मंगल का सिंह राशि में गोचर (सितम्बर 15 - नवंबर 3, 2015)
सितम्बर 15, 2015 को मंगल ग्रह सिंह में प्रवेश करेगा। मंगल ग्रह का यह गोचर सभी राशियों के लिए बहुत अधिक प्रभावी होगा। पर क्या होंगे इसके आपकी राशि पर प्रभाव? आइये जानें हमारे ज्योतिषी “आचार्य रमन” द्वारा लिखे मंगल के सिंह राशि में गोचर के इस लेख के साथ।
15 सितम्बर को मंगल सूर्य की दग्ध राशि सिंह में आएगा। मंगल स्वयं में एक क्रूर ग्रह है और अग्नितत्व राशि में आने पर उसका व्यवहार उग्र रूप लेगा। लोगों में अहम की वृद्धि के साथ कामेच्छा की भी वृद्धि होगी और अनैतिक मार्ग को भी बहुत से लोग अपना सकते हैं। सिंह कालपुरुष की कुंडली में पंचम भाव में आती है और सूर्य उसका अधिपति है। अतः लोगों में मनोरंजन, विनोद आदि के लिए भी इच्छा जाग्रत होगी।
यदि आपकी मंगल की प्रत्यंतर दशा चल रही है तो आपको इसके प्रभावों की सर्वाधिक अनुभूति हो सकती है।
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आइये देखते हैं आपकी राशि के ऊपर इसके क्या परिणाम हो सकते हैं :
मेष
सिंह में मंगल आपके लिए ऊर्जा तो प्रदान करेगा, किन्तु आपकी क्षमता से अधिक। आप वैसे भी उग्र व्यक्ति हैं, अगर शुक्र के नक्षत्र के अलावा जन्मे हैं। यह ऊर्जा स्वयं को परिभाषित और प्रतिपादित करेगी आपके संतान, आमोद प्रमोद, क्रिया-कलापों को लेकर। यह भी संभव है कि आपकी संतान को आपके द्वारा ही हानि उठानी पड़ जाए। प्रेम सम्बन्ध में भी आपका आवेग हानि का ही कारण बनेगा। धन का व्यय सुख उपभोग पर करेंगे और कुछ नया खरीद भी सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर भी शिकायत बनी रह सकती है।
वृषभ
मंगल आपके दशम, सप्तम और लाभ को देखेगा, घर के लोगों के बीच कुछ कहासुनी हो सकती है। किन्तु यह गोचर आपको आगे बढ़ने और कार्यस्थल पर अपनी काबिलियत सिद्ध करने के बहुत मौके देगा और आप दूसरों से अच्छा प्रदर्शन करेंगे। वृश्चिक उसकी स्वयं की ही राशि है अतः निजी जीवन में आपको सुखद अनुभव ही रहने वाला है और लाभ के भी अच्छे अवसर आपको मिलेंगे। आपको अपने व्यय पर नियंत्रण रखना है और अपने रक्तचाप और ह्रदय की गतिविधियों पर भी ध्यान देना है। व्यर्थ के तनाव से बचने की कोशिश कीजिये।
मिथुन
नौकरी में आपकी सम्प्रेषण को सराहा जाएगा, आपमें अधिक ऊर्जा संचारित होगी और दूसरों के लिए आप उदाहरण स्वरुप सिद्ध हो सकते हैं। आपसे ईर्ष्या रखने वाले लोगों को आप अपने वाक्चातुर्य से पीछे करेंगे और लोग आपके हास्य व्यंग्य से सभी बहुत प्रसन्न होंगे। किन्तु आपको यह ध्यान रखना है कि आप किसीको शब्दों द्वारा द्रवित न करें अन्यथा आपकी कला का दुरूपयोग भी होगा और आपकी छवि भी खराब होगी। भाग्य ठीक ही बना रहेगा, काम काज व्यापार की स्थिति भी सामान्य ही रहेगी।
कर्क
धन भाव में दशमेश हमेशा ही शुभ होता है अतः धन लाभ आपको आपके परिश्रम से ही आएगा और आपकी निजी ज़िन्दगी भी अच्छी बनी रहेगी। आपके प्रेम प्रसंग भी आपके लिए आनंदपूर्ण रहेंगे। व्यापारी बंधुओं को अच्छा लाभ होगा, ज़मीन के व्यवसाइयों को भी मुनाफा मिलेगा। भाग्य थोड़ा सा आपको दुखी करेगा किन्तु अधिक नहीं। वाहन आदि चलाते समय पूर्ण सावधानी रखें। मित्रों से आपको लाभ होने के बहुत योग हैं। इसका फ़ायदा लीजिये। नयी चीज़ें ख़रीद सकते हैं।
सिंह
भाग्येश लग्न में जाए तो अच्छा ही करता है, किन्तु मंगल की सप्तम दृष्टि शनि के घर कुम्भ पर भी जायेगी अतः विवाहित जीवन में बुरा असर पड़ेगा। आपको ही इसके प्रभावों को शून्य करना होगा अपने आप पर नियंत्रण करके। आपके क्रोध अहंकार को नमस्ते कह देना ही विवाहित जीवन के लिए सबसे अच्छा रहने वाला है। आपको सर में दर्द की शिकायत होगी और आँखों में भी जलन और दर्द हो सकता है। सामान्य ज्वर आ सकता है। खानपान संयमित रखिये और मदिरा आदि मादक द्रव्यों और पदार्थों से दूर रहिये।
