मंगल का तुला राशि में गोचर (जून 18, 2016)
जून 18, 2016 को मंगल का होगा तुला राशि में गोचर। इस गोचर के होंगे सभी राशियों पर विभिन्न प्रभाव। पर क्या असर डालेगा यह आपकी राशि पर? जानने के लिए पढ़ें यह लेख “मंगल का तुला राशि में गोचर”।

जून 18, 2016 को मंगल तुला राशि में प्रवेश करेगा। तुला में मंगल का नक्षत्र भी होता है और राहु और गुरु का भी। मंगल एक क्रूर गृह है और भावधीपत्य के अनुसार तथा लग्नाधिपति से सम्बन्ध के अनुसार इसके गोचर फल प्राप्त होते हैं। यहाँ हम अन्य ग्रहों का समाविष्ट नहीं करेंगे जो की किसी भी तरह मंगल से गोचर में सम्बन्ध बना रहे हैं, यदि आपका मंगल का प्रत्यंतर चल रहा है तो आपको इसके प्रभावों की अनुभूति सर्वाधिक होगी। शेष को उतना अधिक फर्क नहीं पड़ेगा।
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आइये जानते हैं कि किस लग्न के जातक पर क्या असर पड़ेगा:
मेष
ग्रह स्वामी जब घर को देख रहा है तो चिंता किस बात की? ये ज़रूर है कि थोड़ा क्रोध पर नियंत्रण करना आवश्यक है और हिंसात्मक प्रवृत्ति को भी नियंत्रण में करना ज़रूरी है अन्यथा आप खुद को ही नुक्सान कर बैठेंगे, जीवनसाथी या साझेदाारों का जो होगा सो अलग। अहम तो न कंस का काम आया न रावण का तो भला आपका कैसे काम आएगा, क्रोध से किसी को कुछ नहीं मिलता - सिर्फ नुक्सान होता है। तो क्यों अपना और दूसरों का दिल दुखाने वाला काम करें? पत्नी /पति का स्वास्थ्य भी गड़बड़ हो सकता है और निजी जीवन में अगर सुख नहीं है तो इतनी सारी मेहनत और पैसे पद की भागदौड़ का क्या मतलब?
वृषभ
कुछ लग्न है ही ऐसे जिसके जातक खुद ही समस्या को आमंत्रण देते हैं, आपको खुश होना चाहिए कि आप नहीं है। आप तो सहन करते हैं होता है फिर सबको अच्छा सबक सिखा देते हैं। मगर अभी सहन करते जाइए, हर समय ख़ुशी ही मिलती रहे तो मज़ा भी नहीं आता है। भारत देश की लग्न भी वृषभ है, देखिये कितना सहन करते हैं हम लेकिन जब वक़्त आता है तो विजय हमारी ही होती है। थोड़ा घरेलु मसले परेशान करेंगे, अधिक परेशानी हो सकती है और आपकी धन की स्थिति भी गड़बड़ा सकती है किन्तु कोई बात नहीं, सिर्फ आपके साथ ही नहीं बल्कि बहुत लोगों को साथ ऐसा होगा। थोड़े समय की बात है, सब ठीक हो जाएगा।
मिथुन
प्रेम तो जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी प्रदान करने वाला भाव है, जो दो लोगों को सभी मुश्किलों के बाद भी बढ़ते रहने की ताकत देता है , आजकल वैसे भौतिकता और स्वार्थ ने सब पर पर्दा डाल दिया है फिर भी सच्चे प्यार करने वाले आज भी अखबारों में पढ़ने को मिल जाते हैं। जीवन के सभी सम्बन्ध विश्वास पर टिके होते हैं। अगर आपको विश्वास है तो फिर किसी बहस की कोई जगह नहीं बचती और नहीं है तो सम्बन्ध के लिए ही कोई जगह नहीं बचती। फिर झगड़े की कोई वजह ही नहीं है। मन के विकार आपको ही दूर करने होंगे, कोई तीसरा नहीं आने वाला। तबियत का ध्यान रखिये, खाना तेज मसाले वाला मत खाइये। बाज़ार के खाने से जितना हो सके बच के रहिये।
