बुध का मीन राशि में गोचर (16 मार्च 2023)
बुध का मीन राशि में गोचर 16 मार्च 2023 को सुबह 10:33 बजे होगा यानी कि ग्रहों के राजकुमार बुध कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। सौरमंडल में बुध चंद्रमा के बाद सबसे छोटा ग्रह और सबसे तेज़ गति से चलने वाला ग्रह है। धार्मिक दृष्टिकोण से बुध को प्रज्ञा के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह कॉमर्स, बैंकिंग, शिक्षा, कम्युनिकेशन राइटिंग, किताब, ह्यूमर और मीडिया के कारक हैं। यह हमारी बुद्धि, तार्किक शक्ति, सीखने की क्षमता, स्मरण शक्ति, वाणी और संचार कौशल को नियंत्रित करते हैं।

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अब बात करते हैं मीन राशि के बारे में। राशि चक्र की बारहवीं राशि है मीन। इसका स्वामित्व बृहस्पति ग्रह यानी कि देव गुरु बृहस्पति को प्राप्त है। यही वजह है कि इस राशि में बारहवें भाव के साथ-साथ बृहस्पति के गुण भी शामिल हैं। जल तत्व की सभी राशियों में से मीन राशि सबसे गहरे समुद्र के पानी का प्रतिनिधित्व करती है।
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मीन बुध की नीच राशि है। ऐसे में बुध का मीन राशि में गोचर सभी 12 राशियों के लिए कैसा साबित होगा, यह जानने के लिए कुंडली में बुध की स्थिति एवं जातक की दशा का विश्लेषण करना ज़रूरी हो जाता है। तो आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं कि बुध के इस राशि परिवर्तन का सभी राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। जानें अपनी चंद्र राशि
Read in English:Mercury Transit in Pisces (16 March 2023)
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं। बुध का मीन राशि में गोचर आपके द्वादश भाव यानी कि विदेशी भूमि, अलगाव, व्यय, अस्पताल और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भाव में होगा। इस अवधि के लिए आपको सलाह दी जाती है कि कुछ भी बोलने से पहले सोच-विचार ज़रूर करें क्योंकि आप अपने शब्दों की वजह से परेशानी में पड़ सकते हैं या फिर आपको आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस गोचर काल के दौरान आप स्वभाव से आक्रामक और आवेगी हो सकते हैं चूंकि नर्वस सिस्टम प्रभावित होने की आशंका है और इसके कारण आपका स्लीपिंग पैटर्न भी प्रभावित हो सकता है। अतः आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें और नियमित रूप से योग, व्यायाम तथा मेडिटेशन आदि करें। इससे आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखने में काफ़ी मदद मिलेगी।
द्वादश भाव से बुध महाराज की दृष्टि अपनी उच्च राशि कन्या वाले छठे भाव पर पड़ेगी, जिसके परिणामस्वरूप आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने में सक्षम होंगे। इस दौरान आपके संबंध अपने मामा के साथ मधुर रहेंगे और आपको उनका पूरा सहयोग मिलेगा। जो लोग सर्विस सेक्टर में काम कर रहे हैं, उनके लिए भी यह गोचर फलदायी साबित होगा।
उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दूर्वा (दूब घास) अर्पित करें।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध महाराज दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल के दौरान यह आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे, जो कि लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और चाचा का भाव होता है। दूसरे भाव के स्वामी बुध का एकादश भाव में दुर्बल होना आपकी आर्थिक स्थिति के लिए बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। आपको सुझाव दिया जाता है कि इस दौरान अपने खर्चों पर नियंत्रण रखें तथा कोई भी नया निवेश करने से बचें क्योंकि बुध का मीन राशि में गोचर आपकी आपके आर्थिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।
