मंगल का गोचर कर्क में (जुलाई 31 - सितम्बर 15, 2015)
जुलाई 31, 2015 को मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा। यह सितम्बर 15, 2015 तक कर्क में रहने के बाद सिंह में जाएगा। यदि आपकी मंगल की प्रत्यंतर या अन्तर दशा चल रही है तो आपको इसके सर्वाधिक प्रभाव महसूस होंगे।
जुलाई 31, 2015 को मंगल कर्क राशि में गोचर करेगा। यह सितम्बर 15, 2015 तक कर्क में रहने के बाद सिंह में जाएगा। कर्क में मंगल नीच का हो जाता है और अपने बल को पूर्ण रूप से प्रदर्शित नहीं कर पाता। इसके प्रभावों में और निकृष्टता ही देखने को मिलेगी। सभी के लिए यह उतना खराब नहीं रहेगा।
आइये देखते हैं आपकी राशि के ऊपर इसके क्या परिणाम हो सकते हैं :
मेष
लग्नेश के नीच का होना आपके लिए कुछ सामान्य परेशानियाँ खड़ी करेगा, अधिक तो कुछ नहीं। आपके रक्तचाप, रक्त की शुद्धता और ह्रदय की जाँच कराने का अच्छा समय है। घर की बड़ी महिलाओं के स्वास्थ्य को भी परख लेना चाहिए। इस बहाने सभी को एक आयाम से मुक्ति मिल जायेगी। थोड़ा आपको चिढ़चिढ़ा पन कम करना होगा और क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। लोगों से मीठा बोलिए और हनुमान जी का स्मरण करते रहिये। और कुछ करने की आवश्यकता नहीं है।
वृषभ
निजी जीवन में समस्या बनी रहेगी, वैसे तो सभी को रहती है, लेकिन आपको अधिक तीव्र अनुभूति हो सकती है। सबसे मिलजुलकर रहना अच्छा है - पास पड़ोस के लोग, भाई बंधू आदि। समय पर कब कौन काम आ जाता है कोई नहीं कह सकता। नए उपक्रम शुरू करने की सोच रहे हैं तो थोड़ा संभल कर, सब बातों की ठीक से पड़ताल करने के बाद ही आप आगे बढिएगा। यदि आप कोई प्रिंटिंग प्रेस आदि का सञ्चालन करते हैं तो बिजली के तार आदि की जांच कर लीजियेगा। पत्रकार लोगों को संभलकर रिपोर्टिंग करनी चाहिए अन्यथा अपशब्द के प्रयोग में आप फंस सकते हैं।
मिथुन
परिवार के लोगों पर हाथ मत उठाइएगा, भाषा नम्र रखियेगा। धन के अपव्यय से बचिएगा। कोई चीज़ खरीदें तो एक बार वहीं पर इस्तेमाल करके देख लीजियेगा जहाँ से ले रहे हैं, इंटरनेट से लेने में भी आपको बचना चाहिए। आँखों में दर्द और चेहरे पर कोई छोटी चोट लग सकती है, हानिकारक कुछ भी नहीं है - मामूली सा कुछ होने का अंदेशा है। कार्य स्थल पर विवाद कर सकते हैं, अधिकारी से असहमति हो सकती है। यह ध्यान रखिये कि आप बहुत ग्यानी तो हैं किन्तु दुसरे भी मूर्ख नहीं होते। सम्मान देंगे तो सम्मान पाएंगे।
कर्क
आपके लिए मंगल सदा मंगल ही रहता है। कर्क में आकर वह अपनी दोनों राशियों से पंचम और केंद्र में आ जाता है, लेकिन अभी नीच का भी है और अस्त भी है अतः आप थोड़ा सचेत रहिये। अपनी पत्नी /पति से कोई भी विवादपूर्ण स्थिति निर्मित करने से बचें अन्यथा बात हद से बाहर हो सकती है। आपके लिए तो परिवार सर्वप्रथम ही रहता है। आपको चाहिए कि मन को शांत रखकर ही सारे कार्य करें। सर में दर्द बन सकता है, रक्तचाप बढ़ सकता है। कोई विशेष सावधानी नहीं रखनी बस हनुमान चालीसा का पाठ भर करना है।
सिंह
ऐसी किसी भी बात या मुलाकात से बचिए जिसमें कि अनजान लोगों की संख्या अधिक हो, शयन सुख प्राप्त करना ही है तो विश्वस्त लोगों द्वारा ही प्राप्त करें। आँखों में दर्द रह सकता है। व्यर्थ के वाद विवाद से बचें। कोई वस्तु क्रय करने के पहले पूर्ण जाँच ज़रूर कर लें। अपने ऐश्वर्य पर खर्च कम ही रखें। दान धर्म आदि में भी अपना योगदान दीजिये। कुटुम्बियों से सरल और सहज सम्बन्ध बनाये रखें। शत्रुओं द्वारा परेशान किये जाएंगे पर आप संभाल लेंगे। घर के सेवक गण खिन्नता उत्पन्न करेंगे। अपनी सोच में नैराश्य मत आने दीजिये।
