कर्क का मासिक राशिफल / Karka Masik Rashifal in Hindi
September, 2024
सामान्य
यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है क्योंकि इस महीने आपको कई मामलों में सावधानी रखनी होगी और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। आपके करियर की बात करें तो नौकरी में स्थितियां ठीक ठाक रहेंगी। काम में आपकी अति व्यस्तता रहेगी। काम के सिलसिले में दूसरे शहर और दूसरे देश की यात्रा के योग बनेंगे जिससे आप थोड़ा थकान भी महसूस करेंगे लेकिन यह आपके काम के लिए बेहद अनुकूल स्थिति लेकर आएगा। इसके अतिरिक्त व्यापार करने वाले जातकों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है और आपको सभी सरकारी नियमों का पालन करना होगा अन्यथा कोई ना कोई समस्या आपके सामने आ सकती है या कर से संबंधित कोई नोटिस भी आपको प्राप्त हो सकता है। प्रेम संबंधों के लिए महीना अनुकूल रहेगा। प्यार का माहौल रहेगा। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से आपके प्रेम विवाह के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके रिश्ते के लिए समय उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। जीवनसाथी का झुकाव अपने परिजनों की ओर ज्यादा होगा जिससे आप दोनों के बीच रस्साकशी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कभी-कभी वह कड़वी बातें भी कर सकते हैं जो भले ही सच हो लेकिन सुनने में बुरी लगेंगी और आप दोनों के संबंधों में तल्ख़ियां बढ़ सकती हैं इसलिए सावधानी रखना बेहतर होगा और वाद विवाद से बचना होगा। विद्यार्थियों के लिए महीना अनुकूल रहेगा। आप पढ़ाई में पूरा ध्यान लगा पाएंगे और इसके परिणाम स्वरुप अच्छे अंकों की प्राप्ति से आपका मन प्रसन्नचित्त हो जाएगा। पारिवारिक जीवन मध्यम रहेगा। धूप और छाव की स्थिति रहने वाली है। माता जी के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आ सकती है। लंबी यात्राओं के योग बनेंगे। धार्मिक स्थलों की सैर भी करेंगे। विदेश यात्रा की स्थिति भी बन सकती है। स्वास्थ्य में कुछ कष्ट आ सकते हैं। यदि आपने अपने ऊपर ध्यान नहीं दिया तो इसलिए सेहत के प्रति सावधानी रखना बेहद आवश्यक होगा। आर्थिक स्तर पर आमदनी बढ़ेगी और खर्च भी बढ़ेंगे। उनके बीच संतुलन स्थापित करना आपके लिए महत्वपूर्ण होगा।
कार्यक्षेत्र
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना वैसे तो अनुकूलता ही दिख रहा है क्योंकि दशम भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आप काम में अपना सर्वस्व लगाएंगे और अपना शत प्रतिशत योगदान देंगे। जिससे काम में आपकी स्थिति मजबूत होने लगेगी। आप काम के सिलसिले में काफी भाग दौड़ करेंगे। एक शहर से दूसरे शहर जाना, अलग-अलग मीटिंग में जाना और विदेश यात्रा करना भी शामिल है। आप अति व्यस्तता के चलते परिवार से कुछ दूर हो सकते हैं लेकिन यह आपके काम और करियर के लिए बहुत बढ़िया समय रहेगा। छोटे भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति एकादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपके वरिष्ठ अधिकारियों की कृपा आप पर बनी रहेगी और वह आपके काम से प्रसन्न रहेंगे और इसलिए समय-समय पर आपको प्रोत्साहन भी देते रहेंगे। देश के विपरीत व्यापार करने वाले जातकों को सावधानी रखने की आवश्यकता होगी। सप्तम भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने वक्री अवस्था में अष्टम भाव में होंगे और महीने के पूर्वार्ध में सूर्य महाराज दूसरे भाव से बैठकर शनि पर दृष्टि डालेंगे। जिससे सरकारी क्षेत्र के लोगों से कुछ अनबन हो सकती है और व्यापार में आपको दूरदर्शिता का परिचय देना होगा। कर चोरी जैसे मामलों से बचना ही हितकर होगा अन्यथा आपको भी नोटिस प्राप्त हो सकता है। अपनी उग्रता को नियंत्रण में रखें। व्यावसायिक साझेदार से भी सही व्यवहार करना और उन्हें बराबर महत्व देना आवश्यक होगा तभी आप अपने व्यापार में उन्नति कर पाएंगे। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य के तीसरे भाव में जाने से सरकारी क्षेत्र से लाभ प्रशस्त होगा। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि सप्तम भाव पर होने से आप विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाने में सक्षम हो जाएंगे और उससे आपका व्यापार ठीक-ठाक चलने लगेगा। किसी महत्वपूर्ण और रसूखदार व्यक्ति या वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग आपको मिलेगा जो आपके लिए मार्गदर्शक की तरह काम करेंगे। उनकी बातों पर ध्यान देकर उनका अनुसरण करके आप अपने व्यापार को और उन्नति की ओर ले जा सकते हैं।
आर्थिक
यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह महीना मध्य रूप से फलदायक रहने वाला है जहां एक तरफ दूसरे भाव में सूर्य महाराज महीने के पूर्वार्ध में रहेंगे तो वहीं देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने एकादश भाव में विराजमान रहेंगे। यह आपके भाग्य स्थान के स्वामी भी हैं। इसकी बदौलत आपकी आर्थिक स्थिति बढ़िया होने से कोई नहीं रोक सकता। आपके पास बराबर आमदनी होगी। वह आमदनी आप भली प्रकार प्रयोग भी करेंगे और बैंक बैलेंस में भी बढ़ोतरी होगी। यानी आप धन संचित करने में भी सफल रहेंगे। सरकारी क्षेत्र से भी आपको लाभ मिलेगा लेकिन द्वादश भाव में पूरे महीने मंगल के बने रहने और अष्टम भाव में वक्री शनि की स्थिति के कारण खर्चे के योग भी लगातार बने रहने वाले हैं। इस प्रकार कहें तो एक तरफ से पैसा आएगा और दूसरी तरफ से पैसे जाने के योग भी बनेंगे। आपको अपने धन को सही तरह से प्रयोग करना चाहिए और अपने खर्चों को कुछ नियंत्रण में करना चाहिए। अति आवश्यक खर्च को ही करें। शेष खर्चों में कटौती करने की कोशिश करें और धन आने पर उसे बचत योजनाओं में भी निवेश करने पर ध्यान देंगे तो अच्छी आर्थिक स्थिति प्राप्त कर पाएंगे।
स्वास्थ्य
यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सावधानी रखने वाला महीना होगा। वैसे तो आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा लेकिन द्वादश भाव में मंगल महाराज विराजमान रहेंगे और वक्री शनि अष्टम भाव में रहेंगे। यदि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही का रवैया अपनाते हैं तो यह समय कोई बड़ी बीमारी को जन्म दिला सकता है। लेकिन अगर आप अपने दिनचर्या पर और अपने खाने-पीने की आदतों पर ध्यान रखते हैं तो फिर किसी बड़ी समस्या में फंसने से बच जाएंगे और स्वास्थ्य की रक्षा होगी। आपको दूसरों के झगड़ों में नहीं पड़ना चाहिए ताकि किसी तरह की चोट या दुर्घटना की संभावना न रहे। महीने का उत्तरार्ध अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल रहने की संभावना है और तब आपका स्वास्थ्य पहले के मुकाबले और बेहतर हो सकता है।
प्रेम व वैवाहिक
यदि आपके प्रेम जीवन की बात करें तो पंचम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत से लेकर अंत तक आपके द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे जिससे हो सकता है कि किसी आवश्यक कार्यवश आपके प्रियतम को दूसरे शहर जाना पड़े और कुछ समय के लिए आप दोनों के बीच दूरी हो लेकिन देवगुरु बृहस्पति एकादश भाव में बैठकर पंचम और सप्तम भाव को समान दृष्टि से देखेंगे जिससे आपको यह लाभ होगा कि आपका प्रेम परिपक्व होगा। आप एक दूसरे पर निर्भरता बढ़ाएंगे, एक दूसरे पर विश्वास जमाएंगे, भले ही में कुछ समय के लिए आप इससे डर जाएं लेकिन आपका प्यार इससे कम नहीं होगा बल्कि उसमें बढ़ोतरी होगी। आप प्रेम विवाह के लिए अग्रसर होंगे और अपने प्रियतम से प्रेम विवाह की बात कर सकते हैं। जो