इस अवधि में आपको किसी भी व्यक्ति से बात करते समय भी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी क्योंकि आपके द्वारा बोले गए शब्दों के कारण आर्थिक नुकसान या परेशानी आने के योग बन सकते हैं। आपकी वाणी के कारण, मामा या बड़े भाई-बहनों के साथ भी आपके संबंध ख़राब हो सकते हैं। हो सकता है कि इस अवधि में आप कुछ ऐसा बोल दें जो उन्हें भावनात्मक रूप से आहत कर दे या अपमानजनक लगे।
सकारात्मक पक्ष की बात करें तो उच्च राशि में पांचवें भाव में बुध महाराज की दृष्टि पड़ने के कारण, वृषभ राशि के छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल साबित होगी। विशेष रूप से उन छात्रों के लिए जो किसी लैंगुएज कोर्स, गणित या अकाउंटिंग जैसे विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं।
प्रेम जीवन की बात करें तो इस अवधि में आप अपनी मित्र मंडली में ही किसी एक के साथ रिलेशनशिप में आ सकते हैं। जो विवाहित जातक संतान सुख प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं, उन्हें इस दौरान कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो बुध के इस गोचर काल में आपको पांचवें भाव से संबंधित अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।
उपाय: अपनी जेब या बटुए में हरे रंग का रुमाल रखें।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इस गोचर काल के दौरान यह आपके दशम भाव यानी कि पेशे और कार्यस्थल के भाव में प्रवेश करेंगे। लग्न भाव के स्वामी का दशम भाव में अस्त होना आपके लिए कई परेशानियों का सबब बन सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि इस गोचर काल के दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न बरतें। ज़्यादा पज़ेसिव न हों। काम में अधिक व्यस्त होने के कारण अपने परिवार को नज़रंदाज़ न करें क्योंकि इससे आपका पारिवारिक जीवन प्रभावित हो सकता है। इस दौरान जितना हो सके, पॉज़िटिव रहने की कोशिश करें क्योंकि यह समय आपको अंदर ही अंदर असहज महसूस कराएगा। हो सकता है कि आप ख़ुद से और ख़ुद के कार्यों से संतुष्ट न हों। पेशेवर जीवन में आप जो प्रयास करें, उसका मनचाहा परिणाम न मिले।
हालांकि इस गोचर काल में आपको अपने परिवार, विशेष रूप से अपनी माता जी का भरपूर सहयोग प्राप्त होगा क्योंकि बुध महाराज की दृष्टि चतुर्थ भाव पर होगी। इसके परिणामस्वरूप आपकी माता जी हर परिस्थिति में आपका साथ देंगी और हर तरह से सपोर्ट भी करेंगी। आपका पारिवारिक जीवन और घरेलू वातावरण सुखद और सौहार्दपूर्ण रहेगा, मगर आपका उदास चेहरा और रवैया देखकर परिवार के लोग निराश हो सकते हैं। ऐसी स्थिति के लिए आपको सुझाव दिया जाता है कि ख़ुश रहने और जीवन का आनंद लेने की कोशिश करें।
उपाय: घर और कार्यस्थल में बुध यंत्र स्थापित करें।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध ग्यारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके नवम भाव यानी कि धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य भाव में गोचर करेंगे। द्वादश भाव के स्वामी का नवम भाव में गोचर करना, लंबी दूरी की यात्रा या तीर्थ यात्रा पर जाने के योग बनाएगा, लेकिन चूंकि बुध अस्त अवस्था में हैं, इसलिए हो सकता है कि ये यात्राएं कष्टदायक हों और फलदायी सिद्ध न हों।
इस दौरान आपके पिता जी को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं और जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन चूंकि बुध तीसरे भाव के स्वामी हैं, इसलिए आपको अतीत में किए गए अपने उन प्रयासों का आभास होगा, जिनकी वजह से वर्तमान समय में परेशानियां आ रही हैं।
बुध महाराज की दृष्टि तीसरे भाव पर होने के फलस्वरूप, आपके अंदर साहस और आत्मविश्वास बढ़ेगा। आप अपने छोटे भाई-बहनों को सपोर्ट करेंगे। इस दौरान आपके छोटे भाई-बहनों को भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इसलिए उन्हें आपके समर्थन की ज़रूरत होगी। आपको सुझाव दिया जाता है कि अपने दोस्तों और चचेरे/ममेरे या सगे भाई-बहनों को ज़रूरत पड़ने पर सहयोग करें तथा उनसे बहुत प्यार से बातचीत करें। अपने काम को लेकर सीरियस रहें और सतर्क भी।
उपाय: अपने पिता जी को हरे रंग की कोई वस्तु उपहार में दें।
सिंह
