कुम्भ का मासिक राशिफल / Kumbha Masik Rashifal in Hindi
November, 2023
सामान्य
कुंभ वायु तत्व की राशि है, जिसके स्वामी शनि हैं। इनके दोस्त सीमित होते हैं यानी कि इन्हें कुछ ही लोगों का साथ पसंद होता है। मकर राशि की तुलना में कुंभ राशि के जातक अप्रोच करने के मामले में थोड़ा कमजोर होते हैं। मगर इनकी बुद्धि काफी तेज और रचनात्मक होती है। इस राशि में जन्मे जातक रिसर्च में काफी अच्छे होते हैं।
नवंबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने कुंभ राशि के जातकों को अपने करियर, आर्थिक जीवन, पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य के मामले में अनुकूल व प्रतिकूल दोनों तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे। आपको अपने स्वास्थ्य और करियर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी क्योंकि उतार-चढ़ाव आने के योग बनेंगे। इस महीने प्रमुख ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है क्योंकि शनि स्वराशि में पहले भाव में स्थित है।
तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आपके ख़र्चों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। साथ ही धन हानि होने की भी आशंका है। राहु-केतु दूसरे और आठवें भाव में मौजूदगी आपके विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
स्वराशि के पहले भाव में स्थित शनि करियर में चुनौतियां, जिम्मेदारियां और कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं। मंगल नौवें भाव में तीसरे भाव के स्वामी के रूप में विराजमान है। मंगल की यह स्थिति आपके करियर के लिए बेहतर साबित हो सकती है। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन की गुंजाइश है और भाग्य भी आपका साथ देगा।
सेहत के लिहाज से देखा जाए तो आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप चिंता और घबराहट का शिकार हो सकते हैं। प्रेम के कारक शुक्र नौवें भाव में बैठे हैं, जिसके कारण आपको अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती है।
नवंबर का महीना आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, परिवार, प्रेम और स्वास्थ्य आदि के लिए कैसा रहने वाला है? यह जानने के लिए नवंबर मासिक राशिफल 2023 को विस्तार से पढ़ें।
नवंबर मासिक राशिफल 2023 के अनुसार, इस महीने कुंभ राशि के जातकों को अपने करियर, आर्थिक जीवन, पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य के मामले में अनुकूल व प्रतिकूल दोनों तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे। आपको अपने स्वास्थ्य और करियर पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी क्योंकि उतार-चढ़ाव आने के योग बनेंगे। इस महीने प्रमुख ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है क्योंकि शनि स्वराशि में पहले भाव में स्थित है।
तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आपके ख़र्चों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। साथ ही धन हानि होने की भी आशंका है। राहु-केतु दूसरे और आठवें भाव में मौजूदगी आपके विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है।
स्वराशि के पहले भाव में स्थित शनि करियर में चुनौतियां, जिम्मेदारियां और कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं। मंगल नौवें भाव में तीसरे भाव के स्वामी के रूप में विराजमान है। मंगल की यह स्थिति आपके करियर के लिए बेहतर साबित हो सकती है। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन की गुंजाइश है और भाग्य भी आपका साथ देगा।
सेहत के लिहाज से देखा जाए तो आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप चिंता और घबराहट का शिकार हो सकते हैं। प्रेम के कारक शुक्र नौवें भाव में बैठे हैं, जिसके कारण आपको अधिक यात्राएं करनी पड़ सकती है।
नवंबर का महीना आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, परिवार, प्रेम और स्वास्थ्य आदि के लिए कैसा रहने वाला है? यह जानने के लिए नवंबर मासिक राशिफल 2023 को विस्तार से पढ़ें।
कार्यक्षेत्र
करियर के लिहाज से कुंभ राशि के जातकों के लिए यह महीना चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है क्योंकि करियर का कारक ग्रह शनि स्वराशि में पहले भाव में स्थित होगा। इसके कारण हो सकता है कि कार्यस्थल पर आपको काफी चुनौतियों का सामना करना पड़े, अनचाही यात्राएं करनी पड़े, नौकरी का दबाव झेलना पड़े और आपकी मेहनत को नजरंदाज कर दिया जाए। ऐसे में आप मानसिक तनाव का शिकार होते हुए नौकरी से असंतुष्ट हो सकते हैं दूसरी ओर, तीसरे भाव में बृहस्पति की स्थिति भी आपके करियर के लिए अनुकूल साबित नहीं हो सकती है।
हालांकि दसवें भाव के स्वामी के रूप में मंगल नौवें भाव में स्थित है जो आपको करियर में अच्छा लाभ प्रदान करेंगे। आप अपने कार्यक्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। इस अवधि के दौरान प्रमोशन के भी योग बनते नजर आ रहे हैं।
जो लोग खुद का व्यवसाय चला रहे हैं, हो सकता है कि उन्हें इस महीने अपेक्षित लाभ की प्राप्ति न हो। नो प्रॉफिट-नो लॉस की स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस महीने पार्टनरशिप में कोई नया व्यवसाय शुरू न करें क्योंकि यह आपको अनुकूल परिणाम नहीं दे सकता है।
हालांकि दसवें भाव के स्वामी के रूप में मंगल नौवें भाव में स्थित है जो आपको करियर में अच्छा लाभ प्रदान करेंगे। आप अपने कार्यक्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन करने में सक्षम होंगे। इस अवधि के दौरान प्रमोशन के भी योग बनते नजर आ रहे हैं।
जो लोग खुद का व्यवसाय चला रहे हैं, हो सकता है कि उन्हें इस महीने अपेक्षित लाभ की प्राप्ति न हो। नो प्रॉफिट-नो लॉस की स्थिति भी बन सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस महीने पार्टनरशिप में कोई नया व्यवसाय शुरू न करें क्योंकि यह आपको अनुकूल परिणाम नहीं दे सकता है।
आर्थिक