दोनों की रजामंदी से प्रेम विवाह की ओर बढ़ सकती है और आने वाले महीना में आपका प्रेम विवाह भी हो सकता है। विवाहित जातकों की बात करें तो आपके लिए यह महीना सावधानी पूर्वक व्यतीत करने वाला होगा। वैसे तो सब कुछ ठीक-ठाक चलेगा लेकिन सप्तम भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने अष्टम भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे जिस ससुराल पक्ष के लोगों से अच्छी बातचीत बनाए रखना आवश्यक होगा क्योंकि जीवनसाथी का झुकाव अपने परिवार की ओर ज्यादा रहने वाला है। ऊपर से सूर्य महाराज दूसरे भाव में बैठकर शनि महाराज को देखेंगे जो बीच-बीच में कुछ कड़वी बातें कर सकता है और मंगल की दृष्टि भी द्वादश भाव से सप्तम भाव पर होगी जिससे जीवनसाथी से कहा सुनी के भी योग बनेंगे लेकिन सबसे अच्छी बात यह है गुरुदेव की अमृत दृष्टि सप्तम भाव पर होने से विवाह की रक्षा करेगी और आपके बीच संबंधों को मधुर बनाने में सतत प्रयत्नशील रहेगी जिससे धीरे-धीरे आपका रिश्ता संभल जाएगा और आप एक दूसरे के साथ फिर से जुड़ाव महसूस करेंगे।
पारिवारिक
यह महीना पारिवारिक तौर पर मिश्रित परिणाम देने वाला महीना साबित होगा। दूसरे भाव के स्वामी सूर्य महाराज दूसरे ही भाव में विराजमान रहेंगे। यह एक अच्छी स्थिति है। इससे परिवार का यश बढ़ेगा, बुजुर्गों का सम्मान होगा, और सभी को यथायोग्य सम्मान और आधार की प्राप्ति होगी। परिवार में अपनत्व बना रहेगा लेकिन वक्री शनि महाराज अष्टम भाव में बैठकर सूर्य महाराज को देखेंगे जिस आपसी खींचतान होने के योग भी बनेंगे इसलिए बहुत सावधानी रखनी चाहिए। विशेष रूप से ससुराल के पक्ष के लोगों से कहा सुनी करने से बचें। महीने के उत्तार्ध में 16 सितंबर को सूर्य के तीसरे भाव में आ जाने से स्थितियों में और सुधार होने की उम्मीद बनेगी। शुक्र महाराज 18 सितंबर से आपके चौथे भाव में आ जाएंगे जो कि आपका चौथे भाव के स्वामी भी हैं। इससे पारिवारिक जीवन में समरसता प्रेम अपनापन बढ़ेगा। हालांकि महीने के पूर्वार्ध में आपकी माता जी को स्वास्थ्य समस्याएं घेर सकती हैं इसलिए उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें। 23 सितंबर को बुध महाराज भी कन्या राशि में तीसरे भाव में आ जाएंगे जहां पर सूर्य पहले से ही विराजमान होंगे। इससे भाई-बहनों से आपके संबंध और प्रगाढ़ होंगे, आपसी प्रेम की भावना बढ़ेगी, एक दूसरे को अपने विचारों से लाभान्वित करेंगे, और एक दूसरे के कार्य में मदद करेंगे जो एक अच्छे रिश्ते की और संकेत करता है। तीसरे भाव पर पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी रहेगी जो आपको सफलता प्रदान करेंगे। मंगल महाराज की दृष्टि तीसरे भाव पर होने से बीच-बीच में भाइयों से कहा सुनी हो सकती है लेकिन देवगुरु बृहस्पति सब संभाल लेंगे।
उपाय
आपको प्रतिदिन श्री बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
श्री शंकर भगवान जी और पार्वती माता जी तथा श्री गणेश जी की पूजा नियमित रूप से करें।
चंद्र देव के बीज मंत्र का जाप करना भी आपके लिए अनुकूलता लेकर आएगा।
उत्तम गुणवत्ता वाला पुखराज रत्न सोने की मुद्रिका में जड़वा कर अपनी तर्जनी अंगुली में गुरुवार के दिन धारण करना लाभप्रद रहेगा।
श्री शंकर भगवान जी और पार्वती माता जी तथा श्री गणेश जी की पूजा नियमित रूप से करें।
चंद्र देव के बीज मंत्र का जाप करना भी आपके लिए अनुकूलता लेकर आएगा।
उत्तम गुणवत्ता वाला पुखराज रत्न सोने की मुद्रिका में जड़वा कर अपनी तर्जनी अंगुली में गुरुवार के दिन धारण करना लाभप्रद रहेगा।
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। इसके अलावा व्यक्तिगत भविष्यवाणी जानने के लिए ज्योतिषियों के साथ फ़ोन पर या चैट पर जुड़े।
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