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सूर्य का कुंभ राशि में गोचर (13 फरवरी 2023)

सूर्य का कुंभ राशि में गोचर 13 फरवरी 2023 को प्रातः काल 9:21 पर होगा। वहां पर इन की युति पहले से ही विराजमान शनि देव से होगी और साथ में शुक्र ग्रह भी इसी राशि में उपस्थित होंगे लेकिन शुक्र ग्रह अंतिम अंशों में होंगे जबकि सूर्य और शनि निकटतम अंशों में होने से सूर्य और शनि की युति का प्रमुख फल प्राप्त होगा जो सभी राशि के लोगों को प्रभावित करेगा। सूर्य देव कुंभ राशि में 15 मार्च 2023 की प्रातः 6:13 तक रहेंगे और उसके बाद मीन राशि में चले जाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण गोचर माना जाता है क्योंकि यह प्रतिवर्ष फरवरी के महीने में होता है और सूर्य का गोचर शनि के आधिपत्य वाली कुंभ राशि में होना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। सूर्य का कुंभ राशि में गोचर सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। यह आपकी राशि के लिए कैसा रहेगा, यह जानने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। सूर्य नवग्रह मंडल का राजा कहलाता है। पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, यह हम सभी जानते हैं। सूर्य ही हमारे जीवन को प्रकाश देता है और ऊर्जा देता है। यही जीवन ऊर्जा बनकर हमारे शरीर में दौड़ती है। इसी से ही जीवन चलता है इसलिए जगत का पालन करने वाले प्रत्यक्ष देव सूर्य देव को ही माना जाता है।

सूर्य का कुंभ राशि में गोचर 13 फरवरी 2023 को होगा।

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सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। यह व्यक्ति विशेष की कुंडली में पिता और आरोग्य के कारक माने जाते हैं और राज्य सत्ता तथा प्रभुता के प्रतीक होते हैं। यह व्यक्ति को उत्तम राजकीय गुणों से सुशोभित करते हैं और उसके अंदर कुशल नेतृत्व क्षमता रखते हैं। सूर्य एक अग्नि प्रधान ग्रह हैं जबकि कुंभ राशि एक वायु तत्व की राशि है। सूर्य का कुंभ राशि में गोचर करना नए कामों को शुरू करने के लिए अच्छा माना जाता है। यह जीवन में सफलता मिलने की ओर भी इशारा करता है। यदि आप भविष्य में अच्छी सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उसकी नींव रखने के लिए उचित समय यही है। यदि आप अपनी बुद्धि का इस्तेमाल सही दिशा में करेंगे तो सूर्य का कुंभ राशि में गोचर आपको अच्छी स्थिति में लेकर आएगा और आपके व्यक्तित्व का समेकित विकास करेगा और आपके दृष्टिकोण को सही रास्ते पर ले जाकर आपको समृद्धि प्रदान करेगा।

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सूर्य का कुंभ राशि में गोचर और सूर्य-शनि की युति

सूर्य देव को शनि देव का पिता माना गया है जो कि गर्म प्रकृति के ग्रह हैं और शनि ठंडी हवाओं के कारक हैं। इस प्रकार इन दोनों का मिलन कुंभ राशि में होना बहुत अच्छा तो नहीं माना जाता है। सूर्य आत्मविश्वास का कारक भी हैं जबकि शनि व्यक्ति को अनुशासन में रहना सिखाते हैं। इसका सीधा सा मतलब यह है कि यदि आप अपने जीवन में अहंकार से दूर रहेंगे और अनुशासित होकर कार्य करेंगे तो सूर्य और शनि की युति आपको अच्छी सफलता प्रदान करेगी। सूर्य और शनि की युति आपकी राशि के जिस भाव में बन रही हो उससे संबंधित कार्यकत्वों में आपकी परीक्षा लेगी इसलिए आपको अपनी ओर से तैयार रहकर एक सही दिशा में मेहनत करते हुए अनुशासित रूप से आचरण करने से आपको लाभ मिलेगा। हालांकि यहां शनि अपनी राशि में होने के कारण ज्यादा अशुभ प्रभाव नहीं देंगे और सूर्य पिता होने के कारण पुत्र की राशि में खराब परिणाम नहीं देंगे जिस कारण से इस युति का अत्यधिक क्रूर परिणाम आने की संभावना नहीं है इसलिए आपको बिल्कुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। पूर्व में किए गए किसी गलत कार्य के लिए इस समय में आपको पछतावा हो सकता है तो आपको उसका पश्चाताप करना चाहिए और आत्मग्लानि के भाव से भरने की संभावना भी इस युति से होती है जिससे बाहर निकलने का रास्ता भी आपको स्वयं तलाशना होगा।

