शनि वृश्चिक में अस्त - 12 नवम्बर 2015
12 नवम्बर 2015 को शनि वृश्चिक में अस्त हो रहा है। जानिए कैसे रहेंगे परिणाम आपकी राशि के लिए। यह राशिफल लग्न राशि पर आधारित है।

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आइये जानते हैं कि किस लग्न के जातक पर क्या असर पड़ेगा:
मेष

आपके लिए शनि कुछ मुश्किल हालात पैदा कर सकता है। अष्टम भाव में निजी और बाहरी जीवन में कुछ कठिनाइयां दिखाई देती हैं; लेकिन प्रयास करने से सब ठीक हो जाएगा। स्वास्थ्य को लेकर सजग रहिये। जब तक शनि की दशा चले तब तक पाठ करते रहिये। अस्त, नीच, या उदय से कोई मतलब मत रखिये। लोगों का रुख आपकी तरफ़ थोड़ा धनात्मक होगा; लेकिन सिर्फ़ कुछ समय के लिए। कुछ अचानक लाभ की स्थिति ज़रूर बन सकती है, तो मौका मत छोड़िएगा।
वृषभ

बाधक कमज़ोर होगा तो आपको लाभ ही देगा, सीधी सी बात ह। लेकिन बहुत लाभ नहीं है क्योंकि ये आपके लिए वैसे ही दशमेश है, भाग्येश भी है, और बाधक तो है ही। एक साथ इतनी भूमिकाएँ इसको निभानी होती हैं। तो पहले तो यह अच्छा बना हुआ था, लेकिन अब कुछ चीज़ों से इसकी पकड़ कम हो जायेगी जैसे निजी जीवन में यह आपको कुछ दुःख भरी घटनाओं से रूबरू करवा सकता है, लेकिन काम सब चलते रहेंगे - रुकना किसी को नहीं है। आपको धैर्य रखना है और उपरोक्त में से कोई भी जो आपको सरल लगे उस उपाय को करते रहना है।
मिथुन

अष्टमेश का अस्त अच्छा हुआ, लेकिन वही भाग्येश भी है। तो जहां से आपके काम रुक से रहे थे वहाँ से आपको अच्छा समाचार मिल सकता है और जहाँ से आपको उम्मीद थी वहाँ से आपको देरी की ख़बर आ जायेगी। अप्रत्याशित घटनाओं के देव हैं श्री शनि देव। तो चिंता मत कीजिये और अपने कर्म में, परिश्रम में पूर्ण रूप से फल की चिंता किये बिना लगे रहिये और उपायों को करते रहिये। अबश्य ही आपको लाभ होगा।
कर्क

आपकी स्थिति अभी ठीक नहीं है। यदि शनि की दशा चल रही है तो आपको अपनी नौकरी व्यापार व्यवसाय आदि में उतनी कामयाबी नहीं मिल रही होगी, लेकिन अभी आपको कुछ राहत महसूस हो सकती है। शनि मारक और अष्टमेश होकर अस्त हो रहा है तो कुछ ज़रूर देगा। कैसे देगा? आपकी निजी जीवन में कुछ सुफल मिल सकता है, कानूनी रूप से सहायता मिल सकती है, रुका हुआ धन वापस आ सकता है। बस उपाय करते रहिये निस्वार्थ भाव से।
सिंह

आपके लिए शनि मारक तो है लेकिन उतना नहीं। बेटा - बेटा ही होता है और पिता - पिता। यह कहानी सूर्य और शनि के ऊपर बहुत सही बैठती है। वैसे भी वृश्चिक बुध के नक्षत्र में आने के बाद आपको प्रचुर लाभ देने ही वाला है। शनि अभी स्वयं के नक्षत्र में ही चल रहा है और इसलिए आपको कुछ समयसाओं से आमना सामना भी हो रहा होगा। लेकिन अब ये कुछ दिन आपको राहत महसूस हो सकती है। इसलिए चिंता मत कीजिये शनि के नक्षत्र बदलते ही आपके दिन भी बदल जाएंगे। उपाय करना मत छोड़िएगा।
कन्या