आर्थिक पक्ष की बात करें तो इस महीने आपको आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शनि और केतु की स्थिति अनुकूल नहीं है। महीने के आखिरी में राहु दूसरे भाव में और केतु आठवें भाव में रहेंगे, जिसके कारण धन की कमी हो सकती है। तीसरे भाव में बृहस्पति की उपस्थिति के कारण आपके लिए पैसा कमाना आसानी से संभव नहीं होगा। ऐसे में आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी अन्यथा आपकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो जाएगी। इसके अलावा आपको इस माह के दौरान धन हानि का भी सामना करना पड़ सकता है।
जो लोग खुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें भी लाभ अर्जित करने के लिए हद से ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होगी क्योंकि प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की आशंका है। आपको अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की सलाह दी जाती है।
जो लोग खुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें भी लाभ अर्जित करने के लिए हद से ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होगी क्योंकि प्रतिद्वंदियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की आशंका है। आपको अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य
सेहत के लिहाज से देखा जाए तो यह महीना आपके लिए बहुत अधिक अनुकूल न रहने की आशंका है। महीने के पहले भाग में शनि आपके पहले भाव में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरूप आपको मानसिक तनाव, पीठ दर्द, बेचैनी, उलझन, चिंता और अनिद्रा जैसी समास्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का ख़्याल रखें और नियमित रूप से योग, व्यायाम और मेडिटेशन करें। आपको लंबी दूरी की यात्रा से बचें क्योंकि पैरों में अकड़न हो सकती है। इसके साथ ही आपको समय पर भोजन करें क्योंकि पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
दूसरी ओर, तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आप सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। शुक्र नौवें भाव में चौथे भाव के स्वामी के रूप में स्थित है। चौथा भाव सुख-सुविधाओं को दर्शाता है और चौथे भाव के स्वामी शुक्र पर शनि की दृष्टि है और इसके कारण सुख-सुविधाओं में कमी महसूस हो सकती है।
दूसरी ओर, तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण आप सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं के शिकार हो सकते हैं। शुक्र नौवें भाव में चौथे भाव के स्वामी के रूप में स्थित है। चौथा भाव सुख-सुविधाओं को दर्शाता है और चौथे भाव के स्वामी शुक्र पर शनि की दृष्टि है और इसके कारण सुख-सुविधाओं में कमी महसूस हो सकती है।
प्रेम व वैवाहिक
प्रेम और वैवाहिक जीवन के बारे में बात की जाए तो इस महीने आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि शनि पहले भाव में विराजमान है। ऐसे में जो जातक प्रेम संबंध में हैं, उनके रिश्ते में अशांति हो सकती है। जिन लोगों का विवाह होना बाकी है, उनके विवाह में देरी हो सकती है। जो लोग शादीशुदा हैं, उनके दांपत्य जीवन में सामंजस्य की कमी आने की आशंका है क्योंकि तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित है। तीसरे भाव में बृहस्पति स्थित होने के कारण प्रेमी जोड़ों के बीच संचार संबंधी समस्याएं आ सकता है। ऐसे में आपका प्रेमभाव भी कमजोर होगा।
नौवें भाव में शुक्र विराजमान है। जिसके कारण आप अपने रिश्ते में ज्यादा सहज महसूस नहीं कर सकेंगे। यदि आप इस महीने विवाह करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि फिलहाल के लिए अपनी इस योजना को टाल दें क्योंकि समय अनुकूल नहीं है। जो जातक विवाहित हैं, उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में बहस या नोक-झोंक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
नौवें भाव में शुक्र विराजमान है। जिसके कारण आप अपने रिश्ते में ज्यादा सहज महसूस नहीं कर सकेंगे। यदि आप इस महीने विवाह करने की योजना बना रहे हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि फिलहाल के लिए अपनी इस योजना को टाल दें क्योंकि समय अनुकूल नहीं है। जो जातक विवाहित हैं, उन्हें अपने जीवनसाथी के साथ संबंध में बहस या नोक-झोंक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पारिवारिक
पारिवारिक जीवन की बात करें तो कुंभ राशि के जातकों के लिए यह महीना चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका अधिक है, क्योंकि स्वराशि में शनि की स्थिति परिवारजनों के बीच प्रेम भाव कम कर सकती है। तीसरे भाव में बृहस्पति की स्थित होने के कारण, आपके परिवार में कुछ गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं। ऐसे में सदस्यों के बीच संचार और सामंजस्य में कमी आने की संभावना बनेगी और अहंकार की भावना पैदा हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए समस्याओं को हल करने की कोशिश करें अन्यथा वाद-विवाद हो सकता है।
वहीं शुक्र आपके नौवें भाव में चौथे भाव के स्वामी के रूप में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरूप परिवारजनों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है और आपसी सामंजस्य बिगड़ सकता है।
वहीं शुक्र आपके नौवें भाव में चौथे भाव के स्वामी के रूप में स्थित होगा, जिसके प्रभावस्वरूप परिवारजनों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है और आपसी सामंजस्य बिगड़ सकता है।
उपाय
प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें।
प्रतिदिन 108 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
मंगलवार के दिन लाल रंग के फूलों से हनुमान जी की पूजा करें।
प्रतिदिन 108 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
मंगलवार के दिन लाल रंग के फूलों से हनुमान जी की पूजा करें।
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