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Read in English: The Sun Transit In Aquarius (13 February 2023)

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव के स्वामी हैं और सूर्य का कुंभ राशि में गोचर होने से यह आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे। एकादश भाव में सूर्य का गोचर करना आपकी इच्छाओं की पूर्ति का समय है। आपके जीवन में अनेक प्रकार की व्यवस्थाएं आएंगी और आपके अंदर की छुपी प्रतिभा लोगों के सामने आएगी। आपको अपने करियर में पदोन्नति प्राप्त हो सकती है और आपको आपके कार्य के लिए सराहना भी मिलने लगेगी लेकिन आपको अति आत्मविश्वास का शिकार होने से बचना चाहिए क्योंकि शनि की युति सूर्य के साथ होने के कारण अगर आप आत्मविश्वास से आगे बढ़कर अहंकार के रूप में आगे बढ़ेंगे तो आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और आपके वरिष्ठ अधिकारियों से भी आपके संबंध बिगड़ सकते हैं, जिसका नुकसान आपको उठाना पड़ेगा और आर्थिक चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। हालांकि वर्तमान गोचर से आपको आर्थिक मजबूती प्राप्त होगी और धन लाभ के प्रबल योग बनेंगे। यह समाज में आपके नए उत्थान का समय भी रहेगा। आपको शेयर बाजार से भी लाभ होने के प्रबल योग बनेंगे। यात्रा करने से या तीर्थ यात्रा करने से आपको मन की शांति के साथ-साथ ख़ुशी का एहसास होगा। स्वास्थ्य को लेकर आपको सावधानियां रखनी होंगी क्योंकि स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है। आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा और कुछ नए लोगों से मिलने का मौका मिलेगा। आप किसी संस्था से भी जुड़ सकते हैं। सूर्य का कुंभ राशि में गोचर मुख्य रूप से आपके लिए लाभदायक रहेगा।

उपाय: आपको प्रत्येक रविवार को बैल को गुड़ खिलाना चाहिए और सूर्यनारायण को तांबे के लोटे से जल में गम मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए।

वृषभ राशि

आपके लिए सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में कुंभ राशि में गोचर करते हुए सूर्य आपके दशम भाव में प्रवेश करेंगे। सूर्य का दशम भाव में गोचर करना आपके कार्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि दशम भाव में जाकर सूर्य बहुत मजबूत हो जाते हैं और यह आपके जीवन में मजबूत स्थिति प्रदान करते हैं। इस अवधि के दौरान आपको अपने करियर में नाम कमाने का मौका मिलेगा। आपके मान और सम्मान में बढ़ोतरी होगी। आप अपने करियर में सिरमौर बनेंगे। इस दौरान आपकी पदोन्नति होने के अच्छे योग बनेंगे और कार्यक्षेत्र में आपके अधिकार क्षेत्र में भी बढ़ोतरी संभव है। आपको किसी टीम का नेतृत्व करने का मौका भी मिल सकता है। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को और भी अधिक अच्छी स्थिति प्राप्त हो सकती है। आर्थिक रूप से यह समय बढ़िया रहेगा और आपकी आर्थिक स्थिति में इजाफा करेगा। आपके पास आमदनी के विभिन्न मौके आएंगे। इस दौरान अपनी वित्तीय स्थिति को बढ़िया बनाने के कई मौकों को आप समय रहते भुना लेते हैं तो आपको भविष्य में भी अच्छी आमदनी प्राप्त होने के योग बनते रहेंगे। इस दौरान आपको किसी भी तरह के अहम भाव से ग्रसित होने से बचना चाहिए क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो स्वयं ही अपनी परेशानियों के कारण बन सकते हैं। पारिवारिक जीवन के लिए यह गोचर सामान्य रहेगा। हालांकि घरेलू खर्च होने के योग बनेंगे। दशम भाव में सूर्य-शनि से युति होने के कारण आप अपने काम को बारीकी से जांचेंगे और उसमें कोई कमी न आए, इस बात का ध्यान रखेंगे। इससे आपको बेहतर काम करने का मौका मिलेगा। हालांकि पिता से आपके संबंध बिगड़ सकते हैं लेकिन उन्हें कोई समस्या न हो, इसका ध्यान रखें और वाद-विवाद में न आएं। यदि उनका स्वास्थ्य कमजोर है तो उन्हें इस दौरान विशेष रूप से चिकित्सा प्रदान करें।