कन्या
मित्रों द्वारा आशातीत सहायता प्राप्त होगी। आपको चाहिए कि कोई पुराने काम जो बहुत दिन से नहीं हो पा रहे हैं उनको आगे बढ़ाया जाय और उसके सम्बन्ध में सभी लोगों से ठोस चर्चा भी करी जाय। आपको बहुत हर्ष भी मिलेगा, आपके कामों की तारीफ भी होगी। आपको आगे बढ़ने के अवसर भी आएंगे। कोई नयी नौकरी का सोच रहे हैं तो अभी प्रयास कीजिये, बात बन सकती है। आपको अपने वरिष्ठों का बहुत सहयोग मिलेगा। आपको अनजान लोगों से भी मदद मिलेगी और वे आपके काम आएंगे।
तुला
कार्यक्षेत्र में आपकी ऊर्जा बनी रहेगी किन्तु बीच बीच में आपको डिप्रेशन भी हो सकता है। आपकी सोच को हमेशा अग्रगामी ही रखना चाहिए और दुसरों से तुलना नहीं करनी चाहिए। कुछ मिलता नहीं है, स्वयं के प्रति हीन भावना का ही विकास होता है। आप दूसरों को देखना बंद करिये, उससे आपको हानि ही होती है। कुछ मिलता तो है नहीं। कोई नया काम शुरू करें तो सावधानी से। प्रेम सम्बन्ध थोड़ा कष्ट देंगे। संतान को कष्ट की बहुत संभावना है।
वृश्चिक
आपके कोई काम अचानक बंद होंगे या उनमें व्यवधान आ जाएगा। आपको चाहिए कि भाग्य पर अधिक भरोसा करके नहीं चलें। महत्त्वपूर्ण निर्णय स्थगित मत कीजिये किन्तु सही लोगों से राय लेकर ही आगे बढ़िए। पिता तथा अपने बड़ों के स्वास्थ्य की सही देखभाल कीजिये। उनके आदर-सत्कार और उनकी आज्ञा के पालन में कमी नहीं रखिये। राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करिये, सब अच्छा रहेगा।
धनु
प्रेम संबधों के लिए तो यह बिलकुल भी अच्छा नहीं है किन्तु दुसरे कामों में आप इसका लाभ ले सकते हैं। यदि आपने किसी से पैसे ले रखे हैं और वापस नहीं कर पा रहे तो अभी प्रयास कीजिये, अगर आप वापस करना चाह रहे हैं तो बहुत संभव है कि पूरा न सही - कुछ भाग तो अवश्य ही आप दे देंगे। आपको गुप्त शत्रुओं से भी सावधान रहना चाहिए और जहाँ तक हो अनजान लोगों के साथ मांस-मदिरा का सेवन करने से बचें। आपको यह शारीरक मानसिक सामाजिक तीनों तरह से भारी पड़ सकता है।
मकर
इस राशि में मंगल उच्च का हो जाता है। सप्तम भाव में अस्त और नीच का ग्रह विवाहित जीवन के लिए परेशानी खड़ी करने हेतु पूर्ण प्रयत्नशील रहेगा। किन्तु प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को चोला चढ़ाने से बहुत कुछ लाभ प्राप्त होगा और इसके दुष्प्रभावों में कमी आएगी। आपको भी अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखना पड़ेगा, कुछ आप करेंगे कुछ ईश्वर करेंगे तो बात सही बनी रहेगी। कार्यस्थल पर भी विवाद होगा, आपको बिना वजह दूसरों की सुननी पड़ेगी। किन्तु यह उपाय आदि करने से काफी कुछ ठीक बना रहेगा।
कुम्भ
शत्रुओं के लिए आप आफत बन सकते हैं, बस आपको सहज बुद्धि और विवेक से काम लेना है। घर के लोगों से भी आपको परेशानी होगी और आप उन पर भी अपना क्रोध प्रकट कर सकते हैं। इन सबसे थोड़ा दूर रहिये और बजाय इन सब बातों के आप व्यायाम आदि करना शुरू कीजिये जिससे आपको लाभ होगा, सेहत बनेगी और आपकी निर्णय क्षमता अधिक बेहतर होगी। आपको सर में दर्द, पेट में दर्द आदि की शिकायत बन सकती है।
मीन
प्रेम संबंधों में गिरावट आएगी और खर्चे भी आपके लिए भारी पड़ेंगे। सट्टे आदि से दूर रहने में समझदारी है, वैसे भी यह सब बेकार की चीज़ें हैं और अभी समय इसके लिए वैसे भी ठीक नहीं है। आपको चाहिए कि किसी भी तरह की कठिन परिस्थिति हो तो बजरंगबाण का पाठ नित्य करना शुरू कर दीजिए। बहुत राहत मिलेगी। आपको चाहिए कि अपनी मंत्र साधना की अवधि बढाइये, कोई वाद्य यन्त्र आदि सीख रहे हैं तो उसकी अवधि बढाइये। भटके हुए मन को श्रम द्वारा ही कसा जा सकता है।