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और एकादश भाव के स्वामी हैं तथा अब यह आपके अष्टम भाव यानी कि दीर्घायु, आकस्मिक घटना और गोपनीयता के भाव में प्रवेश करेंगे। अष्टम भाव में बुध की यह स्थिति सिंह राशि के जातकों के लिए अधिक अनुकूल नहीं कही जा सकती है। बुध का मीन राशि में गोचर आपके लिए आर्थिक रूप से अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान आपको अतीत में किए गए किसी निवेश पर पछतावा हो सकता है। जो लोग शेयर मार्केट से जुड़े हैं या ट्रेडिंग करते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि इस समयावधि में कोई भी रिस्क न लें क्योंकि नुकसान होने के योग बन सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से देखें तो आपको गले से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही बोलते समय आपको परेशानी हो सकती है, इसलिए अपनी सेहत का ख़्याल रखना भी आपके लिए ज़रूरी होगा। यदि आप वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो इस दौरान ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंध में ग़लतफ़हमियां उत्पन्न हो सकती हैं।
हालांकि बुध महाराज की उच्च राशि पर दूसरे भाव पर दृष्टि, आपको बौद्धिक क्षमता और अच्छा संचार कौशल प्रदान करेगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो आपको अपने आर्थिक जीवन के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी क्योंकि पैसों का लेन-देन करते समय धोखाधड़ी होने के योग बन सकते हैं।
उपाय: ट्रांसजेंडर्स का सम्मान करें और हो सके तो उन्हें हरे रंग के कपड़े भेंट करें।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न तथा दशम भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके सप्तम भाव में यानी कि जीवनसाथी और बिज़नेस पार्टनरशिप के भाव में अस्त अवस्था में प्रवेश करेंगे। बुध का मीन राशि में गोचर आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि पेशेवर जीवन, दांपत्य जीवन तथा स्वास्थ्य आदि के लिए बहुत अच्छा न रहने की आशंका है।
जो जातक पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में बहुत समझदारी से काम लेना होगा क्योंकि दशम भाव के स्वामी की सप्तम भाव में नीच स्थिति के कारण आपको बिज़नेस में नुकसान हो सकता है तथा बिज़नेस पार्टनर से आपके संबंध भी ख़राब हो सकते हैं। ऐसे में यदि आप सावधानी नहीं बरतते हैं तो आपको लंबे समय तक नुकसान होने के योग भी बन सकते हैं।
वैवाहिक जीवन की बात करें तो इस दौरान जीवनसाथी से वाद-विवाद या बहस होने की स्थिति बन सकती है, इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने जीवनसाथी से बातचीत करें और हर चीज़ को प्यार से सुलझाने की कोशिश करें। सप्तम भाव से बुध महाराज की दृष्टि आपके लग्न भाव पर होने के प्रभावस्वरूप आप इस दौरान सभी समस्याओं का सामना करने तथा उन्हें अपनी बौद्धिक क्षमता से हल करने में सक्षम होंगे।
उपाय: बुधवार के दिन 5-6 कैरट का पन्ना चांदी या सोने की अंगूठी में जड़वाकर धारण करें।
तुला
तुला राशि के जातकों के बुध नवम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा और मामा के भाव में प्रवेश करेंगे। इस दौरान आपको अपने पिता जी के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना होगा क्योंकि बुध का मीन राशि में गोचर उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याएं दे सकता है। साथ ही इस अवधि में आपके संबंध अपने पिता जी व गुरुओं से ख़राब हो सकते हैं क्योंकि यह गोचर आपके संचार कौशल और वाणी को प्रभावित कर सकता है।
आर्थिक रूप से भी यह समय बहुत अच्छा न रहने की आशंका है। आपके ख़र्चे बढ़ सकते हैं। आपके ऊपर कर्ज़ बढ़ सकता है। क्रेडिट कार्ड से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको सलाह दी जाती है कि अपने ख़र्चों पर नियंत्रण रखें और पैसा ख़र्च करने से पहले सोच-विचार ज़रूर करें।