उपाय: आपको अपने पिता अथवा पिता समान लोगों का सम्मान करना चाहिए और सरकार की बुराई करने से बचना चाहिए।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य का कुंभ राशि में गोचर आपकी राशि से नवम भाव में होगा। यह आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं। यह समय मेहनत से भाग्य बनाने का है यानी कि आप अपनी तरफ से जितने ज्यादा प्रयास करेंगे, उसके उतने ही अच्छे फल आपको इस दौरान प्राप्त होंगे। आपका समाज में स्थान मजबूत होगा। आपको भरपूर मान-सम्मान मिलेगा। धर्म और अध्यात्म से जुड़े कार्यों में आपकी रुचि जागेगी। आप तीर्थाटन भी कर सकते हैं। लंबी यात्राओं के योग बनेंगे। भाई-बहनों, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ आप यात्रा करने में व्यस्त रहेंगे। पिताजी की सेहत बिगड़ सकती है और उनसे मतभेद भी हो सकते हैं। करियर के लिए यह समय मध्यम रहेगा। आपका कहीं स्थानांतरण होने के योग बन सकते हैं। हालांकि इस दौरान आपको कोई भी नया काम शुरू करने से बचना चाहिए। आपको अच्छे गुरु की प्राप्ति इस दौरान हो सकती है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय बढ़िया रहने वाला है। आप मानसिक और शारीरिक रूप से अच्छा महसूस करेंगे लेकिन सूर्य-शनि की युति के कारण आपकी आमदनी तो बढ़ेगी लेकिन मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है और आपके भाई-बहनों को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। भाग्य आपका साथ तो देगा लेकिन भाग्य के भरोसे न बैठे रहें बल्कि अपनी तरफ से मेहनत करना जारी रखें, तभी आप सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे और उसके अच्छे परिणाम प्राप्त कर पाएंगे।

उपाय: इस गोचर काल में आपको रविवार के दिन रुद्राभिषेक करना बहुत लाभदायक रहेगा। इसके साथ ही शिवलिंग पर गेहूं भी अर्पित करें।


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कर्क राशि

कर्क राशि के लोगों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान गोचर में यह आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के परिणामस्वरूप आपको अपने सामान और अपनी विशेष वस्तुओं का थोड़ा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस अवधि के दौरान उनके चोरी हो जाने या खो जाने की संभावना बन सकती है। आर्थिक रूप से यह समय मध्यम रहेगा। हालांकि इस दौरान आपको किसी भी प्रकार के निवेश से बचना चाहिए क्योंकि सूर्य और शनि की युति आपके अष्टम भाव में होगी जिसकी वजह से यदि आप ज्यादा निवेश की ओर भागते हैं तो आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को विरासत या पैतृक संपत्ति मिलते-मिलते रह जाए या उसमें कुछ रुकावट आए। हालांकि यह अल्प समय के लिए होगा, बाद में आपको सफलता मिल सकती है लेकिन फिलहाल आप परेशान महसूस कर सकते हैं। मानसिक तनाव आपका बढ़ेगा। स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा ध्यान देना पड़ेगा। ससुराल पक्ष से संबंधों पर भी उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है। इस दौरान किसी से भी वाद-विवाद करने से बचने की कोशिश करें और सबसे मीठा बोलने का प्रयास करें। इस गोचर काल में व्यर्थ की यात्रा हो सकती है इसलिए जहां तक संभव हो, ऐसी यात्रा से बचने की कोशिश करें ताकि आपको किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। यदि आप किसी शोध या रिसर्च से संबंधित काम से जुड़े हैं तो आपको शानदार परिणाम मिलेंगे और आपका नाम चमक जाएगा। यदि आप फेलोशिप करना चाहते हैं या इसके लिए विदेश जाना चाहते हैं तो इस गोचर के दौरान सफलता के योग बनेंगे।