बुध का बहुत अच्छा मित्र है। शनि तीसरे भाव में गोचर भी कर रहा है। आपके लिए शुभता जो चली आ रही थी उसमें व्यवधान आ सकता है। आपको अपनी वार्ता, बातचीत में संभल कर रहना है। निजी जीवन और प्रेम प्रसंगों में भी कुछ रुकावट और कमी महसूस हो सकती है। कुछ आपसी तालमेल में कमी नज़र आएगी। नौकरी में भी असहजता महसूस करेंगे। लोगों को आपके व्यवहार से अरुचि उत्पन्न हो सकती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि सब माह भर में ही होकर वापस ठीक हो जाएगा।
तुला

आपके लिए परेशानियाँ थोड़ी कम हो सकती हैं। निजी जीवन में जो विवाद आपको परेशान किये हुए हैं, उनसे आपको राहत मिलेगी। आपके विरोधोयों में ठहराव आएगा और आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपकी अपने घर में रुचि अधिक होगी और साज-सज्जा पर खर्च भी कर सकते हैं। आपको अपने प्रेम संबंधों में भी लाभ होगा, अनुमान आधारित कार्यों से धन लाभ की भी सम्भावना है।
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वृश्चिक

यह माह आपको बड़ी सावधानी से व्यतीत करना है। आपको अपनी सोच को वृहद रखना है और मन में ऋणात्मक बातें नहीं देनी हैं। आपको अपने कार्यों में हो रहे विलम्ब से चिंतित नहीं होना है। प्रेम संबंधों में कमी आ सकती है किन्तु उस से घबराने या चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। वह अपने आप ठीक हो जायेगी। स्वास्थ्य में कमी आ सकती है। सर में दर्द की शिकायत हो सकती है। आँखों में कुछ समस्या आ सकती है। इनका आपको ध्यान रखना है।
धनु

आपके खर्चों में अपने आप कमी आएगी। यह आगे के लिए खतरे की घंटी भी हो सकती है। शनि के उदय होते ही कोई बड़ा खर्च आपके सर पे आ सकता है। शनि महाराज एक ही बार में सब बराबर करने के लिए प्रसिद्द हैं। आपकी छठी इंद्री आपको गलत सन्देश दे सकती है। यात्रा में हानि के कुछ योग हैं। आपकी नौकरी में आपकी सहकर्मियों से कम बनेगी। आपको कमर में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।
मकर

आपकी मान हानि के योग बन सकते हैं, मित्र लोगों से आपको नुक्सान हो सकता है। आपके कार्यों में अनावश्यक विलम्ब हो सकते है। आपको दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ सकता है। आपकी आर्थिक स्थिति कुछ कमज़ोर हो सकती है। धन की हानि के कुछ योग हैं। अतः आपको बहुत संभल कर रहना चाहिए, शनि के उदय होते ही आपके लिए समस्या समाप्त हो जायेगी।
कुम्भ

अपनी पहली राशि के जैसे ही शनि आपको इस अवधि में प्रसन्न करने के इच्छुक नहीं दिखते हैं। आपको अनेकानेक अड़चनें सामने आ सकती हैं। आपके कार्य-व्यवसाय, व्यापार, निजी जीवन, मित्र-प्रेम सम्बन्ध, आदि में कुछ कमी दिखेगी, मन में संतोष नहीं रहेगा। आपको बहुत बार मानसिक क्षोभ का सामना करना पड़ सकता है। रक्त से सम्बंधित कोई तक़लीफ़ आ सकती है। आपको धन की हानि के बहुत योग बने हैं।
मीन

आपके लिए शनि द्वादशेश होकर भी शुभकारी बने हुए हैं। आपको इस समय जिन बातों में सतर्क रहना है उनमें यात्रा से हानि, धन का अपव्यय, लाभ में कमी, आकस्मिक नुक्सान तथा खर्चे, नौकरी में तनाव, भाई बहनों से विवाद अथवा मतभेद, एवं आस पास के लोगों से कोई कहा सुनी होने की सम्भावना है। शनि के उपाय नियमित रूप से करते रहिये, आपको अवश्य ही लाभ होगा।
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