इस गोचर अवधि में आपकी वजह से आपके मामा को कष्ट पहुंच सकता है, जिसके कारण मामा के साथ आपका रिश्ता प्रभावित होने के योग बनेंगे। इस दौरान यात्राएं अधिक होंगी। मगर सबसे ज़्यादा आपको ज़रूरत होगी कि अपना मनोबल ऊंचा रखें क्योंकि मीन राशि में बुध के गोचर के दौरान कुछ आरोपों के साथ आपके चरित्र पर सवाल उठाए जा सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
वृश्चिक
बुध का मीन राशि में गोचर आपके पंचम भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा, सट्टा और संतान के भाव में होगा। यह आपके एकादश और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। इस दौरान आपके अंदर शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में भाग्य आजमाने की इच्छा जागृत हो सकती है क्योंकि बुध महाराज पंचम भाव से एकादश भाव पर अपनी उच्च राशि कन्या पर दृष्टि डाल रहे हैं और ख़ुद नीच के हो रहे हैं। हालांकि निवेश के परिणाम आपकी दशा पर निर्भर करेंगे। यदि आप अपने पार्टनर के साथ जॉइंट एसेट्स में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि थोड़ा इंतज़ार करें क्योंकि यह समय अनुकूल नहीं है।
जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उन्हें इस दौरान अपने रिश्ते में ग़लतफ़हमियों और उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा के दृष्टिकोण से, बुध का पंचम भाव में नीच का गोचर वृश्चिक राशि के छात्रों को भी कुछ परेशानियां दे सकता है। छात्रों की एकाग्रता भंग हो सकती है। साथ ही पेपर वर्क, सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन से संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। यदि आप किसी कॉलेज/यूनिवर्सिटी या कहीं भी दाख़िला लेने वाले हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि अपने ज़रूरी दस्तावेजों को संभालकर रखें और उनके प्रति बहुत ज़्यादा सचेत रहें।
इस दौरान आपको अपने बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता होगी। हो सकता है कि वे अपनी भावनाओं को ज़ाहिर न कर पाएं या फिर उन्हें किसी का व्यवहार अच्छा न लगे और वे बोल न पाएं। ऐसे में आपको उन्हें प्यार से समझने तथा सांत्वना देने की ज़रूरत होगी। हालांकि एकादश भाव पर बुध महाराज की दृष्टि, आपको सामाजिक रूप से लोकप्रिय बनाएगी। नौकरीपेशा जातक कुछ प्रभावशाली लोगों से संपर्क स्थापित करने में सक्षम होंगे।
उपाय: ज़रूरतमंद बच्चों और विद्यार्थियों को किताबें दान करें।
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सप्तम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। अपने इस गोचर काल में यह आपके चतुर्थ भाव यानी कि गृहस्थ जीवन, घर, वाहन, संपत्ति और माता के भाव में प्रवेश करेंगे। इस दौरान आपके घर का माहौल अस्त-व्यस्त हो सकता है। साथ ही घर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी ख़राब हो सकते हैं। चतुर्थ भाव में बुध का मीन राशि में गोचर आपके वैवाहिक जीवन के लिए बहुत अच्छा साबित नहीं हो सकता है। आशंका है कि आप अपनी माँ और पत्नी के बीच रस्साकशी में फंसे रहेंगे इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि दोनों को समान रूप से प्राथमिकता दें और उचित संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें। इस अवधि में आपकी माता जी बीमार पड़ सकती हैं, इसलिए उनकी सेहत का ख़्याल रखना भी आपके लिए ज़रूरी होगा।
पेशेवर जीवन की बात करें तो बुध महाराज की उच्च राशि पर दृष्टि दर्शाती है कि आप इस समय का सदुपयोग करते हुए सही दिशा में अपने प्रयास जारी रखेंगे, लेकिन चूंकि बुध नीच के हैं, इसलिए आपको अपनी जॉब और प्रोफ़ाइल को लेकर असुरक्षा महसूस हो सकती है। हालांकि बाकी चीज़ें आपके लिए काफ़ी बेहतर प्रतीत हो रही हैं।
उपाय: प्रतिदिन तेल का दीपक/दीया जलाएं और तुलसी के पौधे की पूजा करें।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह अस्त अवस्था में ही आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे, जो कि भाई-बहन, शौक, लघु यात्रा और संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। इस दौरान आपका संचार कौशल प्रभावित हो सकता है, जिससे आपको अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने में परेशानी होगी। ऐसे में आपके शब्दों का ग़लत अर्थ भी निकाला जा सकता है।