उपाय: आपको प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए और सूर्याष्टक का पाठ करना चाहिए।

सिंह राशि

सिंह राशि में जन्म लेने वाले लोगों के प्रथम भाव के स्वामी सूर्य देव हैं और सूर्य का कुंभ राशि में गोचर होने से यह आपके सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। सूर्य आपकी राशि के स्वामी होने के कारण यह गोचर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा। सप्तम भाव का यह गोचर आपके दांपत्य जीवन में कुछ तनाव बढ़ा सकता है। आप और आपके जीवनसाथी के मध्य तनाव बढ़ने के योग बनेंगे और यदि आप इस स्थिति को ढंग से नहीं संभालते हैं तो वाद-विवाद बढ़ सकता है और आप दोनों के बीच झगड़ा होने या रिश्ते में समस्या होने के योग बन सकते हैं और उसकी वजह से कानूनी दांव पेच की स्थिति भी बन सकती है क्योंकि सूर्य की शनि से युति सप्तम भाव में हो रही है। हालांकि आप इतने समझदार हैं कि आप परिस्थितियों से बाहर निकलना जानते हैं इसलिए थोड़ी सावधानी अवश्य रखें। यदि आप कोई व्यवसाय करते हैं तो यह समय एक तरफ तो आपके व्यापार को वृद्धि देगा लेकिन दूसरी ओर कुछ कानूनी दांवपेच भी दिखाएगा। आपको कोई टैक्स न चुकाने के लिए नोटिस भी जा सकता है अथवा कानून विरुद्ध कोई कार्य होने के कारण जवाबदेही की स्थिति भी बन सकती है। आपको अपने व्यापार में अपने व्यवसायिक साझेदार और अपने ग्राहकों से किसी भी प्रकार के तनाव से बचना चाहिए। भविष्य में आपको इन समस्याओं से बाहर निकलकर अपना काम बढ़िया बनाने का मौका मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है। आर्थिक रूप से यह समय मध्यम रहेगा। हालांकि पारिवारिक संबंध अच्छे रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य का इस दौरान ध्यान रखें। अपने दोस्तों के प्रति सावधानी रखें और किसी पर भी बिना जाने समझे पूर्ण रूप से विश्वास न करें क्योंकि आपका कोई मित्र आपको धोखा दे सकता है। इस दौरान आपको कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है। नौकरी करने वालों को कुछ संघर्ष के बाद अच्छी सफलता के योग बनेंगे और पदोन्नति मिल सकती है।

उपाय: प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और इसके साथ ही श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी आपके लिए लाभदायक रहेगा।

कन्या राशि

कन्या राशि के लिए सूर्य द्वादश भाव के स्वामी हैं और वर्तमान समय में आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे। छठे भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल परिणाम प्रदान करने वाला माना गया है। इस दौरान आपको आपकी नौकरी में अच्छे फलों की प्राप्ति होने के योग बन सकते हैं। आपके विरोधी आपको परेशान करेंगे क्योंकि सूर्य-शनि के साथ युति कर रहे हैं। हालांकि यह दोनों ही ग्रह छठे भाव में शत्रु हंता योग बनाते हैं और आपके विरोधियों को परास्त करते हैं परंतु इन दोनों की युति बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं मानी गई है इसलिए इस गोचर के शुरुआती कुछ दिनों में आपको विरोधियों के अधिक सक्रिय होने से परेशानी हो सकती है। आपके खर्चों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो सकती है। आप थोड़े अस्थिर हो सकते हैं। व्यापार के सिलसिले में आपकी लंबी यात्राएं हो सकती हैं। आपको विदेश गमन भी करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों में यह गोचर उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है। इस गोचर के दौरान विशेष रूप से आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। गोचर की शुरुआत में स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। विशेष रूप से पेट और बड़ी आंत से संबंधित समस्याएं आपकी परेशानी का कारण बन सकती हैं और आपको बायें नेत्र में भी कोई समस्या हो सकती है लेकिन जैसे ही गोचर का मध्य समय आएगा, इन समस्याओं से मुक्ति मिलने लगेगी इसलिए आपको धैर्य रखना है और सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए आशान्वित बने रहकर प्रयास करते रहना है। गोचर के अंतिम दिनों में आपको आर्थिक रूप से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे और धन लाभ के योग भी बनेंगे। विद्यार्थियों के लिए यह गोचर फायदेमंद साबित होगा।

