शुक्र कन्या राशि में 2014 - शुक्र का कन्या में गोचर 2014
सितम्बर 25, 2014 को शुक्र ग्रह कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान आपको काफ़ी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ सकता है। इन सब मुश्किलों से आप अपने आपको कैसे सुरक्षित रखेंगे? पं. दीपक दूबे द्वारा लिखा गया ये लेख पढ़ें और जानें आप आने वाली मुश्किलों से अपने आप को कैसे बचा सकते हैं। ज़्यादा जानकारी के लिए पढ़ें...
शुक्र 25 सितम्बर,
२०१४ को प्रातः 07:49:50 बजे
कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। कन्या राशि शुक्र की नीच राशि भी है। एक
ओर जहाँ कन्या राशि शुष्क, भावना रहित तथा व्यापारिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण राशि है,
तो वहीँ दूसरी ओर शुक्र सौंदर्य प्रेमी, कला से परिपूर्ण तथा भावनायुक्त ग्रह है। वैसे
तो बुध और शुक्र मित्र
हैं परन्तु शुक्र का बुध की राशि में जाना शुक्र से प्रभावित लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद
नहीं होता है।
वैसे यह युति ऐसे समय हो रही है जब बुध शुक्र की राशि में हैं और शुक्र बुध की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। बहुत से जातकों पर इसका बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा, परन्तु बहुत से जातकों के लिए यह राशि परिवर्तन तथा बुध और शुक्र का आपस में स्थान परिवर्तन बहुत सी मुसीबतें पैदा करने वाला होगा। इस परिवर्तन को हम केवल शुक्र के परिवर्तन के दृष्टिकोण से ही नहीं देख सकते बल्कि सभी राशियों के लिए बुध और शुक्र दोनों की स्थिति को ध्यान में रखना होगा, और इसका प्रयास मैंने अपने इस भविष्यफल में किया है।
विशेष : शुक्र के गोचर परिवर्तन का यह परिणाम सामान्य आधार पर और आपकी लग्न के अनुसार किया गया है, साथ ही यह परिणाम आपके जन्म के समय शुक्र की स्थिति तथा भिन्न-भिन्न ग्रहों से उसकी युति और दृष्टि सम्बन्ध तथा वर्तमान दशा/अंतर दशा पर भी निर्भर करता है। विशेष परिस्थिति में ज्योतिषीय परामर्श लें।
आइये देखते हैं कि इस परिवर्तन का सभी राशियों पर क्या होगा प्रभाव -
मेष : मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे भाव में होंगे। यहाँ शुक्र आयेश तथा सप्तमेश हैं, इनके छठें भाव में जाने से आय भंग तथा विवाह भंग योग बनेगा। विशेष कर विवाह या प्रेम संबंधों के लिए यह समय बहुत प्रतिकूल हो सकता है क्योंकि छठें भाव का स्वामी सप्तम में और सप्तम का स्वामी छठें में होगा। अतः अपने जीवन साथी, व्यापारिक साझेदारों तथा जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। आँख, जनेन्द्रिय तथा चर्म रोग से सावधानी बरतें।
वृषभ : वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र का यह परिवर्तन मिश्रित फल देने वाला होगा। प्रेम के मामलों मे अच्छा समय जायेगा, नए प्रेम सम्बन्ध भी बनेंगे, परन्तु शिक्षा तथा संतान के मामले में यह स्थिति अच्छी नहीं है। यदि स्वयं किसी प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं तो कड़ी मेहनत करें। वृषभ लग्न की गर्भवती महिलाएँ थोड़ी सावधानी बरतें। शत्रुओं के कारण भी कुछ परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। किसी से कर्ज लेने और देने दोनों ही स्थितियों से बचें, अन्यथा पाने और चुकाने में बहुत परेशानी होगी।
मिथुन : चतुर्थ भाव में नीचगत शुक्र परिवार से दूर कोई यात्रा करा सकता है। विशेष कर माँ से दुरी या माँ का स्वास्थ्य परेशानी का कारक हो सकता है। परिवार और संतान के कारण अत्यधिक खर्च हो सकता है। अपनी सेहत तथा वाहन के प्रति सावधानी बरतें। हालाँकि पिता तथा बाहरी संबंधो से भरपूर लाभ मिलने की सम्भावना भी बन रही है, प्रेम विवाह के लिए भी अत्यंत ही उपयुक्त समय रहेगा।
कर्क : मित्र और सगी बहनों से थोड़ी सावधानी बरतें, धोखा मिल सकता है, विशेष कर महिला मित्रों से। ग्लैमर के क्षेत्र में काम करने वाले लोगो के लिए भाग्य सहयोगी रहेगा, फिर भी कार्य-व्यापार में आर्थिक जोखिम ना उठायें। आलस्य और कामुकता से बचें। भाई-बहनों से विवाद का योग बनेगा, अतः सावधानी बरतें।
