने वाला है। इस दौरान धनु राशि के जातक ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और आपकी सेहत बेहतर बनी रहेगी।

पांचवें भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि जातकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ प्राप्त हो सकता है और आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में सफल होंगे।

उपाय- भगवान शिव के लिए बृहस्पतिवार को हवन-यज्ञ करें।

मकर

मकर राशि के लिए सूर्य देव आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपकी कुंडली के चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आठवां भाव बाधाओं और चौथा भाव आराम, घर और संपत्ति को दर्शाता है।

सूर्य का मेष राशि में गोचर, आपके करियर के लिहाज़ से ज्यादा फायदेमंद साबित न होने की आशंका है। इस दौरान आपको अपने कार्य के लिए ज्यादा सराहना न मिलने के संकेत हैं और आप पर काम का दबाव अधिक हो सकता है। कुल मिलाकर, आपको करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

संभव है कि मकर राशि के बिज़नेस करने जातकों के लिए सूर्य का यह गोचर फलदायी न रहें। इसलिए आपको सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत होगी क्योंकि आपको नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। जातकों को इस दौरान अपने बिज़नेस में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।

आर्थिक पक्ष की बात करें तो, सूर्य देव का चौथे भाव में होना आपके लिए अधिक खर्चों को दर्शा रहा है। इस दौरान आपको परिवार पर अधिक धन खर्च करना पड़ सकता है और आपको आर्थिक नुकसान भी होने की आशंका है।

प्रेम संबंध के लिहाज़ से, आपके लिए सूर्य का यह गोचर चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। आप दोनों के रिश्ते में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं और ऐसे में, आपको आपसी तालमेल की कमी भी महसूस हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप आप दोनों के बीच विवाद बढ़ सकते हैं।

स्वास्थ्य के लिहाज़ से सूर्य देव का चौथे भाव में होना आपके लिए ज्यादा अच्छा न रहने की आशंका है। इस दौरान, आपको लगातार सिर दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और आपको अपनी माता की सेहत पर भी धन खर्च करना पड़ सकता है।

चौथे भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि आपको अपने काम और उससे होने वाले लाभ में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- शनिवार के दिन शनिदेव के लिए हवन-यज्ञ करें।

कुंभ

कुंभ राशि के लिए सूर्य देव सातवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। सातवां भाव दोस्तों और तीसरा भाव संवाद, व्यक्तिगत विकास और छोटे भाई-बहन को दर्शाता है।

करियर की नज़र से देखा जाए, तो आपके लिए सूर्य का यह गोचर फलदायी रहने की संभावना है। इस दौरान आपको ऑन-साइट अवसरों की प्राप्ति हो सकती है और यह आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे।

सूर्य का मेष राशि में गोचर बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए शुभ रहेगा। इस दौरान कुंभ राशि के जातकों का व्यवसाय अच्छी तरक्की करेगा और आपको धन लाभ भी होगा। आप आउटसोर्सिंग की मदद से इस गोचर के दौरान अच्छा मुनाफा कमाने में सफल होंगे।

आर्थिक पक्ष की बात करें तो, सूर्य देव का तीसरे भाव में होना आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। वहीं विदेश में नौकरी करने वाले जातकों को भी धन लाभ होने की संभावना है।

प्रेम संबंधों के लिहाज़ से, आपका पार्टनर के साथ रिश्ता शानदार रहेगा। आप-दोनों के बीच अच्छा तालमेल और सामंजस्य बना रहेगा। ऐसे में, आपका रिश्ता मज़बूत होगा और एक-दूसरे को समझते हुए अच्छा समय व्यतीत करेंगे।

कुंभ राशि के जातकों की सेहत की बात करें, तो यह गोचर आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी।

तीसरे भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के नौवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव होंगे और आप तरक्की करने में सफल होंगे।

उपाय- रोज़ाना नारायणीयम् का जाप करें।

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य देव छठे भाव के स्वामी हैं और अब वह आपकी कुंडली के दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। छठा भाव बीमारियां और कर्ज़ का भाव है जबकि दूसरा भाव पैसा और घरेलू जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।

करियर के लिहाज़ से यह गोचर आपके लिए ज्यादा फायदेमंद न रहने की आशंका है। संभव हैं कि इस दौरान आपको अपने काम के लिए पर्याप्त सराहना न मिले।

आशंका है कि बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए गोचर की अवधि ज्यादा लाभकारी न रहे। इस दौरान आपको धन लाभ कमाने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, जातकों को आर्थिक नुकसान भी हो सकता है इसलिए आपको इस गोचर के दौरान अधिक सावधानी के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी जाती है।

आर्थिक तौर पर देखें तो, सूर्य का मेष राशि में गोचर आपके लिए ज्यादा ख़ास न रहने के आसार हैं। इस दौरान आपके खर्च में वृद्धि हो सकती है और इस कारण आप ज्यादा पैसे बचाने में असफल रह सकते हैं।

प्रेम संबंध के लिहाज़ से, आपको अपने रिश्ते में सामंजस्य की कमी महसूस हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप आप अपने रिश्ते को लेकर असंतुष्ट नज़र आ सकते हैं। आप-दोनों के बीच तालमेल की कमी के कारण रिश्ते में खटास आने की आशंका है।

सेहत की दृष्टि से, यह समय आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता है क्योंकि सूर्य देव छठे भाव के स्वामी के रूप में आपके दूसरे भाव में मौजूद होंगे। इसके परिणामस्वरूप आपको स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ सकता है और ऐसे में, आप बचत करने में असफल रह सकते हैं।

दूसरे भाव से सूर्य देव आपकी कुंडली के आठवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। यह दर्शाता है कि आपको इस गोचर के दौरान चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- माता लक्ष्मी और कुबेर के लिए शुक्रवार को हवन-यज्ञ करें।


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