उपाय: रविवार की प्रातः से शुरू करके प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में गायत्री मंत्र का जाप करना आपके लिए हितकारी रहेगा।

तुला राशि

तुला राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव के स्वामी होकर वर्तमान गोचर काल में आपकी राशि से पंचम भाव में प्रवेश करेंगे। यह गोचर अब अपनी शुरुआत से ही आपको उत्तम आर्थिक स्थिति प्रदान करने लगेगा और आपके लिए धन लाभ के प्रबल योग बनेंगे। आपकी आमदनी के जरिए बढ़ने लगेंगे। आपकी बुद्धि के भाव में सूर्य और शनि की युति का प्रभाव आपको अपने अंदर झांकने का मौका देगा। आप यह देखने की कोशिश करेंगे कि अतीत में आपसे जो गलतियां हुई हैं, क्या आप उन से बाहर निकल पाए हैं और यदि ऐसा नहीं है तो अब आपके लिए वह समय है कि जब आपको उनसे सीखने और उनको ध्यान में रखकर आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। प्रेम संबंधों में दोबारा कोई गलती न दोहराएं बल्कि जिनसे आप प्रेम करते हैं, उनसे अटूट प्रेम करें। यही आपके सफल प्रेम जीवन की गाथा बनेगा। विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में मध्यम परिणाम मिलेंगे क्योंकि आपकी मानसिक एकाग्रता कमजोर होने के कारण आपको पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाने में समस्या होगी। इस दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है क्योंकि आपको लीवर से संबंधित कोई समस्या परेशान कर सकती है। इसके अतिरिक्त एसिडिटी, अपच और पाचन तंत्र से जुड़ी कोई समस्या इस दौरान आपको पीड़ित कर सकती है। वायु गोला (गैस्ट्रिक) भी परेशानी का कारण बन सकता है। नौकरी में बदलाव की स्थिति आ सकती है। यदि आप नौकरी बदलना चाहते हैं तो यह अवधि पूर्ण रूप से आपकी मददगार साबित होगी। अच्छा और सुपाच्य भोजन स्वास्थ्य को बढ़िया बनाने में मददगार साबित होगा।

उपाय: आपको योगाभ्यास करना चाहिए और सूर्य नमस्कार भी अवश्य करें। इसके साथ ही ज्यादा नमक खाने से बचें।

वृश्चिक राशि

यदि आपका जन्म वृश्चिक राशि में हुआ है तो सूर्य आपके दशम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान गोचर काल में आपकी राशि से चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे। चतुर्थ भाव में सूर्य का यह गोचर, जहां पहले से ही शनि भी विराजमान हैं, अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान पारिवारिक जीवन में कलह और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। परिवार के लोगों में सामंजस्य का अभाव दिखेगा और इससे एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या द्वेष की भावना बढ़ सकती है। परिवार के मुख्य सदस्यों यानी कि आपके माता-पिता का स्वास्थ्य पीड़ित हो सकता है। ऐसे में उनकी सेहत का ध्यान रखना आवश्यक होगा। इस दौरान आपके घरेलू खर्चों में भी वृद्धि होने के योग बनेंगे। आपको अपने पारिवारिक जीवन में भावनात्मक संतुलन बनाने की आवश्यकता महसूस होगी और इसके लिए हर संभव प्रयास करना होगा। यह समय आपको पारिवारिक मार्गों पर घेरे रखेगा और इसकी वजह से आपके कामों में भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं इसलिए आपको अपने निजी और पेशेवर जीवन के बीच एक संतुलन स्थापित करने का हर संभव प्रयास करना होगा। इस दौरान आपको छाती में संक्रमण या जोड़ों का दर्द अथवा सिर दर्द या बदन दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जो लोग अनियमित रक्तचाप की समस्या से पीड़ित हैं, उन्हें इस दौरान विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी। योगाभ्यास करना और प्रतिदिन ध्यान करना आपके लिए लाभदायक रहेगा। अपनी माताजी से प्रेम पूर्वक बातचीत करें और यदि उन्हें कोई समस्या हो तो चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। यह गोचर मानसिक रूप से व्याकुलता दे सकता है।