कर्क
घर के लोगों से व्यवहार ठीक रखिये, अपना अहम और क्रोध जहाँ तक हो त्याग दीजिये। काम काज तो आपके बढ़िया गति पकड़ेंगे - चिंता की बात ही नहीं है, जब पैसे की आवक सही बनी हुई हो तो फिर अधिक परेशानी नहीं रहती। नौकरी जो कर रहे हैं वही करते रहिये, छोड़ने की सोच अगर आये भी तो उसे तवज्जो मत दीजिये। आगे अच्छे मौके मिलेंगे। प्यार तो आपको बहुत बार हो जाता है मगर किसी अंजाम पर नहीं पहुँचता, अधिकतर बार ऐसा हो जाता है - सबके साथ नहीं - अभी भी ऐसा ही कुछ समय चल रहा है। तो हताश मत होइए, आगे सब अच्छा ही है। अभी तो काम पर ध्यान रखिये और कहीं नहीं।
सिंह
आपका भाग्येश भाग्य स्थान को देख रहा है, और क्या चाहिए इंसान को? भाग्य साथ है तो इंसान सब कर लेता है। फिर मंगल आपके पराक्रम भाव में गोचर कर रहा है, एक तो स्वयं महा पराक्रमी गृह खुद है पराक्रम भाव में है तो आपके लिए तो सब अच्छा ही है - कोई चिंता ही नहीं करनी चाहिए आपको। बस आगे बढ़ते रहिये और दूसरों की मदद भी कीजिये। झगड़ा फसाद नहीं करना है, वाहन धीमे चलाना है। आपको घूमना बहुत पड़ेगा आस पास की जगहों पर भी, और दूर की भी मगर किसी मौके को हाथ से मत जाने दीजियेगा और लाभ ही है आपके लिए।
कन्या
अष्टमेश और तृतीयेश मंगल कन्या लग्न के लिए आमतौर पर बहुत शुभ नहीं होता, तुला में मंगल राहु गुरु के नक्षत्र होते हैं और मंगल जब अपने ही नक्षत्र में रहेगा तब तक आपके लिए हानि प्रद है किन्तु गुरु के नक्षत्र में आने पर उतना हानिप्रद नहीं रह जाएगा। आपको बस इतना करना है की अपना आपा नहीं खोना है। लोग आपके लिए शुभ विचार नहीं रखेंगे पर आपको उसकी परवाह नहीं करनी है। घर के लोगों से झगड़ा नहीं करना है , वैसे भी आप बहुत झगड़ालू किस्म के नहीं होते पर मंगल तो मंगल है। कब कैसा मन हो जाए क्या कह सकते हैं? आपके मन में विद्रोह आदि के भाव भी बहुत उपजेंगे पर आपको सबकुछ अपने तक ही रखना सही रहेगा। अपने बारे में अधिक मत सोचियेगा और कोई तारीफ करे तो गर्व में मत आइयेगा।
तुला
भाग्य का उतना साथ नहीं मिलेगा पर फिर भी आपके काम रुकेंगे नहीं, कोई न कोई रास्ता निकल ही आएगा। आपको अपने जीवन साथी से सहयोग तो मिलेगा पर कुछ सामान्य खटपट भी चलती रहेगी। बातचीत करना एक अच्छा उपाय है और वह आपको हमेशा खुद को सही सिद्ध करने के लिए नहीं करनी चाहिए बल्कि सामने वाले की भी सुनने के लिए करनी चाहिए। थोड़ा सा काम के प्रति भी आपको गंभीर रहना है और अकड़ में या ज़िद में कोई चीज़ को ना नहीं बोलना है। घर के सदस्यों को भी आपको साथ में लेके चलना चाहिए और बीमारी या छोटी-मोटी चोट से बचने का भी प्रयास करना चाहिए।
वृश्चिक