संचार पर आधारित पेशों से जुड़े लोग जैसे कि शिक्षक, धर्म गुरु और मीडियाकर्मियों को इस दौरान कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि आपके संचार के उपकरण जैसे कि मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप या कैमरा आदि ख़राब हो जाएं। व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो भाई-बहनों के साथ संबंध में तनाव बढ़ सकता है, जिससे अक्सर झगड़ा होने या ग़लतफ़हमियां पैदा होने के योग बन सकते हैं। बुध महाराज अपनी उच्च राशि पर नवम भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आपको अपने पिता व गुरुओं का समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त होगा।
उपाय: अपने छोटे भाई-बहनों या चचेरे/ममेरे भाई-बहनों को कोई उपहार दें।
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। अब यह आपके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार, वाणी और बचत के भाव में प्रवेश करेंगे। इस दौरान आपको बहुत सोच-समझकर बोलना होगा अन्यथा आपके शब्द परिवार के सदस्यों को भावनात्मक रूप से आ सकते हैं या फिर रिश्तों में ग़लतफ़हमियां पैदा हो सकती हैं।
आर्थिक रूप से देखा जाए तो संभव है कि आप इस अवधि में धन के निवेश से जुड़ा कोई ग़लत निर्णय लेंगे या फिर सट्टा गतिविधियों जैसे कि शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट आदि में शामिल हो जाएंगे, जिसके कारण धन हानि होने के योग बन सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो यह नुकसान इतना बड़ा होगा कि आपको अपनी बचत भी ख़र्च करनी पड़ेगी। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देना होगा चूंकि एलर्जी या गले से संबंधित स्वास्थ्य समस्या होने की आशंका है।
शिक्षा के लिहाज से भी बुध का मीन राशि में गोचर छात्रों को परेशान कर सकता है। छात्रों का आत्मविश्वास कमज़ोर हो सकता है, जिसके कारण उन्हें समस्याएं महसूस होंगी। हालांकि रिसर्च क्षेत्र वाले और पीएचडी कर रहे छात्रों को इस गोचर से लाभ होगा। दूसरी ओर, अष्टम भाव पर बुध महाराज की दृष्टि होने के कारण, आपको अपने ससुराल पक्ष के लोगों का सहयोग मिलेगा।
उपाय: प्रतिदिन तुलसी के पौधे को पानी दें और उसकी 1 पत्ती का सेवन भी करें।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए बुध चतुर्थ एवं सप्तम भाव के स्वामी हैं और इस गोचर काल में यह आपकी की ही राशि में यानी कि आपके लग्न भाव में प्रवेश करेंगे। सामान्य तौर पर लग्न में स्थित बुध जातक को बेहद बुद्धिमान, बिज़नेस माइंडेड और एक चतुर व्यक्तित्व बनाते हैं, जिसकी व्यापार जगत में बहुत ज़रूरत होती है। मगर इस दौरान यह आपके लग्न भाव में अस्त अवस्था में विराजमान हैं इसलिए यह आपको चतुर तो बनाएंगे, मगर आप समझदारी से निर्णय लेने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि यह आपकी बिज़नेस पार्टनरशिप को प्रभावित कर सकते हैं।
जो लोग वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उन्हें भी इस अवधि में बहुत सावधानी से चीज़ों को संभालने की आवश्यकता होगी। संभव है कि आप अपनी माता जी और अर्धांगिनी की रस्साकशी के बीच फंसे रहेंगे। साथ ही आपको कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। हालांकि आप होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे क्योंकि बुध महाराज की दृष्टि आपके लग्न भाव पर पड़ रही है। जो लोग सिंगल हैं या यूं कहें कि अविवाहित हैं, उन्हें इस दौरान कई प्रस्ताव मिलने के योग बन रहे हैं, लेकिन कोई भी निर्णय लेते समय समझदारी से काम लेने की सलाह दी जाती है।
उपाय: प्रतिदिन बुध ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें।
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
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