उपाय: परिवार की खुशहाली और जीवन में सफलता के लिए श्वेतार्क का पौधा लगाएं और प्रतिदिन जल देकर उसे सिंचित करें।


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धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य धर्म त्रिकोण यानी कि नवम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान गोचर काल में यह आपके तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे। तीसरे भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है और सूर्य यहां पर शनि से युति करेंगे। शनि भी तीसरे भाव में अच्छा परिणाम देने वाले ग्रह माने जाते हैं लेकिन इन दोनों का सम्मिलित प्रभाव आपके भाई-बहनों को कुछ शारीरिक समस्याएं प्रदान कर सकता है। आपको एक तरफ तो अपने कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा लेकिन उनमें से ही कुछ लोग आपकी टांग खींचते हुए नजर आएंगे। छोटी यात्राएं परेशानी का कारण बन सकती हैं और आपको स्वास्थ्य समस्याएं दे सकती हैं। रिश्तेदारों से संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं लेकिन सरकारी क्षेत्र से लाभ के योग बनेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने लगेगी। व्यवसायिक कार्यो में आपको सफलता मिलेगी। आपका व्यापार आपकी मेहनत के दम पर वृद्धि को प्राप्त होगा। नए-नए लोगों से मुलाकात होगी, जो आपके व्यापार के लिए फायदेमंद साबित होगी। नौकरीपेशा लोगों को अपने सहकर्मियों से अच्छा बर्ताव करना चाहिए। उनसे अच्छे से पेश आना चाहिए और उनसे सामंजस्य बना कर रखना चाहिए ताकि वह आपके विरुद्ध जाने की न सोचें और आपका करियर अच्छे से चलता रहे। आपको मौद्रिक लाभ भी प्राप्त होंगे। किसी संपत्ति के विक्रय से आपको लाभ मिलने की उम्मीद होगी और वह इस दौरान पूरी हो सकती है। यह समय अपने स्वास्थ्य को लेकर नई दिनचर्या बनाने के लिए अनुकूल समय होगा और आपको इस पथ पर आगे बढ़ने में सफलता मिलेगी। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी और कुछ नए दोस्त बनेंगे।

उपाय: प्रतिदिन श्री रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करना आपके लिए हितकारी रहेगा।

मकर राशि

सूर्य का कुंभ राशि में गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में होगा। सूर्य देव आपकी राशि के लिए अष्टमेश हैं यानी कि यह आपके अष्टम भाव के स्वामी हैं। आपके दूसरे भाव में सूर्य का यह गोचर आर्थिक रूप से लाभ प्रदान करने वाला साबित हो सकता है। आपको अच्छा भोजन और स्वादिष्ट व्यंजन खाने का मौका मिलेगा। धन और आभूषण की वृद्धि होगी लेकिन सूर्य की शनि युति होने के कारण कुटुंब में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वाणी में कड़वाहट और कर्कशता की बढ़ोतरी होने से आपसी संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है इसलिए आपको इस दौरान संयम से बातचीत करनी चाहिए और किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छा भोजन प्राप्त होना अच्छी बात है लेकिन ओवरईटिंग से बचें, नहीं तो मुसीबत में आ सकते हैं। इस दौरान दांतों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपको अपनी जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयास करने चाहिए जिससे आपको बहुत लाभ होगा। अचानक से गुप्त धन की प्राप्ति हो सकती है या फिर आपको कोई विरासत प्राप्त होने के योग भी बन सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य के लिए यह गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं कहा जा सकता है इसलिए उनकी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं पर पूरा ध्यान दें। व्यापार में पूंजी निवेश का समय रहेगा। इस दौरान व्यापार में धन लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जहां आप धन लगा रहे हैं, आप उसके बारे में सारी जानकारी रखते हैं। पूर्व में किए गए प्रयासों से कुछ अच्छे लाभ आपको इस तरह प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में लाभ प्राप्ति हो सकती है और आपके वेतनमान में बढ़ोतरी हो सकती है। दांयीं आंख से संबंधित समस्या जैसे कि आंखों से पानी बहने की शिकायत हो सकती है।