जैसे रोज़मर्रा के जीवन में कोई अपना ही साथ छोड़ दे तो बड़ी तकलीफ होती है , वैसे ही कुंडली में लग्न का स्वामी द्वादश भाव में चला जाए तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मगर ऐसा नहीं है की २१वान भाव सिर्फ खराब ही होता है , शैय्या सुख आजकल लोगों को बहुत पसंद है और यह उसका बड़ा प्रमुख भाव है। तो आपको इतना निराश भी नहीं होना है। मित्रों की सहायता भी मिेलगी और कुछ काम भी बनेंगे, बस यह है की हर काम में थोड़ा विलम्ब होगा और आपको क्रोधित करेगा। लेकिन आपको धन प्राप्ति भी होने वाली है इसलिए कोई अफ़सोस करने की ज़रुरत नहीं है। कुछ गुप्त प्रकार के सुख भी आपके लिए इंतज़ार कर रहे हैं।
धनु
प्रेम आदि के प्रसंग आपके लिए ख़ुशी का कारण बनेंगे, थोड़ा खर्च तो करना ही पड़ता है इन सब बातों में - तो उसकी तो आपको तैयारी पहले से रखनी चाहिए। आजकल वैसे भी बिना खर्च किये कुछ होता नहीं है। कामकाज तो आपका बहुत अच्छा चलने वाला है उसकी चिंता हटा दीजिये। स्वयं में बहुत ऊर्जा महसूस करेंगे और लोगों को भी आपको देखकर ऊर्जा मिलेगी। मित्रों से विवाद मत कीजियेगा क्योंकि वही तो आपके लिए समय पर खड़े होते हैं, वो ही नाराज़ हो गए तो आपको समय पर मदद कौन करेगा। आपके शत्रु भी आपसे घबरा जाएंगे निश्चिंत रहिये।
मकर
आपका लाभेश दशम में आकर बड़ा अच्छा योग बना रहा है। मेष को देख रहा है और दशम को मजबूत कर रहा है अर्थात घर परिवार काम काज आदि में सबसे आपको लाभ ही लाभ है। घर की बचे हुए काम निपटा लीजिये, काम की चिंता मत कीजिये, कहीं दूर घूम आइये, परिवार को समय दीजिये बच्चों के साथ आनंद लीजिये। विवाहित नहीं है तो मित्रों के साथ या प्रेयसि के साथ आपको समय का लुत्फ़ उठाना चाहिए। अच्छा समय है, भरपूर उपयोग कीजिये।
कुम्भ
1, 10, 11 भाव किसी भी तरह से आपस में जुड़ जाते हैं तो जातक के लिए अच्छा ही रहता है, आपका दशमेश नवम में गया है तो अच्छा ही है, भाग्य साथ देगा, लेकिन थोड़े समय बाद जब मंगल राहु के नक्षत्र में आ जाएगा तो आपको थोड़ी सी परेशानी होने लगेगी। घर में बड़े बुज़ुर्गों की सेहत पर थोड़ा सा दुष्प्रभाव होने की संभावना है। आपको थोड़े दिन बाद लाभ के भी बहुत अच्छे योग बनेंगे। मित्रों से भी लाभ होगा और ससुराल से भी कुछ उपहार आदि प्राप्त हो सकते हैं। आपको चाहिए की थोड़ा दान धर्म के कार्यों में जो लोग लगे हुए हैं उनका हाथ बँटाईये - धन से, अर्थ से, प्रभाव से जैसे आपकी शक्ति हो वैसे। और बदले में कुछ पाने की आशा मत रखिये।
मीन
धनेश और भाग्येश होकर मंगल आपके अष्टम में आया है तो आपको ज़रूर कुछ न कुछ देकर ही आगे बढ़ेगा। सिर्फ सुख या सिर्फ दुःख ऐसा नहीं है - दोनों ही मिलने वाले हैं, मगर शुरू में आपको हताशा ही हाथ लगेगी। अगर आप निराश न हों तो आगे आपके लिए बहुत सी अच्छी बातें छुपी हुई हैं, आपको शैय्या सुख भी मिलना है, आपके गुप्त संबंधों से आपको धन भी मिलेगा और आपको शत्रुओं पर भी भारी पड़ने के योग भी हैं। घर में लोगों की सेहत का ध्यान रखिये, अपनी सेहत का भी आपको ध्यान रखना है। जो भी अच्छा नहीं है वह जल्दी ही समाप्त हो जाएगा, चिंता न कीजिये।
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