सिंह : मस्ती भरा समय होगा, क्लब-पब जाने और पार्टी करने के बहुत अवसर मिल सकते हैं, कन्या : बहुत ही अच्छा समय व्यतीत होगा, विशेष कर यदि शुक्र या बुध की दशा हो तो। हर तरफ सुख का अनुभव करेंगे, हालांकि शुक्र नीचगत होंगे परन्तु भाग्येश तथा आयेश होने के कारण भाग्य का साथ और धन लाभ प्रचुर मात्रा होगा। विपरीत लिंग वालों से विशेषकर जीवन साथी या प्रेमी से बहुत सहयोग तथा लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर यह गोचर परिवर्तन आपके लिए आनंद दायक होगा।
कन्या: शुक्र का कन्या में गोचर 2014 बहुत ही अच्छा समय व्यतीत होगा, विशेष कर यदि शुक्र या बुध की दशा हो तो, अगर हम ज्योतिष २०१४ की बात मानें तो। हर तरफ सुख का अनुभव करेंगे, हालांकि शुक्र नीचगत होंगे परन्तु शुक्र कन्या राशि में गोचर २०१४ में भाग्येश तथा आयेश होने के कारण, भाग्य का साथ और धन लाभ प्रचुर मात्रा में होगा, अगर हम राशिफल २०१४ की बात मानें तो। शुक्र का कन्या में गोचर 2014 में विपरीत लिंग वालों से विशेषकर जीवन साथी या प्रेमी से बहुत सहयोग तथा लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर राशिफल २०१४ के अनुसार, यह गोचर परिवर्तन आपके लिए आनंद दायक होगा।
तुला : आपके लिए यह गोचर मिश्रित फल प्रभाव देने वाला होगा। स्वास्थ्य पर धन खर्च हो सकता है। विदेश यात्रा का भी प्रबल योग है। धन आगमन का भी यह बेहतर योग है, परन्तु शत्रुओं से तथा क़र्ज़ लेने से बचे। किसी गलत स्त्री या पुरुष से सम्बन्ध बनने की सम्भावना बनेगी, अतः सावधान रहे। खान-पान में भी सावधानी बरतें।
वृश्चिक : नौकरी या व्यापार में स्थान परिवर्तन का योग बन रहा है। जीवन साथी के साथ सुदूर यात्रा का योग बन रहा है। अचानक धन लाभ एवं हानि दोनों का ही योग बन रहा है। शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता तथा संतान के कारण प्रसन्नता होगी। नए प्रेम सम्बन्ध तथा प्रेम करने वालो के लिए प्रणय-सूत्र में बंधने का अच्छा योग है। सबकुछ बेहतर होने के बावजूद भी गलत संगत तथा आवेश में आकर कोई निर्णेय लेने से बचें।
धनु : भूमि- भवन-वाहन के सुख के लिए शुभ समय ।है नए वाहन या मकान के खरीदने का योग बनेगा। शत्रु परास्त होंगे, परन्तु पिता या उच्च अधिकारियोंं से मदभेद बन सकता है। व्यापारी वर्ग के लिए नए अनुबंध करने का सही समय है। थोड़े विवाद के उपरान्त पैतृक संपत्ति मिलने का योग बनेगा। भोग विलास के संसाधनों पर व्यय होगा तथा जीवन साथी से सुख प्राप्त होगा।
मकर : भाग्येश दशम भाव में तथा दशमेश भाग्य स्थान पर, अदभुद राज योग का सृजन हो रहा है। यदि दशा- अन्तर्दशा प्रतिकूल नहीं है तथा जन्म के समय शुक्र और बुध की स्थिति अच्छी है तो बहुत ही प्रभावशाली समय व्यतीत होगा। राजनीति, सामाजिक कार्य, विदेश सम्बन्धी कार्य में लगे हुए लोगो के लिए ज़बर्दस्त सफलता कारक समय है। हर तरफ से सहयोग तथा भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। अच्छे समय का लाभ उठायें।
कुम्भ : समय प्रतिकूल है। पारिवारिक सुख में कमी का अनुभव करेंगे। अनावश्यक खर्च परेशान करेगा, आर्थिक जोखिम के लिए अच्छा समय नहीं है। केवल भाग्य के भरोसे कोई कार्य न करें। मन अशांत रहेगा, जननेद्रियों में रोग या चर्मरोग की संभावना रहेगी, किसी छोटी समस्या को भी गंभीरता से लें। व्यसन एवं कामुकता पर भी नियंत्रण रखे अन्यथा बहुत हानि उठानी पड़ सकती है।
मीन : यदि वैवाहिक जीवन में पहले से ही तनाव है तो यह समय सम्बन्ध विच्छेद करा सकता है। सामान्य जीवन में भी जीवन साथी के कारण कोई न कोई परेशानी उत्त्पन्न हो सकती है। कार्य व्यापार के क्षेत्र में अपने साझेदारों या सहयोगियों से सावधान रहें। धन के लेन-देन में तथा किसी कानूनी कागज़ात पर हस्ताक्षर करने में अत्यधिक सावधानी बरतें। वाहन चलाते समय उतावलापन अधिक खतरनाक हो सकता है। परस्त्री या पुरुष से सम्बन्ध बनाना इस समय बहुत महंगा साबित होगा, अतः सोच समझ कर कदम उठाएँ तथा संयमित रहें।
शुभम भवतु
ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे
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