उपाय: श्री आदित्य हृदय स्तोत्र अथवा श्री सूर्याष्टक का पाठ प्रतिदिन करना आपके लिए लाभदायक रहेगा।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान सूर्य का गोचर कुंभ राशि में ही हो रहा है यानी कि आपकी ही राशि में सूर्य देव का गोचर होने जा रहा है इसलिए इसका विशेष प्रभाव आपके स्वास्थ्य और आपकी सोच-समझकर अवश्य पड़ेगा। स्वास्थ्य को लेकर एक अच्छी दिनचर्या अपनाने का प्रयास करें क्योंकि सूर्य के साथ शनि की युति भी हो रही है। यदि आप अनुशासित होकर अपने स्वास्थ्य के प्रति उदासीन न रहकर ध्यान देंगे तो स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से बचे रहेंगे अन्यथा यह समय शारीरिक समस्याएं प्रदान कर सकता है। सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार, चक्कर आना जैसी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। यह गोचर दांपत्य जीवन में भी उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है लेकिन जीवनसाथी का समर्पण आपके रिश्ते की आधारशिला को मजबूत बनाएगा और आप दोनों के बीच का संबंध प्रगाढ़ होगा। व्यावसायिक रूप से यह अच्छा समय रहेगा। आपके व्यापार को वृद्धि प्राप्त होगी और अधिकतम लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे। आप मानसिक तनाव महसूस करेंगे लेकिन आपके अंदर यह जज्बा भी जागेगा कि आपको इन समस्याओं से बाहर निकलना है और इससे हर चुनौती धीरे-धीरे आसान होती चली जाएगी। अहम की भावना से ग्रसित होना आपको नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए इस दौरान सरल बने रहें। जमीन से जुड़े रहना आपके संबंधों और आपके कार्यक्षेत्र दोनों के लिए सफलता का कारण बनेगा। सामाजिक रूप से यह समय अनुकूल रहेगा और गोचर के अंतिम दिनों में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनेगी।

उपाय: अपने गले में सोने का बना सूरज धारण करना आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। इसे आप रविवार की प्रातः 8:00 बजे से पूर्व धारण करें।

मीन राशि

मीन राशि में जन्मे जातकों के लिए सूर्य छठे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान गोचर कुंभ राशि में होने से सूर्य आपके द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। यह समय खर्चों में बढ़ोतरी का समय रहेगा। बेतहाशा बढ़ते हुए खर्चे आपको चिंता देंगे और उनसे बाहर निकलने के लिए शुरुआत में आपको कोई रास्ता नहीं सूझेगा लेकिन यही समय आपको विदेश यात्रा भी करवा सकता है। विदेश जाने के मंसूबे कामयाब होंगे और विदेश यात्रा कामयाब हो सकती है। आपको अपने अनियंत्रित और अनियोजित होते खर्चों पर नियंत्रण करने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए क्योंकि इसका बोझ आपकी आर्थिक स्थिति को बिगाड़ कर रख सकता है। व्यावसायिक रूप से अच्छा समय रहेगा। आपको विदेशी संपर्कों का लाभ भी मिलेगा जिससे आपका व्यापार मज़बूती प्राप्त करेगा। आपको अपने कार्यक्षेत्र से संबंधित कुछ यात्राएं करनी पड़ेंगी और आपकी भागदौड़ बढ़ेगी। आप अधिक व्यस्त रहेंगे। व्यर्थ की चिंताएं मानसिक तनाव का कारण बनेंगी और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी इस दौरान आपको करना पड़ सकता है। आप इस दौरान अपने विरोधियों से सतर्क रहें और नित्य मेडिटेशन अवश्य करें। इससे आपको लाभ मिलेगा। आपका मानसिक स्वास्थ्य उत्तम बनेगा और उसी से आपका शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रबल होता जाएगा। व्यर्थ की चिंताओं से बाहर निकलकर ईश्वर की शरण में जाने से आपको फायदा होगा। अपने काम पर फोकस करें। इससे आपको कामयाबी मिलेगी।

उपाय: शनिवार की रात्रि में तांबे के पात्र में जल भरकर उसे सिरहाने रखें और रविवार की प्रातः किसी लाल पुष्प वाले पौधे में उस जल को चढ़ाने से आपको लाभ होगा।


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