कन्या
सप्तम भाव पर मंगल की अष्टम दृष्टि जायेगी और आपके लिए मंगल स्वयं अष्टमेश ही है। कोई महिला मित्र द्वारा आपका कोई रुका हुआ काम बन सकता है। विवाहित जीवन को जितना हो सके सुगम बनाये रखिये और व्यर्थ के झंझट मोल मत लीजिये, नुक्सान आपका ही होना है और किसी का नहीं। दुर्घटना से देर भली, यह वाक्य ध्यान रखिये जब भी आप सड़क पर हों वाहन से अथवा पैदल। भाइयों से कोई विवाद हो सकता है, पास पड़ोस के लोगों से भी अपना व्यवहार ठीक रखिये।
तुला
मित्र लोगों से आपको पूर्ण सहयोग मिलना है, किसी विपरीत लिंगी मित्र से नज़दीकयाँ बढ़ सकती हैं और आपको शैय्या सुख भी मिल सकता है। धन लाभ होगा और आपके बहुत से कार्य भी संपन्न होंगे। आपके लिए यह अच्छा गोचर है। किसी के विरुद्ध कोई गुप्त कार्य आप कर सकते हैं, स्वास्थ्य में थोड़ी कमी आएगी किन्तु वह कोई गंभीर बात नहीं रहेगी। संतान पक्ष से कोई परेशानी हो सकती है, अतः सावधान रहना आवश्यक है। कुल-मिलाकर आपको लाभ के अधिक योग हैं अतः इसका आनंद लीजिए।
वृश्चिक
लग्नेश दशम में तो बहुत शुभ होता है, यह साथ में षष्ठेश भी है अतः आपकी नौकरी के लिए बहुत ही शुभ है। मंगल की दृष्टि लग्न पर भी है चतुर्थ पर भी और पंचम पर भी अतः आपको आशातीत सफलता मिलनी ही है। जो लोग भारी मशीनरी, ज़मीन, बड़े ठेके आदि के व्यवसाय में हैं उनको बहुत लाभ होगा। निजी जीवन में अशांति रहेगी और इस कारण आपको कुछ मानसिक परेशानी उभर सकती है। कार्यस्थल पर भी आपकी किसी से बहस हो सकती है।
धनु
पंचमेश के परिणाम ही यह मंगल आपको प्रमुखता से देने वाला है और यह आपके लिए अच्छा भी है। द्वादश भाव के स्वामी अपनी दूसरी राशि का फल प्रमुखता से देते हैं। आपके लिए यह समय मानसिक शांति देने वाला रहेगा। मित्र लोगों से आपकी बनेगी और वे आपके काम भी आएंगे। किसी बड़े समझौते को पूर्ण करने की दिशा में आप आगे बढ़ सकते हैं। आपकी ही कोशिशों द्वारा यह कार्य अपने अंजाम तक पहुंचेगा।
मकर
इस घर में मंगल बहुत शुभ फलदायी नहीं होता किन्तु आपके लिए लाभेश होकर यह अष्टम भाव में गोचर में आ रहा है तो आपको लाभ देकर जाएगा। आपको फायदा हो सकता है पुराने मित्रों से जिनसे आप बहुत समय से मिले नहीं हैं। पुराने कागज़ातों को टटोल कर देखिये - शायद उनमें आपके काम का कुछ रखा हुआ हो और आप भूल चुके हों जैसे कोई पॉलिसी वगेरह, किन्तु साथ ही आपको स्वास्थ्य का ध्यान तो रखना ही है वाहन आदि चलाते समय भी सावधान रहना है। ज़मीन से जुड़े कोई मसले हों तो उनका निपटारा आपके पक्ष में करने के लिए अभी वक़्त नहीं है।
कुम्भ
मंगल सप्तम भाव में अच्छा नहीं माना गया है, गोचर हो या जन्म से, अतः आपके विवाहित जीवन में समस्या आ सकती है और यदि आपका साझेदारी में व्यापार चल रहा है तो अपने साझेदार के साथ भी मतभेद हो सकते हैं। यह निर्णय आपको करना है कि आप कैसे इस मंगल को देखते हैं। यदि आप इसके बहाव में आ गए तो अपना ही नुक्सान कर लेंगे और फिर आप किसी और के ऊपर तोहमत नहीं लगा सकते। कामकाज अच्छा रहेगा क्योंकि दशमेश की दृष्टि दशम पर रहेगी अतः उस आयाम से आपको कोई हानि नहीं है।
मीन
आपके न चाहने वालों के लिए यह अशुभ संकेत है। उनके ज़ोर आज़माइश के बाद भी आपका वे कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। आपके खान-पान में मसालेदार और स्वादिष्ट चीज़ों का मिश्रण होता जायगा और आपको भूख भी अच्छी लगेगी। आपकी खुराक थोड़ी अधिक हो सकती है। क्रोध भी अधिक आएगा - मंगल की अष्टम दृष्टि लग्न पर आएगी। भाग्य भी आपका साथ देगा क्योंकि नवमाधिपति अपने घर को देखेगा। अतः आनंद लीजिये।
आचार्य रमन